हर साल हम सभी को वर्षा ऋतु (Rainy Season) का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे बारिश का मौसम पसंद न हो। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई बारिश के मौसम का स्वागत करना, उसका आनंद उठाना और उससे प्यार करना बखूबी जानता है। किसी को बरसात के मौसम में घूमना पसंद होता है, तो किसी को बरसात में भीगना अच्छा लगता है। वर्षा ऋतु के मौसम में पेड़-पौधों पर हरियाली की सुंदरता भी और बढ़ जाती है। इंसान ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी भी वर्षा ऋतु के आगमन से प्रसन्न हो उठते हैं।
प्रस्तावना
भारत में वर्षा ऋतु एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऋतु मानी जाती है। जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है, तो हर तरफ खुशियों का माहौल छा जाता है। वर्षा ऋतु के आने पर बच्चों में एक अलग ही उमंग देखने को मिलती है। पर्यावरण के लिए वर्षा बहुत जरूरी होती है। वर्षा हमारे लिए ही नहीं पृथ्वी के लिए भी बहुत जरूरी है। भारत में वर्षा किसानों के लिए एक वरदान है क्योंकि उनकी फसल की बुआई और सिंचाई वर्षा पर ही निर्भर रहती है। अगर यही वर्षा देर से आए, तो उनकी फसल खराब होने की संभावना रहती हैं। हर किसी ने बारिश के पानी में कागज से बनी हुई नाव के साथ खेलते हुए बच्चों का सुन्दर दृश्य जरूर देखा होगा।
वर्षा ऋतु का आगमन
वर्षा ऋतु का आगमन श्रावण माह से शुरू होता है और भादो माह तक रहता है। अंग्रेजी भाषा में इसे जुलाई से सितंबर तक के महीने को कहा जाता हैं। वर्षा ऋतु में चारों तरफ आपको हरियाली नज़र आयेगी। वर्षा ऋतु को मानसून भी कहा जाता है। इस मौसम में बरसात सबसे ज्यादा होती है। आपको हर तरफ पानी ही पानी नजर आएगा। पेड़ों पर हरे-भरे पत्ते, आम के फलों से लदे पेड़, उस पर चिड़ियों का बैठकर चहचाना, ये मनमोहक दृश्य आपको वर्षा ऋतु के आगमन का संदेश देता है।
वर्षा ऋतु का महत्व
वर्षा ऋतु एक ऐसी ऋतु है जो सबको अपनी तरफ आकर्षित करती है। चाहे वो मनुष्य हों, पेड़-पौधे हों या पशु-पक्षी हों। गांव के खेतों में लहराते धान को देखकर वर्षा ऋतु की जो मनमोहक प्रस्तुति हमारे मन में उत्पन्न होती है उसे शब्दों में बयां कर पाना शायद ही किसी के लिए आसान हो। इस मौसम में धान के अलावा और भी फसलों का उत्पादन किया जाता है। जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है।
उत्पादन में अधिक वृद्धि- अगर सही समय पर वर्षा ऋतु का आगमन हो जाए, तो किसानों के खेतों के लिए काफी लाभदायक होता है जिसे निम्नलिखित तरीकों से बताया गया है।
- सिंचाई के लिए किसी अन्य साधन पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
- वर्षा ऋतु में एक से ज्यादा फसलों का उत्पादन।
- सिंचाई के पैसों की बचत।
- वर्षा का पानी धान के पौधों को मजबूत करने का काम करता है।
छोटे जीव-जंतु को राहत- जून के माह में भीषण गर्मी पड़ती है जिसके कारण छोटे-छोटे जीव-जन्तु परेशान हो जाते हैं। जुलाई के माह में जब बारिश होती है, तो उनको राहत मिलती है।
वर्षा ऋतु का उद्देश्य
वर्षा ऋतु का उद्देश्य है जीवन के चक्र को चलाना तथा उसे नया रूप देना। वर्षा ऋतु 3 से 4 महीने रहती है और फिर चली जाती है। वर्षा ऋतु में ठंडी-ठंडी हवाएं चलती हैं, पेड़ों पर नए-नए पत्ते निकलने शुरू हो जाते हैं, जमीन पर छोटी-छोटी नई घास की चादर बिछ जाती है। बारिश की पहली बूंद जब धरती पर गिरती है, तो जमीन से निकलने वाली खुशबू आप का मन मोह लेगी। वर्षा ऋतु में त्योहारों का आगमन और किसानों में एक अलग जोश के साथ खेती करना उत्साह देखा जा सकता है। वर्षा से हमें गर्मी से राहत मिलती है।
वर्षा ऋतु के लाभ
बारिश हमारे और हमारे देश के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। वर्षा ऋतु के लाभ निम्नलिखित हैं-
पानी को इकट्ठा करने का समय-
वर्षा ऋतु ही एक ऐसा मौसम है जहां हम वर्षा के पानी को इकट्ठा करके रखने में सक्षम हो सकते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम तालाब, नहर, कुएं, गड्ढे आदि जगह पर पानी को इकट्ठा करके रख ले और बाद में इसका उपयोग हम खेत की सिंचाई, पेड़ों को पानी देना आदि जैसी चीजों के लिए करें।
पानी कम खर्च करने का सुनहरा मौका होती है वर्षा ऋतु-
वर्षा ऋतु में हम पानी का सबसे कम उपयोग कर सकते हैं क्योंकि बारिश के कारण पेड़-पौधे को अपने आप ही पानी मिल जाता है। तो हमें उन्हें पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे में आप पानी की बचत भी कर सकते हैं।
पंखे, कूलर और एसी का कम से कम प्रयोग-
वर्षा ऋतु में हम पंखे, कूलर और एसी का कम से कम प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि वर्षा ऋतु में मौसम ठंडा रहता है।
वर्षा ऋतु से हानि या समस्या
बाढ़ की संभावना–
लगातार तेज बारिश होने के कारण लोगों को बाढ़, सुनामी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा है।
बारिश से फसल का नुकसान–
तेज बारिश होने की वजह से किसानों की फसल को काफी नुकसान भी होता है जिसके कारण उनकी साल भर की मेहनत खराब जाती है।
फसल खराब होने से अनाज उत्पादन में गिरावट–
तेज बारिश के कारण किसानों का अनाज खराब हो जाता है, तो उनके द्वारा खेतों में लगाई गई लागत तक नहीं निकल पाती है, जिसके कारण किसान वर्ग के लोगों को काफी निराशा झेलनी पड़ती है। और बाजार में फसल कम दाम पर बिकती है।
संक्रामक/वायरस फैलने का डर–
वर्षा ऋतु में हर जगह पानी भर जाता है जिसके कारण बच्चों और बड़ों में वायरस फैलने का भय बना रहता है, जैसे सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार, एलर्जी आदि।
प्रकृति पर वर्षा का प्रभाव–
तेज वर्षा के कारण पेड़-पौधे गिर जाते हैं जिसके कारण प्रकृति को भी नुकसान होता है।
लोगों की मृत्यु–
तेज बारिश के कारण चलती हुए सड़कों पर अचानक पेड़ गिरने से सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में इजाफा देखा जा सकता है, जिसका मुख्य कारण वर्षा है।
वर्षा ऋतु में बचाव हेतु बातें
- वर्षा ऋतु में आप घर में ही रहें।
- वायरस से बचने के लिए घर को साफ-सुथरा रखें।
- बाहर के खाने की चीजों से बचें।
- स्वच्छ जल का प्रयोग करें।
- वर्षा ऋतु के मौसम में आपको गेहूं, दही, अंजीर, खजूर और छाछ का सेवन करना चाहिए।
- वर्षा ऋतु में अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं।
- घर से निकलने वाले कूड़े-कचरे को नदी, नालों में ना फेंके।
- कुछ मामूली सी सावधानियां बरतकर हम सभी हैजा जैसे भयंकर रोग से बचाव कर सकते हैं।
- आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप गंदे पानी को ना पिएं।
- अगर आपको डायरिया जैसी बीमारी का एहसास हो, तो आपको तुरंत जीवन रक्षक घोल का सेवन करना चाहिए।
- जीवन रक्षक घोल आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करने का काम करता है।
- इस घोल के पैकेट को आप वर्षा ऋतु के मौसम में जरूर अपने घरों में लाकर रखें।
- वर्षा ऋतु में आप कभी भी छोटे बच्चों को बोतल से दूध ना पिलाएं।
- अगर किसी छोटे बच्चे को दस्त होने लगें, तो उसे तुरंत मां का दूध पिलाएं या फिर डॉक्टर के पास ले जाएं।
- वर्षा ऋतु में पशुओं में भी अनेक बीमारी उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है। इसलिए छोटे बच्चों को पशुओं से संबंधित दूध को जांच करने के बाद ही पिलाएं।
- वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा हरी और रंगीन सब्जियों का सेवन करें।
- वर्षा ऋतु के मौसम में मांसाहारी चीजों को खाने से बचें क्योंकि यह उनके प्रजनन का मौसम होता है।
- वर्षा ऋतु सुहाना मौसम होता है इसलिए आपको स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
- इस मौसम में आपको कालरा, डायरिया का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है।
- इस मौसम में आपको संक्रामक बीमारियां फैलती हैं, जिसके लिए आपको दिनचर्या के तरीके में थोड़े बदलाव की जरूरत है। ऐसे में आप बीमारियां होने से बचाव कर पाएंगे।
- पानी को आप जब भी पिएं उबालकर ही पिएं।
- कटे फल, सब्जियां आदि को खुला बिल्कुल ना रखें।
- साफ-सुथरे बर्तन का ही प्रयोग करें।
- फलों को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से धो लें।
- सब्जियों को पकाने से पहले उन्हें धोकर सुखा लें।
- वर्षा ऋतु में बचे हुए भोजन का प्रयोग ना करें।
- पत्तेदार सब्जियों के प्रयोग से बचें।
हमारे शरीर में खानपान के अलावा भी मौसम का प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमें चाहिए कि हम मौसम के अनुकूल भोजन और फलों का इस्तेमाल करें, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक ना हो। वर्षा ऋतु में हमें ज्यादा ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहें तथा नियमित रूप से व्यायाम करें, इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तेज होगी। बारिश होने पर आप छाता या टोपी का इस्तेमाल जरूर करें ताकि बारिश के पानी से आपके बालों को कोई नुकसान ना हो।
निष्कर्ष
वर्षा ऋतु संसार के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। इसे हम अपनी जीविका के साधन के रूप में देख सकते हैं। जैसे पानी के बिना नदी का कोई मोल नहीं होता है ठीक वैसे ही बारिश के बिना इंसान और प्रकृति का भी कोई मोल नहीं होता है।
वर्षा ऋतु पर छोटा निबंध
वर्षा ऋतु प्रकृति के सौंदर्य को दर्शाने वाली ऋतु है। प्रकृति में ऋतुओं के बदलाव से वर्षा ऋतु का आगमन होता है जिसके बाद ही वर्षा होती है। इसीलिए हमें चाहिए कि हम प्रकृति की रक्षा करें और उनका कम से कम दोहन करें। अगर हम प्रकृति की रक्षा नही करेंगे, तो एक दिन हम विनाश की ओर बढ़ जाएंगे। वर्षा ऋतु में हर साल होने वाली बारिश की मात्रा में कमी आ रही है। वर्षा ऋतु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण है पेड़ों की कटाई। लोग लगातार अंधाधुंध पेड़ों की कटाई करते जा रहे हैं, जिसके चलते बारिश कम होती जा रही है।
पेड़ों को लगाने का सही समय वर्षा ऋतु ही माना जाता है। इस मौसम में नए-नए पेड़ों को लगाया जाता है ताकि उनका सही से विकास हो सके। छोटे पेड़ों को लगाने का उद्देश्य होता है उन्हें भरपूर वर्षा का पानी मिले जिससे वह मजबूत हो जाएं। वर्षा ऋतु को सुहावना मौसम भी कहा जाता है क्योंकि इस मौसम में लोग घूमने के लिए ज्यादातर बाहर जाते हैं। इस मौसम में चारों तरफ आकर्षित करने वाली चीजें ही आपको देखने को मिलेंगी। इस मौसम में सभी को राहत की सांस और सुकून मिलता है। इस मौसम में आपको सात रंगों वाला इंद्रधनुष भी दिखाई पड़ता है, जो बहुत ही सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। वर्षा ऋतु में सफेद, भूरे और काले बादलों को घूमते हुए आपने जरूर देखा ही होगा, जिसे बच्चे देखकर बहुत खुश होते हैं।
वर्षा ऋतु ना सिर्फ अपने साथ खुशियां लेकर आती है बल्कि बहुत सारी कठिनाइयां भी लेकर आती है। बरसात होने पर जगह-जगह सड़कों और गड्ढों में पानी भर जाता है जिसके कारण लोगों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और सुनामी आपदाएं जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
वर्षा ऋतु में आने वाली समस्याएं-
- वर्षा ऋतु में लोग घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं।
- वर्षा ऋतु परिवर्तन में कुछ लोग अपने आप को ढाल लेते हैं, तो वहीं कुछ लोग इस मौसम में बीमार पड़ जाते हैं।
- ऋतु परिवर्तन का प्रभाव मनुष्य के साथ-साथ पेड़-पौधों पर भी पड़ता है।
- तेज वर्षा होने के कारण कमजोर पेड़ गिरकर टूट जाते हैं।
- वर्षा ऋतु परिवर्तन से पेड़ों को बहुत नुकसान होता है।
- तेज बारिश के चलते फसलें गल जाती हैं या खराब हो जाती हैं।
- इस मौसम में बहुत सारे जीव-जंतु, कीड़े-मकोड़े बाहर निकल कर आने लगते हैं, जिसके कारण लोगों को खतरा बढ़ जाता है।
इस मौसम में आकाश बहुत साफ, चमकदार और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है। वर्षा ऋतु में आसमान बहुत अच्छा दिखाई पड़ता है, ये दृश्य आपका मन मोह लेता है। वर्षा और मनुष्य का एक दूसरे से गहरा रिश्ता है। अगर पेड़-पौधे ही ना हों, तो वर्षा ऋतु का आगमन काफी देर से होगा।
वर्षा ऋतु पर 10 लाइन
- भारत में वर्षा ऋतु एक महत्त्वपूर्ण ऋतु है।
- वर्षा ऋतु का आगमन जून के महीने में हो जाता है।
- वर्षा ऋतु किसान वर्ग के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- वर्षा ऋतु बच्चों के साथ-साथ बड़ों की भी पसंदीदा ऋतु है।
- वर्षा ऋतु उत्साह और उमंग लेकर आती है।
- वर्षा ऋतु धान की खेती के लिए सबसे अच्छी ऋतु मानी जाती है।
- वर्षा ऋतु पानी इकट्ठा करने का सबसे अच्छा स्रोत है।
- वर्षा ऋतु में आप तरह-तरह के फलों का आनंद ले सकते हैं।
- वर्षा ऋतु लोगों को जून की तपती गर्मी से राहत दिलाने आती है।
- वर्षा ऋतु को हरियाली के लिए भी जाना जाता है।
वर्षा ऋतु पर निबंध लिखते समय ध्यान रखने वाली आवश्यक बातें
- वाक्य छोटे हों।
- कठिन शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए।
- निबंध पढ़ते समय लोगों को उबाऊ नहीं लगना चाहिए।
- वर्षा ऋतु में आप कविता का भी प्रयोग कर सकते हैं।
- वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने से पहले आप किन-किन बिंदुओं का उल्लेख करने वाले हैं इसका पता आपको पहले ही होना चाहिए ताकि लिखते समय आप जल्दी से अपना निबंध पूरा कर सकें।
- ऐसे शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए जिसका अर्थ आपको मालूम ना हो ।
- निबंध को हमेशा हेडिंग के साथ लिखें। इससे आपका निबंध और ज्यादा आकर्षक दिखेगा।
- अपने निबंध में आप वर्षा ऋतु से संबंधित चित्रों को भी लगा सकते हैं।
- वर्षा ऋतु पर निबंध लिखते समय ज्यादा से ज्यादा सृजनात्मक लेखन का ही प्रयोग करें।
वर्षा ऋतु के निबंध में हमने काफी सारे बिंदुओं के बारे में विस्तार से चर्चा की है। आप इसे पढ़कर काफी जानकारी हासिल कर सकते हैं जैसे हम वर्षा ऋतु में कौन-कौन से तरीकों का उपयोग करके संक्रामक बीमारियों से बच सकते हैं। वर्षा ऋतु से संबंधित निबंध लिखने का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में जानें। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह हिंदी में निबंध (Essay In Hindi) ज़रूर पसंद आया होगा
वर्षा ऋतु से संबंधित FAQs
प्रश्न- वर्षा ऋतु के फायदे क्या हैं?
उत्तरः वर्षा होने के कारण अच्छी फसल उगती है, जिसके चलते बाजार में किसान वर्ग को अच्छे पैसे मिलते हैं। वर्षा होने के कारण जामुन जैसे फल जल्दी पकने लगते हैं।
प्रश्न- वर्षा ऋतु से होने वाले हानियों का वर्णन करें?
उत्तरः वर्षा ऋतु में लोगों को वायरस फैलने का खतरा बना रहता है और आपदा जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।
प्रश्न- वर्षा ऋतु से फैलने वाले वायरस का नाम बताइए?
उत्तरः सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार, एलर्जी आदि।
प्रश्न- वर्षा ऋतु में कौन-कौन सी फसल उगाई जाती है?
उत्तः वर्षा ऋतु में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग, उड़द, कपास, मूंगफली, सोयाबीन आदि फसलों को उगाया जाता है।
प्रश्न- वर्षा ऋतु में ही पेड़ों को लगाने के लिए क्यों सबसे अच्छा ऋतु माना जाता है?
उत्तरः वर्षा ऋतु में पेड़ों को इसलिए लगाया जाता है ताकि उन्हें वर्षा का जल मिल सके। वर्षा जल के कारण ही पौधे में मजबूती आ जाती है और वह आसानी से उग जाते हैं।
प्रश्न- वर्षा ऋतु कब आती है?
उत्तरः वर्षा ऋतु जून या जुलाई में आकर सितंबर तक रहती है।
प्रश्न- वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?
उत्तरः वर्षा ऋतु हमें भीषण गर्मी से राहत देने का काम करती है।