बाल दिवस (Children’s Day), जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है बाल दिवस यानी कि बच्चों का दिन। वो बच्चे जिन्हें हम मन का सच्चा कहते हैं, जो भगवान का रूप मान जाते हैं, जिनका हृदय फूल के समान कोमल होता है और जो हमारे देश का उज्ज्वल भविष्य हैं। जब हम बच्चे होते हैं, तो हम जल्दी से बड़ा हो जाना चाहते हैं लेकिन जब हम बड़े हो जाते हैं, तो चाहते हैं कि हम फिर से बच्चे बन जाएं। ये सच है कि न तो बचपन कभी लौटकर आता है और न ही बचपन के दिन।
प्रस्तावना
बाल दिवस के रूप में मनाया जाने वाला बच्चों का ये खास दिन देश के सभी बच्चों के लिए विशेष है। बच्चों का मन पवित्र और सच्चा होता है। हम कहते भी हैं कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं। कोई बच्चा जब अपने जीवन की कच्ची उम्र में होता है, तो उसे हम जैसा समझाते हैं वो वैसा ही समझता है। हर माता-पिता अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं और अपने बच्चों की खुशी के लिए वह अपने दुख को भूल जाते हैं। एक शिक्षक के लिए उसके छात्र ही उसके अपने बच्चों की तरह होते हैं, जिन्हें वह अच्छी से अच्छी शिक्षा देकर जीवन के सही मार्ग पर चलना सिखाते हैं। मगर हमारे देश में आज भी न जाने कितने बच्चे ऐसे हैं जो अनाथ हैं और सही मार्ग से भटके हुए हैं। हमें ऐसे बच्चों की तरफ अपना ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है।
बाल दिवस कब मनाया जाता है?
हर साल हम 14 नवंबर के दिन को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस भी होता है, इसलिए उनके सम्मान में भी बाल दिवस मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बेहद लगाव था और बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। बाल दिवस क्यों और कैसे मनाया जाता है तथा बाल दिवस का क्या महत्त्व है, ये जानने के लिए नीचे पढ़ें।
बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?
बाल दिवस का दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू को समर्पित है और उनके जन्मदिन के उपलक्ष में ही बाल दिवस मनाया जाता है। चाचा नेहरू का जन्म 14 नवंबर सन् 1889 में हुआ था I चाचा नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे। इसलिए 27 मई 1964 में उनकी मृत्यु के बाद तत्कालीन सरकार ने ये घोषणा की कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को अब भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा और तभी से हर साल 14 नवंबर के दिन को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाने की शुरुआत हुई जो अभी तक कायम है।
कांग्रेस पार्टी के इतने बड़े नेता और भारत के प्रधानमंत्री होने के बावजूद भी पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से मिलना और उन्हें प्यार करना हमेशा याद रखते थे। उन्हें बच्चों के साथ रहना और खेलना बहुत पसंद था। चाचा नेहरू बच्चों के लिए हमेशा एक ही बात कहा करते थे कि बच्चे इस देश का भविष्य हैं इसलिये ये ज़रूरी है कि उन्हें प्यार और देख-भाल मिले ताकि वो भी अपने पैरो पर खड़े हो सकें। इस देश का भविष्य तभी उज्ज्वल और सुरक्षित होगा जब हम अपने बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल और सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाएंगे। पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये और बच्चों के प्रति उनके प्यार की भावना को ज़िंदा रखने के लिए हर साल बाल दिवस मनाया जाता है।
बाल दिवस कैसे मनाया जाता?
14 नवंबर बाल दिवस के दिन को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। ये दिन बच्चों के लिए बेहद ही खास होता है। इस दिन की शुरुआत बच्चे चाचा नेहरू को श्रद्धांजलि देकर और उन्हें याद करके करते हैं। बाल दिवस के दिन स्कूल में कई तरह की प्रतियोगिताएं भी रखी जाती हैं, जैसे- सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद, निबंध लेखन, कहानी लेखन, कथा-पटकथा लेखन, कविता लेखन, भाषण आदि। इन प्रतियोगिताओं में हर उम्र के बच्चे बड़ी ही उत्साह से भाग लेते हैं।
इसके अलावा इस दिन स्कूलों में कई खेल प्रतियोगिताएं भी होती हैं। बाल दिवस के दिन बच्चे चाचा नेहरू के विचारों को भी पढ़ते हैं और उन्हें अपने जीवन में अपनाने का भी प्रयास करते हैं। इस दिन लोग ज़रूरतमंद बच्चों को भोजन, कपड़े, किताबें व पढ़ाई की अन्य वस्तुएं भी वितरित करते हैं। बाल दिवस का दिन ऐसे अनाथ बच्चों के प्रति प्यार और सम्मान की भावना को जागरूक करता है जिससे वह वंचित रह जाते हैं।
बाल दिवस का महत्त्व क्या है?
बाल दिवस का महत्त्व बहुत ही बड़ा और गहरा है। बाल दिवस के महत्त्व को हम बाल विकास से जोड़कर देख सकते हैं और बाल विकास को हम देश के विकास से जोड़ सकते हैं। बाल दिवस का महत्त्व बताता है कि हमें बच्चों के साथ किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए। हमें दूसरों के बच्चों को और उन बच्चों को जो अनाथ होते हैं, उसी तरह से समझाना और प्यार करना चाहिए, जिस तरह हम अपने बच्चों को समझाते और प्यार करते हैं।
बच्चों का मन बहुत ही चंचल और कोमल होता है। हमारे द्वारा की गई कोई भी छोटी सी बात उनके दिमाग पर बहतु बड़ा असर डालती है। इसलिए हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि हम बच्चों के सामने कुछ भी ऐसा न बोलें या करें जो उनके आने वाले भविष्य को प्रभावित करे। हमें बच्चों को दिए जाने वाले ज्ञान और संस्कारों पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास का भी ध्यान रखना चाहिए। बच्चों का सही विकास ही हमारे देश के सही विकास होगा।
निष्कर्ष
बाल दिवस अवसर है बच्चों के साथ फिर से बच्चा बनने का और उन्हें प्यार करने का। हमें बच्चों को समझाने के साथ-साथ उन्हें भी समझना चाहिए। बच्चों के लिए चाचा नेहरू कहा करते थे कि “बच्चे बगीचे में कलियों की तरह हैं और उनका ध्यान से और प्यार से लालन पालन किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश के भविष्य और कल के नागरिक हैं।”
बाल दिवस पर निबंध 100 शब्दों में
बाल दिवस विशेष रूप से बच्चों का दिन होता है और बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। हर साल बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है और इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन भी होता है। चाचा नेहरू के बच्चों के प्रति असीम प्रेम को देखते हुए ही हर साल उनके जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। बाल दिवस के मौके पर सभी बच्चे चाचा नेहरू को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के अंदर बच्चों के प्रति प्रेम, अधिकारों और शिक्षा की जागरूकता पैदा करना है ताकि बच्चों का आने वाला कल आज से बेहतर हो सके।
बाल दिवस पर निबंध 200 शब्दों में
भारत में बच्चों के विकास, बच्चों की वास्तविक स्थिति और उनके उज्ज्वल भविष्य के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से बाल दिवस की शुरुआत हुई। देश में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। बाल दिवस के मौके पर ऐसे बच्चों के भविष्य निर्माण के ऊपर विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है जो समाज से उपेक्षित हैं और जिनके पास सभी प्रकार के संसाधन मौजूद नहीं है। ऐसे बच्चे अपने भविष्य निर्माण के लिए सहायक जीवन की मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रह जाते हैं। ऐसे बच्चों को भविष्य निर्माण तो दूर जीवन यापन करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ये बच्चे गलत रास्ता अपना लेते हैं और अनजाने में अपराध तक करने लगते हैं।
इसलिए ये हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि हम ऐसे बच्चों का पूरी ईमानदारी से साथ दें ताकि ये बच्चे भी अपने जीवन में कुछ अच्छा कर सकें और देश के काम आ सकें। इसकी शिक्षा और प्रेरणा हमें बाल दिवस पर पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनके विचारों से लेनी चाहिए, जिन्होंने सभी बच्चों को अपना माना और उनके लिए हर संभव कार्य किए।
हमें ऐसे बच्चों की मदद करनी चाहिए जो समाज के शोषित और उपेक्षित वर्ग के बच्चे हैं और जिनके पास संसाधन उपलब्ध नहीं है। यदि हम ऐसे बच्चों को शिक्षित करने में अपना थोड़ा सा भी योगदान देते हैं, तो केवल इन बच्चों का ही नहीं बल्कि समाज और देश का भी विकास होगा। बाल दिवस का मकसद भी तभी सफल होगा जब देश का हर बच्चा अपने पैरों पर खड़ा होगा और उपेक्षित वर्ग के बच्चों की सूची धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी।
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बाल दिवस पर 10 लाइनें
- भारत में हर साल बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है।
- बाल दिवस का दिन सभी बच्चों के लिए विशेष होता है।
- बाल दिवस के दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस होता है।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे।
- बच्चे भी पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्यार से चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे।
- बाल दिवस के दिन सभी बच्चे चाचा नेहरू को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।
- बाल दिवस के दिन स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रमों को आयोजन किया जाता है।
- बाल दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों के अंदर बच्चों के प्रति प्रेम और शिक्षा की भावना को जागृत करना है।
- बाल दिवस का महत्त्व है कि बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सके।
बाल दिवस पर FAQs
प्रश्न- हम 14 नवंबर को बाल दिवस क्यों मनाते हैं?
उत्तरः क्योंकि इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुए था और वह बच्चों से बहुत प्रेम करते थे।
प्रश्न- बाल दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तरः बाल दिवस की शुरुआत 27 मई 1964 को पंडित जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद हुई। जिसके बाद हर साल 14 नवंबर को उनके जन्मदिन पर बाल दिवस मनाया जाता है।
प्रश्न- विद्यालय में बाल दिवस कैसे मनाया जाता है?
उत्तरः विद्यालय में बाल दिवस पर विभिन्न तरह के कार्यक्रम और प्रतियोगिता आयोजित होती हैं।
प्रश्न- 14 नवंबर को किसका जन्मदिन है?
उत्तरः पंडित जवाहरलाल नेहरू का।