आईएएस की फुल फॉर्म (IAS Full Form In Hindi)- आज सिविल सेवा की तैयारी करने वाले ज्यादातर अभ्यर्थी आई.ए.एस. (IAS) के पद को ही प्राप्त करना चाहते हैं क्योंकि आई.ए.एस. की परीक्षा सभी सिविल परीक्षाओं में से सबसे प्रतिष्ठित और प्रतिस्पर्धी मानी जाती है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा का संचालन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाता है। यह तो हर कोई जनता है कि आई.ए.एस. की परीक्षा सबसे कठिन मानी जाती है, लेकिन फिर भी हर वर्ष लगभग यू.पी.एस.सी. की परीक्षा में दस लाख (10,00,000) युवा बैठते हैं जिनमें से लगभग सिर्फ एक हजार (1000) युवाओं का ही चयन होता है। परंतु रैंक अच्छा न होने के कारण जो युवा आई.ए.एस. पद को प्राप्त नहीं कर पाते, वो दोबारा से इस प्रतिस्पर्धी परीक्षा में बैठते हैं और ज़्यादातर ऐसे युवाओं की कोशिश सफल होती है।
आईएएस की फुल फॉर्म
आई.ए.एस. को भारत का मुख्य सिविल सेवा माना जाता है। यही कारण है कि इसे अखिल भारतीय सेवाओं की तीन शाखाओं में शामिल किया जाता है। इसकी दो शाखाएं ‘भारतीय वन सेवा’ और ‘भारतीय पुलिस सेवा’ हैं। आई.ए.एस. अधिकारी को अपने संघ या राज्य से संबंधित विकास के लिए नीतियाँ बनाने, साथ ही उन्हें लागू करने और कुछ महत्वपूर्ण फैसले लेने की भी भी शक्ति मिलती है। इसलिए इस पद को परीक्षार्थियों द्वारा ज्यादा पसंद किया जाता है। इस पद को प्राप्त करने के बाद अधिकारी अपने चयनित क्षेत्र में अपने अनुसार उस क्षेत्र का विकास कर सकता और प्रशासन से सबंधित जरूरी फैसले भी ले सकता है। लेकिन बाकी सेवाओं में किसी अधिकारी को इतनी शक्तियाँ मिलना मुश्किल होता है। आई.ए.एस. की प्रतिष्ठित परीक्षा को पास करने के लिए परीक्षार्थी को परीक्षा से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है, उन विशेष जानकारियों को आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
आई.ए.एस. परीक्षा क्या है?
आई.ए.एस. परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) द्वारा संचालित एक अखिल भारतीय सेवा परीक्षा है, जिसे पूर्ण रूप से पास करने के बाद अभ्यर्थी अपने अनुसार अपने कर्तव्यों और कानून को ध्यान में रखते हुए किसी चयनित क्षेत्र का विकास करता है। इस पद तक पहुँचने के लिए अभ्यर्थियों की कड़ी मेहनत लगती है। आप इसे सिर्फ डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर या डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट तक न देखें, भारत देश में लगभग सभी विभागों में आई.ए.एस. के लिए पद नियुक्त किए गए है। आपको बता दें कि किसी राज्य का सचिव, केंद्रीय मंत्रालय का सचिव या अन्य कोई भी प्रशासनिक सचिव ज़्यादातर आई.ए.एस. ही होते हैं। यह बात तो अधिकतर अभ्यर्थी जानते हैं कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में सबसे बड़ी रैंक आई.ए.एस. को ही माना जाता है। साथ ही इसे 24 प्रशासनिक सेवाओं में से सबसे उच्च स्तर का पद माना जाता है, यही कारण है कि देश के किसी भी प्रशासनिक उच्च पद पर बैठने का अधिकार आई.ए.एस. को ही दिया जाता है।
आई.ए.एस. फुल फॉर्म
आई.ए.एस. का पूरा नाम हिंदी और अंग्रेजी में नीचे टेबल में पढ़ें-
आई.ए.एस. की फुल फॉर्म हिंदी में (IAS Full Form In Hindi) | आई.ए.एस. की फुल फॉर्म अंग्रेजी में (IAS Full Form In English) |
“भारतीय प्रशासनिक सेवा” (Bhartiya Prashasnik Seva) | “इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस” (Indian Administrative Service) |
ये फुल फॉर्म भी देखें
एमबीए की फुल फॉर्म (MBA Full Form In Hindi) |
इसरो की फुल फॉर्म (ISRO Full Form In Hindi) |
आईटीआई की फुल फॉर्म (ITI Full Form In Hindi) |
एनडीए की फुल फॉर्म (NDA Full Form In Hindi) |
आई.ए.एस. बनने के लिए योग्यता
- अभ्यर्थी किसी भी स्ट्रीम से किसी भी मान्यता प्राप्त विद्यालय से कक्षा 12वीं पास हो।
- साथ ही अभ्यर्थी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या महाविद्यालय से किसी भी कोर्स से स्नातक होना चाहिए।
- जो अभ्यर्थी ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में हैं वो भी आई.ए.एस की परीक्षा के लिए आवेदन कर सकता है।
- आईएएस के लिए सामान्य आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष है, लेकिन सरकार की तरफ से श्रेणी के अनुसार तीन से दस साल तक की आयु सीमा में रियायत बरती जाती है।
- अगर परीक्षा में बैठने की बात करें, तो सामान्य श्रेणी के परीक्षार्थी सिर्फ 6 बार ही परीक्षा में बैठ सकते हैं, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग और ई.डब्ल्यू.एस के परीक्षार्थी 9 बार आई.ए.एस. की परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन एस.सी/एस.टी के परीक्षार्थी आयु सीमा को ध्यान में रखते हुए जितने चाहे उतने अटेम्प्ट दे सकते हैं। आप इसे नीचे दी गई तालिका से अच्छे से समझ सकते हैं-
श्रेणी/वर्ग | न्यूनतम आयु सीमा | अधिकतम आयु सीमा | कुल प्रयासों की संख्या |
सामान्य वर्ग (Gen.) | 21 | 32 | 6 |
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) | 21 | 35 | 9 |
एससी/एसटी (SC/ST) | 21 | 37 | निर्धारती सीमा नहीं |
ई.डब्ल्यू.एस. (EWS) | 21 | 32 | 9 |
आई.ए.एस. की परीक्षा कैसे होती है?
इस परीक्षा को संघ लोक सेवा आयोग तीन चरणों में पूरी करवाती है।
1. प्रारंभिक परीक्षा (Prelims)- प्रारंभिक परीक्षा को आई.ए.एस. पद के लिए यू.पी.एस.सी. का सबसे कठिन चरण माना जाता है। हालांकि इसके अंक अंतिम परिणाम में नहीं जोड़े जाते हैं, यह सिर्फ एक टेस्ट है जिसे पास करना परीक्षार्थियों के लिए जरूरी माना जाता है। क्योंकि इसे पास करने के बाद ही आप मुख्य परीक्षा में बैठने योग्य बन पाते हैं। प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं, पहला ‘सामन्य अध्ययन-एक’ और दूसरा ‘सामान्य अध्ययन-दो’ जिसमें सभी प्रश्न बहु-विकल्पीय होते हैं। इस पेपर में लगभग हर तरह के प्रश्नों को शामिल किया जाता है क्योंकि प्रारंभिक परीक्षा का पाठ्यक्रम विस्तृत है। प्रारंभिक परीक्षा को क्वालिफाई करने के लिए आपको इस पेपर में कम से कम 33% स्कोर करन बेहद जरूरी है।
2. मुख्य परीक्षा (Mains)- यू.पी.एस.सी. मुख्य परीक्षा एक प्रकार की व्याख्यात्मक परीक्षा है, जिसमें कुल 9 पेपर शामिल होते हैं। इन 9 पेपर में से दो पेपर सिर्फ भाषा के होते हैं। यू.पी.एस.सी. मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में उन सभी सामान्य अध्ययन पेपर्स को शामिल किया गया है, जिन्हें आई.ए.एस. परीक्षा में बैठने के लिए वैकल्पिक विषयों के रूप में चुना जाता है। इस प्रकार 48 वैकल्पिक विषयों को चुनने का अवसर यू.पी.एस.सी. अभ्यर्थियों को देती है। आप मुख्य परीक्षा के बारे में नीचे दी गई तालिका से अच्छे से समझ सकते हैं-
आईएएस परीक्षा के कुल पेपर | विषय | पेपर की प्रकृति | कुल अंक | समयावधि |
पेपर-ए | भारतीय भाषा | क्वालीफाई करना अनिवार्य | 300 | तीन घंटे |
पेपर-बी | अंग्रेजी | क्वालीफाई करना अनिवार्य | 300 | तीन घंटे |
पेपर-। | निबंध | मेरिट रैंकिंग | 250 | तीन घंटे |
पेपर-।। | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | मेरिट रैंकिंग | 250 | तीन घंटे |
पेपर-।।। | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | मेरिट रैंकिंग | 250 | तीन घंटे |
पेपर- ।V | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | मेरिट रैंकिंग | 250 | तीन घंटे |
पेपर- V | सामान्य अध्ययन पेपर 4 | मेरिट रैंकिंग | 250 | तीन घंटे |
पेपर- V। | वैकल्पिक पेपर 1 | मेरिट रैंकिंग | 250 | तीन घंटे |
पेपर- V।। | वैकल्पिक पेपर 2 | मेरिट रैंकिंग | 250 | तीन घंटे |
3. साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षण (Interview)- मुख्य परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले और श्रेष्ठ रैंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए नई दिल्ली में धौलपुर हाउस बुलाया जाता है। साक्षात्कार के समय चयनित उम्मीदवारों को आयोग की तरफ से बोर्ड समूह को सौंपा दिया जाता है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से चार, पाँच या छः प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं और इन सभी का नेतृत्व एक मुख्य सदस्य करता है। साक्षात्कार के दौरान कई प्रश्न विषयों से पूछे जाते हैं लेकिन ज़्यादातर प्रश्न आपके बायोडाटा और विस्तृत आवेदन से ही पूछे जाते हैं। साक्षात्कार के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आप अपने निजी जीवन में जिस तरह का व्यक्तित्व रखते हैं, वैसी ही विचारधारा के साथ आप हर प्रश्न का उत्तर दें, क्योंकि साक्षात्कारकर्ता आपके निर्णय-शक्ति को भी परखने कि कोशिश करते हैं।
आई.ए.एस. में सबसे ऊँचा पद कौन-सा है?
वैसे तो आई.ए.एस. के सभी पद विशेष महत्व रखते हैं, लेकिन फिर भी ‘कैबिनेट सचिव’ का पद एक आई.ए.एस. अधिकारी के लिए सबसे श्रेष्ठ व उच्च पद माना जाता है क्योंकि कैबिनेट सचिवालय सीधे भारत के प्रधानमंत्री से जुड़ा होता है।
आई.ए.एस. अधिकारी की विभिन्न शक्तियाँ
- आईएएस अधिकारी पूरे विभाग/जिले/राज्य/मंत्रालय के प्रशासनिक कार्य-भार के लिए उत्तरदायी होता है।
- ड्रग लाइसेंस, हथियार और बहुमूल्य वस्तुओं के सीमा से बाहर जाने-आने, साथ ही जिले की पुलिस व्यवस्था की जिम्मेदारी भी आई.ए.एस. अधिकारी के पास होती है।
- सरकार आई.ए.एस. अधिकारी को कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अपराधियों को दंड देने का भी अधिकार देती है।
- आई.ए.एस. अपने कर्तव्यों को ध्यान में रखते हुए अपने चयनित क्षेत्र का विकास अपने अनुसार कर सकते है।
- आई.ए.एस. अधिकारी अपनी शक्तियों की वजह से ही समाज पर सबसे ज्यादा सकारात्मक प्रभाव डालते हैं, इसलिए आज अधिकतर युवाओं के लिए ऐसे अधिकारी ही रोल मॉडल बने हुए हैं।
भारत की पहली महिला आई.ए.एस. कौन थीं?
महिलाओं के लिए किसी भी क्षेत्र में पहली बार कदम रखना हमेशा से चुनौती भरा रहा है, लेकिन फिर भी महिलाओं ने हार नहीं मानी। ऐसी ही थी हमारे आजाद भारत की पहली महिला आई.ए.एस. अधिकारी अन्ना राजम मल्होत्रा, जिनका जन्म 17 जुलाई 1927 को केरल में हुआ था। यह भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला थीं, जिन्होंने वर्ष 1951 में भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा दी थी। इस प्रकार इस कठिन परीक्षा को पास करके वह देश की पहली महिला अफसर बन गईं। उसके बाद उन्होंने वर्ष 1982 में दिल्ली में हुए एशियाई खेलों की मुख्य कार्यकारी तौर पर कार्य किया। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय में भी कार्य किया था। उनके कदम इतने क्षेत्रों में कार्य करने के बाद भी नहीं रुके। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद भी प्रसिद्ध होटल ‘लीला वेंचर लिमिटेड’ के डायरेक्टर के रूप में कार्य किया। फिर वर्ष 1989 में भारत सरकार ने अन्ना राजम मल्होत्रा को पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित किया। विभिन्न क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाएं देने वाली अन्ना राजम मल्होत्रा ने 17 सितंबर 2018 को अपनी अंतिम साँसे ली थी।
आई.ए.एस. अधिकारी के कार्य/जिम्मेदारियाँ
- विशिष्ट मंत्रालय या विभाग के प्रभारी मंत्री के परामर्श पर ही आई.ए.एस. अधिकारी को नीति निर्माण करना और उसे जमीनी स्तर पर लागू करन होता है।
- संघ, राज्य और जिला क्षेत्र की नीतियों को जमीनी स्तर पर लागू करना, साथ ही राजस्व विभाग से जुड़े कार्य करना और आपराधिक मामलों में अदालती अधिकारियों के रूप में कार्य करना, कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाना। इस तरह सरकार के प्रतिनिधि रूप में कार्य करना ही एक आई.ए.एस. अधिकारी का मुख्य कर्तव्य होता है।
- सबसे ज्यादा इन्हें सामाजिक मुद्दों पर कार्य करना और समाज के लिए हर एक अनुशासित कदम उठाना होता है, जो समाज का पूर्ण रूप से विकास कर सके। इसलिए समाज के प्रशासनिक हिस्से में आई.ए.एस. की भूमिका सबसे अधिक महत्व रखती है।
- एक आई.ए.एस. अधिकारी कभी अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करता और यही उसका सबसे पहला कर्तव्य और जिम्मेदारी भी है।
आई.ए.एस. की तैयारी कैसे करें?
सिविल सेवा की परीक्षा सभी सरकारी परीक्षाओं में सबसे कठिन मानी जाती है, लेकिन इस परीक्षा के माध्यम से आई.ए.एस. के पद को प्राप्त करना सूरज को दीया दिखाने जैसा लगता है। लेकिन ये भी सच है कि सच्ची निष्ठा और मेहनत के आगे सूरज की तपती गर्मी भी हार मान लेती है। अगर आप भी आई.ए.एस. परीक्षा को उत्तीर्ण करना चाहते हैं या आई.ए.एस. बनने का सपना देखते हैं, तो निम्नलिखित कुछ विशेष बातों का जरूर ध्यान रखें-
- परीक्षा कितने चरणों में होती है, इसकी जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए। इसके अलावा भी परीक्षा से जुड़ी सारी जानकारियाँ आपको पता होनी चाहिए।
- स्नातक में अपने पसंद के विषय का ही चयन करें।
- उसके बाद परीक्षा के सिलेबस को अच्छे से समझें और फिर पढ़ाई करने के लिए सभी आवश्यक सामग्रियों को इकट्ठा करें।
- रोज का हिंदी या अंग्रेजी अखबार और करंट अफेयर्स जरूर पढ़ें।
- हर साल के बजट को ध्यान से समझे।
- एन.सी.ई.आर.टी. (NCERT) की पुस्तकें यू.पी.एस.सी. की सभी परीक्षाओं के लिए सबसे ज्यादा सहायक मानी जाती हैं, इसलिए इन्हें जरूर पढ़ें।
- एक टाइम-टेबल बनाए और उसके मुताबिक अपने विषयों की पढ़ाई करें।
- पढ़ाई के साथ-साथ आप थोड़े समय के लिए कुछ क्रिएटिव भी कर सकते है, ताकि आप मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।
- आप अपने डिटेल नोट्स खुद से तैयार करें और अंत में एक बार रिवीजन जरूर करें।
- पिछले दो-तीन साल पुराने प्रश्न-पत्र को खुद से हल करने कि कोशिश करें।
- जरूरी नहीं कि आर्थिक तंगी के कारण आप कोचिंग नहीं जा सकते, तो आप आई.ए.एस. नहीं बन सकते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है। आप इंटरनेट और सोशल मीडिया की सहायता से भी जानकारियाँ तथा दिशानिर्देश प्राप्त कर सकते है और खुद की मेहनत से भी आप इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर आई.ए.एस. अफसर बन सकते हैं।
- अगर आपने कक्षा 10वीं या 12वीं में ही निश्चय कर लिया है कि आपको आई.ए.एस. अधिकारी ही बनना है, तो आप परीक्षा की तैयारी उस समय से भी शुरू कर सकते हैं।
आई.ए.एस. अधिकारी का वेतन
एक आई.ए.एस. को बाकी पद के मुकाबले सबसे अच्छा वेतन प्राप्त होता है। जिसमें अवर सचिव या सहायक सचिव के लिए उन्हें 56,100/- से लाखों तक मासिक वेतन प्राप्त होता है। वहीं कैबिनेट सचिव के लिए सभी भत्तों को छोड़कर 2,50,000/- मासिक वेतन प्राप्त होता है।
FAQs
उत्तर: आई.ए.एस. को 24 प्रशासनिक सेवाओं में से सबसे उच्च स्तर का पद माना जाता है।
उत्तर: जी हाँ, जो अभ्यर्थी ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में हैं वो आई.ए.एस. की परीक्षा के लिए आवेदन कर सकता है।
उत्तर: आई.ए.एस. में सबसे ऊँचा पद ‘कैबिनेट सचिव’ का है।
उत्तर: अन्ना राजम मल्होत्रा।
उत्तर: एक आई.ए.एस. को 56,100/- से 2,50,000/- तक मासिक वेतन प्राप्त होता है।
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