विक्रम और बेताल की कहानियां (Vikram Betal Stories in Hindi) विक्रम बेताल की कहानियां पढ़ें

Photo of author
Ekta Ranga

जो कोई भी अभी 25-40 साल के बीच की उम्र में है, उसे यह अच्छे से याद होगा कि एक ज़माने में वह टीवी पर अलिफ लैला, हातिम ताई और विक्रम बेताल जैसे धारावाहिक देखा करते थे। यह धारावाहिक वाकई में बहुत ही ज्यादा दिलचस्प हुआ करते थे। हम बेसब्री से इनका इंतजार करते थे। इनमें भी विक्रम और बेताल की कहानियों की तो बात ही कुछ और ही थी। एक अलग प्रकार का आनंद आता था इन कहानियों को देखने में। ऐसे धारावाहिकों को देखने में जो आनंद आता है उतना आनंद पढ़ने में नहीं आता।

Vikram Betal ki Kahani

जब हम ऐसे धारावाहिक देखते हैं तो हमारी दिलचस्पी बढ़ती है कि अब आने वाले कल के एपिसोड में क्या आएगा। और हम सभी बड़े हुए हैं इन्हीं कहानियों को देखकर। एक ज़माने में यह धारावाहिक मेरा भी पसंदीदा धारावाहिक हुआ करता था। जब छोटी थी तो सोचा करती थी कि विक्रम और बेताल की कहानियां सच्ची है। मैंने तो यह तक सोच लिया था कि बेताल को अगर आप बुलाओ तो वह सच में आ सकता है।

मेरे बड़े मेरी नादानी भरी इन बातों पर हंस दिया करते थे। वह भी मेरी हाँ में हाँ मिला दिया करते थे। पर जब बड़ी हुई तो पता चला कि विक्रम और बेताल की कहानियां मात्र काल्पनिक है। दरअसल विक्रम असल जीवन में एक महान राजा था। और जो बेताल नाम का पिशाच था वह असल में राजा विक्रमादित्य का ही मंत्री था। तो हम आपके लिए लेकर आए हैं बेताल पचीसी कहानियां। उम्मीद करते हैं कि आपको यह कहानियां पढ़ने में मज़ा आएगा।

विक्रम और बेताल कौन थे?

बचपन में हमें शायद यह पता नहीं था कि विक्रम और बेताल का असली रिश्ता क्या था। विक्रम और बेताल की कहानियों में जो विक्रम है वह असल जीवन में एक महान सम्राट था। उस राजा का असली नाम विक्रमादित्य था। विक्रमादित्य को इतिहास में एक महान राजा के रूप में देखा जाता है। राजा विक्रमादित्य का साम्राज्य पूरे देश और यहां तक की विदेश में भी फैला हुआ था। उनके विदेशी शाशन की बात करें तो चीन से लेकर अरब तक पर राज था उनका। पूरी दुनिया उनको सम्मान की नजरों से देखती थी।

उनके जितना महान शासक आज तक भारत देश में नहीं हुआ। उनके शासन में लगभग आधा एशिया शामिल था। यह माना जाता है कि इतिहास में ऐसा कोई राजा देखने को नहीं मिला जिसने आधी दुनिया पर अपना राज कायम किया हो। इतिहास में यह उल्लेख मिलता है कि विक्रमादित्य ने जूलियस सीजर जैसे चक्रवर्ती सम्राट को भी अपने दमखम से परास्त कर दिया था। विक्रमादित्य का असली नाम विक्रमसेन था। विक्रमसेन के पिता गंधर्वसेन भी मालवा के महान राजा थे। विक्रमसेन की माता का नाम वीरमती था।

अपने नाम की ही तरह वह बहुत बहादुर थी। गंधर्वसेन और वीरमती की दो संतानें थी- भर्तहरी और विक्रमादित्य। अपने पिता की मृत्यु के बाद में विक्रमादित्य ने ही अपने पिता का शासन संभाला था। विक्रमादित्य ने अपने छोटे भाई भर्तहरी को दूसरा राज्य संभालने के लिए दे दिया था। इतिहास में भारत को अखंड भारत बनाने का असली श्रेय तो राजा विक्रमादित्य को ही जाता है। राजा विक्रमादित्य की पत्नी का नाम कलिंगसेना था। इतिहास में विक्रमादित्य का नाम उदार और न्यायप्रिय राजाओं के रूप में दर्ज है।

हमनें अभी तक यह जाना कि राजा विक्रमादित्य कौन थे। अब जानते हैं कि आखिर बेताल कौन था। बेताल विक्रम और बेताल की कहानियों में एक काल्पनिक पिशाच है। लेकिन हकीक़त में देखा जाए तो बेताल का भी अस्तित्व था। दरअसल बेताल राजा विक्रमादित्य का ही एक प्रिय मंत्री था। राजा ने उसे अपने नौ रत्नों में शामिल कर रखा था। बेताल का पूरा नाम बेताल भट्ट था। बेताल भट्ट बहुत ही समझदार और सुलझा हुआ मंत्री था। बेताल भट्ट की ही रणनीति को मानते हुए राजा विक्रमादित्य ने बहुत से राज्यों को परास्त किया।

विक्रम और बेताल की बेहतरीन कहानियां पढ़ें

विक्रम बेताल की कहानी-1 ”सुकन्या किसकी पत्नी?”
विक्रम बेताल की कहानी-2 “सबसे अधिक कोमल कौन?”
विक्रम बेताल की कहानी-3 “चोर हंसने से पहले क्यों रोया”
विक्रम बेताल की कहानी-4 “तीन चतुर पुरुष”
विक्रम बेताल की कहानी-5 “बड़ा बलिदान किसका?”
विक्रम बेताल की कहानी-6 “शशिप्रभा किसकी पत्नी”
विक्रम बेताल की कहानी-7 “सबसे अधिक त्यागी कौन?”
विक्रम बेताल की कहानी-8 “दगड़ू के सपने”
विक्रम बेताल की कहानी-9 पिंडदान का अधिकारी कौन?
विक्रम बेताल की कहानी-10 “ब्राह्मण कुमार की कथा”

बेताल पचीसी की कहानियां क्यों लिखी गई थी?

इस दुनिया में अनेकों प्रकार के गुण मौजूद है। लेकिन जो सबसे बड़ा धर्म या गुण है वह है न्यायप्रिय और दयावान होना। इन गुणों के बिना जीवन में कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है। यह सदियों से चले आ रहे कुछ महत्त्वपूर्ण गुणों में से एक है। जब बेताल पचीसी की कहानियों को लिखा गया था तब राजा विक्रमादित्य के प्रमुख मंत्री बेताल भट्टराव ने इन्हीं गुणों को सोच में रखकर बेताल पचीसी की कहानियों को रचा था।

बेताल भट्ट राजा विक्रमादित्य के न्याय और दानशीलता से बहुत प्रभावित था। उसने राजा के न्याय के असली किस्से विक्रम और बेताल की कहानियों में जोड़ दिए थे। बेताल भट्ट चाहता था कि उसकी कहानियां पढ़कर आम जनता भी उदार बने और अपने पूरे जीवन में अच्छे काम करें। विक्रम और बेताल की कहानी हमें सही राह पर चलने की शिक्षा देती है। इन कहानियों के माध्यम से हम अपने बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दे सकते हैं।

FAQs

Q1. राजा विक्रमादित्य कौन था?

A1. राजा विक्रमादित्य एक महान शासक था। राजा विक्रमादित्य का साम्राज्य पूरे देश और यहां तक की विदेश में भी फैला हुआ था। उनके विदेशी शाशन की बात करें तो चीन से लेकर अरब तक पर राज था उनका। पूरी दुनिया उनको सम्मान की नजरों से देखती थी। उनके जितना महान शासक आज तक भारत देश में नहीं हुआ।

Q2. विक्रम और बेताल की कहानी क्या कहती है?

A2. विक्रम और बेताल की हर एक कहानी खास है। इन कहानियों के मुताबिक विक्रम एक महान राजा है जो कि एक दिन एक ऐसे शव की खोज में जंगल की ओर निकलता है जिसमें एक बेताल (पिशाच) निवास करता है। राजा उस पिशाच को कैद में करके उसे परास्त करना चाहता है। लेकिन वह बेताल बहुत ही ज्यादा चतुर स्वभाव का है। वह राजा से सवाल पर सवाल पूछता है और राजा उसका जवाब देता रहता है। और जैसे ही कहानी खत्म होती है वह उड़ जाता है।

Q3. बेताल पच्चीसी का रचियता कौन है?

A3. बेताल पच्चीसी का रचियता बेताल भट्ट माना जाता है। वह राजा विक्रमादित्य के प्रमुख मंत्रियों में से एक माना जाता था। राजा विक्रमादित्य बहुत से महत्त्वपूर्ण कार्य बेताल भट्ट की देखरेख में करते थे।

ऐसे ही अन्य विषयों पर कहानियांयहाँ से पढ़ें

Leave a Reply