गौतम बुद्ध की सर्वश्रेष्ठ कहानियां (Gautam Buddha Stories in Hindi)

गौतम बुद्ध को कौन नहीं जानता है। सभी लोग उनके नाम से भली भांति वाकिफ है। गौतम बुद्ध ने पूरी दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाया था। हम सभी यह अच्छी तरह से जानते हैं कि महात्मा बुद्ध विष्णुजी का अवतार थे। वह शांतिप्रिय और न्यायप्रिय थे। महात्मा बुद्ध का जीवन हम सभी को बहुत बड़ी प्रेरणा देता है। महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु के नौवें अवतार के रूप में जाना जाता है। वह एक राजा के बेटे थे। कैसे वह राजा से बुद्ध बने यह जानना बहुत ही रोचक है। उनका जन्म बहुत ही शुभ दिन यानि कि वैशाख शुक्ल पूर्णिमा के दिन को हुआ था।

महात्मा बुद्ध कौन थे?

महात्मा बुद्ध को भगवान का अवतार माना जाता है। वह पूरी दुनिया में जाना पहचाना नाम है। कहते हैं कि उनका जन्म 563 ई पू में कपिलवस्तु के लुम्बिनी में हुआ था। आज के समय में यह जगह नेपाल में है। बुद्ध के पिता को शुद्धोधन नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि वह शाक्य गणराज्य के राजा थे। महात्मा बुद्ध की माता का नाम मायादेवी था। वह भी बेहद रूपवती और समझदार महिला थी। दरअसल गौतम बुद्ध के माता-पिता को उनसे पहले कोई संतान नहीं थी।

दोनों ने ही भगवान से संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना की। ईश्वर ने उनकी प्रार्थना स्वीकार करते हुए उनको एक पुत्र प्रदान किया। गौतम बुद्ध की माता मायादेवी कोलीय वंश से ताल्लुक रखती थी। जिस समय गौतम बुद्ध का जन्म होने वाला था उस समय उनकी माता अपने पीहर को जा रही थी। कहते हैं कि बीच रास्ते में ही मायादेवी ने गौतम बुद्ध को जन्म दे दिया था। जिस समय गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था उस समय उनके चारों ओर प्रकाश फैल गया था।

सभी को आश्चर्य हुआ कि कोई साधारण बालक के जन्म के समय तो ऐसा कोई प्रकाश नहीं फैलता। यह भी मानते हैं कि जब वह पैदा हुए तो चारों तरफ कमल के फूल खिल गए थे। गौतम बुद्ध के माता-पिता ने उनका नाम सिद्धार्थ रखा था। अपने जन्म के थोड़े दिन ही बाद में बालक सिद्धार्थ की माता का निधन हो गया। माता के निधन के बाद सिद्धार्थ का लालन-पालन मायादेवी की छोटी बहन महाप्रजावती ने किया।

वह सिद्धार्थ की मौसी के साथ-साथ सिद्धार्थ की माँ भी बन गई। बालक सिद्धार्थ के चेहरे पर असाधारण तेज था। जब गौतम बुद्ध छोटे थे तभी बहुत से विद्वान पंडितों ने यह घोषणा कर दी थी कि बुद्ध या तो महान राजा बनेंगे या फिर वह हमेशा के लिए एक संन्यासी की तरह अपना जीवन व्यतीत करेंगे। बुद्ध के पिता शुद्धोधन को यह बात बहुत ज्यादा डराने लगी कि उनका पुत्र एक संन्यासी कैसे बन सकता है। बुद्ध के पिता दिन रात इसी कोशिश में लगे रहते थे कि उनका बेटा सांसारिक मोह-माया से बिल्कुल भी बाहर नहीं निकल सके।

गौतम बुद्ध की शिक्षा

गौतम बुद्ध की शिक्षा का प्रबंध उनके पिता ने राजमहल में कर दिया था। जब वह थोड़े बड़े हुए तो उनको गुरु विश्वामित्र के पास पढ़ने को भेज दिया गया। वह गुरु विश्वामित्र से वेद और उपनिषद की शिक्षा ले रहे थे। उनके पास रहने से उनका दिमाग बहुत कुशाग्र हो गया था। गौतम बुद्ध की शिक्षा में कुश्ती, घुड़दौड़, तीर-कमान, रथ हांकना और तलवारबाजी भी शामिल थी। वह हर चीज में पारंगत हो गए थे। कहा जाए तो वह एक आदर्श विद्यार्थी बन गए थे।

गौतम बुद्ध का विवाह

गौतम बुद्ध का विवाह कोलीय वंश के राजा सुप्पबुद्ध और रानी पमिता की बेटी यशोधरा के साथ किया गया था। यशोधरा बहुत ही सुंदर और समझदार राजकुमारी थी। जब गौतम बुद्ध और यशोधरा विवाह के बंधन में बंधे थे तब यशोधरा की उम्र मात्र 16 वर्ष की थी। इतनी छोटी उम्र में भी वह काफी समझदार थी। गौतम बुद्ध और उनकी पत्नी यशोधरा का प्रेम बहुत ही पवित्र था।

गौतम बुद्ध और यशोधरा का वैवाहिक जीवन बहुत अच्छा चल रहा था। जब यशोधरा 29 साल की हुई तो उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। उस पुत्र का नाम रखा गया राहुल। राहुल भी अपनी माता और पिता की तरह बहुत सुंदर बालक था। यशोधरा के जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब गौतम बुद्ध सांसारिक मोह-माया को त्यागकर यशोधरा और राहुल को छोड़कर चले गए। लेकिन तब भी यशोधरा ने हार नहीं मानी। जैसे ही उन्हें पता चला कि बुद्ध एक संन्यासी बन गए हैं तब वह भी एक संन्यासी बन गई।

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गौतम बुद्ध के अनमोल विचार

1) जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से बेहतर स्वयं पर विजय प्राप्त करना है। यदि स्वयं पर विजय प्राप्त कर लिया तो फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी। इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता

2) इंसान जैसा सोचता है, उसकी सोच जैसी होती है वह वैसा ही बना जाता है। कोई मनुष्य बुरी सोच के साथ बोलता या काम करता है, तो उसे कष्ट ही मिलता है। वहीं यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है तो उसे जीवन में खुशियां मिलती हैं। 

3) व्यक्ति कभी भी बुराई से बुराई को खत्म नहीं कर सकता। इसे खत्म करने के लिए व्यक्ति को प्रेम का सहारा लेना पड़ता है। प्रेम से दुनिया की हर बड़ी चीजों को जीता जा सकता है।

4) जंगली जानवर की अपेक्षा कपटी और दुष्ट मित्र से डरना चाहिए। जंगली जानवर आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचाता है।

5) जिस तरह से एक जलता हुआ दिया हजारों लोगों को रौशनी देता है, ठीक वैसे ही खुशियां बाटने से आपस में प्यार बढ़ता है। खुशियां बांटने से हमेशा बढ़ती हैं। कभी कम नहीं होती हैं। 

FAQs

Q1. गौतम बुद्ध कौन थे?

A1. गौतम बुद्ध एक महान पुरुष थे। उन्होंने समस्त दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाया था। वह प्रेम और समानता में विश्वास रखते थे। गौतम बुद्ध का असली नाम सिद्धार्थ था। उनकी माता का नाम मायादेवी था। और उनके पिता का नाम शुद्धोधन था। उनके पिता शाक्य गणराज्य के राजा थे।

Q2. गौतम बुद्ध ने कब संन्यास लिया था?

A2. गौतम बुद्ध ने 29 साल की उम्र में सांसारिक मोह-माया को त्यागकर एक संन्यासी का जीवन अपना लिया। उन्होंने अपने बेटे राहुल और पत्नी यशोधरा का भी त्याग कर दिया।

Q3. विश्व के बौद्ध धर्म के देशों के नाम बताइए?

A3. भूटान, म्यांमार, कंबोडिया, मुख्य भूमि चीन, हांगकांग, जापान, तिब्बत, लाओस, मकाऊ, मंगोलिया, सिंगापुर, श्रीलंका, ताइवान, थाईलैंड, काल्मिकिया और वियतनाम।

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