बचपन में हम जब हम बदमाशी किया करते थे तो हमारे बड़े हमें यह कहकर डराते थे कि शैतानी मत करो नहीं भूत तुम्हें पकड़कर ले जाएगा। क्योंकि हम सब उस समय बच्चे थे इसलिए हमें लगता था कि अब हमने कोई गलत काम किया तो सच में भूत पकड़कर ले जाएगा। भूत के नाम से ही रोंगटे खड़े हो जाते थे। ऐसा लगता था जैसे मानो हर तरफ भूत ही मौजूद है। कहीं अकेले में जाने का मन ही नहीं करता था। मन में एक तरह का खौफ बैठ गया था। ना जाने क्या रहस्य था इस भूत नाम के शब्द में कि यह सभी को भय के बंधन में जकड़ लेता लेता था।
Horror Story In Hindi
ना जाने क्यों डर लगता है हमें इस शब्द से। ऐसा नहीं है कि केवल छोटे बच्चे ही इस नाम से डरते हो। भूत जैसा शब्द बड़े लोगों को भी डरा देता है। इस दुनिया में सेंकड़ों प्रकार के लोग निवास करते हैं। यह सभी लोग कोई ना कोई जन्मजात डर लेकर पैदा होते हैं। डर एक प्रकार की भावना है जो हर मनुष्यों में पाई जाती है। यह भावना हमारे अंदर बचपन से ही विकसित हो जाती है। डर को हम भय, खौफ, त्रास, दहशत, आंतक, विभीषिका, भीति और अंदेशा भी कहते हैं। डर जैसा शब्द सीधे ही हमारे नर्वस सिस्टम से जुड़ा है। डर को हम एक प्रकार से फोबिया भी कह सकते हैं। फोबिया उस समय जन्म लेता है जब हम कोई भी चीज पर जरूरत से ज्यादा डरने लगते हैं। धीरे-धीरे यही डर हमें समाज से कटने पर मजबूर कर देता है। तो यह लेख भूतों की कहानियों पर आधारित है। इसी लेख के माध्यम से हम भूतों की कहानियां पढ़ेंगे।
भूत क्या होता है?
बचपन में जब मैं स्कूल जाया करती थी तो हमारी ही बस में एक भूतिया दीदी भी जाया करती थी। यहां पर मैं उसे भूतिया शब्द से संबोधित इसलिए कर रही हूं क्योंकि वह हर समय भूतों के किस्से सुनाया करती थी। और दूसरा कारण यह यह भी है कि उस दीदी का चेहरा ऐसे गंभीर रहता था जैसे कि वह खुद ही भूत हो। वह कभी हमें बताती कि उसने एक दिन एक ऐसी महिला को देखा जिसने सफेद रंग की साड़ी पहनी हुई थी। तो कभी वह बताती कि उसके घर के पास एक हवेली है जिसमें से हर रात को अलग अलग आवाजें आती है। बचपन में तो मैं उसकी बातों से बहुत ज्यादा डरती थी।
लेकिन जब मैं बड़ी हुई तो मुझे समझ में आने लगा कि जिस चीज से मैं डर रही हूं वह दरअसल मेरा वहम है। तो अब यह समझने की बात है कि आखिर भूत है क्या? भूत शब्द ऐसे व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो कि इस दुनिया को अलविदा कह चुका है। ऐसा अक्सर कहा जाता है कि मरने के बाद एक इंसान आत्मा का रूप धारण कर लेता है। और भूत उसे कहा जाता है जो आत्मा के रूप में मृत्युलोक पहुंच जाता है।
ऐसे लोग भूत इसलिए बनते हैं क्योंकि वह या तो आत्महत्या कर लेते हैं या फिर भूत वह बनते हैं जिनकी मरने से पहले कोई इच्छा अधूरी रह जाती है। हम में से बहुत से लोग भूत पर बहुत ज्यादा विश्वास करते हैं। हालांकि हम भूत को नहीं देख सकते हैं। लेकिन फिर भी हम यही सोचते हैं कि भूत जैसी चीज धरती पर अस्तित्व रखती है। पर असल मायने में देखा जाए तो भूत जैसा कुछ भी नहीं होता है। यह तो एक प्रकार से हमारे दिमाग का वहम होता है जो हमारे अंदर बचपन से ही पैदा हो जाता है। खैर सभी लोगों का अपना अपना विश्वास होता है।
भूतों की बेहतरीन कहानियां पढ़ें
भूतों की कहानियां लिखने वाले 10 प्रसिद्ध लेखक
1) मैरी शैली (1797-1851)
2) एडगर एलन पो (1809-1849)
3) ब्रैम स्टोकर (1847-1912)
4) एचपी लवक्राफ्ट (1890-1937)
5) शर्ली जैक्सन (1916-1965)
6) रिचर्ड मैथेसन (1926-2013)
7) रॉबर्ट बलोच (1917-1994)
8) डीन कूंट्ज़ (1945)
9) स्टीफन किंग (1947)
10) क्रिस्टोफर पाइक (1955)
भारत के भूतिया जगहों के नाम
1) भानगढ़ का किला, राजस्थान ( Bhangarh Fort, Rajasthan)
2) कुलधरा गांव, राजस्थान (Kuldhara Village, Rajasthan)
3) डाउ हिल, कर्सियांग, पश्चिम बंगाल (Dow Hill, Kurseong, West Bengal)
4) डुमास बीच, गुजरात (Dumas Beach, Gujarat)
5) जटिंगा, असम (Jatinga, Assam)
6) लंबी देहर खदान (Lambi Dehar Mines)
7) अग्रसेन की बावली, नई दिल्ली (Agrasen ki Baoli, New Delhi)
8) रामोजी फिल्म सिटी (Ramoji Film City)
9) डिसूजा चॉल, मुंबई (D’Souza Chawl, Mumbai)
10) बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court)
FAQs
A1.भूत का डर हमारे अंदर की एक भावना होती है।
इस प्रकार की भावना हमारे अंदर बचपन से ही विकसित हो जाती है। डर को हम भय, खौफ, त्रास, दहशत, आंतक, विभीषिका, भीति और अंदेशा भी कहते हैं। डर जैसा शब्द सीधे ही हमारे नर्वस सिस्टम से जुड़ा है। डर को हम एक प्रकार से फोबिया भी कह सकते हैं। फोबिया उस समय जन्म लेता है जब हम कोई भी चीज पर जरूरत से ज्यादा डरने लगते हैं।
A2. भारत में भानगढ़ का किला सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता है। यह किला राजस्थान में पहाडियों पर स्थित है।
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