नए साल पर कविताएं (Poems On New Year In Hindi)- हर साल हम अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार एक जनवरी को नया साल मनाते हैं। नया साल एक ऐसा अवसर होता है जो हमारे लिए आने वाले पूरे साल में कुछ नया करने और कुछ नया सीखने के कई मौके लेकर आता है। नया साल तो हर साल आता है और हम हर साल नये साल का स्वागत बड़ी ही धूमधाम से करते हैं। मगर हमें एक सवाल अपने आप से ज़रूर करना चाहिए कि हमने उस पूरे एक साल के समय में कौन सा ऐसा अच्छा काम किया, जो आने वाले कई सालों तक हमें याद रहे।
नए साल पर कविताएं (Poems On New Year In Hindi)
नए साल का जश्न हर कोई अपने-अपने अंदाज़ में मनाता है और नए साल के अवसर पर parikshapoint.com आपके लिए नए साल पर कविता हिंदी में (New Year Poems In Hindi) लेकर आया है। आप इस पोस्ट में दी गई नव वर्ष पर कविता (New Year Poetry Hindi) को पढ़कर जान सकते हैं कि हमें अपना नया साल किस तरह से मनाना चाहिए। न्यू ईयर पर कविता हिंदी में (Hindi Poems On New Year) लिखने का हमारा उद्देश्य लोगों तक नए साल के बारे में सही संदेश पहुंचाना है। आप Hindi Poem On New Year के माध्यम से एक-दूसरे को नए साल की बधाई भी दे सकते हैं। इसके अलावा बच्चे Happy New Year Poem In Hindi अपने स्कूल में भी सुना सकते हैं। न्यू ईयर कविता हिंदी में (New Year Kavita In Hindi) नीचे से पढ़ें।
01 जनवरी नए साल पर कविता हिंदी में
01 January New Year Poem In Hindi
नए साल पर कविता
Hindi Poem For New Year
कविता 1
नए साल की शुभकामनाएँ!
खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पाँव को
कुहरे में लिपटे उस छोटे से गाँव को
नए साल की शुभकामनाएं!
जाँते के गीतों को बैलों की चाल को
करघे को कोल्हू को मछुओं के जाल को
नए साल की शुभकामनाएँ!
इस पकती रोटी को बच्चों के शोर को
चौंके की गुनगुन को चूल्हे की भोर को
नए साल की शुभकामनाएँ!
वीराने जंगल को तारों को रात को
ठंडी दो बंदूकों में घर की बात को
नए साल की शुभकामनाएँ!
इस चलती आँधी में हर बिखरे बाल को
सिगरेट की लाशों पर फूलों से ख़याल को
नए साल की शुभकामनाएँ!
कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को
हर नन्ही याद को हर छोटी भूल को
नए साल की शुभकामनाएँ!
उनको जिनने चुन-चुनकर ग्रीटिंग कार्ड लिखे
उनको जो अपने गमले में चुपचाप दिखे
नए साल की शुभकामनाएँ!
– नए साल की शुभकामनाएं ! / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
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नव वर्ष पर कविता
Hindi New Year Poem
कविता 2
अलविदा ओ पतझड़!
बाँध लिया है अपना डेरा-डफेरा
हाँक दिया है अपना रेवड़
हमने पथरीली फाटों पर
यह तुम्हारी आखिरी ठण्डी रात है
इसे जल्दी से बीत जाने दे
आज हम पहाड़ लाँघेंगे, उस पार की दुनिया देखेंगे!
विदा, ओ खामोश बूढ़े सराय!
तेरी केतलियाँ भरी हुई हैं लबालब हमारे गीतों से
हमारी जेबों में भरी हुई है ठसाठस तेरी कविताएँ
मिलकर समेट लें
भोर होने से पहले
अँधेरी रातों की तमाम यादें
आज हम पहाड़ लाँघेंगे, उस पार की हलचल सुनेंगे!
विदा, ओ गबरू जवान कारिन्दो!
हमारी पिट्ठुओं में
ठूँस दी है तुमने
अपनी संवेदनाओं के गीले रूमाल
सुलगा दिया है तुमने
हमारी छातियों में
अपनी अँगीठियों का दहकता जुनून
उमड़ने लगा है एक लाल बादल
आकाश के उस कोने में
आज हम पहाड़ लाँघेंगे, उस पार की हवाएँ सूँघेंगे!
सोई रहो बर्फ़ में
ओ, कमज़ोर नदियों
बीते मौसम घूँट-घूँट पिया है
तुम्हें बदले में कुछ भी नहीं दिया है
तैरती है हमारी देहों में तुम्हारी ही नमी
तुम्हारी ही लहरें मचलती हैं
हमारे पाँवों में
सूरज उतर आया है आधी ढलान तक
आज हम पहाड़ लाँघेंगे उस पार की धूप तापेंगे!
विदा, ओ अच्छी ब्यूँस की टहनियों
लहलहाते स्वप्न हैं हमारी आँखों में
तुम्हारी हरियाली के
मज़बूत लाठियाँ हैं हमारे हाथों में
तुम्हारे भरोसे की
तुम अपनी झरती पत्तियों के आँचल में
सहेज लेना चुपके से
थोड़ी-सी मिट्टी और कुछ नायाब बीज
अगले बसंत में हम फिर लौटेंगे!
– अलविदा / अजेय
Hindi Poem New Year
कविता 3
आओ, नूतन वर्ष मना लें!
गृह-विहीन बन वन-प्रयास का
तप्त आँसुओं, तप्त श्वास का,
एक और युग बीत रहा है, आओ इस पर हर्ष मना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!
उठो, मिटा दें आशाओं को,
दबी छिपी अभिलाषाओं को,
आओ, निर्ममता से उर में यह अंतिम संघर्ष मना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!
हुई बहुत दिन खेल मिचौनी,
बात यही थी निश्चित होनी,
आओ, सदा दुखी रहने का जीवन में आदर्श बना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!
– आओ, नूतन वर्ष मना लें / हरिवंशराय बच्चन
New Year Hindi Poem
कविता 4
(वृद्धों को)
रह स्वस्थ आप सौ शरदों को जीते जाएँ,
आशीष और उत्साह आपसे हम पाएँ।
(प्रौढ़ों को)
यह निर्मल जल की, कमल, किरन की रुत है।
जो भोग सके, इसमें आनन्द बहुत है।
(युवकों को)
यह शीत, प्रीति का वक्त, मुबारक तुमको,
हो गर्म नसों में रक्त मुबारक तुमको।
(नवयुवकों को)
तुमने जीवन के जो सुख स्वप्न बनाए,
इस वरद शरद में वे सब सच हो जाएँ।
(बालकों को)
यह स्वस्थ शरद ऋतु है, आनंद मनाओ।
है उम्र तुम्हारी, खेलो, कूदो, खाओ।
– नए वर्ष की शुभकामनाएँ / हरिवंशराय बच्चन
न्यू ईयर पर कविता
Beautiful New Year Poem In Hindi
कविता 5
आओ मिलकर गले इस नये साल में
भूल जायें गिले इस नये साल में।
घर न कोई जले इस नये साल में
फूल हर सू खिले इस नये साल में।
देशवासी सभी चाहते हैं यही
देश फूले फले इस नये साल में।
नफ़रतें ख़त्म होकर, शुरू फिर से हों
प्यार के सिलसिले इस नये साल में।
आपका साथ यूँ ही, मिला जो हमें
जीत लेंगे किले इस नये साल में।
सबके आँगन में खुशियों की गंगा बहे
और विपदा टले इस नये साल में।
बस तमन्ना है ‘अम्बर’ हमारी यही
हो सभी के भले इस नये साल में।
– आओ मिलकर गले इस नये साल में / अभिषेक कुमार अम्बर
Naye Saal Par Kavita
कविता 6
सुनहरे पलों की झंकार,
ले कर आया नया साल।
रंग बिरंगे फूलों की खुशबू,
ले कर आया नया साल।
उमंगों का अनमोल उपहार,
ले कर आया नया साल।
उम्मीदों का नया सवेरा,
ले कर आया नया साल।
कविता 7
भूल कर बीती बातों को,
एक नए मुकाम को पाना है,
नए साल में हमको,
एक नया इतिहास बनाना है,
ऊपर उठना है अब हमको,
हौसला ये बनाना है,
रुकना नहीं है अब हमको,
आगे कदम बढ़ाना है,
नए साल में हमको,
एक नया इतिहास बनाना है।
कविता 8
आरंभ का अंत,
हो जाना नया साल है,
उदय होते हुए सूरज का,
ढल जाना नया साल है,
खिल के फूल का,
डाल से उतर जाना नया साल है,
एक दर्द भूल कर सुख को,
पहचान जाना नया साल है।
कविता 9
नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है,
खुशियों की बस इक चाहत है।
नया जोश, नया उल्लास,
खुशियां फैले, करे उजास।
नैतिकता के मूल गढ़ें,
अच्छी – अच्छी बातें पढ़ें।
कोई भूखा पेट न सोए,
सम्पन्नता के बीज बोएं।
नए वर्ष की पहली सुबह,
दे सबको अच्छी सौगात।
कविता 10
नवल हर्षमय नवल वर्ष यह,
कल की चिन्ता भूलो क्षण भर;
लाला के रँग की हाला भर
प्याला मदिर धरो अधरों पर!
फेन-वलय मृदु बाँह पुलकमय
स्वप्न पाश सी रहे कंठ में,
निष्ठुर गगन हमें जितने क्षण
प्रेयसि, जीवित धरे दया कर!
साभार- कविता कोश
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