कक्षा 6 हिंदी अध्याय 3 नादान दोस्त के प्रश्न उत्तर को छात्रों की सहायता के लिए बनाए गए है। सभी सत्र 2024-25 के आधार पर तैयार किए गए है। नादान दोस्तों की कहानी बहुत ही दिलचप है। छात्रों को 3 नादान दोस्त के प्रश्न उत्तर से बहुत अच्छा अभ्यास होगा। जोकि परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में सहायता करेगा।
प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1 – अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे ?
उत्तर :- केशव और श्यामा दोनों सुबह सुबह अंडो को देखने के लिए कार्निस पहुँच जाते थे। अंडो को देखकर उनके मन में कई तरह के सवाल उठते थे। जैसे:- अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे? कितने होंगे? क्या खाते होंगे? उनमे से बच्चे किस तरह निकल कर आएंगे? घोसला कैसा है? लेकिन उनके सवालो के जवाब देने के लिए कोई नहीं था, माँ सारा दिन घर के काम मे व्यस्त रहती और बाबूजी पढ़ने- लिखने में, इसलिए वे आपस मैं ही सवाल- जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे दिया करते थे।
प्रश्न 2 – केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर क्यों रखे थे ?
उत्तर :- केशव और श्यामा को चिड़िया और उसके बच्चों की बहुत चिंता थी। वे सोचते चिड़िया बेचारी इतना दाना कहाँ से ला पाएगी की सभी बच्चों का पेट भर सके। बच्चों ने चिथड़े, टोकरी इसलिए रखी ताकि चिड़िया और उसके बच्चो को धूप से बचा सके। केशव और श्यामा ने दाना- पानी मंगाकर कार्निस पर इसलिए रखा ताकि चिड़िया को दाना पानी लाने के लिए बाहर ना जाना पड़े।
प्रश्न 3- केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी ?
उत्तर :- केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा करने का बहुत प्रयास किया। लेकिन ये उनकी नादानी थी क्योंकि वे बच्चे थे और उन्हें पता नहीं था, चिड़िया के अंडे को छूने से अंडे खराब हो जाते हैं और फिर चिड़िया उन्हें नहीं सेती। इसलिए चिड़िया सभी अंडो को गिराकर उड़ गई।
कहानी से आगे
प्रश्न 1 – केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए? यदि उस जगह तुम होते तो क्या अनुमान लगाते और क्या करते ?
उत्तर :- केशव और श्यामा यह सोचते चिड़िया के बच्चे बाहर कब आएंगे, कितने दिन में बड़े होंगे, चिड़िया अपने बच्चों की देखभाल कैसे रखेंगी, क्या उन्हें समय से खाना मिल पाएगा। चिड़िया और उनके बच्चों को धूप भी लगती होगी। इस प्रकार के केशव और श्यामा ने कई अनुमान लगाए।अगर हम केशव और श्यामा की जगह होते तो हम भी यही करते लेकिन माता-पिता से एक बार अवश्य बात करते।
प्रश्न 2 – माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए? माँ के पूछने पर दोनों में से किसी ने किवाड़ खोल कर दोपहर में बाहर निकलने का कारण क्यों नहीं बताया ?
उत्तर :- मां के सोते ही केशव और श्यामा दोनों दोपहर में बाहर इसलिए आए थे। क्योंकि उन्हें चिड़िया और चिड़िया के बच्चों की चिंता थी। वे दोनों चिड़िया और उसके बच्चों की रक्षा करना चाहते थे। इसलिए दोनों दोपहर में मां को बिना बताए बाहर आए, मां के पूछने पर किसी ने जवाब इसलिए नहीं दिया क्योंकि उन्हें पता था कि अगर किसी ने भी बताया तो उन दोनों की पिटाई हो सकती है।
प्रश्न 3 – प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?
उत्तर :- छोटे बच्चे, बचपन, नन्ही शरारत, भोला बचपन आदि शीर्षक हो सकते है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1 – इस पाठ में गरमी के दिनों की चर्चा है। अगर सरदी या बरसात के दिन होते तो क्या-क्या होता? अनुमान करो और अपने साथियों को सुनाओ।
उत्तर :- अगर सर्दी या बरसात के दिन होते, तो केशव और श्यामा की मां उन्हें बाहर नहीं निकलने देती। उन्हें सर्दी और बरसात से बचाकर रखती। अगर केशव और श्यामा बाहर नहीं आते तो उन्हें चिड़िया और उसके बच्चों के बारे में पता नहीं चलता, और ना ही चिड़िया और उसके बच्चों के साथ ऐसा होता।
प्रश्न 3 – पाठ पढ़कर मालूम करो कि दोनों चिड़िया वहाँ फिर क्यों नहीं दिखाई दीं? वे कहाँ गई होंगी? इस पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर बातचीत करो।
उत्तर :- केशव और श्यामा के द्वारा चिड़िया के बच्चों को छेड़े जाने पर चिड़िया डर गई और वहां से चली गई। उन्हें लगा कि यह जगह उनके लिए सुरक्षित नहीं है। इसके बाद उन्होंने कहीं ऐसी जगह देखी होगी, जहां वे सुरक्षित रह सके ओर अपना नया घोंसला बना सके।
प्रश्न 4 – केशव और श्यामा चिड़िया के अंडों को लेकर बहुत उत्सुक थे। क्या तुम्हें भी किसी नयी चीज या बात को लेकर कौतूहल महसूस हुआ है? ऐसे किसी अनुभव का वर्णन करो और बताओ कि ऐसे में तुम्हारे मन में क्या-क्या सवाल उठे?
उत्तर:- बचपन में छोटी-छोटी और नई चीजों के प्रति आकर्षण होना संभव होता है। हम किसी भी नई चीज को देखकर उत्सुक हो जाते हैं जैसे हम कहीं बाहर घूमने जाए ओर चिजों को अच्छे से तैयार कर रखा हो तो उन चीजों को देखकर कितना प्यारा लगता है। मन में ऐसा होता है जैसे यह सारी चीज है अपने साथ ले जाए। हमारे यहां भी एक बार कबूतर को लाया गया था जिसे देखकर मन में उसके साथ रहने की और उसका ख्याल रखने का उत्साह होता था। उसको समय पर पानी पिलाना उसके साथ खेलना, उसी के साथ सो जाना सब बहुत अच्छा लगता था। जब उसे घर पर लाया गया तब वह बहुत छोटा सा लगता था। धीरे धीरे बड़ा होने पर एक दिन वह चला गया। हमने उसका नाम स्वीटू रखा था। हमें कई बार उसकी याद भी आती है।
भाषा की बात
प्रश्न 1 – श्यामा माँ से बोली, “मैंने आपकी बातचीत सुन ली है। ” ऊपर दिए उदाहरण में मैंने का प्रयोग ‘श्यामा’ के लिए और आपकी का प्रयोग ‘माँ’ के लिए हो रहा है। जब सर्वनाम का प्रयोग कहने वाले, सुनने वाले, या किसी तीसरे के लिए हो, तो उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। नीचे दिए गए वाक्यों में तीनों प्रकार के पुरुषवाचक सर्वनामों के नीचे रेखा खींचो
• एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा-“मैं भूख से मरा जा रही हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?
उत्तर :- एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा-“मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?”
सर्वनाम। भेद
उन्होंने अन्य पुरुषवाचक
उनकी अन्य पुरुषवाचक
उसने। अन्य पुरुषवाचक
मै। उत्तम पुरुषवाचक
आप। मध्यम पुरुषवाचक
मुझे। उत्तम पुरुषवाचक
प्रश्न 2 – तगड़े बच्चे मसालेदार सब्जी बड़ा अंडा
• यहाँ रेखांकित शब्द क्रमशः बच्चे, सब्जी और अंडे की विशेषता यानी गुण बता रहे हैं, इसलिए ऐसे विशेषणों को गुणवाचक विशेषण कहते हैं। इसमें व्यक्ति या वस्तु के अच्छे बुरे हर तरह के गुण आते हैं। तुम चार गुणवाचक विशेषण लिखो, और उनसे वाक्य बनाओ।
उत्तर:- (क) पुराना:- हेमा का खिलौना पुराना है।
(ख) काला कमीज:- रमन ने काला कमीज पहना हुआ है।
(ग) लम्बी ढाढी:- पार्क में लम्बी ढाढी वाला इंसान जा रहा है।
(घ) नई कार:- अशोक ने नई कार ली है।
प्रश्न 4 – (क) केशव ने झुंझलाकर कहा…।
(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला…
(ग) केशव घबराकर उठा…
(घ) केशव ने टोकरी को एक टहनी से टिकाकर कहा…
(ङ) श्यामा ने गिड़गिड़ाकर कहा…
• ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखो। ये शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण का काम कर रहे हैं,क्योंकि ये बताते हैं कि कहने, बोलने और उठने की क्रिया कैसे हुई। ‘कर’ वाले शब्दों के क्रियाविशेषण होने की एक पहचान यह भी है कि ये अकसर क्रिया से ठीक पहले आते हैं। अब तुम भी इन पाँच क्रियाविशेषणों का वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर:- (क) झुंझलाकर:- सीता ने राधा को झुंझलाकर कहा कि क्या वह उसके साथ में बाज़ार जाएगी।
(ख) बनाकर:- वह खाना बनाकर बाहर जाएगी।
( ग) घबराकर:- रोमा चूहे की आवाज से घबराकर भाग गई।
(घ) टिकाकर:- अशोक दिवार से सिर टिकाकर रो रहा था।
(ङ) गिड़गिड़ाकर :- बच्चा गिड़गिड़ाकर रो रहा था।
प्रश्न 5 – नीचे प्रेमचंद की कहानी ‘सत्याग्रह’ का एक अंश दिया गया है। तुम इसे पढ़ोगे तो पाओगे कि विराम-चिह्नों के बिना यह अंश अधूरा-सा है। तुम आवश्यकता के अनुसार उचित जगहों पर विराम-चिह्न लगाओ।
• उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया 11 बज चुके थे चारों तरफ़ सन्नाटा छा गया था पंडित जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कहिए क्या दें भूख लग आई न अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं मोटेराम अबे क्या कहता है यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं चाहें तो महीनों पड़े रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि ज़रा अपनी कुप्पी मुझे दे देखें तो वहाँ क्या रेंग रहा है मुझे भय होता है।
उत्तर :- उसी समय एक ‘खोचमेवाला’ जाता दिखाई दिया। 11 बज चुके थे। चारों तरफ सन्नाटा छा चुका था। पंडित जी ने बुलाया ‘खोमचेवाले’ ‘खोमचेवाला’। ‘कहिए, क्यों हूँ? भूख लग आई ना! अन्न जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा-आपका नहीं।” “मोटेराम अबे, क्या कहता है! यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं। चाहे तो महीने पड़े रहें और भूख न लगे। तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि ज़रा अपनी कुप्पी मुझे दे। देखें तो, वहाँ क्या रेंग रहा है। मुझे भय होता है।”
कुछ करने को
- गर्मियों या सर्दियों में जब तुम्हारी लंबी छुटियाँ होती हैं, तो तुम्हारा दिन कैसे बीतता है? अपनी बुआ या किसी और को एक पोस्टकार्ड या अंतरदेशीय पत्र लिखकर बताओ।
उत्तर :- 15, हुडडा सेक्टर
परिजात चौक,
हिसार।
28-10-2021
आदरणीय मामा जी,
सादर प्रणाम।
मैं यहाँ परिवार के साथ अच्छे से रह रही हूँ। आशा है आप ठीक होगी। मेरे यहाँ गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई है। में सुबह पाँच बजे जाग जाती हूँ। फिर सैर करने के लिए भी जाती हूँ। सैर से लोटकर आराम करने के बाद स्नान करती हूँ। फिर नाश्ता करने के बढ़ पढ़ने के लिए बैठ ती हूँ। थोड़ी देर टीवी देखने के बाद खेलने के लिए जाती हूँ। रात को सब एक साथ खाना खाते है। मेरी गर्मी कि छुट्टियां बहुत अच्छे से बीत रही है। आप सभी को सादर प्रणाम। जवाब जरूर देना।
आपकी भतीजी
दिशा