दो बहनों की कहानी

बहुत समय पहले की बात है एक गाँव में दो बहनें रहा करती थी। एक का नाम भोली और दूसरी का नाम मोली था। कहने पर तो वह दोनों सगी बहनें तो थी पर उनके व्यवहार में रात दिन का अंतर था। भोली और मोली के परिवार वाले भी उन दोनों बहनों में भेदभाव करते थे। भोली दिखने में बहुत ज्यादा सुंदर थी इसलिए घरवालों ने उसे सिर पर चढ़ाव रखा था। वही दूसरी ओर मोली का रंग काला था इसलिए सभी उससे बुरा व्यवहार करते थे। उसकी बहन भोली भी उसे बहुत भला बुरा सुनाती। भोली काम करने में बहुत आलसी थी वही मोली दिन रात मेहनत करने में बिल्कुल भी नहीं हिचकती थी।

एक दिन मोली हमेशा की ही तरह अपने खेत पर काम पूरा करके घर लौट ही रही थी कि रास्ते में उसे किसी के रोने की आवाज आई। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह आवाज कहां से आ रही थी। उसने नज़रे इधर-उधर दौड़ाई पर उसे कुछ भी नजर नहीं आया। फिर उसे ऐसा लगा जैसे कि कोई झरने के पास बैठा हो। वह फुर्ती से उस सुंदर झरने के पास भागी। वहां पहुंचने पर उसने देखा कि एक खूबसूरत हंस घायल हुआ पड़ा था।

उस हंस का खून लगातार बह रहा था। मोली ने बिना देरी किए उस हंस को उठाया और अपने घर ले गई। उसने कई दिनों तक उस हंस की पूरे तन मन से सेवा की। मोली के उचित देखभाल से वह हंस पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया। हंस मोली के सेवा भाव से बहुत प्रसन्न हुआ। अब हंस अपने घर दुबारा जाना चाहता था। जाने से पहले उसने मोली को एक मोती की माला पहना दी। उसने मोली से कहा कि इस माला को मेरा आशीर्वाद समझना। और फिर वह हंस वहां से उड़ गया।

मोती की माला पहनने के थोड़ी ही देर बाद मोली बहुत ज्यादा सुंदर हो गई। और घर में खूब सारा धन भी हो गया। अब सब कोई मोली की खूबसूरती की तारीफ करते नहीं थकते थे। मोली के माता-पिता को भी वह अब ज्यादा अच्छी लगने लग गई थी। यह बात भोली को बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही थी।

उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अचानक मोली इतनी ज्यादा सुंदर कैसे हो गई। उसे मोली से ईर्ष्या होने लगी। उसने मोली से अपनी सुंदरता और धन का राज पूछा तो उसने भोली को सारी कहानी बता दी। अब भोली को पता चल चुका था कि मोली की खूबसूरती का राज क्या था।

एक रात जब सब चैन की नींद सो रहे थे तो भोली चुपके से मोली के कमरे में आ गई। वह धीरे से मोली के पास पहुंची और मोली के गले से वह माला खोलने लगी। काफी मशक्कत के बाद वह मोती की माला पाने में सफल हुई। जैसे ही भोली ने वह माला पहनी वह और भी बदसूरत हो गई और वह सुंदर माला एक काले सांप में बदल गई। सांप देखते ही भोली जोर से चिल्लाई। उसकी चीख सुनकर मोली की नींद टूट गई।

मोली ने देखा कि उसकी बहन खतरे में थी। उसने सांप से हाथ जोड़कर विनती की वह उसकी बहन को छोड़ दे। सांप ने कहा कि वह भोली को छोड़ तो देगा पर उसकी एक शर्त है। शर्त के अनुसार सांप ने यह मांग की कि भोली अपनी बहन मोली से माफ़ी मांगे और वादा करे कि वह हमेशा एक अच्छी इंसान बनकर रहेगी। भोली ने ऐसा ही किया। माफ़ी मांगते ही वह सांप दुबारा मोती की माला में तब्दील हो गया। उस दिन से वह दोनों बहने आपस में प्रेम के साथ रहने लगी।

इस कहानी से सीख- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। लालच एक बुरी बला होती है।

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