40+नैतिक कहानियां (Moral Stories in Hindi For Kids) – बच्चों के लिए नैतिक कहानियां

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Ekta Ranga

Moral Hindi Story – बचपन के वह सुनहरे दिन नहीं भूली हूं मैं। बचपन का अपना अलग आनंद था। उस समय ना तो किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी थी। और ना ही कोई चिंता। मस्ती में पूरा दिन बीत जाता था। बचपन में एक और चीज मुझे अच्छी लगती थी और वह थी दादी से मजेदार कहानियां सुनना। दादी की वह नैतिक कहानियां सुनकर मन हर्षित हो उठता था। बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाना बहुत आवश्यक होता है। मैं अपनी दादी और मम्मी को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने मुझे नैतिकता के बारे में अच्छा ज्ञान दिया। आज उनकी ही बदौलत मुझे यह पता है कि मुझे समाज में रहकर क्या करना है और क्या नहीं करना है।

Moral Stories in Hindi

आज के समय की जनरेशन पहले की जनरेशन से बहुत अलग है। आज के दौर में मोबाइल का जो फैशन चला है वह एकदम अलग है। आज के समय में हम यह देख सकते हैं कि हर एक बच्चे को स्मार्टफोन चाहिए। हर कोई बच्चा मोबाइल से इतना ज्यादा जुड़ गया है कि बच्चों को सही और गलत के बीच का फर्क़ ही मालूम नहीं पड़ता।

बच्चे जो कुछ भी स्मार्टफोन या टीवी पर देखते हैं वह उसे दोहराने की कोशिश करते हैं। और आज के समय में स्मार्टफोन पर बिना कोई ज्ञान की चीजें ही परोसी जा रही है। वहां कुछ भी दिखाया जाता है और बच्चे उसे असली मानकर अपने जीवन में उन सभी बातों को उतार लेते हैं। जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए।

हम आज से थोड़ा पीछे चलते हैं। एक दौर 90’s के दशक का भी था। उस समय के बच्चों के पास सीमित साधन थे। उस ज़माने में टीवी हर किसी के घर पर नहीं हुआ करती थी। उस समय बच्चे घर के बाहर खेले जाने वाले खेल को ज्यादा महत्व दिया करते थे। और जब रात होती थी तो वह सभी अपने दादा दादी से कहानियां सुनने आ जाते थे।

दादा दादी उनको नैतिकता का जरूरी ज्ञान देते थे। वह सभी बच्चे उन नैतिक कहानियों को सुनकर ही बड़े हुए। नैतिक कहानियां सुनकर उनको जीवन जीने की राह मिलती थी। लेकिन आज के दौर में यह नजारा हमें देखने को नहीं मिलता है। आज हर कोई बच्चा टीवी और मोबाइल में पूर्ण रूप से व्यस्त रहता है। दादा दादी वाली बच्चों की नैतिक कहानियां अब किसी और गलियारे में खो गई है।

बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पढ़ें

नैतिक कहानी-1 मूर्ख गधा
नैतिक कहानी-2 दो चतुर सियार
नैतिक कहानी-3 फूटे घड़े की कहानी
नैतिक कहानी-4 चतुर कौआ
नैतिक कहानी-5 चींटी और टिड्डा की कहानी
नैतिक कहानी-6 झील में नमक
नैतिक कहानी-7 सूर्य और हवा की कहानी
नैतिक कहानी-8 सोने का अंडा
नैतिक कहानी-9 तीन भाई और पत्थर का घर
नैतिक कहानी-10 बाघ और हिरणों की कहानी
नैतिक कहानी-11 भगवान का साथ
नैतिक कहानी-12 मुर्गे और लोमड़ी की कहानी
नैतिक कहानी-13 कबूतर और बहेलिया की कहानी
नैतिक कहानी-14 जैसा करोगे वैसा भरोगे
नैतिक कहानी 15 लालची पत्नी की कहानी
नैतिक कहानी-16 ऊंट और गीदड़ की दोस्ती की कहानी
नैतिक कहानी-17 शेर और दो दोस्त
नैतिक कहानी-18 इंसानियत की कहानी
नैतिक कहानी-19 मछली और बंदर की कहानी
नैतिक कहानी-20 दो भाइयों की कहानी
नैतिक कहानी-21 हाथी और बकरी की दोस्ती
नैतिक कहानी-22 संगत का असर
नैतिक कहानी-23 वफादार नेवला
नैतिक कहानियां-24 नकल मत करो
नैतिक कहानी-25 “मुर्ख कछुआ”
नैतिक कहानी-26 “मुर्ख सारस और केकड़ा”
नैतिक कहानी-27 “गिलहरी की कहानी”
नैतिक कहानी-28 “सच्ची मित्रता”
नैतिक कहानी-29 “चतुर खरगोश”
नैतिक कहानी-30 “नाग और चीटियों की कहानी”
नैतिक कहानी-31 “नासमझ ऊंट की कहानी”
नैतिक कहानी-32 “सपनों का संसार”
नैतिक कहानी-33 “दो मोर की कहानी”
नैतिक कहानी-34 “डरपोक पत्थर की कहानी”
नैतिक कहानी-35 “असली सुंदरता”
नैतिक कहानी-36 “संतोष ही धन है”
नैतिक कहानी-37 “बंदर और मगरमच्छ की कहानी”
नैतिक कहानी-38 “झूठे लड़के की कहानी”
नैतिक कहानी-39 “दर्जी और हाथी की कहानी”
नैतिक कहानी-40 “हुनर का कमाल”

नैतिकता का अर्थ क्या होता है?

नैतिकता एक प्रकार से नीति शास्त्र का ज्ञान होता है। इसके अंतर्गत हम यह सीखते हैं कि हमें समाज में रहकर किस प्रकार से व्यवहार करना है। नैतिकता का ज्ञान होने पर हम समाज में रहकर अच्छे और बुरे का फर्क़ जानते हैं। नैतिकता को हम अंग्रेज़ी में morality कहते हैं।

नैतिकता शब्द की उत्पत्ति लैटिन रूट शब्द ‘एथोस से हुई थी। नैतिकता हमारे अंतर्मन से निकला एक अच्छा भाव होता है। इस प्रकार के भाव से हमें यह निर्देश मिलता है कि हमें अपने जीवन में क्या अच्छा करना है। और कैसे अपने आप को गलत काम करने से रोकना है।

नैतिकता हमें कभी भी यह नहीं सिखाती कि हमें अपनी खुशी के लिए दूसरों को दुःख पहुंचाना है। या खुद के स्वार्थ के लिए दूसरों को घाटे में डालना है। नैतिकता हमें खुद की खुशियों के साथ-साथ दूसरों की खुशियों के बारे में सोचना भी सिखाती है। नैतिकता का पालन करने वाले लोग अपने जीवन में हमेशा सुखी रहते हैं। उनको जीवन की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता है।

जीवन में नैतिकता का महत्त्व

आज अगर हम अपने जीवन में सफल और सुखी हैं तो वह सब नैतिकता की बदौलत ही है। एक नैतिक व्यक्ति जीवन की हर मुश्किलों का सामना बड़ी ही हिम्मत के साथ करता है। पहले के समय और आज के समय में अगर हम अंतर करके देखें तो पता चलता है कि नैतिकता का पतन हुआ है। आज के ज़माने में नैतिकता का पाठ नहीं पढ़ाया जाता है।

नैतिकता तो मानो जैसे खत्म ही हो गई है। आज खुलेआम चोरी, डकैती, व्याभिचार, छल और कपट बड़ी संख्या में हो रहे हैं। आज सिर्फ पैसा कमाना ही मानव जाति का उद्देश्य रह गया है। पैसे के लिए उन्होंने मानवता को भी त्याग दिया है। लोग पैसा पहले भी कमाते थे। लेकिन वह मानवता और पैसे का बराबर संतुलन बनाए रखते थे।

उनमें सहनशीलता थी। लेकिन आज के ज़माने के लोगों में सहनशीलता मानो जैसे खत्म ही हो गई है। ऐसे में नैतिकता का लगातार पतन ही हो रहा है। लेकिन हम मनुष्य समय रहते हुए नैतिकता को पूर्ण रूप से खत्म होने से बचा सकते हैं। हमें अपने बच्चों को बचपन से ही नैतिकता की शिक्षा देनी है जो हम बचपन से अपने बड़ों से लेते आए हैं।

FAQs

Q1. नैतिक कहानियां क्या होती है?

A1. नैतिक कहानियों का अर्थ होता है ऐसी कहानियां जो कि हमें यह सिखाए कि हमें कैसे समाज में रहना है। हमें क्या चीज़ हासिल करनी है और क्या नहीं करनी। नैतिक कहानियां हमारे दिमाग को तेज बनाती है। हमें दयावान बनना सिखाती है। यह कहानियां हमें अंत में बहुत अच्छी सीख दे जाती है।

Q2. एक ऐसी नैतिक कहानी का नाम बताइए जिसको आपने बचपन से पढ़ा हो?

A2. एक ऐसी नैतिक कहानी जिसे हम सभी ने बचपन से पढ़ी है वह है लोमड़ी और अंगूर। इस कहानी में लोमड़ी अंगूर खाने का प्रयत्न तो करती है। लेकिन इतना प्रयास नहीं करती जिससे वह अंगूर खाने में सफल हो जाए।

Q3. जीवन में नैतिकता का क्या महत्व होता है?

A3. जीवन में नैतिकता का होना अति आवश्यक है। इसके बिना हम जीवन को अच्छे से नहीं जी सकते हैं। एक नैतिक व्यक्ति जीवन की हर मुश्किलों का सामना बड़ी ही हिम्मत के साथ करता है। वह जीवन के हर मोड़ पर डटकर खड़ा रहता है।

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