हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके लिए कक्षा 10वीं हिन्दी कृतिका अध्याय 3 के एनसीईआरटी समाधान लेकर आए हैं। यह कक्षा 10वीं हिन्दी कृतिका के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए गए हैं ताकि छात्रों को कक्षा 10वीं कृतिका अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर समझने में आसानी हो। यह सभी प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त हैं। इसके लिए छात्रों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 10वीं हिंदी की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए एनसीईआरटी समाधान देखें।
Ncert Solutions For Class 10 Hindi Kritika Chapter 3
कक्षा 10 हिन्दी के एनसीईआरटी समाधान को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह एनसीईआरटी समाधान छात्रों की परीक्षा में मदद करेगा साथ ही उनके असाइनमेंट कार्यों में भी मदद करेगा। आइये फिर कक्षा 10 हिन्दी कृतिका अध्याय 3 मैं क्यों लिखता हूँ के प्रश्न उत्तर (Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 Question Answer) देखते हैं।
कक्षा : 10
विषय : हिंदी (कृतिका भाग 2)
पाठ : मैं क्यों लिखता हूँ (अज्ञेय)
प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1 – लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों?
उत्तर :- लेखक के अनुसार उसे एक प्रकार से प्रत्यक्ष अनुभव भी हुआ। पर लेखक के लिए अनुभव से ज्यादा अनुभूति गहरी चीज़ है। कम-से-कम कृतिकार के लिए तो अनुभूति बहुत मायने रखती है। अनुभव तो घटित का होता है, पर अनुभूति संवेदना और कल्पना के सहारे उस सत्य को आत्मसात् कर लेती है जो वास्तव में कृतिकार के साथ घटित नहीं हुआ है। जो आँखों के सामने नहीं आया, जो घटित के अनुभव में नहीं आया, वही आत्मा के सामने ज्वलंत प्रकाश में आ जाता है, तब वह अनुभूति प्रत्यक्ष हो जाता है।
प्रश्न 2 – लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?
उत्तर :- लेखक को जापान की यात्रा पर एक दिन कुछ अलग ही महसूस हुआ। एक दिन लेखक सड़क पर आराम से घूम रहा था। सड़क पर घूमते हुए उसने देखा कि एक जले हुए पत्थर पर एक लंबी उजली छाया थी। विस्फोट के समय शायद कोई वहाँ खड़ा रहा होगा और विस्फोट से बिखरे हुए रेडियम-धर्मी पदार्थ की किरणें उसमें रुद्ध हो गई होंगी- जो आस-पास से आगे बढ़ गईं उन्होंने पत्थर को झुलसा दिया, जो उस व्यक्ति पर अटकी उन्होंने उसे भाप बनाकर उड़ा दिया होगा। यह दृश्य देखने पर ऐसा मालूम हुआ मानो समूची ट्रेजडी जैसे पत्थर पर लिख दी गई हो।
प्रश्न 3 – मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि-
(क) लेखक को कौन-सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं?
(ख) किसी रचनाकार के प्रेणना स्त्रोत किसी दूसरे को कुछ भी रचने के लिए किस तरह उत्साहित कर सकती है?
उत्तर :-
(क) यह पाठ पढ़कर हमें यह जानने को मिलता है कि लेखक को लिखने का बहुत शौक है। उसे उसका मन भीतर से लिखने के लिए पुकारता है। उसे अनुभूति को लिखने से आत्मसंतुष्टि प्राप्त होती है। अनुभूति उसके जीवन में बहुत ज्यादा मायने रखती है।
(ख) कभी कभी ही ऐसा होता है जब लेखक संपादकों के आग्रह से, प्रकाशक के तकाजों से तथा आर्थिक लाभ के चलते भी लिखना चाहता है। वर्ना लेखक तो लिखने का शौकीन है।
प्रश्न 4 – कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभूति/स्वयं के अनुभव के साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्त्वपूर्ण होता है। ये बाह्य दबाव कौन-कौन से हो सकते हैं?
उत्तर :- यह बिल्कुल सच है कि कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभूति के अनुभव के साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्त्वपूर्ण होता है। ज्यादातर लेखक अपने अनुभव के आधार पर ही लिखना पसंद करते हैं। लेकिन कोई ऐसे भी लेखक होते हैं जो कि लेखक संपादकों के आग्रह से, प्रकाशक के तकाजों से या फिर आर्थिक लाभ के चलते भी लिखना चाहता है।
प्रश्न 5 – क्या बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही प्रभावित करते हैं या अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं, कैसे?
उत्तर :- जी, नहीं बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही प्रभावित करते हैं। वह अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं। ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो कि बाह्य दबाव की वजह से प्रभावित होते हैं जैसे कि अभिनेता, कलाकार, डाॅक्टर आदि। यह सभी लोग कोई ना कोई बाह्य दबाव से ही प्रभावित होते ही हैं।
प्रश्न 6 – हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंतः व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है, यह आप कैसे कह सकते हैं?
उत्तर :- हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंत: एव बाह्य दबाव का परिणाम है। दरअसल लेखक को लिखने का तो बहुत शौक था। लेकिन जब वह हृदय विदारक दृश्य देख लेते थे तो उनसे लिखा नहीं जाता था। उदाहरण के लिए जब लेखक जापान की यात्रा पर निकले तो उन्होंने हिरोशिमा के पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती हुए देखा। इस दृश्य को देखने के बाद उनसे कागज पर कलम चल ही नहीं पाए। लेकिन बाद में एक दिन जब लेखक जापान की सड़कों पर टहल रहे थे तो लेखक ने एक जले हुए पत्थर पर किसी व्यक्ति की छाया का दृश्य देखा। यह देखकर उनके मन में एकाएक ही इस दृश्य पर कविता लिखने का ख्याल आया।
प्रश्न 7 – हिरोशिमा की घटना विज्ञान का भयानकतम दुरुपयोग है। आपकी दृष्टि में विज्ञान का दुरुपयोग कहाँ-कहाँ किस तरह से हो रहा है।
उत्तर :- हिरोशिमा की घटना विज्ञान का भयानकतम दुरुपयोग है। दरअसल विज्ञान समाज के लिए वरदान है तो यही विज्ञान समाज के लिए अभिशाप भी हो जाता है। इसके पीछे भी कई कारण है जैसे –
(1) विज्ञान के चलते ही वाहनों का इजाद हुआ। ज्यादा वाहन होने से वातावरण में प्रदूषण की मात्रा बहुत अधिक बढ़ गई है। प्रदूषण ने पूरा माहौल खराब कर रखा है।
(2) आज के समय में परमाणु बम विज्ञान का सबसे खराब अविष्कार है। एक परमाणु बम के फूटने से आधी से ज्यादा दुनिया तबाह हो सकती है। आज हर कोई शक्तिशाली देश परमाणु बम के इस्तेमाल की धमकी देते रहते हैं।
(3) आज कंम्प्यूटर और मोबाइल फोन के अविष्कार के चलते साइबर क्राइम अधिक मात्रा में फैल रहा है। साइबर क्राइम ने अनेकों लोगों की जिंदगी को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर दिया है।
(4) आज चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान की तरक्की के चलते कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है। लोग अल्ट्रासाउंड का दुरुपयोग ले रहे हैं।
प्रश्न 8 – एक संवेदनशील युवा नागरिक की हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में आपकी क्या भूमिका है?
उत्तर :- एक संवेदनशील युवा नागरिक की हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में हम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं-
(1) हम सौर उर्जा का इस्तेमाल करके बिजली की खपत को रोक सकते हैं। बिजली की बचत होने से धरती पर ग्लोबल वार्मिंग का बोझ कम होगा।
(2) हम पेट्रोल के वाहनों का इस्तेमाल ना करके इलैक्ट्रिक वाहनों का ज्यादा इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से वायु प्रदूषण को नियंत्रण में लाया जा सकेगा।
(3) हम जैविक खेती की तरफ ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। ऐसा होने से हम कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
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