हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके लिए कक्षा 10वीं हिन्दी स्पर्श अध्याय 5 के एनसीईआरटी समाधान लेकर आए हैं। यह कक्षा 10वीं हिन्दी स्पर्श के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए गए हैं ताकि छात्रों को कक्षा 10वीं स्पर्श अध्याय 5 के प्रश्न उत्तर समझने में आसानी हो। यह सभी प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त हैं। इसके के लिए छात्रों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 10वीं हिंदी की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए एनसीईआरटी समाधान देखें।
Ncert Solutions For Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5
कक्षा 10 हिन्दी के एनसीईआरटी समाधान को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह एनसीईआरटी समाधान छात्रों की परीक्षा में मदद करेगा साथ ही उनके असाइनमेंट कार्यों में भी मदद करेगा। आइये फिर कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श अध्याय 5 तोप के प्रश्न उत्तर (Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 Question Answer) देखते हैं।
कक्षा : 10
विषय : हिंदी (स्पर्श भाग 2)
पाठ : 5 तोप (वीरेन डंगवाल)
प्रश्न-अभ्यास
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
1. विरासत में मिली चीज़ों की बड़ी सँभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :- विरासत में मिली चीजों की संभाल करना बहुत जरूरी होती है। जब हम विरासत में मिली चीजों को संभाल कर रखते हैं तो यह हमें इतिहास के पन्नों में खींच ले जाती है। हमें पुरानी चीजें देखकर बहुत गर्व होता है कि एक समय पर यह चीजें हमारे पूर्वज संभाला करते थे। विरासत में मिली चीजें कीमती गहनों से भी बढ़कर होती है। जब हम इन चीजों का अच्छे से रखरखाव करते हैं तो इनसे हमारा लगाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
2. इस कविता से तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर :- ‘तोप’ कविता के माध्यम से कवि यह बताना चाह रहा है कि एक जमाने में अंग्रेजों ने सन् 1857 के युद्ध के समय में तोप का इस्तेमाल किया था। 1857 की क्रांति के समय यही तोप ना जाने कितने ही स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की साक्षी बनी। एक जमाना था जब इस तोप को देखकर सभी भयभीत हो उठते थे। लेकिन आज के समय में यही तोप कंपनी बाग के मुहाने पर पड़ी रहती है। आज यह तोप महत्वहीन लगती है। यह तोप बच्चों के लिए एक खिलौने के समान बन गई है। और तो और यह तोप पक्षियों के लिए एक शानदार अशियाना भी बन गई है। अब यह तोप कोई गोला बारूद नहीं बरसाती। बस अब यह मूक दर्शक बनी सभी को देखती है।
3. कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है?
उत्तर :- कंपनी बाग में रखी तोप हमें यह सीख देती है कि हमें किसी भी बात का अभिमान नहीं करना चाहिए। जब हम किसी बात पर बेवजह ही अभिमान करते हैं तो आगे चलकर हमारा यही अभिमान चूर-चूर हो जाता है। आप इस तोप से ही इस बात की शिक्षा ले सकते हो। एक जमाने में कंपनी बाग की यह तोप बहुत ज्यादा ताकतवर मानी जाती थी। इसी तोप ने ना जाने कितने ही शूरवीरों की जान ली थी। अंग्रेजों को इस तोप पर बहुत अभिमान था। उनको लगता था कि वह एक तोप की बदौलत पूरी दुनिया को जितने का दम रखते हैं। लेकिन समय ने करवट बदली। जैसी ही हमारा देश आजाद हुआ, मानो जैसे कि तोप भी आजाद हो गई। आज के समय में तोप एकमात्र प्रदर्शनी के तौर पर ही रह गई है। बच्चे इस तोप पर चढ़कर खूब मस्ती करते हैं। प्यारी सी चिड़िया इस तोप में अपना घोंसला बना लेती है।
4. कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौन-से होंगे?
उत्तर :- 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) यह दो ऐसे अवसर हैं जिसमें तोप को दो बार चमकाने की बात कही गई है।
(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
1. अब तो बहरहाल छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो तो उसके ऊपर बैठकर चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप।
उत्तर- इन पंक्तियों के माध्यम से कवि यह दर्शाना चाह रहा है कि एक समय ऐसा था जब कंपनी बाग की तोप से सब डरते थे। एक जमाने में यह बहुत शक्तिशाली मानी जाती थी। लेकिन आज का समय बिल्कुल बदल गया है। आज यह तोप कंपनी बाग में शांत पड़ी है। आज छोटे छोटे बच्चे इस तोप पर चढ़कर खूब धमाचौकड़ी मचाते हैं।पक्षियों के लिए यह तोप घोंसला बनाने का अड्डा बन गई है। आलम यह है कि इस तोप का सूनापन मिटाने के लिए चिड़ियां इसपर बैठकर आपस में गपशप करती है।
2. वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।
उत्तर :- इस पंक्ति के माध्यम से कवि बहुत ही अच्छे से हमें समय के बारे में समझा रहे हैं। इसके मुताबिक एक समय ऐसा था जब कंपनी बाग की तोप ने भंयकर तबाही मचाई थी। लेकिन बदलते समय के साथ ही इस तोप ने अपना महत्व खो दिया। अब यह तोप केवल बच्चों के खेलने का माध्यम बन गया है। पक्षी इस तोप पर आकर बसना चाहती है। कवि कहना चाहते हैं कि जीवनभर कोई भी ताकतवर नहीं रहता। समय के साथ सब महत्वहीन हो जाते हैं।
3. उड़ा दिए थे मैंने अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे।
उत्तर :- इस पंक्ति के माध्यम से तोप अपना दर्द बयां कर रही है। वह बताना चाह रही है कि एक समय ऐसा भी था जब कंपनी बाग की तोप ने ही अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे उड़ा दिए थे। सब इस तोप से भय खाते थे। लेकिन जब समय बदला तो तोप बिल्कुल शांत हो गई। अब वह गोला बारूद कुछ भी नहीं बरसाती।
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