जोरु का गुलाम
अकबर और बीरबल की मजेदार कहानियों से हम सब वाकिफ़ है। अकबर और बीरबल की कहानियां बहुत मजेदार हुआ करती थी। तो आज हम एक ऐसा किस्सा जानेंगे जो कि आपको हंसने पर मजबूर कर देगा। एक बार हर बार की तरह अकबर और बीरबल की चर्चायें चल रही थी। बातों ही बातों में एक अलग ही मुद्दा बीच में आ गया।
दरअसल बीरबल ने अकबर से कहा कि, “शहंशाह, मुझे लगता है कि इस दुनिया अधिक संख्या में ऐसे पुरुष हैं जो कि अपनी बीवी से डरते हैं। दरअसल वह सभी जोरु के गुलाम हैं। क्या आपको भी ऐसा लगता है शहंशाह?” अकबर ने झट से गुस्से में उत्तर दिया, “यह तुम कैसी बात कर रहे हो बीरबल? आदमी कोई जोरु के गुलाम नहीं होते हैं।” बीरबल ने कहा, “शहंशाह, मैं समझ सकता हूँ कि आपको मेरी यह बात रास नहीं आई। पर सच्ची बात को झुठलाया भी तो नहीं जा सकता है।
अकबर ने कहा, “इस चीज का क्या सबूत है तुम्हारे पास?” बीरबल ने कहा, “मैं सबूत दूँगा आपको। बस शर्त यह है कि आपको प्रजा के अंदर यह पता लगाना होगा कि कौन सा आदमी असल में जोरु का गुलाम है। और जो कोई भी जोरु का गुलाम निकला उसे सजा के तौर पर एक एक मुर्गी महल में जमा करवानी होगी। क्या आपको यह शर्त मंजूर है?” अकबर ने कहा, “हाँ, मुझे यह शर्त मंजूर है। फिर पूरे राज्य में यह ऐलान किया गया कि सभी आदमियों की एक परीक्षा ली जाएगी। और जो कोई भी आदमी इस परीक्षा में सही साबित हुआ उसे एक एक मुर्गी सजा के तौर पर जमा करवानी होगी।
खूब सारे आदमियों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया। और आखिरकार बहुत सारे ऐसे आदमी भी निकले जो कि असली में जोरु के गुलाम थे। उन सभी ने अपनी तरफ से एक एक मुर्गी महल में जमा करवा दी। ऐसे ही खूब सारे आदमी थे जो घोषित हो चुके थे कि वह जोरु के गुलाम थे।
अब महल में प्रतिदिन मुर्गियां शामिल होने लगी। लेकिन राजा अपनी ही बात पर अड़ा रहा। वह अभी भी इस बात से सहमत नहीं था कि आदमी जोरु के गुलाम होते हैं। ऐसे करते करते महल में खूब सारी मुर्गियां इकठ्ठी होती गई। एक दिन बीरबल ने अकबर से कहा कि जब मुर्गियां इतनी इकठ्ठी हो गई है तब एक मुर्गीखाना क्यों नहीं खोल लिया जाए।
लेकिन बीरबल की इस बात को कोई महत्व नहीं दिया गया। ऐसे में बीरबल को जब मुर्गियों की बहुत चिंता सताने लगी तो उसने एक शानदार तरीका खोजा। एक दिन जब महल में सभा चल रही थी तो बीरबल ने अकबर से कहा कि, “क्या आपको पता है कि एक दूसरे राज्य की एक राजकुमारी है जो बेहद सुंदर है। उस राजकुमारी की सुंदरता की चर्चा दूर दूर तक है।
“अकबर ने कहा, “क्या सच में कोई इतनी सुंदर राजकुमारी है?” बीरबल बोला, “हाँ, बादशाह। यह सच है। अगर आप चाहें तो मैं राजकुमारी और आपकी शादी का प्रबंध कर सकता हूं।” इस बात पर अकबर ने जवाब दिया, “तुम यह क्या बात कर रहे हो बीरबल। महल में पहले से ही दो रानियाँ मौजूद है।
अगर तीसरी भी आ गई तो बगावत हो जाएगी। मैं नहीं कर सकता यह शादी।” बीरबल ने कहा, “तो आज आपने भी यह साबित कर दिया है कि आप भी जोरु के गुलाम हो। अब आप भी सजा के रूप में मुर्गी जमा करवा दीजिए।” बीरबल की यह बात सुनते ही अकबर को अपने पर शर्म आ गई।
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