भूतों की कहानी-2 “भूतिया जेल”

Photo of author
Ekta Ranga

भारत जितना सुंदर देश आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा। यहां पर चारों ओर देखने के लिए खूबसूरत नजारे हैं। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कुछ तो है जो किसी को भी भारत की ओर खींच लाता है। अगर हम बात करे पहाड़ों की तो पहाड़ हमेशा से ही लोगों को खूब आकर्षित करते आए हैं।

हिमालय की जो श्रृंखला है वह बेहद ही खूबसूरत है। हिमालय की गोद में अनेकों राज्य बसे हुए हैं जैसे कि – जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्किम, अरुणाचल, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैण्ड, असम। यह सभी अपने आप में बहुत अनोखे हैं। इन सभी राज्यों की अपनी खूबसूरती और अपनी विशेषता है। हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती के किस्से पूरी दुनिया में फैले हुए हैं।

प्राकृतिक सौंदर्य से सटा पड़ा है हिमाचल प्रदेश। यहां के ऊंचे ऊंचे सेब के पेड़, कल कल बहती साफ़ नदियां, प्राचीन काल में बने मंदिर और ऊंचाई से गिरते निर्मल झरने सभी का मन मोह लेते हैं। हिमाचल प्रदेश जैसा देश अपनी आध्यात्मिकता के लिए भी खूब जाना जाता है। जो यहां एक बार आता है वह यहां की खूबसूरत वादियों में हमेशा के लिए खो जाता है।

दिया को भी हिमाचल प्रदेश से कुछ अलग ही लगाव है। वह रहती तो दिल्ली में थी लेकिन उसकी जान तो हिमाचल प्रदेश में ही बसती थी। वह बचपन में अपने दादा के साथ दो दिन के लिए हिमाचल की यात्रा पर गई थी। वह दृश्य उसके दिमाग में घर कर गए थे। अब वह खुद भी 20 साल की हो गई थी।

वह दिल्ली के अच्छे कॉलेज में पढ़ती थी। इस बार उसने सोचा कि क्यों ना गर्मी की छुट्टियां हिमाचल प्रदेश में मनाई जाए। कॉलेज की तरफ से उसे 15 दिन मिले थे छुट्टियों के। दिया और उसके दोस्तों ने यह तय कर लिया था कि वह इस बार हिमाचल प्रदेश जाएंगे। सभी ने जरूरत के मुताबिक पैकिंग कर ली और दो दिन बाद वह हिमाचल के लिए रवाना हो गए।

जैसे ही दिया अपने दोस्तों के साथ हिमाचल प्रदेश पहुंची उसकी आंखों के आगे हिमाचल के पुराने दृश्य घूम गए। हिमाचल की खूबसूरती देखकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए। सभी बहुत खुश थे कि वह अपनी छुट्टियां बिताने के लिए इतनी सुंदर जगह आए थे। दिया के जिन दोस्तों ने ऊंचे पहाड़ नहीं देखे थे वह पहाड़ों को देखकर बहुत ज्यादा आकर्षित हो गए।

उनका एक हफ्ता कैसे घूमने फिरने में निकल गया उनको पता ही नहीं चला। हिमाचल के बाजार में खरीदारी का सिलसिला थम ही नहीं रहा था। दिया और उसके दोस्तों ने जमकर ख़रीदारी की। एक हफ्ते बाद में उन्होंने मन बनाया कि वह सभी बचे हुए सात दिनों के लिए हर दिन एक नए ट्रेकिंग पॉइंट पर घूमने जाएंगे। सभी नई जगह जाने के लिए बहुत उत्साहित थे।

सबसे पहले वह पहुंचे सोलन जिले में। वहां की खूबसूरती को बयां करने के लिए मुंह से दो शब्द भी नहीं निकल रहे थे। चारों तरफ हरियाली देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि मानो प्रकृति ने भी हरे रंग के वस्त्र धारण कर लिए थे। वह सभी प्रकृति का भरपूर आनंद ले रहे थे। कि तभी उनको वहां के लोकल गाइड ने डगशाई नामक एक ऐसी जेल के बारे में बताया जहां पर माना जाता है कि भूत आज भी वहां पर निवास करते हैं। डगशाई एक ऐसा शहर है जो कि भूतों के लिए ज्यादा जाना जाता है। दिया और उसके दोस्त उस गाइड की बातें सुनकर डर गए। लेकिन उन्होंने सोचा कि क्यों ना डगशाई जेल की भूतिया कहानी सुनी जाए।

गाइड ने डगशाई जेल का इतिहास बताना शुरू किया। मुग़लों के बाद अगर किसी ने सबसे लंबी अवधि में भारत पर राज किया है तो वह अंग्रेज ही थे। अंग्रेजी हुकूमत ने भारत में रहकर जितना विकास किया उतना ही भारत में नुकसान भी खूब किया। सबसे पहले बात करते हैं मुग़लों की। कहते हैं कि मुग़लों के ज़माने में जो कोई भी मुग़ल बादशाह से धोखाधड़ी करने की कोशिश करता था उस व्यक्ति को मुग़ल बादशाह डगशाई के जेल में डाल देता था।

वहां पर उस व्यक्ति को कड़ी यातना दी जाती थी। फिर उसे फांसी पर लटका दिया जाता था। वहां पर खूब सारे कैदियों को फांसी दी गई थी। और यही एक वजह है कि डगशाई जेल में आज भी उन दगाबाज़ लोगों की आत्मा भटकती है। दूसरी कहानी यह कहती है कि डगशाई जेल को वास्तव में अंग्रेज लोगों ने ही बनवाया था। कहते हैं कि एक समय डगशाई जेल में जॉर्ज वेस्टन नाम का एक मेजर रहा करता था।

थोड़े समय बाद मेजर अपनी पत्नी मैरी को भी वहां लेकर आ गया। कई लोगों का यही मानना है कि मैरी के कोई बच्चा नहीं था। बच्चा नहीं होने की वजह से उसको लोगों के खूब ताने सुनने को मिलते थे। मैरी और उसका पति इसी दुख में दिन रात डूबे रहते थे। उन दोनों ने बच्चे के लिए हर जगह इलाज करवाया लेकिन वह असफल रहे। फिर कुछ दिनों बाद में आखिरकार मैरी गर्भवती हो गई।

लेकिन आठवें महीने लगते ही उसकी अकस्मात मौत हो गई। वह इस मौत को झेल नहीं पाया। उसने मैरी की याद में एक कब्र तैयार कारवाई जो कि संगमरमर की थी। उसके बाद जॉर्ज वेस्टन की भी थोड़े समय बाद मृत्यु हो गई। कहते हैं कि उन दोनों की आत्मा आज भी वहां भटकती है। कहानी पूरी सुनते ही दिया ने गाइड से कहा कि वह तो इस जगह पर गलत आ गए। दिया की इस बात पर गाइड ने कहा कि यह सब कही सुनी बातें हैं। तुम सब घूमने के लिए आए हो तो उसी पर ही ध्यान दो।

ऐसे ही अन्य भूतों की कहानीयहाँ से पढ़ें

Leave a Comment