महिमा बहुत ही पढ़ी लिखी सुंदर महिला थी। इतने सालों में बहुत कुछ पा लिया था उसने। वह बचपन से ही बहुत होशियार लड़की थी। अपनी स्कूल में वह हमेशा अव्वल आती थी। उसके माता-पिता हमेशा से यही चाहते थे कि महिमा एक बड़ी डॉक्टर बने। आखिरकार वह कड़ी मेहनत के चलते डॉक्टर बनने में सफल हुई।
वह पल उसके लिए एक बहुत बड़ा पल था। अब वह शादी के हिसाब से बड़ी हो गई थी। उसकी शादी भी एक अच्छे डॉक्टर से हो गई थी। उसका पति भी अच्छा खासा कमाता था। महिमा ने अपने जीवन में जो चाहा वह उसे मिला। इसी बात को लेकर वह बहुत ज्यादा दंभी हो गई थी।
एक दिन हर दिन की तरह रविवार के दिन वह अपनी किटी पार्टी के सदस्यों के आने का इंतजार कर रही थी। उस दिन महिमा का पति काम के सिलसिले से शहर से बाहर गया हुआ था। वह अपने सोफ़े पर बैठी अखबार में एक लेख पढ़ रही थी जिसका शीर्षक था – ‘इंसानियत क्या है?’ उसने एक लंबी साँस भरी और खुद से कहा, “यह लेखक लोगों ने क्या इंसानियत का ढोंग लगा रखा है। क्या उन लोगों ने खुद का आत्म विश्लेषण करके देखा है कि उनमें कितनी इंसानियत है।” समझ में नहीं आ रहा था कि महिमा को इस शब्द से इतनी चिढ़ क्यों हो रही थी। वह अपने ख़्यालों में डूबी हुई ही थी कि अचानक उसके कमरे में किसी का प्रवेश हुआ।
महिमा ने देखा कि उसकी नौकरानी नीना ने उसके घर में प्रवेश किया था। नीना को देखते ही महिमा की मानो जैसे त्योरी चढ़ गई। वह नीना को ऐसे देख रही थी जैसे नीना कोई बहुत बड़ी गुनहगार हो। महिमा ने नीना से पूछा, “तुम आज फिर से इतना लेट आई हो? तुम आखिर चाहती क्या हो? क्या तुम यह नौकरी जारी रखना चाहती भी हो या नहीं?” नीना बोली, “जी, मैडम, मैं नौकरी जारी रखना चाहती हूं।
दरअसल अभी दो दिन से मैं भारी बुखार से जूझ रही थी। इसलिए दो दिन तक मैंने अपने बेटे को आपके यहां साफ़ सफाई के लिए भेजा था।” महिमा ने कहा, “हाँ, आया था तुम्हारा बेटा। लेकिन वह इतना भी बड़ा नहीं है कि घर की अच्छे से साफ़ सफाई कर ले। आजकल काम के मामले में तुम बहुत आलसी हो गई हो।” उन दोनों की बातचीत चल ही रही थी कि अचानक डोरबेल की आवाज से बातचीत भंग हो गई।
महिमा ने देखा कि उसकी किटी पार्टी वाली सारी दोस्त दरवाजे पर खड़ी थी। महिमा ने उन सभी का स्वागत किया। वह सभी अंदर आकर सोफ़े पर बैठ गई। महिमा ने नीना को आदेश दिया कि वह सभी के लिए अच्छी सी कोल्ड कॉफी तैयार करके लाए। नीना रसोई में कोल्ड कॉफी बनाने चली गई। थोड़ी ही देर बाद में वह कॉफी बनाकर बाहर आ गई। उसने टेबल पर सभी के लिए कॉफी के मग रखे और फिर वह झाड़ू निकालने में व्यस्त हो गई। थोड़ी ही देर में किटी पार्टी की महिलाओं में गपशप शुरू हो गई।
महिमा की खास दोस्त दीक्षा ने महिमा से पूछा, “अरे, महिमा आज तुम्हारे ससुर नहीं दिख रहे घर में। तबीयत ठीक तो है ना उनकी?” महिमा ने कहा, “हाँ, वो बिल्कुल ठीक है। दरअसल वह कल रात को ही हरिद्वार के लिए रवाना हो गए थे। मैंने तो उन्हें जाने के लिए मना किया था पर ना जाने उनको क्या भूत सवार था हरिद्वार जाने का।” फिर सभी ने कॉफी पी। कॉफी पीने के बाद सभी महिलाएं अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चर्चा करने लगी।
किसी ने कहा कि उसका बेटा इंजीनियर बनेगा। तो कोई बोली उसकी बेटी पायलट बनेगी। फिर सभी ने दीक्षा से पूछा कि उसकी बेटी क्या बनेगी? तो दीक्षा ने कहा कि उसकी बेटी भी डॉक्टर बनेगी। फिर सभी ने महिमा से पूछा कि उसका बेटा आगे जाकर क्या बनेगा? तो महिमा ने कहा कि उसका बेटा एयर फोर्स जॉइन करेगा।
सभी बात में मशगूल ही थे कि तभी नीना साफ़ सफाई करती हुई सोफ़े के पास पहुंची। अचानक नीना को वहां उपस्थित देख महिमा ने पूछा, “अच्छा नीना, तुम बताओ कि आगे जाकर तुम्हारा बेटा क्या बनेगा?” इससे पहले कि नीना बोलती, दीक्षा ने कहा, “क्या महिमा तुम भी ना। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि इसका बेटा आगे चलकर लोगों के घर का झाड़ू पोछा करेगा।” तभी नीना उसकी बात को काटते बोली, “मेरा बेटा एक बहुत अच्छा इंसान बनेगा।
आज के समय में इंसानियत को कायम रखना बहुत मुश्किल बात हो गई है। लोगों में मानो इंसानियत खत्म हो गई है।” फिर नीना ने खुद के फोन से अपने बेटे को वीडियो कॉल लगाया। जब उसके बेटे ने कॉल रिसीव किया तो सभी ने देखा कि नीना का बेटा एक बुजुर्ग आदमी को खाना खिला रहा था।
सभी ने आश्चर्य भरी नजरों से महिमा की ओर देखा। वह बुजुर्ग आदमी कोई और नहीं बल्कि महिमा का ससुर ही था। तभी नीना बोली, “इस बुजुर्ग आदमी को किसी महिला ने कल रात को घर से निकाल दिया था। वह महिला खुद को बहुत बड़ी डॉक्टर मानती है लेकिन उस महिला में इंसानियत नाम का गुण मर गया है।” महिमा अब शर्मिंदगी के सागर में डूब चुकी थी।
इस कहानी से मिलने वाली सीख- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें इंसानियत कभी भी नहीं भूलनी चाहिए। इंसानियत मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हम कभी भी किसी को अपने से नीचा नहीं दिखाए।
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