अजय ने कभी भी अपने सपने में यह नहीं सोचा था कि उसकी पहली पत्नी रीना का अंत इतना दुखद होगा। अपने ही हनीमून पर रीना और अजय की कार का एक्सीडेंट हुआ था। उसमें अजय तो बच गया था लेकिन रीना उसे हमेशा के लिए अकेला छोड़कर चली गई। वह दिन उसके लिए एक काले दिन के समान था।
अजय की हंसती खेलती दुनिया उजड़ गई थी। उसने और रीना ने मिलकर भविष्य के लिए बहुत सुनहरे सपने देखे थे। वह दोनों भी हर एक नवविवाहित जोड़े की तरह अपना खुद का आशियाना चाहते थे। पति पत्नी से मिलने वाले सारे प्रेम को वह अपने अंदर उतार लेना चाहते थे। वह भी दूसरे दंपतियों की तरह खुद का बच्चा भी चाहते थे। लेकिन यह सारे सपने टूटे हुए कांच के टुकड़ों की तरह बिखर गए। कभी कभी न चाहते हुए भी आपके जीवन में कुछ ऐसा घटित हो जाता है जिसकी आपने कल्पना तक नहीं की हुई होती है।
अजय को कुछ ऐसा लग रहा था जैसा कि मानो वह कल ही रीना से पहली बार मिला था। अजय और रीना की मुलाकात भी कुछ अलग ही थी। दरअसल एक दिन रीना अपने दोस्तों के साथ एक होटल में खाना खाने आई हुई थी। उन सभी दोस्तों ने वेटर को खाने का ऑर्डर दिया। वेटर कोई और नहीं बल्कि अजय ही था।
जैसे ही अजय खाना लाया और सभी को परोसने लगा, अजय के हाथ से थोड़ी सी नूडल्स रीमा की एक दोस्त की स्कर्ट पर जा गिरी। ड्रेस खराब होते ही वह अजय पर जोर से चिल्लाई। उस लड़की की आवाज सुनते ही होटल का मालिक भी वहां आ पहुंचा। उसने भी अजय को जोर से डांट लगाई। इस बात पर अजय के सब्र का बांध टूट गया।
वह ऊंची आवाज में बोला, “मैं कोई सामान ढोने वाला जानवर नहीं हूं, सर। मैं भी आपकी ही तरह एक इंसान हूं। मुझमें और आपमें केवल पैसों से फर्क़ है। पढ़ाई तो मेरी माँ ने भी कारवाई है मुझे। मैं खुद एक एमबीए ग्रैजुएट हूं। अभी इतने दिनों से अच्छी कंपनी की नौकरी की तलाश में हूं। आपके यहां तो मैं मजबूरी के चलते काम कर रहा हूं। लेकिन अब मैं वहां एक पल भी नहीं रुक सकता जहां पर मेरा इतना अपमान हो। मैं भी स्वाभिमानी व्यक्ति हूं, सर।”
अजय की उन बातों ने रीना के दिल को अंदर तक छू लिया था। उसने उस होटल के मालिक से फौरन ही अजय के नंबर लिए और अजय से नौकरी के सिलसिले से संपर्क किया। रीना कोई और नहीं बल्कि एक बड़े बिजनेसमैन की बेटी थी। रीना के पापा के गुजर जाने के बाद बिजनेस का सारा काम रीना ने ही संभाल रखा था।
रीना को अपनी कंपनी के लिए एक अच्छे मैनेजर की जरूरत थी। उसे अजय के रूप में एक अच्छा मैनेजर मिल गया था। रीना को अजय का स्वभाव बहुत ज्यादा पसंद आने लगा था। अजय बहुत ज्यादा मेहनती था। उसने कंपनी के लिए दिन रात मेहनत करनी शुरू कर दी। उसकी मेहनत के चलते ही कंपनी ने बहुत ज्यादा लाभ कमाना शुरू कर दिया था। कुछ समय बाद ही कंपनी ने नई ऊँचाईयों को छूना शुरू कर दिया।
रीना के मन में अजय के लिए प्रेम के फूल उग आए थे। धीरे-धीरे उसे अजय से हद से ज्यादा प्यार हो गया। एक दिन उसने सही मौका देखकर अजय को प्रपोज कर दिया। रीना के खुशी का ठिकाना तब नहीं रहा जब उसे पता चला कि अजय भी उससे उतना ही प्यार करता था। उन दोनों के जीवन में खुशियों के फूल उग आए। दोनों ने करीब एक साल से ज्यादा एक दूसरे को डेट किया। फिर एक दिन अजय ने रीना को शादी के लिए भी प्रपोज कर दिया। दोनों की शादी भी हो गई। और शादी के कुछ दिनों बाद ही वह निकल पड़े एक हसीन हनीमून पर। पर अजय को नहीं पता था कि यह हनीमून उसके जीवन में बर्बादी लेकर आएगा।
पुरानी यादों में डूबे हुए अजय को उसकी माँ ने आकर सचेत किया। अजय की माँ ने कहा कि लड़की वाले तुम्हें देखने को आ गए हैं। अजय थोड़ी घबराहट लिए हुए उठा। फिर अजय बाहर गया और लड़की वालों से मिला। लड़की का नाम मेघा था। लड़की के माता-पिता ने उन दोनों को आपस में बात करने के लिए भेज दिया।
दोनों ने बातचीत की और एक दूसरे को पसंद भी कर लिया। लड़की के पिता ने कहा, “चलो, अच्छा है कि दोनों ने एक दूसरे को पसंद कर लिया। क्योंकि हमारे बेटा नहीं है इसलिए आज से अजय भी हमारे बेटे के समान हुआ। हमनें तो अभी से अपनी आधी प्रॉपर्टी अजय के नाम कर दी। अपने दामाद को इतना बड़ा तोहफा दे क्यों नहीं जब हम खुद जे एम स्टील के मालिक हैं।”
शादी की तैयारियां पूरी हो गई थी। शादी से पहले हल्दी का फंक्शन रखा गया था। हल्दी के फंक्शन की रात को जब सब काम खत्म हो गए तब मेघा अजय को अपने साथ अकेले में गार्डन ले गई। मेघा ने अजय को कहा, “तुम मुझसे शादी करना चाहते हो या फिर मेरी जायदाद से?” अजय एकदम से सकपका गया।
अजय ने पूछा, “तुम यह क्या अजीब सा सवाल पूछ रही हो?” मेघा ने कहा, “क्यों, मैंने कोई गलत थोड़े ही ना पूछा है। क्या तुम्हें याद नहीं कि तुमनें रीना से भी तो पैसों के लिए ही शादी की थी।” मेघा के मुंह से रीना का नाम सुनते ही वह घबरा गया। घबराहट के मारे उसका शरीर पसीने से तर बतर हो गया। उसने कहा, “तुम रीना को कैसे जानती हो?” मेघा ने कहा, “क्योंकि मैं ही तो रीना हूं।” अब तो अजय को ऐसा लग रहा था जैसे कि मानो उसे हार्ट अटैक ही आएगा।
अजय तेजी से कमरे से बाहर जाने के लिए आगे बढ़ा। लेकिन उसने देखा कि कमरे का गेट अंदर और बाहर से बंद हो गया था। अब बाहर जाने का सवाल ही नहीं उठता था। उसे समझ आ गया था कि यह तो रीना के भूत ने ही किया था। तभी मेघा के शरीर में घुसे रीना की आत्मा ने कहा, “तुमनें मेरे साथ प्यार का नाटक करके मेरे साथ शादी रचाई। तुम मुझे मारने के लिए अच्छे मौके की तलाश में थे। फिर उस दिन हनीमून पर ऐसा नाटक खेला जिससे कि दुनिया को लगे कि मेरी एक्सीडेंट में मौत हो गई है।
लेकिन असल में तुमनें मुझे एक गहरी खाई में धक्का दे दिया था। तुमनें सोचा था कि मेरे मर जाने के बाद सारी जायदाद तुम्हारी हो जाएगी। लेकिन तुम्हें यह नहीं पता था कि वसीयत में मेरे सिग्नेचर होने कितने ज्यादा महत्वपूर्ण थे। लेकिन अफसोस कि वह तुमनें करवाए नहीं। लेकिन बहुत अच्छा हुआ कि मेरी सारी जायदाद मेरे जाने के बाद अनाथ बच्चों के काम आ गई। और यह कितनी अजीब बात है कि तुम अब दूसरी शादी करके फिर से किसी लड़की की जिंदगी खराब करना चाहते हो। लेकिन इस बार मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।”
अजय पागलों की भांति जोरों से चिल्लाया। वह मेघा पर हमला करने के लिए आगे बढ़ा। उसने मेघा का गला दबाने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहा। उसने कहा, “देखो रीना, तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती हो। जैसे मैंने रीना को मारा ठीक वैसे ही मैं तुम्हें भी खत्म कर दूंगा मेघा। बस एक बार विदाई हो जाने दो।” रीना का भूत जोरों से हंसा और बोला, “तुम बहुत शैतान हो अजय।
खैर आज का यह समय बताएगा कि विदाई असल में मेघा की होगी या फिर तुम्हारी।” तभी अचानक लाइट बंद हो गई। अजय को कमरे के गेट पर किसी के खटखटाने की आवाज सुनाई दी। अजय ने गेट खोला और लाइट जलाने के लिए स्विच की ओर हाथ बढ़ाया। एक सेकंड बाद ही अजय बुरी तरह से औंधे मुँह गिर पड़ा। अजय की माँ जोरों से चिल्लाई। उसने देखा कि मेघा जमीन पर बेहोश हुए पड़ी थी। और अजय की बिजली के करंट लगने से मौत हो गई थी।
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