छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान भूगोल अध्याय 2 हमारी पृथ्वी के अंदर प्राप्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल पर कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान भूगोल पाठ 2 का पूरा समाधान दिया हुआ है। ncert solutions class 7 social science geography chapter 2 हमारी पृथ्वी के अंदर पूरी तरह से मुफ्त है। छात्र कक्षा 7 भूगोल अध्याय 2 के प्रश्न उत्तर से परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। आइये फिर कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान भूगोल अध्याय 2 के प्रश्न उत्तर नीचे देखते हैं।
Ncert Solutions Class 7 Social Science Geography Chapter 2 in Hindi Medium
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान भूगोल हमारा पर्यावरण का उदेश्य केवल अच्छी शिक्षा देना हैं। कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान भूगोल के लिए एनसीईआरटी सलूशन जो कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के सहायता से बनाए गए है। भूगोल कक्षा 7 के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाये गए हैं। ncert solutions for class 7 social science geography chapter 2 नीचे से देखें।
कक्षा : 7
विषय : सामाजिक विज्ञान (भूगोल – हमारा पर्यावरण)
अध्याय:-2 (हमारी पृथ्वी के अंदर)
आओ कुछ करके सीखें
प्रश्न 1 – अनेक स्मारकों के चित्र एकत्र कीजिए तथा पता कीजिए कि वे किन शैलों से बनी है। दो चित्र आप के लिए एकत्रित किए गए है।
उत्तर :- चोला मंदिर :- तमिलनाडु के दक्षिणी राज्य में स्थित यह विश्व विरासत स्थल तीन महान 11वीं और 12वीं शताब्दी के चोल मंदिरों से मिलकर बना है: बृहदेश्वर मंदिर, तंजौर, गंगईकोंडा चोलीश्वरम, और एरातेश्वर मंदिर दर सुरम।
चार मीनार :- यह स्मारक ग्रेनाइट के मनमोहक चौकोर खम्भों से बना है।
ह्वा महल :- मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचना के लिए प्रसिद्ध, हवा महल लाल और गुलाबी सेंड स्टोन से मिल जुल कर बनाया गया है।
इंडिया गेट:- यह इमारत लाल पत्थर से बनी हैं जो एक विशाल ढांचे के मंच पर खड़ी है।
2. आपके राज्य में कौन – से खनिज पाए जाते है? अपनी कक्षा में दिखाने के लिए कुछ नमूने एकत्रित कीजिए।
उत्तर :- हमारे राज्य में मुख्य रूप से लोहा, मैग्नीज़, कोयला, ताम्बा, सोना एवं बॉक्साइट खनिज पाए जाते है।
अभ्यास:-
प्रश्न 1 – निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
(क) पृथ्वी की तीन परतें क्या हैं ?
उत्तर :- एक प्याज की तरह पृथ्वी भी एक के ऊपर एक संकेंद्री परतों से बनी हैI पृथ्वी की सतह की सबसे ऊपरी परत को पर्पटी कहते हैं। यह सबसे पतली परत होती है। यह महाद्वीपीय संहति में 35 किलोमीटर एवं समुद्री सतह में केवल 5 किलोमीटर तक महाद्वीपीय संहति मुख्य रूप से सिलिका एवं ऐलुमिना जैसे खनिजों से बनी है। इसलिए इसे सिएल (सि – सिलिका तथा एल – एलुमिना) कहा जाता है। पर्पटी के ठीक नीचे मैंटल होता है जो 2900 किलोमीटर की गहराई तक फैला होता है। इसकी सबसे आतरिक परत क्रोड है जिसकी त्रिज्या लगभग 3500 किलामीटर है, यह मुख्यतः निकल एवं लोहे की बनी होती है तथा इसे निफे (नि – निकिल तथा फे – फैरस) कहते हैं ।
(ख) शैल क्या है ?
उत्तर :- पृथ्वी की पर्पटी अनेक प्रकार के शैलों से बनी है। पृथ्वी की पर्पटी बनाने वाले खनिज पदार्थ के किसी भी प्राकृतिक पिंड को शैल कहते हैं। शैल विभिन्न रंग, आकार एवं गठन की हो सकती हैं।
(ग) तीन प्रकार की शैलों के नाम लिखें।
उत्तर :- आग्नेय (इग्नियस) शैल, अवसादी (सेडिमेंट्री) शैल एवं कायांतरित (मेटामॉरफिक) शैल।
(घ) बहिर्भेदी एवं अंतर्भदी शैल का निर्माण कैसे होता है ?
उत्तर :- आग्नेय शैल दो प्रकार की होती है :- अंतर्भेदी शैल एवं बर्हिभेदी शैल। वास्तव में आग की तरह लाल द्रवित्त मैग्मा ही लावा है जो पृथ्वी के आंतरिक भाग से निकलकर सतह पर आता है। जब द्रवित लावा पृथ्वी की सतह पर आता है, वह तेजी से ठंडा होकर ठोस बन जाता है। इस प्रकार बहिर्भेदी शैल का निर्माण होता है। इनकी संरचना बहुत महीन दानों वाली होती है उदाहरण के लिए – बेसाल्ट। द्रवित मैग्मा कभी – कभी भू – पर्पटी के अंदर गहराई में ही ठंडा हो जाता है। इस प्रकार अंतर्भेदी शैल का निर्माण होता है। धीरे – धीरे ठंडा होने के कारण ये बड़े दानों का रूप ले लेते हैं। ग्रेनाइट ऐसे ही शैल का एक उदाहरण है।
(च) शैल चक्र से आप क्या समझते है ?
उत्तर :- किन्हीं निश्चित दशाओं में एक प्रकार की शैल चक्रीय तरीके से एक – दूसरे में परिवर्तित हो जाते हैं। एक शैल से दूसरे शैल में परिवर्तन होने की इस प्रक्रिया को शैल चक्र कहते हैं ।
द्रवित मैग्मा ठंडा होकर ठोस आग्नेय शैल बन जाता है । ये आग्नेय शैल छोटे – छोटे टुकड़ों में टूटकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होकर अवसादी शैल का निर्माण करते हैं । ताप एवं दाब के कारण ये आग्नेय एवं अवसादी शैल कायांतरित शैल में बदल जाते हैं । अत्यधिक ताप एवं दाब के कारण कायांतरित शैल पुनः पिघलकर द्रवित मैग्मा बन जाती है । यह द्रवित मैग्मा पुनः ठंडा होकर ठोस आग्नेय शैल में परिवर्तित हो जाता है।
(छ) शैलों के क्या उपयोग है ?
उत्तर :- शैल विभिन्न खनिजों से बनी होती हैं। खनिज मानव जाति के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। कुछ का उपयोग ईंधन की तरह होता है जैसे – कोयला, प्राकृतिक गैस एवं पेट्रोलियम। इनका उपयोग उद्योगों, औषधि एवं उर्वरक में भी होता है जैसे – लोहा, एल्यूमिनियम, सोना, यूरेनियम, आदि। शैल हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं। कठोर शैलों का उपयोग सड़क, घर एवं इमारत बनाने के लिए किया जाता है ।
(ज) कायांतरित शैल क्या हैं ?
उत्तर :- आग्नेय एवं अवसादी शैल उच्च ताप एवं दाब के कारण कायांतरित शैलों में परिवर्तित हो जाती है जिसे कायांतरित शैल कहते है। उदाहरण के लिए:- चिकनी मिट्टी स्लेट में एवं चूना पत्थर संगमरमर में परिवर्तित हो जाता है।
प्रश्न 2 – सही (√) उत्तर चिह्नित कीजिए:-
(क) द्रवित मैग्मा से बने शैल
(i) आग्नेय (ii) अवसादी (iii) कायांतरित
उत्तर :- (i) आग्नेय
(ख) पृथ्वी की सबसे भीतरी परत
(i) पर्पटी (ii) क्रोड (iii) मैंटल
उत्तर:- (ii) क्रोड
(ग) सोना, पेट्रोलियम एवं कोयला किसके उदाहरण हैं
(i) शैल (ii) खनिज (iii) जीवाश्म
उत्तर :- (ii) खनिज
(घ) शैल , जिसमें जीवाश्म होते हैं
(i) अवसादी शैल (ii) कायांतरित शैल (iii) आग्नेय शैल
उत्तर :- (i) अवसादी शैल
(च) पृथ्वी की सबसे पतली परत है
(i) पर्पटी (ii) मैंटल (iii) क्रोड
उत्तर :- (i) पर्पटी
प्रश्न 3 – निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए:-
(क) क्रोड (i) पृथ्वी की सतह
(ख) खनिज (ii) सड़क एवं इमारत बनाने के लिए उपयोग होता है
(ग) शैल (iii) सिलिका एवं एलुमिना से बनता है
(घ) चिकनी मिट्टी ( iv ) इसका एक निश्चित रासायनिक मिश्रण होता है
(च) सिएल (v) सबसे भीतरी परत
(vi ) स्लेट में बदलता है
(vii) शैल के परिवर्तित होने की प्रक्रिया
उत्तर:-
(क) क्रोड (v) सबसे भीतरी परत
(ख) खनिज (iv) इसका एक निश्चित रासायनिक मिश्रण होता है
(ग) शैल (ii) सड़क एवं इमारत बनाने के लिए उपयोग होता है
(घ) चिकनी मिट्टी (vi) स्लेट में बदलता है
(च) सिएल (iii) सिलिका एवं एलुमिना से बनता है
प्रश्न 4 – कारण बताइए
(क) हम पृथ्वी के केंद्र तक नहीं जा सकते हैं।
उत्तर :- हमारी पृथ्वी एक गतिशील ग्रह है। इसके अंदर एवं बाहर निरंतर परिवर्तन होता रहता है। पृथ्वी के आंतरिक भाग में क्या है ? पृथ्वी किन पदार्थों से बनी है ? और इसके केंद्र तक जाने की भावना भी कई बार उत्पन्न होती है लेकिन पृथ्वी के केंद्र तक पहुंचने के लिए (जो बिलकुल असंभव है) आपको समुद्र की सतह पर 6000 किलोमीटर गहराई तक खोदना होगा।
(ख) अवसादी शैल अवसाद से बनती है।
उत्तर :- शैल लुढ़ककर, चटककर तथा एक – दूसरे से टकराकर छोटे – छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं, इन छोटे कणों को अवसाद कहते हैं। ये अवसाद हवा, जल आदि द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाकर, जमा कर दिए जाते हैं। ये अदृढ़ अवसाद दबकर एवं कठोर होकर शैल की परत बनाते हैं। इस प्रकार की शैलों को अवसादी शैल कहते है। उदाहरण के लिए, बलुआ पत्थर रेत के दानों से बनता है। इन शैलों में पौधों, जानवरों एवं अन्य सूक्ष्म जीवाणुओं, जो कभी इन शैलों पर रहे हैं, जीवाश्म भी हो सकते है।
(ग) चूना पत्थर संगमरमर में बदलता है।
उत्तर :- चूना एक अवसादी शैल है इसलिए आग्नेय एवं अवसादी शैलें उच्च ताप एवं दाब के कारण कायोतरित शैलों में परिवर्तित हो जाती हैं। चूना पत्थर के साथ यह क्रिया होने पर वह संगमरमर में बदल जाता है।
प्रश्न 5 – आओ खेले :-
(क) निम्न वस्तुओं में उपयोग किए गए खनिजों की पहचान करें।
उत्तर:- कढ़ाई का उपयोग सब्जी बनाने में, तवे का उपयोग रोटी सेकने में , आभूषणों का उपयोग स्त्रियां अपनी सुंदरता बनाए रखने में करती है।
(ख) विभिन्न खनिजों से बनी अन्य कुछ वस्तुओं के चित्र बनाए।
उत्तर :- एक छोटी सूई से लेकर बड़ी बड़ी इमारते भी खनिज से बनी है।
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