पंडित जवाहरलाल नेहरू पर कविताएं (Poems On Pandit Jawaharlal Nehru In Hindi): चाचा नेहरू पर कविता पढ़ें

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पंडित जवाहरलाल नेहरू जिन्हें हम चाचा नेहरू के नाम से भी जानते हैं, उनका 14 नवंबर सन् 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। हमारे देश को आज़ाद करवाने में चाचा नेहरू की अहम भूमिका थी। देश को आज़ादी मिलने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और उन्होंने बच्चों की शिक्षा के अधिकार पर विशेष ज़ोर दिया। वह सभी बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। जवाहरलाल नेहरू ने देशहित के लिए बहुत से नेक कार्य किए और अपने काम से सभी को प्रेरित किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू का निधन 27 मई सन् 1964 को हुआ।

जवाहरलाल नेहरू पर कविता

बच्चों के प्रति चाचा नेहरू के अपार प्रेम और स्नेह को देखते हुए हर साल उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। चाचा नेहरू जयंती पर हम आपके लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू पर कविता हिंदी में (Pandit Jawaharlal Nehru Poem In Hindi) लेकर आये हैं।

कविता 1

नेहरू चाचा तुम्हें सलाम।
अमन-शांति का दे पैगाम॥
जग को जंग से बचाया।
हम बच्चों को भी मनाया॥
जन्मदिवस बच्चों के नाम।
नेहरू चाचा तुम्हें सलाम॥
देश को दी हैं योजनाएं।
लोहा और इस्पात बनाए॥
बांध बने बिजली निकाली।
नहरों से खेतों में हरियाली॥
प्रगति का दिया इनाम।
नेहरू चाचा तुम्हें प्रणाम॥

कविता 2

चाचा नेहरू प्यारे थे,
भारत माता के राजदुलारे थे!
देश के पहले पधानमंत्री थे,
स्वतंत्रता के सैनानी थे!
बच्चे इनको सदा प्यार से,
चाचा नेहरू कहते थे।
चाचाजी इन बच्चों के बीच,
बच्चे बनकर रहते थे॥
अचकन में फूल लगाते थे,
हमेशा ही मुस्काते थे!
बच्चों से प्यार जताते थे!
चाचा नेहरू प्यारे थे!
देश की खातिर जीना-मरना,
यही आपने हमें सिखाया
सदा सभी से प्रेम से रहना,
जीवन का उद्देश्य बताया
सब नेताओ से न्यारे तुम,
बच्चों को सबसे प्यारे तुम,
कितने ही तूफान आ गए,
लेकिन कभी नहीं हारे तुम।
आजादी की लड़ी लड़ाई,
बिना तमक, बिना तमाचा,
देश विदेश यह घूमते थे,
बहुत सारी जानकारी प्राप्त करते थे,
फिर भी अपने देश से यह प्यार करते थे!
चाचा नेहरू राजकुमारे थे!

कविता 3

चाचा नेहरू का बच्चों से है बहुत पुराना नाता
जन्मदिन चाचा नेहरू का बाल दिवस कहलाता
चाचा नेहरू ने देखे थे नवभारत के सपने
उस सपने को पूरा कर सकते हैं उनके अपने बच्चे
बाल दिवस के दिन हम सभी बच्चे मिलकर गीत ख़ुशी के गायेगें
चाचा नेहरू के चरणों में फूल मालाएं चढ़ाएंगे!
शालाओं में भी होते हैं नये नये आयोजन
जिसको देख कर आनंदित होते हैं हम बच्चो के तन मन
बाल दिवस के इस पावन पर्व पर एक शपथ ये खाओ
ऊँच नीच का भेद भूलकर सबको गले लगाओ!

कविता 4

चाचा नेहरू ने देखे थे,
नव भारत के सपने
सपने पूरे कर सकते थे,
उनके बच्चे अपने
ऐसी शिक्षा हमें आपसे मिली,
यही सौभाग्य हमारा
मरकर भी हो गया अमर जो,
चाचा नेहरू सबका प्यारा

कविता 5

बहुत माना हठी था, तेज था, तर्रार था नेहरू
सरित हम थाहते जब तक कि उड़ कर पार था नेहरू
हमारी शिथिलता, जड़ता, कुढ़ाती थी उसे अक्सर
करे क्या पाँव में बिजली बँधी लाचार था नेहरू!
हमारी जय-पराजय भावना का द्वार था नेहरू
सफलता या विफलता, पूर्ण एकाकार था नेहरू
बहुत थे पूज्य गौतम और गाँधी, पर बहुत ऊँचे
मनुज हम-सा, हमींमें से, हमारा प्यार था नेहरू

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