हर दिन की ही तरह विक्रम बेताल को अपने कंधे पर लादे जंगल की ओर जा रहा था। क्योंकि बेताल को सन्नाटा बिल्कुल भी पसंद नहीं था इसलिए उसने विक्रम से पूछा, “क्या हुआ तुम चुप क्यों हो। क्या तुम्हें आज कोई कहानी नहीं सुननी।” विक्रम बोला, “हाँ, बेशक मुझे कहानी सुननी है। तुम बताओ कि तुम कौनसी कहानी सुननी पसंद करोगे?” विक्रम बोला, “आज तुम मुझे कोमलता के विषय पर कोई कहानी सुनाओ।” फिर बेताल ने कहानी कहनी शुरू की।
यह बहुत समय पहले की बात है जब चंद्रपुर नामक एक बहुत बड़ा राज्य हुआ करता था। वह राज्य बहुत धनवान था। पूरे राज्य में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन उसी राज्य का राजा बहुत परेशानी में था। अब यह सोचने वाली बात थी कि कोई राजा क्यों परेशान रह सकता है जब उसके पास सभी ऐशो आराम की चीजें उपलब्ध हो। वह राजा इसलिए दुखी था क्योंकि उसकी बेटियां बहुत ज्यादा कोमल थी।
वह तीनों ही अलग तरीके से कोमल थी। उस राजा की पहली बेटी इतनी कोमल थी कि वह सूर्य की रोशनी के साथ ही साथ चंद्रमा की शीतल रोशनी भी सहन नहीं कर पाती थी। चांद की रोशनी किसी को भी कोई हानि नहीं पहुंचाती है। लेकिन सबसे बड़ी राजकुमारी तो थोड़ा सा भी चांद की रोशनी में क्या चली जाती कि उसके पूरे शरीर पर छाले पड़ जाते थे। राजा की दूसरी बेटी अलग तरह से सौम्य थी।
दूसरी बेटी को तो मलमल जैसे अति कोमल कपड़े से भी लग जाती थी। ऐसी कोमल चीजों के संपर्क में आने से उसके शरीर से खून बहने लगता था। और जो राजा की तीसरी बेटी थी वह तो और भी अलग थी। वह थोड़ी सी ज्यादा तेज आवाज को सहन नहीं कर पाती थी। जब वह आवाज वाले वातावरण में रहती थी तो वह बेहोश हो जाया करती थी।
राजा को उन तीनों की चिंता लगी रहती। वह सोचा करता था कि उसकी इतनी ज्यादा कोमल बेटियां इस कठोर संसार में कैसे रह पाएगी? वह दिन रात इसी चिंता में डूबे जा रहा था। चिंता के चलते उसे बीमारियों ने घेर लिया था। उन्होंने इस चिंता को दूर करने के लिए एक दिन तीनों राजकुमारियों को अपने पास बुलाया। अपनी पहली बेटी को राजा ने एक ऐसे महल में भिजवा दिया जहां पर सूरज और चंद्रमा की रोशनी नहीं पड़ती हो।
फिर अपनी दूसरी बेटी को ऐसी जगह पर भिजवा दिया जहां पर उसे लगने की गुंजाइश ना के बराबर हो। और अपनी तीसरी बेटी के लिए ऐसे महल की व्यवस्था कारवाई जहां आस-पास कोई भी तरह की आवाज ना आती जाती हो। पर इतना सब कुछ करने के बावजूद भी राजा की चिंता पूरी तरह से दूर ना हो सकी। राजा को और भी ज्यादा चिंता ने घेर लिया।
उसकी बीमारी को सही करने के लिए बहुत से वैद्य को बुलाया गया। सभी वैद्य ने उसे यही सलाह दी कि अगर राजा चिन्तामुक्त रहेंगे तभी वह हर तरह की बीमारियों से निजात पा सकेंगे। इसी समस्या का हल निकालने के लिए राजा ने अपने प्रिय मंत्री को बुलाया और राजकुमारियों के लिए कोई अच्छा हल निकालने के लिए कहा। मंत्री बोला, “महाराज, अब सबसे ज्यादा उचित तो यही रहेगा कि आप इन तीनों के लिए कोई योग्य वर ढूंढ लीजिए और इनकी शादी करवा दें।
“राजा ने कहा, “लेकिन मंत्री जी, मेरी इतनी कोमल बेटियों से शादी करेगा कौन? क्या है कोई आपकी नजर में जो इनको संभाल सके।” मंत्री बोला, “हाँ, मेरी नजर में तीन योग्य वर हैं। दूसरे राज्य के जो राजकुमार हैं उन तीनों के लिए योग्य वधू की तलाश जारी है। अगर आप कहें तो हम इनके रिश्ते की बात रख सकते हैं।” राजा ने अपने मंत्री की यह बात स्वीकार कर ली।
दूसरे राज्य के राजा के यहां पर तीनों राजकुमारों के लिए रिश्ता भिजवाया गया। सबसे बड़े राजकुमार की शर्त यह थी कि वह उसी राजकुमारी से शादी करेगा जो कि सबसे ज्यादा कोमल हो। दूसरे और तीसरे राजकुमार की ऐसी कोई मांग नहीं थी। इसलिए सबसे बड़े राजकुमार को ही तीनों राजकुमारियों की परीक्षा लेने के लिए भेजा गया।
महल पहुंचने पर उसकी खूब खातिरदारी की गई। फिर वह दूसरी नंबर राजकुमारी के महल पहुंचा। उसे वह राजकुमारी देखने में बहुत सुंदर लगी। वह राजकुमारी के साथ भ्रमण के लिए निकल पड़ा। रास्ते में उसने राजकुमारी को एक सुंदर फूल भेंट किया। जैसे ही राजकुमारी ने फूल से खुशबू ली तो फूल का एक कांटा उसके मुंह पर लग गया और उसके हाथ और मुंह से खून बहने लगा।
फिर राजकुमार को सबसे बड़ी राजकुमारी के महल ले जाया गया। जब वह राजकुमारी के महल पहुंचा तब उस समय रात थी। वह अमावस्या की रात थी इसलिए चांद की रोशनी भी नहीं थी। बड़ी राजकुमारी उस राजकुमार के व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हुई। क्योंकि आज चांद नहीं था इसलिए वह राजकुमार के साथ भ्रमण पर निकल पड़ी। थोड़ी दूर पहुंचने पर एक जगह पर किसी ने आग जला रखी थी।
वह आग राजकुमारी को सहन नहीं हुई और उसके पूरे शरीर पर छाले पड़ गए। अब बारी तीसरी राजकुमारी की थी। तीसरी राजकुमारी से मिलने से पहले उस राजकुमार ने यह आदेश दे दिया था कि राजकुमारी के महल के पास मसाले कुटवाए जाएं। राजकुमार के कहने पर वह मसाले कूटने लगे। जैसे ही राजकुमारी को यह आवाज सुनाई दी वह बेहोश होकर गिर पड़ी। अब राजकुमार ने यह तय कर लिया था कि वह किससे शादी करेगा।
“तो बोलो कि आखिर उस राजकुमार ने किस राजकुमारी को अपनी पत्नी के रूप में चुना?” बेताल बोला। विक्रम ने जवाब नहीं दिया। फिर बेताल ने कहा, “देखो राजन तुम सीधे-सीधे जवाब दे दो। अगर जवाब नहीं दिया तो मैं तुम्हारे सिर के टुकड़े टुकड़े कर दूँगा।” आखिर विक्रम को जवाब देना ही पड़ा।
विक्रम ने कहा, “उस राजकुमार ने तीसरी राजकुमारी से शादी करने का फैसला किया। इसका कारण यह था कि पहली और दूसरी राजकुमारियां भी इतनी कोमल नहीं थी जितनी कि तीसरी वाली थी। वह इतनी कोमल थी कि उससे थोड़ी सी भी आवाज सहन नहीं हुई और फिर वह मर गई।” बेताल बोला, “तुमनें एकदम सही उत्तर दिया, राजन। अब तू बोला और मैं चला।” ऐसा कहकर बेताल उड़ गया।
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