नैतिक कहानी-31 “नासमझ ऊंट की कहानी”

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Ekta Ranga

रामु एक बहुत ही सीधा और सरल स्वभाव का ऊंट व्यापारी था। रामु अपने काम में बहुत वफादार था। वह कभी भी किसी को धोखा नहीं देता था। उसकी इसी ईमानदारी के चलते सभी लोग उसकी खूब प्रशंशा और इज्जत करते थे। रामु के पास किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी। वह एक सफल ऊंट व्यापारी था। उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं थी।

वह अपनी पत्नी के साथ मजे से रहता था। उसके सारे रिश्तेदार उसको खूब सराहा करते थे। हालांकि उसको कोई संतान नहीं थी, लेकिन उसे अपने ऊंटों पर ही खूब गर्व था। वह ऊंट ही उसका संसार थे। उसे पता ही नहीं चलता कि उन ऊंटों की देखभाल करते हुए कब दिन बीत जाता था। वह और उसकी पत्नी ऊंटों की दुनिया के सहारे ही जिंदा थे।

उसके पास बहुत सारे ऊंट थे। इतने सारे ऊंटों में एक ऊंट ऐसा भी था जो रामु को अपनी जान से भी ज्यादा प्यारा था। उस ऊंट का नाम गोलू था। रामु को वह इतना पसंद था कि रामु ने उसे एक अलग पहचान देने के लिए उसके गले में एक घंटी रस्सी से बांध दी थी। अब गोलू जब भी चलता तो उसके गले में बंधी वह घंटी भी हिलती। उसकी घंटी की आवाज सभी को अच्छी लगती थी। गोलू अपने मालिक का वफादार ऊंट था। वह बेधड़क होकर घूमता फिरता था। गोलू बहुत बिंदास था। वह किसी से भी नहीं डरता था। गोलू को स्वतंत्र होकर घूमना बहुत अच्छा लगता था। वह सब कुछ अपने मन के मुताबिक करता था।

एक बार ऐसा हुआ कि गोलू और उसके दोस्त घास चरने को गए। जब वह घास चर रहे थे तब एक खूंखार भेड़िया उनको देखकर खेत में घुस आई। उसे देखकर सभी ऊंट एकदम से सचेत हो गए। लेकिन एक गोलू था जो बेफिक्र होकर इधर उधर घूम रहा था। जैसे तैसे करके दूसरे ऊंटों ने गोलू को भेड़िए से बचाया।

जब रामु को यह बात पता चली तो उसे गोलू पर बहुत गुस्सा आया। उसने गोलू को इस तरह की लापरवाही के लिए खूब डांटा। गोलू को इस बात पर बहुत दुख हुआ कि उसका मालिक आज उसे इस तरह से डांट रहा है। लेकिन थोड़ी ही देर बाद में उसका मूड एकदम सही हो गया। वह फिर से सामान्य हो गया।

एक दिन गोलू के साथ एक बहुत बड़ी अनहोनी होने वाली थी। लेकिन गोलू इस बात से बिल्कुल अनजान था। हुआ यूं कि एक दिन गोलू के सभी ऊंट दोस्त पास के ही एक जंगल में चारा खाने और पानी पीने जा रहे थे। जब गोलू ने अपने दोस्तों से कहा कि वह भी उनके साथ जंगल चलना चाहता है तब उसके दोस्तों ने उसे ऐसा करने से रोक दिया। उन्होंने कहा, “गोलू, तुम वहां नहीं चल सकते हो। अगर तुम अभी वहां चले तो गले में बंधी घंटी की आवाज से शेर सतर्क हो जाएंगे और यह हमारे लिए घाटे का सौदा होगा। गोलू ने उनकी बात मान ली।

लेकिन थोड़ी ही देर बाद में ही गोलू यह भूल गया कि उसके दोस्तों ने उसे जंगल आने के लिए मना किया था। वह बिना सोचे समझे जंगल पहुंच गया। उसने बहुत कोशिश की कि वह घंटी की आवाज ना करे। लेकिन आखिर होनी को कौन टाल सकता था। वही हुआ जो होना था। गोलू जब नदी से पानी पी रहा था तब गलती से उसके गले की घंटी बज गई।

घंटी बजते ही सारे ऊंट डर गए। वह शेर के डर के चलते इधर उधर भागने लगे। आखिरकार शेर भागता हुआ आया और ऊंटों के झुंड पर हमला करना चाहा। लेकिन ऊंट भागने में सफल हुए। बस एक गोलू को इस बात की खबर नहीं थी कि शेर उसकी ओर दौड़ा आ रहा है। गोलू ख्यालों की दुनिया में डूबा हुआ था। कि तभी अचानक शेर ने गोलू पर झपटा मारा और गोलू वहीं ढेर हो गया।

इस कहानी से मिलने वाली सीख – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों की बात को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हमें जीवन में हमेशा एक जिम्मेदार व्यक्ति की तरह रहना चाहिए। बेपरवाह लोग अपने जीवन में हमेशा खामियाज़ा भुगतते हैं।

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