बचपन में मैं जब छोटी थी तो बहुत सी ऐसी चीजें भी होती थी जिसको समझ पाना बहुत मुश्किल का काम होता था। इन चीजों में शामिल थी गणित के जटिल सवालों को समझना। इन सवालों को मैं जितना ज्यादा सुलझाने की कोशिश करती, उतना ही मेरा दिमाग उलझ जाता था। एक और बचपन की बात मुझे याद आती है। दरअसल बचपन में मुझे मुहावरों का अर्थ समझ नहीं आता था। इसी कारण के चलते मैं बहुत बार कई चीजों में कंफ्यूज भी हो जाती थी। एक ऐसा ही वाक्या बचपन में ऐसा हुआ कि आज भी उस बात को याद करके सभी खूब हंसते हैं।
मुहावरों पर आधारित कहानियां
तो मैं आपको बता रही थी कि बचपन में एक बार मेरे साथ ऐसी हास्यास्पद घटना हुई, जो कि मुहावरे से संबंधित थी। मैं उस वक्त मात्र 6 साल की थी। एक दिन ऐसा हुआ कि हम सभी परिवार वाले आंगन में बैठे बहुत सी चीजों पर विचार-विमर्श कर रहे थे। एक बात व्यापार से संबंधित भी थी। इसलिए मेरे दादाजी ने मेरे पापा को कहा कि, “मोहन, जब हमें चाहिए कि व्यापार में हमारा काम बिना कोई दिक्कत के चले तो ऐसे मौकों पर हमें गधे को भी बाप बनाना पड़ता है।” अब जैसे ही मैंने यह बात सुनी, मैंने झट से दादाजी से कहा, “दादाजी, आप यह क्या कह रहे हैं? अगर गधा मेरा बाप बन गया, तो मैं स्कूल कैसे जाऊँगी। मुझे तो उसे अपना पापा कहते ही शर्म आएगी।
अगर गधा मेरा बाप बना तो मैं स्कूल नहीं जाऊंगी।” ऐसा कहते ही मैं उदास हो गई। मेरा ऐसा कहना हुआ और उधर मेरे सारे परिवार जोर जोर से ठहाके लगाकर हंसने लगे। फिर मेरे पापा ने मुझे पास में बुलाया और कहा, “बेटा, कोई गधा तुम्हारा बाप नहीं बनेगा। दरअसल दादाजी ने जो वाक्य बोला उसे हम मुहावरा कहते हैं। इसका मतलब है कि जब हमें अपना काम निकालना हो तो इसके लिए मूर्ख की खुशामद करनी पड़ती है।” उस वक्त मुझे मुहावरों की असली समझ नहीं थी। पर आज भी जब यह घटना मुझे याद आती है तो मैं अपने आप को हंसने से रोक नहीं सकती।
मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
संस्कृत भाषा को हर एक भाषा की जननी माना जाता है। संस्कृत भाषा से बहुत ही शब्द बने हैं। लेकिन ऐसी कई विदेशी भाषाएं भी हैं जिनसे भी अनेकों हिंदी शब्द बने हैं। शब्दों के ही साथ साथ मुहावरे भी बने हैं। तो हम अब यह समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर मुहावरे का अर्थ होता क्या है। मुहावरा शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा से हुई थी। हिंदी भाषा में मुहावरे को हम वाग्धारा नाम से जानते हैं। जब किसी एक वाक्य का एक अन्य मतलब भी निकलता है तो उसे हम मुहावरा कहते हैं। हम अपने दैनिक जीवन में मुहावरों का प्रयोग इसलिए करते हैं ताकि बोले जाने वाले वाक्य और भी ज्यादा सुन्दर, प्रभावशाली तथा संक्षिप्त बन सके। मुहावरे को अन्य भाषा में अभ्यास भी कहा जाता है। मुहावरा अक्सर छोटा वाक्य होता है। पर मुहावरे का अर्थ बड़ा होता है।
मुहावरे की विशेषताएं
1) मुहावरे को एक वाक्यांश माना जाता है।
2) मुहावरे को कभी भी पूर्ण वाक्य में नहीं लिखा जाता है।
3) मुहावरों को लिखते समय उनको सीमित क्षेत्र तक रखा जाता है।
4) मुहावरे हमेशा एक जैसे ही रहते हैं।
5) मुहावरे हमेशा परिवर्तनशील होते हैं। जैसे-जैसे समाज और परिस्थितियां बदलती है ठीक उसी प्रकार मुहावरों में भी अलग अलग बदलाव आता रहता है।
6) आप सभी ने यह एक बात सामान्य रूप से देखी होगी कि सभी मुहावरे मानव शरीर के अंगों से संबंधित ही होते हैं।
7) मुहावरे अक्सर जीवन के अनुभवों पर आधारित होते हैं।
हिंदी के प्रसिद्ध मुहावरे
1) अक्ल पर पत्थर पड़ना – बुद्धि भष्ट होना
2) अक्ल का चरने जाना – समझ का अभाव होना
3) अपने पैरों पर खड़ा होना – स्वालंबी होना
4) अपनी खिचड़ी अलग पकाना – स्वार्थी होना, अलग रहना
5) आसमान से बातें करना – बहुत ऊँचा होना
6) आस्तीन का साँप – कपटी मित्र
7) आकाश-पाताल एक करना – अत्यधिक परिश्रम करना
8) आँतों में बल पड़ना – पेट में दर्द होना
9) आग से खेलना – खतरनाक काम करना
10) आटे-दाल का भाव मालूम होना – दुनियादारी का ज्ञान होना या कटु परिस्थिति का अनुभव होना
11) इस कान सुनना, उस कान निकालना – ध्यान न देना
12) ईंट का जबाब पत्थर से देना – जबरदस्त बदला लेना
13) उड़ती चिड़िया को पहचानना – मन की या रहस्य की बात तुरंत जानना
14) उन्नीस बीस का अंतर होना – थोड़ा-सा अन्तर
15) नांच ना जाने आँगन टेढा – स्वंय की अकुशलता को दूसरों पर थोपना
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FAQs
A1. मुहावरा शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा से हुई थी। हिंदी भाषा में मुहावरे को हम वाग्धारा नाम से जानते हैं। जब किसी एक वाक्य का एक अन्य मतलब भी निकलता है तो उसे हम मुहावरा कहते हैं।
A2. मुहावरे का दूसरा नाम है – रोज़मर्रा’, ‘बोलचाल’, ‘तर्ज़ेकलाम’, या ‘इस्तलाह’।
A3. आग बबूला होना मुहावरे का अर्थ है बहुत क्रोधित हो जाना।
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