इस लेख में छात्रों को एनसीईआरटी 10वीं कक्षा की भूगोल की पुस्तक यानी “समकालीन भारत-2” के अध्याय- 7 “राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ” के नोट्स दिए गए हैं। विद्यार्थी इन नोट्स के आधार पर अपनी परीक्षा की तैयारी को सुदृढ़ रूप प्रदान कर सकेंगे। छात्रों के लिए नोट्स बनाना सरल काम नहीं है, इसलिए विद्यार्थियों का काम थोड़ा सरल करने के लिए हमने इस अध्याय के क्रमानुसार नोट्स तैयार कर दिए हैं। छात्र अध्याय- 7 भूगोल के नोट्स यहां से प्राप्त कर सकते हैं।
Class 10 Geography Chapter-7 Notes In Hindi
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अध्याय-7 “राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ“
बोर्ड | सीबीएसई (CBSE) |
पुस्तक स्रोत | एनसीईआरटी (NCERT) |
कक्षा | दसवीं (10वीं) |
विषय | सामाजिक विज्ञान |
पाठ्यपुस्तक | समकालीन भारत-2 (भूगोल) |
अध्याय नंबर | सात (7) |
अध्याय का नाम | “राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ” |
केटेगरी | नोट्स |
भाषा | हिंदी |
माध्यम व प्रारूप | ऑनलाइन (लेख) ऑफलाइन (पीडीएफ) |
कक्षा- 10वीं
विषय- सामाजिक विज्ञान
पुस्तक- समकालीन भारत-2 (भूगोल)
अध्याय- 7 “राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ”
परिवहन के साधन
- वस्तु या व्यक्ति को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाले साधनों को परिवहन कहते हैं।
- सड़क, रेल, जल, वायु आदि परिवहन के मुख्य साधन हैं।
- जो लोग परिवार के माध्यम से वस्तुओं को उपभोक्ताओं तक पहुँचाते हैं उन्हें व्यापारी कहते हैं।
- तीव्र विकास के लिए परिवहन के साधन महत्त्वपूर्ण होते हैं।
- परिवहन का विकास संचार साधनों की वजह से हुआ है। यह कारण है कि परिवार, संचार तथा व्यापार एक-दूसरे के पूरक माने जाते हैं।
- स्थानीय व्यापार से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के व्यापार को आर्थिक शक्ति परिवहन संसाधनों ने प्रदान की है।
परिवहन के साधनों का वर्गीकरण
परिवन के साधनों के वर्गीकरण को निम्न तालिका से आसानी से समझा जा सकता है-
क्रम संख्या | परिवहन के क्षेत्र | परिवहन के विभिन्न साधन |
1. | स्थल | सड़क परिवहन, रेल परिवहन, पाइपलाइन |
2. | जल | आंतरिक जल परिवहन, समुद्री परिवहन |
3. | वायु | घरेलू विमान सेवा (सार्वजनिक प्राधिकरण, निजी विमान सेवा), अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा |
स्थल परिवहन और उसका महत्त्व
भारत सर्वाधिक सड़क जाल वाले राष्ट्रों में से एक है। सड़क परिवहन की शुरुआत रेल परिवहन से पहले हुई थी। यह परिवहन अन्य परिवहनों की तुलना में अधिक सुविधाजनक है। सड़क परिवहन का महत्त्व निम्नलिखित है-
- सड़कों का निर्माण कम लागत में संपन्न हो जाता है।
- टूटे-फूटे व उबड़-खाबड़ क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण संभव है।
- कम दूरी तय करने के लिए सड़क मार्ग सबसे बेहतर साधन साबित होता है।
- इस सुविधा की वजह से घर-घर सभी सेवाएँ पहुँचाने में आसानी होती है।
- सड़क अन्य सभी परिवहन के साधनों को आपस में जोड़ने का कार्य करता है।
- भारत में क्षमता के आधार पर सड़कों को छः वर्गों में बाँटा गया गया है, जिनके नाम निम्न प्रकार हैं-
- स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग
- राष्ट्रीय राजमार्ग
- राज्य राजमार्ग
- जिला मार्ग
- अन्य सड़कें
- सीमांत सड़कें
रेल परिवहन का महत्त्व और उसकी समस्याएँ
- रेल यात्रियों और वस्तुओं के लिए परिवहन का मुख्य साधन है।
- व्यापार, भ्रमण, तीर्थ यात्रा और लंबी दूरी के लिए रेल को परिवहन का अच्छा व सस्ता साधन माना जाता है।
- भारतीय रेलवे देश के आर्थिक, औद्योगिक व कृषि विकास के लिए भी जिम्मेदार है।
- भू-आकृति, आर्थिक व प्रशासकीय कारक रेल परिवहन को प्रभावित करते हैं।
- रेल की पटरियाँ कई उबड़-खाबड़ क्षेत्रों, पहाड़ियों व सुरंगों से होते हुए बनाई गई हैं।
- रेल ने वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना आसान बनाया है।
- वर्तमान में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में रेल अन्य परिवहन की अपेक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
रेल परिवहन से जुड़ी समस्याएँ
- बहुत से लोग रेल संपत्ति को हानि पहुँचाते हैं।
- कुछ यात्री बिना टिकट के ही रेल यात्रा करते हैं।
- यात्री कभी भी बिना किसी समस्या के जंजीर खींच कर गाड़ी रोक देते हैं, जिसकी वजह से रेलवे को अनेक प्रकार के नुकसान होते हैं।
- कभी-कभी रेलगाड़ियाँ कई कारणों से अपने निर्धारित समय पर नहीं चलती हैं।
पाइपलाइन परिवहन और इसके मुख्य जाल
- भारत में पाइपलाइन परिवहन का एक नया साधन है।
- पहले इसका इस्तेमाल शहरों व उद्योगों तक सिर्फ पानी पहुँचाने के लिए होता लेकिन अब इसके जरिए कच्चा तेल, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस और उर्वरक विभिन्न क्षेत्रों तक पहुँचाए जाते हैं।
- बहुत से ठोस पदार्थों की अवस्था बदलकर उन्हें तरल रूप में आसानी से सुदूर क्षेत्रों तक पहुँचाया जाता है।
- बरौनी, मथुरा, पानीपथ जैसे सुदूर भीतरी भागों में कारखानों की स्थापना पाइपलाइनों की वजह से ही संभव हुई है।
- पाइपलाइन को लगाने में अधिक धन लगता है लेकिन इसे कम लागत में चलाया जा सकता है।
- भारत में स्थापित तीन मुख्य जालों के नाम निम्न प्रकार हैं-
- असम के तेल क्षेत्रों से गुवाहटी, बरौनी व इलाहाबाद से होते हुए कानपुर तक।
- सलाया (गुजरात) से वीरमगाँव, मथुरा, दिल्ली से होते हुए सोनीपत के रास्ते पंजाब में जलांधर तक।
- गैस पाइपलाइन हजीरा (गुजरात) को जगदीशपुर (उत्तर प्रदेश) से जोड़ती है।
जल परिवहन का विस्तृत वर्णन
- प्राचीन काल में यात्रा के लिए समुद्री मार्ग को सुगम साधन माना जाता था।
- समुद्री नाविकों ने सुदूर इलाकों तक व्यापार को फैलाने का कार्य किया है।
- जल परिवहन को सबसे सस्ता साधना माना जाता है।
- जल मार्ग से भारी व बड़े सामानों को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकते हैं।
- परिवहन का यह साधन पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ ऊर्जा सक्षम भी है।
- भारत में नौसंचालन जलमार्ग लगभग 14500 किमी. लंबा है।
- देश का 95% व्यापार समुद्री मार्गों द्वारा किया जाता है।
सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय जलमार्ग
- नौगम्य जलमार्ग संख्या-1
- नौगम्य जलमार्ग संख्या-2
- नौगम्य जलमार्ग संख्या-3
- राष्ट्रीय जलमार्ग-4
- राष्ट्रीय जलमार्ग-5
देश में 95% व्यापार वाले मुख्य समुद्री पत्तन
- कांडला पत्तन (दीनदयाल पत्तन)
- मुंबई पत्तन
- तूतीकोरिन पत्तन
- कोलकाता पत्तन
- पारादीप पत्तन
- विशाखापत्तनम पत्तन
- कामराजार पत्तन
- चेन्नई पत्तन
वायु परिवहन
- वर्तमान में वायु परिवहन अन्य परिवहन साधनों के मुकाबले तीव्रतम और आरामदायक है।
- इस साधन का उपयोग संपन्न लोग अधिक करते हैं।
- वायु परिवहन के माध्यम से बड़ी आसानी से किसी भी क्षेत्र को आसानी से पार किया जा सकता है।
- परिवहन के इस साधन ने बाढ़ वाले क्षेत्रों में सुविधाओं की पहुँच को आसान बनाया है।
- वर्ष 1953 में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया।
- एयर इंडिया घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वायु सेवाएँ उपलब्ध कराती है।
- पवन हंस हेलिकॉप्टर लिमिटेड बहुत से आंतरिक क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ उपलब्ध करवाता है।
संचार सेवाओं का वर्णन
- आदिमकाल से ही मनुष्य संचार के लिए अनेक माध्यमों का प्रयोग कर रहा है।
- वर्तमान में आधुनिक तकनीकों के कारण मनुष्य बड़ी आसानी से अपनी बातें दूर-दराज के इलाकों तक पहुँचा सकता है।
- दूरदर्शन, रेडियो, समाचार-पत्र, प्रेस, सिनेमा आदि जनसंचार के मुख्य साधन हैं।
- वर्तमान में डाक-संचार ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहुँच बनाई है। इनकी पहुँच को आसान बनाने में वायु व स्थल परिवहन की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
- वर्तमान में तीव्र पहुँच के लिए छः डाक मार्ग बनाए गए हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं-
- राजधानी मार्ग
- मेट्रो चैनल
- ग्रीन चैनल
- व्यापार चैनल
- भारी चैनल
- दस्तावेज चैनल
- दो-तिहाई से अधिक भारतीय गाँव एस. टी. डी. दूरभाष सेवा से जुड़े हुए हैं।
- जनसंचार मनुष्य को मनोरंजन से जोड़ने के अलावा सरकार की आर्थिक व राजनीतिक नीतियों के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है।
- भारत में अनेक समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं, जिनमें ज्यादातर समसामयिक विषयों को शामिल किया जाता है।
- समाचार-पत्र लगभग 100 भाषाओं और बोलियों में छापे जाते हैं।
- भारत में सबसे ज़्यादा समाचार-पत्र हिंदी भाषा में छपते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
- राज्यों या देशों में समुद्री, हवाई या स्थल मार्ग से होने वाले व्यापार को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं।
- व्यापार के लिए बाजार का चुनाव किया जाता है, जहाँ वस्तुओं का आदान-प्रदान किया जाता है।
- किसी भी देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की उन्नति उसके आर्थिक विकास को दर्शाती है।
- लगभग सभी देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर निर्भर हैं क्योंकि देश में संसाधनों का वितरण असमान है।
- आयात और निर्यात के आधार पर देश का व्यापार संतुलन निर्धारित होता है।
- जब निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक होता है तब उसे अनुकूल व्यापार संतुलन कहते हैं। वहीं जब आयात अधिक होता है तो उसे असंतुलित व्यापार कहते हैं।
- वर्तमान में भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सॉफ्टवेयर महाशक्ति के रूप में सबसे अधिक मुद्रा प्राप्त करता है।
भारत में पर्यटन उद्योग
- पिछले तीन साल के अंदर पर्यटन उद्योग में वृद्धि हुई है।
- भारत में लगभग 150 लाख से अधिक व्यक्ति प्रत्यक्ष रूप से पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए हैं।
- पर्यटन राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है।
- यह हस्तकला और सांस्कृतिक उद्योग-धंधों को स्थापित होने के लिए अवसर प्रदान करता है।
- पर्यटन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संस्कृति व विरासत की समझ बढ़ाता है।
- विदेशी लोगों का भारत में पर्यटन के लिए आना देश के लिए अनेक प्रकार से लाभकारी साबित होता है।
- विदेशों से लोग भारत में विरासत पर्यटन, पारि पर्यटन, मनोरंजन पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन और व्यापारी इत्यादि पर्यटन के लिए आते हैं।
- वर्तमान में पर्यटन उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।
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