भूतों की कहानी-1 “भूत की चिट्ठी”

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Ekta Ranga

रोहित एक आइसक्रीम बनाने वाली फैक्ट्री में काम करता था। उसका भरा-पूरा परिवार था। हालांकि उसके पास खूब सारी धन दौलत नहीं थी जिससे कि दुनिया की सारी जरूरतों को पूरा किया जाए। लेकिन फिर भी रोहित अपने परिवार के साथ बड़े ही प्यार के साथ रहता था। वह बहुत ही ज्यादा मददगार स्वभाव का भी था।

जब भी किसी पर मुसीबत आती तो वह फट से हर किसी की मदद करने के लिए आगे आ जाता था। कभी-कभी तो उसके घर वाले उसे यह समझाते भी थे कि हमें हर किसी भी अनजान की मदद नहीं करनी चाहिए। लेकिन रोहित की आदत मददगार स्वभाव की थी इसलिए उससे मदद किए बिना रहा नहीं जाता था। वह सोचता था कि अगर हम किसी की मदद करते हैं तो यह आदत हमें आगे जाकर बहुत फायदा पहुंचाती है।

एक दिन की बात है। हर दिन की तरह रोहित फैक्ट्री पर काम खत्म करके शाम को अपने घर की ओर जा रहा था। आज भी वह शहर की एक ऐसी गली से गुजर रहा था जो लोगों के बीच बदनाम थी। अब यह सोचने की बात है कि कोई गली क्यों बदनाम हो सकती है। इसके पीछे एक बड़ा कारण था। दरअसल लोग कहते थे कि उसी गली में 19 साल की एक युवा लड़की ने छत से कूदकर अपनी जान दे दी थी।

उस लड़की की मौत के असली कारण के बारे में कोई पता नहीं लगा सका। बहुत से लोग तो यही मानते थे कि वह लड़की इसलिए मरी क्योंकि उसके बॉयफ्रेंड ने उसे धोखा दे दिया था। अब मरने के बाद वह अपने बॉयफ्रेंड से बदला लेने की तलाश में थी। कहते हैं कि वह शाम ढ़लने के बाद ही भटकती थी। और हर एक आदमी से पूछताछ करती रहती थी। पर एक रोहित था जो कि ऐसी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करता था। वह यही सोचता था कि भूतों पर विश्वास केवल मूर्ख लोग ही कर सकते हैं।

अभी कुछ ही दिनों से रोहित एक महिला की तरफ हल्का सा आकर्षित होने लगा था। दरअसल वह महिला अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने आती थी। रोहित की बेटी भी उसी स्कूल में पढ़ती थी। रोहित जब भी अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने आता तो वह महिला भी उसी वक्त अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने आती थी। रोहित की पत्नी सीमा भी बड़ी खूबसूरत थी। शादी के बाद उसके मन में कभी भी यह ख्याल नहीं आया कि वह दूसरी महिला की तरफ आंख उठाकर भी देख सकता है। लेकिन इस महिला ने पता नहीं क्या जादू कर दिया था रोहित पर। सुशील रोहित अब गलत रास्ते पर चलने को तैयार था। रोहित की पत्नी तो इस बात से बिल्कुल अनजान थी। उस महिला ने रोहित को अपने मोहपाश में बांध लिया था।

रोहित की पत्नी ने रोहित को ऐसे बदला हुआ कभी नहीं देखा था। पहले वह अपनी वेषभूषा और बालों की स्टाइल पर कभी ज्यादा गौर नहीं देता था। लेकिन अभी करीब एक महीने से वह अपने लुक्स पर ज्यादा ध्यान देने लगा था। वह अब कई देर तक खुद को आईने में निहारता रहता था। कभी-कभी तो सीमा के मन में शक की सुई घूमने लगती थी। लेकिन दूसरे ही पल वह इस ख्याल को अपने दिमाग से निकाल देती थी। उसे रोहित पर इतना तो विश्वास था कि वह उसे धोखा नहीं दे सकता है।

आज जब वह महिला अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने के लिए आई तो रोहित से रुका नहीं गया। रोहित ने हिम्मत जुटाई और वह उस महिला के पास चला गया। उस महिला के समीप पहुंचते ही रोहित की धड़कनें तेज हो गई। पता नहीं क्या हुआ कि वह उस महिला के सामने खड़ा होकर आवाज तक नहीं निकाल पाया। उस महिला ने अपनी बड़ी नशीली आंखों को दिखाते हुए उससे पूछा, “क्या हुआ? क्या आप मुझे कुछ कहना चाहते हैं।

“रोहित से बड़ी ही मुश्किल से जवाब दिया गया, “नहीं, मैं कुछ खास नहीं कहना चाहता हूं। मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं कि आपकी बेटी बड़ी ही प्यारी है।” यह सुनते ही वह महिला जोर से हंसने लगी। उसने रोहित को इस प्रशंसा के लिए धन्यवाद कहा। फिर वह बोली कि, “आपको तो यह बड़ी ही प्यारी लगी। लेकिन एक मेरे पति है जिनको यह पसंद ही नहीं आती है। लेकिन मैं अब इस बात को ज्यादा दिमाग पर नहीं लेती। मैं अपने पति की इस बात से वाकिफ हो चुकी हूं कि वो अपनी बेटी को बिल्कुल भी नहीं चाहता है। इसलिए हम अलग ही रहते हैं।

“रोहित बोला, “मुझे आपके लिए बहुत खेद है कि आपके पति आपकी बेटी को पसंद ही नहीं करते हैं। बेटियां तो माता लक्ष्मी का साक्षात स्वरूप होती है। फिर भी ना जाने क्यों उन्हें अपनी प्यारी सी बेटी पसंद क्यों नहीं है। इसका क्या कारण है?” उस महिला ने कहा, “देखिए, यह मामला थोड़ा सा निजी है। मैं आपको बस इतना ही बता सकती हूं कि मेरे पति को कोई कारण के चलते अपनी बेटी पसंद नहीं है।”

फिर वह दो मिनट रूककर बोली, “क्या आप मेरा एक काम कर सकते हैं क्या?” रोहित बोला, “जी, हाँ, क्यों नहीं। आप बस काम बोलिए।” वह महिला बोली, “जी, आपको यह काम करना है कि आप मेरे पति को यह खत दे देना। यह खत मैंने उन्हें ही लिखा है। इसमें कई महत्त्वपूर्ण बातें लिखी है मैंने। चिट्ठी पर मेरे पति के मकान का पता भी लिखा है।” रोहित ने चिट्ठी को महिला के पति के घर पहुंचाने के लिए हामी भर ली। उसने वह चिट्ठी उस महिला से ले ली। जैसे ही रोहित ने चिट्ठी को पकड़ा उतने में ही वह महिला हर दिन की तरह टैक्सी में बैठी और फुर्र से गायब हो गई। रोहित उस महिला के पति के घर की ओर निकल पड़ा। जैसे ही वह उस पते पर पहुंचा उसने जोर से दरवाजे की घंटी बजाई।

कुछ ही सेकंड में एक बूढ़े व्यक्ति ने आकर दरवाजा खोला। उस आदमी ने अपने बारे में बताया कि वह गौरव का पिता है। रोहित समझ गया कि उस महिला के पति का नाम गौरव था। फिर जैसे ही गौरव के पिता ने उस चिट्ठी पर नाम देखा तो वह घबरा गया। फिर खत को अंदर से खोलकर देखा तो पाया कि उस खत में एक काग़ज था। और उस काग़ज पर खून से बड़े अक्षरों में लिखा था, “गौरव, अब तुम्हारी मौत तय है।

अब रोहित को गौरव के पिता से यह पता चल गया था कि वह महिला कोई और नहीं बल्कि वही 19 साल की लड़की थी जिसने आत्महत्या कर ली थी। गौरव और उसने मंदिर में शादी कर ली थी। वह दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे। लेकिन जब बात आई असल मायने में शादी की तब गौरव ने उस लड़की को यह कहकर धोखा दे दिया कि उसका परिवार उस लड़की को बहू के रूप में स्वीकार नहीं करेगा। जब उसे यह बात पता चली तो उस लड़की ने उसी गली के एक घर पर चढ़कर अपनी जान दे दी जहां से रोहित अक्सर गुज़रता था। जिस समय उसने अपनी जान दी, वह उस समय 7 महीने की गर्भवती थी।

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