कविता (Poem In Hindi) | Kavita

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कविता या हिंदी कविता हिंदी साहित्य में हिंदी पद्य का महत्त्वपूर्ण भाग है। हिंदी कविताएँ हिंदी साहित्य की विकास यात्रा में हमेशा साथ रही हैं। अगर हम ये कहें तो गलत न होगा कि हिंदी भाषा व हिंदी साहित्य के विकास में हिंदी कविताओं ने एक अहम भूमिका निभाई है। अब भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी हिंदी कविताएँ पढ़ी जा रही हैं और उन्हें पसंद भी किया जा रहा है। पूरी दुनिया में हिंदी कविता का स्थान धीरे-धीरे ऊंचा उठ रहा है और ऐसा केवल हिंदी लेखकों व कवियों के हिंदी प्रेम की वजह से ही संभव हो पाया है।

कविता (Poem In Hindi)

हिंदी कविता को पढ़ने, समझने, याद करने व लिखने की शुरुआत स्कूल से ही हो जाती है। स्कूल में विद्यार्थी हिंदी विषय के पद्य या काव्य खंड में हिंदी की कविता (Hindi Ki Kavita) का अध्ययन करते हैं व हिंदी कविताओं की प्रसंग सहित व्याख्या करना भी सीखते हैं। जिन विद्यार्थियों की रुचि हिंदी में अधिक होती है वो भविष्य में हिंदी लेखक व कविता लेखक बनते हैं। अगर आपकी भी रुचि हिंदी में कविताएं पढ़ने व लिखने की है, तो ये पोस्ट आपके काफी काम आ सकती है क्योंकि इस पोस्ट में हम कविता हिंदी में से जुड़ी कुछ ज़रूरी जानकारियां लेकर आये हैं, जैसे- कविता क्या है, कविता का अर्थ व परिभाषा, हिंदी कविता का इतिहास, कविता कैसे लिखते हैं आदि।

कविता क्या है?

कविता साहित्य की वो विधा या कला है जिसमें कवि अपने मन के भावों और विचारों को कलात्मक रूप से किसी भाषा के माध्यम से अभिव्यक्त करता है। कविता कवि की स्वयं की काव्यात्मक रचना और कृति होती है, जिसमें छंदों का प्रयोग बड़े ही रोचक और विधिवत तरीके से किया जाता है। कविता में कवि शब्दों के ज़रिए अपने मन की संवेदना को प्रकट करता है। कविता के भाव जितना कविता लिखने वाले के निकट होते हैं उतने ही वह भाव कविता पढ़ने वाले के भी निकट होते हैं।

कविता कवि और पाठक दोनों की संवेदना के निकट होती है। कई कविताएं ऐसी होती हैं जो न केवल हमारे मन को छू लेती हैं बल्कि कभी-कभी हमें अंदर तक झकझोर कर रख देती हैं। कविता कवि की भाषा, विचार, भाव और संवेदना का मिश्रण होती है, जो हमें अपने साथ जुड़ने व अपना बना लेने का बोध करवाती है। कविता भाषा और भावना की वो शक्ति है जो पत्थर को मोम कर सकती है और मोम को पत्थर। कविता मन की आत्मा से बनती है जो कोरे काग़ज़ पर छपकर जीवित हो उठती है।

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कविता का अर्थ

कविता का अर्थ है मन के विचारों और भावों को भाषा के माध्यम से दूसरों के सामने अभिव्यक्त करना। कविता को हिंदी में काव्य, काव्य रचना, कृति, पद्य आदि कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है। अंग्रेज़ी में कविता को हम पोयम (Poem) या पोएट्री (Poetry) कहते हैं। हम सभी संवेदना, भावना और चेतना से भरे हुए प्राणी हैं और हर प्राणी प्रकृति से जुड़ा हुआ है। हमारे मन में हर रोज़ अलग-अलग तरह के भाव उत्पन्न होते हैं। इन भावों में दुख-सुख, रोना-हंसना, गम-खुशी, आशा-निराशा, हार-जीत, प्रेम-घृणा, दया-क्रोध आदि शामिल हैं।

जब हमारे यही भाव शब्दों और भाषा के माध्यम से किसी पन्ने पर लिखकर रख दिये जाते हैं, तो वह कविता का रूप ले लेते हैं। अतः हम कविता के अर्थ के रूप में कह सकते हैं कि जब मनुष्य के मन के भाव किसी भाषा में परिवर्तित व संकलित होकर प्रकाशित होते हैं, तो उसे कविता कहते हैं। जिस प्रकार मनुष्य के भाव वास्तविक और काल्पनिक दोनों होते हैं, उसी प्रकार कविताएं भी वास्तविक और काल्पनिक दोनों होती हैं।

कविता की परिभाषा

कविता साहित्य का वो अंग है जिसे हिंदी के साहित्यकारों व विद्वानों ने अपने-अपने तरीके से परिभाषित किया है, जो निम्नलिखित हैं-

पंडित जगन्नाथ के अनुसार- “रमणीयार्थ प्रतिपादकः शब्द: काव्यम्, अर्थात् सुंदर अर्थ प्रतिपादित करने वाला शब्द ही काव्य कहलाता हैं।”

प्रोफेसर रमन बिहारी के अनुसार- “मानव सौन्दर्यात्मक प्राणी है। वह समाज में रहकर कुछ अनुभूति करता है एवं उसे प्रकट करता है, भिन्न-भिन्न माध्यमों से। जब वह अपनी अनुभूति को भाषा के माध्यम से इस प्रकार अभिव्यक्त करता है कि उसमें सरलता एवं सरसता हो, माधुर्य तथा ओज हो और ह्रदय को स्पन्दित करने की शक्ति हो, तो हम उसे कविता कहते हैं।”

श्री जयशंकर प्रसाद के अनुसार- “पद्य (कविता) आत्मा की संकल्पनात्मक अनुभूति है।”

आन्नर्धनाचार्य के अनुसार- “काव्यास्यात्मा ध्वनिः, काव्य की आत्मा ध्वनि है।”

आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार- “कविता वह साधन है जिसके द्वारा सृष्टि के साथ मनुष्य के रागात्मक संबंध की रक्षा और निर्वाह होता है।”

हिंदी कविता का इतिहास

हिंदी कविता के इतिहास को हम हिंदी साहित्य के इतिहास से जोड़कर देख सकते हैं, क्योंकि हिंदी कविता की शुरुआत हिंदी साहित्य के साथ ही हो गई थी। पहले बड़े-बड़े ग्रंथों को छोटा करने के लिए कविता में परिवर्तित किया जाता था, जिसमें कवि बड़े ही कलात्मक तरीके से छंदों को एक साथ जोड़ देते थे। पहले भारत में हिंदी कविताओं और हिंदी रचनाओं को इतना अधिक महत्त्व नहीं दिया जाता था और ना ही रचनाओं को प्रमुख स्थान दिया जाता था। वैसे तो हिंदी कविता का इतिहास प्राचीन काल से ही चला आ रहा है जिसकी शुरुआत ऋषि भरतमुनि से मानी जाती है।

प्राचीन समय में कविताएँ उतनी प्रसिद्ध नहीं थीं लेकिन फिर भी कुछ कवियों ने इसे आगे विकसित करने का काम किया और आधुनिक काल के आते-आते हिंदी कविता को पहचान मिलने लगी। हिंदी कविता के लिए आधुनिक काल एक ऐसा समय रहा जिसमें हिंदी कविता के अनेक कवि आए और उन्होंने अपनी आधुनिक हिंदी कविता के माध्यम से लोगों को कविता पढ़ने व लिखने के लिए प्रेरित किया। हिंदी कविताओं ने हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई। आधुनिक हिंदी कविता की शुरुआत और विकास यात्रा में भारतेंदु हरिश्चंद्र का सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान रहा जिन्हें हिंदी कविता का पितामह भी कहा जाता है।

कविता कैसे लिखते हैं?

कविता या हिंदी में कविता लिखने से पहले ज़रूरी है कविताओं को पढ़ना और समझना। जब तक आप हिंदी कविताओं को पढ़ेंगे नहीं तब तक आपके लिए हिंदी कविता लिखना कठिन होगा। इसलिए ज़रूरी है कि कविता लिखने से पहले आप कविता पढ़ने की आदत डालें। रोज़ कोई भी एक अच्छी कविता पढ़ने की कोशिश करें और समझें की उसमें क्या लिखा है। जब आप कुछ कविताओं को पढ़ लेंगे तब आप देखेंगे कि आपकी कविता लिखने की समझ भी धीरे-धीरे विकसित हो रही है और एक दिन आप भी अच्छी कविता लिखने लगेंगे।

हिंदी कविता लिखने के लिए हिंदी भाषा की समझ का होना जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी भावों को समझना भी है। जो व्यक्ति अपने मन की संवेदनाओं और भावनाओं को समझ लेता है, वो उसे कविता के माध्यम से अभिव्यक्त कर सकता है। कविता का सीधा संबंध हमारे मन की आत्मा से होता है क्योंकि कोई भी कविता तब तक अधूरी होती है जब तक लिखने वाले को और पढ़ने वाले को उसमें आत्मीयता का भाव महसूस न हो और वह उसे खुद से, प्रकृति से और सृष्टि से जुड़ा हुआ महसूस न करे। जो कविता कवि के मन की गहराई से निकलकर पाठक के मन की गहराई तक पहुंचती है, उसे ही कविता की सफलता माना जाता है।

कविता के विषय

कविता का विषय क्षेत्र बहुत ही व्यापक है। हम जो अपने आसपास देखते हैं, महसूस करते हैं और अनुभव करते हैं, उन सभी का संबंध कविता से होता है। कविता लिखने के लिए हम इधर-उधर विषय ढूंढते फिरते हैं, जबकि विषय हमारे सामने ही होते हैं और हम उन्हें पहचान नहीं पाते। कविता के विषयों की अगर हम बात करें, तो उसमें प्रकृति, पर्यावरण, पहाड़, जल, नदी, आकाश, धरती, आग, हवा, सूरज, चांद, फूल, मां, बेटी, बच्चे, गुरु आदि शामिल हैं।

कविता पर आधारित FAQs

प्रश्न- कविता का अर्थ क्या है?

उत्तरः कविता का अर्थ साहित्य की उस विधा या कला से है जिसमें मन के विचारों और भावनाओं को भाषा के माध्यम से अभिव्यक्त किया जाता है।

प्रश्न- कविता का महत्व क्या है?

उत्तरः कविता जीवन के वास्तविक और काल्पनिक अनुभवों का बोध करवाती है।

प्रश्न- कविता का उद्देश्य क्या है?

उत्तरः कविता का उद्देश्य मन के सौंदर्यभाव को जागृत करना है।

प्रश्न- कविता का मूल तत्व क्या है?

उत्तरः कविता का मूल तत्व व्यक्ति के विचार और भाव हैं।

प्रश्न- कविता कैसे बनती है?

उत्तरः कविता छंदों के मेल से बनती है।

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