हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके लिए कक्षा 10वीं हिन्दी स्पर्श अध्याय 6 के एनसीईआरटी समाधान लेकर आए हैं। यह कक्षा 10वीं हिन्दी स्पर्श के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए गए हैं ताकि छात्रों को कक्षा 10वीं स्पर्श अध्याय 6 के प्रश्न उत्तर समझने में आसानी हो। यह सभी प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त हैं। इसके के लिए छात्रों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 10वीं हिंदी की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए एनसीईआरटी समाधान देखें।
Ncert Solutions For Class 10 Hindi Sparsh Chapter 6
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कक्षा : 10
विषय : हिंदी (स्पर्श भाग 2)
पाठ : 6 कर चले हम फिदा (कैफी आजमी)
प्रश्न-अभ्यास
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?
उत्तर :- इस गीत को ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर ही तैयार किया था। सन् 1962 में जब यह गीत लिखा गया था तब उस समय भारत और चीन के बीच युद्ध चल रहा था। इसी युद्ध को लेकर हकीकत नाम की एक फिल्म आई थी जिसमें यह गीत मोहम्मद रफी द्वारा लिखा गया था।
2. ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है?
उत्तर :- हिमालय को हमारे देश के मान-सम्मान का प्रतीक माना गया है। हिमालय ने अपने आंचल में बहुत से वीरों को शहीद होते हुए देखा है। जिस समय 1962 में भारत-चीन का युद्ध हुआ था उस समय हिमालय में ना जाने कितने ही भारत के सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी। सैनिकों को वीरता से लड़ते हुए वीरगति प्राप्त हुई थी। इन शूरवीरों ने यह ठान रखी थी कि वह अपने प्राणों की आहुति दे देंगे लेकिन हिमालय का सर कभी भी ना झुकने देंगे।
3. इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है ?
उत्तर :- इस गीत में धरती को दुल्हन इसलिए कहा गया है क्योंकि सन् 1962 में चीन-भारत युद्ध में हिमालय में अनेकों वीर सैनिक शहीद हो गए थे। कहने का तात्पर्य यह है कि जिस प्रकार से शादी के वक्त दुल्हन को लाल जोड़े में सजाया जाता है ठीक उसी प्रकार सन् 1962 में जब हमारे देश के जवान धरती मां पर शहीद हुए तो उनके खून से पूरी धरती लाल हो गई। यह दृश्य देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कि मानो धरती मां ही दुल्हन हो।
4. गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?
उत्तर :- कोई कोई गीत ऐसे भी होते हैं जो जीवन भर याद रहते हैं। गीतों को जिस अंदाज और सच्चाई के साथ लिखा जाता है उस तरह वह हमारे अंतर्मन को छू जाते हैं। यही एक सबसे बड़ा कारण है कि उन गीतों का हमारे दिल से एक भावनात्मक रिश्ता जुड़ जाता है। इस प्रकार के गीतों में संगीतात्मकता और लयबद्धता होती जो कि इसको खास बनाती है। कैफी आजमी द्वारा कृत ‘अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों’ भी एक ऐसा ही गीत है जिसे जीवन भर याद रखा जाएगा।
5. कवि ने ‘साथियों’ सम्बोधन का प्रयोग किसके लिए किया गया है ?
उत्तर :- कवि ने ‘साथियों’ शब्द का प्रयोग देश के अन्य तमाम सैनिकों और भारत के नागरिकों के लिए किया है। इस कविता के माध्यम से देश के शहीद सैनिक यह संबोधित कर रहे हैं कि वह तो इस देश की रक्षा हेतू अपना बलिदान दे रहे हैं। लेकिन उनके इस दुनिया से जाने के बाद वह चाहते हैं कि देश के अन्य वीर जवान और नागरिक निडरता के साथ आगे आएं और देश की रक्षा हेतु प्रण लें।
6. कवि ने इस कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?
उत्तर :- कवि ने इस कविता में जिस काफिले को आगे बढ़ते रहने का कहा है वह है देश के वह सैनिक जो वीरगति को प्राप्त नहीं हुए हैं। देश के बचे हुए जांबाज सैनिक ही देश का भविष्य हैं। अब वह ही इस देश की रक्षा कर सकते हैं।
7. इस गीत में ‘सर पर कफ़न बाँधना’ किस ओर संकेत करता है?
उत्तर :- इस गीत के अनुसार सर पर कफन बांधने का तात्पर्य है मौत को हर पल अपने साथ लेकर चलना। हमारे देश के जांबाज सैनिक अपने सिर पर कफन ही बांधकर चलते हैं। उन्हें अपने जीवन से मोह माया नहीं होती है। वह देश के खातिर अपने प्राणों की आहुति देने के लिए भी तत्पर रहते हैं। उन्हें अपने प्राणों से भी ज्यादा प्यारा अपना देश होता है। इन वीर जवानों के सिर पर देशभक्ति का जुनून छाया रहता है। इसी जुनून के चलते वह देश के लिए अपना देह भी न्योछावर कर देते हैं।
8. इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :- इस कविता को कवि कैफी आजमी ने कुछ ऐसे अंदाज में लिखा है कि पढ़ते वक्त ऐसा लगता है जैसे कि मानो कविता के माध्यम से साक्षात सैनिक ही बोल रहे हो। यह कविता देश के वीर जवानों का गुणगान करती है। इस कविता में सैनिक अपने विचार प्रकट करते हुए कहना चाहते हैं कि वह देश के मान-सम्मान के खातिर अपना बलिदान देने को भी तैयार हैं।
(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
1. साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया|
उत्तर :- इस पंक्ति के माध्यम से कवि बताना चाह रहा है कि सन् 1962 में देश में अलग ही माहौल था। चीन-भारत के बीच युद्ध छिड़ा हुआ था। इस युद्ध में ठंड का माहौल था। बर्फबारी हो रही थी। भंयकर ठंड होने की वजह से सैनिकों की सांसे जैसे थमती जा रही थी। ठंड की वजह से उन सैनिकों की नब्ज़ भी थम गई। लेकिन उन जाबांज सैनिकों के कदम फिर भी ना डगमगाए। उन बहादुर सैनिकों ने यह ठान रखी थी कि वह हर हालत में चीन को जीतने नहीं देंगे।
2. खींच दो अपने खू से जमीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई|
उत्तर :- इस पंक्ति में कवि हमें सैनिकों के माध्यम से यह संदेश देना चाहता है कि सैनिकों उठो, और आगे बढ़ो। तुम अपने खून से ऐसी मजबूत लकीर खींच दो कि दुश्मन की हिम्मत ही ना हो पाए कि एक भी कदम लकीर से आगे की ओर बढ़ाए। यहां कवि ने देश के दुश्मनों को रावण कहकर संबोधित किया है। कहने का तात्पर्य यह है कि जैसे लक्ष्मण जी ने मां सीता के लिए लक्ष्मण रेखा खींची थी। ठीक उसी प्रकार सैनिकों तुम भी अपने खून से जमीन पर लकीर खींच दो। तुम देश के मान-सम्मान के लिए मर मिटने को भी तैयार हो जाओ।
3. छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो।
उत्तर :- यहां कविता की पंक्तियों के माध्यम से यह दर्शाया जा रहा है कि हमारे देश की भूमि हमारी धरती मां है। वह मां सीता की तरह ही पवित्र है। तो सैनिकों तुम अपने देश के लिए राम भी बन जाओ और लक्ष्मण भी। तुम्हें मां सीता के समान इस पवित्र धरती मां की सुरक्षा करनी है। तुम देश के दुश्मनों को इस देश के समाने आंख उठाकर भी मत देखने दो।
भाषा अध्ययन
1. इस गीत में कुछ विशिष्ट प्रयोग हुए हैं। गीत के संदर्भ में उनका आशय स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
कट गए सर, नब्ज़ जमती गई, जान देने की रुत, हाथ उठने लगे।
उत्तर :- (1) हम सर कटाना मंजूर करेंगे। लेकिन सर झुकाना मंजूर नहीं करेंगे।
(2) तेज ठंड के चलते उनकी नब्ज़ जमती गई।
(3) दोस्तों, अब जान देने की रुत आ गई है।
(4) भगवान के दरबार में आते ही हर किसी के हाथ उठने लगे।
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