अकबर-बीरबल (कहानी-7) सारा जग बेईमान

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Ekta Ranga
सारा जग बेईमान

अकबर और बीरबल की जुगलबंदी के सभी मुरीद थे। अकबर केवल सवाल पूछते और बीरबल उसका सटीक उतर देते। उन दोनों के जीवन से जुड़े ऐसे कई किस्से हैं जो गुदगुदा देते हैं। एक किस्सा ईमानदारी से भी जुड़ा हुआ है। एक बार अकबर और बीरबल की नगर की प्रजा को लेकर कोई बातचीत चल रही थी।

अकबर ने बीरबल से कहा, “मैंने अभी तक में जितना विश्लेषण किया है उसमें मैंने यही पाया कि भले ही दूसरे राज्य के लोग बेईमान होते होंगे। लेकिन हमारे राज्य के लोग बेईमानी से कोसों दूर है। हम प्रजा के मामले में खुशकिस्मत हैं। इसी बात पर बीरबल ने जवाब दिया, “शहंशाह, मैं यह नहीं कहना चाहता हूं कि आप गलत हैं। पर मैं बस यही बताना चाहता हूं कि इस दुनिया में कोई भी पूर्ण रूप से ईमानदार नहीं होता है।

“अकबर ने कहा, “यह तुम कैसे कह सकते हो? क्या तुम्हारे पास इस चीज का ठोस सबूत है?” बीरबल ने कहा, “हाँ, मैं आपको इस बात का सबूत दे सकता हूं। अगर आप मुझे इजाजत दे तो।” अकबर ने कहा, “ठीक है। मैं आपको इस बात का ठोस सबूत दे दूंगा।” फिर बीरबल अकबर की बात को सही साबित करने की तरकीब सोचने लगा।

बीरबल ने सोचा कि ऐसा क्या किया जाए कि अकबर की बात गलत साबित हो जाए? आखिरकार अकबर को एक तरकीब सूझ ही गई। अगले ही दिन उसने पूरे शहर में एक ऐलान करवाया कि कल बादशाह अकबर एक बहुत बड़ी दावत रखने वाले हैं। दावत में खूब सारे लोग एक साथ में आएंगे। इस दावत में बादशाह ने यह निर्णय लिया है कि वह भोज में खीर बनवाएंगे। इसी खीर के लिए लोगों से दूध इकठ्ठा किया जाएगा।

आज बाजार में एक पतीला रखा जाएगा। सभी लोगों को उस पतीले में दूध डालना होगा। जितना ज्यादा दूध होगा उतनी ज्यादा गाढ़ी खीर होगी। फिर दोपहर को खीर डलवाने के लिए एक पतीला रखवाया गया। दूध डालने के लिए खूब सारे लोग एक साथ इकट्ठा हो गए। उन सभी ने एक-एक करके पतीले में दूध डाला। पर दूध की मात्रा कम थी और पानी की मात्रा अधिक थी। सभी लोगों ने यही काम लगातार किया।

शाम होते होते पूरा पतीला भर गया था। फिर उस भरे हुए पतीले को लेकर अकबर के सैनिक राजा अकबर के महल में पहुंचे। जैसे ही अकबर ने यह देखा कि उस पतीले में दूध की जगह पानी ज्यादा था, उसने सोचा कि इसमें इतना पानी कैसे आया।

अकबर ने बीरबल को बुलाया और पूछा कि, “क्या तुम मुझे यह बता सकते हो कि आखिर यह सच में दूध है या फिर इसमें पानी मिलाया हुआ है?” बीरबल ने कहा, “इसमें पानी मिलाया हुआ है बादशाह। कहने पर तो यह दूध है लेकिन लोगों ने इस पतीले में इतना पानी मिलाया कि दूध की जगह पानी ज्यादा हो गया।

“अकबर ने कहा, “मैंने तो यह सोचा ही नहीं था कि हमारे ही राज्य के लोग इतने बेईमान निकलेंगे कि वह दूध की जगह पानी लेकर आएंगे। बीरबल ने कहा, “मैंने तो आपको पहले ही कहा था कि आज के ज़माने में ईमानदार लोगों को ढूंढ़ना ठीक उतना ही मुश्किल है जितना कि कोयले की खदान में हीरा ढूंढ़ना।” आपकी हार हुई और मेरी जीत हुई।”

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