आप इस आर्टिकल से कक्षा 10 अर्थशास्त्र अध्याय 5 उपभोक्ता अधिकार के प्रश्न उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। उपभोक्ता अधिकार के प्रश्न उत्तर परीक्षा की तैयारी करने में बहुत ही लाभदायक साबित होंगे। इन सभी प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कक्षा 10 अर्थशास्त्र पाठ 5 के एनसीईआरटी समाधान से आप नोट्स भी तैयार कर सकते हैं, जिससे आप परीक्षा की तैयारी में सहायता ले सकते हैं। हमें बताने में बहुत ख़ुशी हो रही है कि यह सभी एनसीईआरटी समाधान पूरी तरह से मुफ्त हैं। छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा।
Ncert Solutions For Class 10 Economics Chapter 5 In Hindi Medium
हमने आपके लिए उपभोक्ता अधिकार के प्रश्न उत्तर को संक्षेप में लिखा है। इन समाधान को बनाने में ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद’ की सहायता ली गई है। उपभोक्ता अधिकार पाठ बहुत ही रोचक है। इस अध्याय को आपको पढ़कर और समझकर बहुत ही अच्छा ज्ञान मिलेगा। आइये फिर नीचे कक्षा 10 अर्थशास्त्र अध्याय 5 के प्रश्न उत्तर (Class 10 Economics chapter 5 Question Answer In Hindi Medium) देखते हैं।
कक्षा 10 अर्थशास्त्र अध्याय 5 उपभोक्ता अधिकार
प्रश्न 1 – बाज़ार में नियमों तथा विनियओं की आवश्यकता क्यों पड़ती है? कुछ उदाहरणों के द्वारा समझाएं।
उत्तर :- बाज़ार में नियमों तथा विनियमों की आवश्यकता पढ़ती ही रहती है। बाजार में भी उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए नियम एवं विनियमों की आवश्यकता होती है, क्योंकि अकेला उपभोक्ता प्रायः स्वयं को कमजोर स्थिति में पाता है। खरीदी गयी वस्तु या सेवा के बारे में जब भी कोई शिकायत होती है, तो विक्रेता सारा उत्तरदायित्व क्रेता पर डालने का प्रयास करता है। बहुत बार ऐसा भी होता है कि जब एक विक्रेता किसी उपभोक्ता के साथ धोखाधड़ी करता है।
प्रश्न 2 – भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत किन कारणों से हुई? इसके विकास के बारे में पता लगाएं।
उत्तर :- उपभोक्ता आंदोलन का प्रारंभ उपभोक्ताओं के असंतोष के कारण हुआ, क्योंकि विक्रेता कई अनुचित व्यावसायिक व्यवहारों में शामिल होते थे। बाजार में उपभोक्ता को शोषण से बचाने के लिए कोई कानूनी व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी। लम्बे समय तक, जब एक उपभोक्ता एक विशेष ब्रांड उत्पाद या दुकान से संतुष्ट नहीं होता था तो सामान्यतः वह उस ब्रांड उत्पाद को खरीदना बंद कर देता था या उस दुकान से खरीददारी करना बंद कर देता था। यह मान लिया जाता था कि यह उपभोक्ता की जिम्मेदारी है कि एक वस्तु वा सेवा को खरीदते वक्त वह सावधानी बरते। संस्थाओं को लोगों में जागरुकता लाने में, भारत और पूरे विश्व में कई वर्ष लग गए। इसने वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी विक्रेताओं पर भी डाल दिया। भारत में ‘सामाजिक बल’ के रूप में उपभोक्ता आंदोलन का जन्म, अनैतिक और अनुचित व्यवसाय कार्यों से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता के साथ हुआ।
प्रश्न 3 – दो उदाहरण देकर उपभोक्ता जागरूकता की जरूरत का वर्णन करें।
उत्तर :- दो कारणों के चलते ही उपभोक्ता जागरूकता की जरूरत पड़ी –
(1) दरअसल बहुत से दुकानदार ऐसे भी होते हैं जो कि ग्राहकों को ठग लेते हैं।
(2) बहुत से दुकानदार ऐसे भी होते हैं जो कि ग्राहकों के सामान में मिलावट कर देते हैं।
प्रश्न 4 – ऐसे कुछ कारकों की चर्चा करें, जिनमें उपभोक्ताओं का शोषण होता है?
उत्तर :- कुछ ऐसे कारक जिनमें उपभोक्ताओं का शोषण होता है –
(1) बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो कि पढ़े लिखे नहीं होते हैं। और इसी के चलते ही विक्रेता उपभोक्ताओं का शोषण कर लेते हैं।
(2) अनेकों ग्राहकों में जागरूकता की कमी होती है।
(3) अनेकों विक्रेता उपभोक्ता से किसी सामान का ज्यादा पैसा वसूलते हैं।
(4) कई बार ऐसा भी होता है जब दुकानदार धोखे से ग्राहक को असली सामान की जगह डुप्लीकेट वस्तु दे देते हैं।
प्रश्न 5 – उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 के निर्माण की जरूरत क्यों पड़ी?
उत्तर :- सरकार को साल 1986 में उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 के निर्माण की जरूरत पड़ी। सरकार को यह कदम उठाना ही पड़ा क्योंकि ऐसा करना जरूरी भी था। दरअसल 1986 से पहले तक बहुत से विक्रेता उपभोक्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे थे। वह उपभोक्ताओं को ठग रहे थे। बस यही सबसे बड़ा कारण रहा कि सरकार को उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 के निर्माण की जरूरत पड़ी।
प्रश्न 6 – अपने क्षेत्र के बाजार में जाने पर उपभोक्ता के रूप में आप अपने कुछ कर्तव्य का वर्णन करें।
उत्तर :- हमारे कुछ कर्त्तव्य हो सकते हैं –
(1) हमें कोई भी सामान की गुणवत्ता को देखकर हो यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमें वह सामान लेना चाहिए कि नहीं।
(2) अगर आपको पता चले कि कोई विक्रेता ने आपको ठगने की कोशिश की तो आप सीधे ही अदालत में उनकी शिकायत की अर्जी लगाए।
(3) जब भी आप कोई वस्तु खरीदे तो सबसे पहले यह देखे कि उस सामान पर Agmark का निशान है कि नहीं।
(4) उपभोक्ता विक्रेता के समक्ष खुलकर अपने अधिकारों को रखे।
प्रश्न 7 – मान लीजिए आप शहद की एक बोतल और बिस्किट का एक पैकेट खरीद लेते हैं। खरीदते समय आप कौन-सा लोगो या शब्द चिन्ह देखेंगे और क्यों?
उत्तर :- अगर आप बाजार शहद की एक बोतल और बिस्किट का एक पैकेट खरीदे तो इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि शहद की उस बोतल पर I.S.I, ऐगमार्क अथवा हॉलमार्क का लोगो अवश्य हो।
प्रश्न 8 – भारत में उपभोक्ताओं को समर्थ बनाने के लिए सरकार द्वारा किन कानूनी मापदंडों को लागू करना चाहिए?
उत्तर :- भारत में उपभोक्ताओं को समर्थ बनाने के लिए सरकार द्वारा कोपरा के सभी प्रावधानों को लागू कर देना चाहिए।
प्रश्न 9 – उपभोक्ताओं के कुछ अधिकारों को बताएं और प्रत्येक अधिकार पर कुछ पंक्तियां लिखें।
उत्तर :- उपभोक्ताओं के कुछ अधिकार इस प्रकार है –
(1) सुरक्षा का अधिकार – एक जागरूक उपभोक्ता को सुरक्षा का अधिकार रहता है। वह उपभोक्ता कोई भी ऐसा सामान नहीं खरीदे जिससे कि उसकी सुरक्षा का नुकसान हो।
(2) क्षतिपूर्ति निवारण का अधिकार – अगर किसी ग्राहक को किसी उत्पाद से क्षति हो तो क्षति का निवारण होना भी बहुत जरूरी है।
(3) सूचना का अधिकार – हर एक ग्राहक को उत्पादों की सूचना का अधिकार है कि वह सूचना रखें।
प्रश्न 10 – उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन कैसे कर सकते हैं?
उत्तर :- उपभोक्ता को अपने अधिकारों या फिर अपने कर्तव्यों का पालन करना होता है।
उपभोक्ता आंदोलन चलाकर भी एकजुटता का प्रदर्शन किया जा सकता है।
प्रश्न 11 – भारत में उपभोक्ता आंदोलन की प्रगति की समीक्षा करें।
उत्तर :- उपभोक्ता आंदोलन का प्रारंभ उपभोक्ताओं के असंतोष के कारण हुआ, क्योंकि विक्रेता कई अनुचित व्यावसायिक व्यवहारों में शामिल होते थे। सरकार को साल 1986 में उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 के निर्माण की जरूरत पड़ी। उसके बाद भारत ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
प्रश्न 12 – निम्नलिखित को सुमेलित करें-
(1) उत्पाद के घटकों का विवरण | (क) सुरक्षा का अधिकार |
(2) एगमार्क | (ख) उपभोक्ता मामलों में संबंध |
(3) स्कूटर में खराब इंजन के कारण हुई दुर्घटना | (ग) अनाजों और खाद्य तेलों का प्रमाण |
(4) जिला उपभोक्ता अदालत विकसित करने वाली एजेंसी | (घ) उपभोक्ता कल्याण संगठनों की अंतरराष्ट्रीय संस्था |
(5) फूड फोर्टिफिकेशन | (ङ) सूचना का अधिकार |
(6) उपभोक्ता इंटरनेशनल | (च) वस्तुओं और सेवाओं के लिए मानक |
(7) भारतीय मानक ब्यूरो | (छ) खाद्य पदार्थ में मुख पोषक तत्वों को मिलाना |
उत्तर :-
(1) उत्पाद के घटकों का विवरण | (ङ) सूचना का अधिकार |
(2) एगमार्क | (ग) अनाजों और खाद्य तेलों का प्रमाण |
(3) स्कूटर में खराब इंजन के कारण हुई दुर्घटना | (क) सुरक्षा का अधिकार |
(4) जिला उपभोक्ता अदालत विकसित करने वाली एजेंसी | (ख) उपभोक्ता मामलों में संबंध |
(5) फूड फोर्टिफिकेशन | (छ) खाद्य पदार्थ में मुख पोषक तत्वों को मिलाना |
(6) उपभोक्ता इंटरनेशनल | (घ) उपभोक्ता कल्याण संगठनों की अंतरराष्ट्रीय संस्था |
(7) भारतीय मानक ब्यूरो | (च) वस्तुओं और सेवाओं के लिए मानक |
प्रश्न 13 – सही या ग़लत बताएं:
(क) कोपरा केवल सामानों पर लागू होता है।
(ख) भारत विश्व के उन देशों में से एक है, जिसके पास उपभोक्ताओं की समस्याओं के निवारण के लिए विशिष्ट अदालते हैं।
(ग) जब उपभोक्ता को ऐसा लगे कि उसका शोषण हुआ है. तो उसे जिला उपभोक्ता अदालत में निश्चित रूप से मुकदमा दायर करना चाहिए।
(घ) जब अधिक मूल्य का नुकसान हो, तभी उपभोक्ता अदालत में जाना लाभप्रद होता है।
(ङ) हॉलमार्क, आभूषणों की गुणवत्ता बनाए रखनेवाला प्रमाण पत्र है।
(च) उपभोक्ता समस्याओं के निवारण की प्रक्रिया अत्यंत सरल और शीघ्र होती है।
(छ) उपभोक्ता को मुआवजा पाने का अधिकार है जो क्षति की मात्रा पर निर्भर करती है।
उत्तर :- (क) गलत, (ख) सही, (ग) सही, (घ) गलत, (ङ) सही, (च) सही, (छ) सही।
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