तत्सम और तद्भव शब्द (Tatsam Aur Tadbhav Shabd)- मानव की उत्पत्ति के साथ भाषा भी प्रचलन में आ गई थी। संसार में अनेकों भाषाएं बोली जाती रही हैं। समय के साथ भाषाओं में भी अलग बदलाव आते रहे। लेकिन पूर्ण रूप से बदलाव कभी भी नहीं आया। हमारे देश की सबसे प्राचीन भाषा माने जाने वाली संस्कृत में भी ज्यादा बदलाव नहीं आया। हमारी सबसे पुरानी भाषा वैदिक संस्कृत थी जो आज कई बदलावों को पार करती हुई आज यहां तक पहुंच चुकी है। संस्कृत के कई ऐसे शब्द हैं जिनमें कोई बदलाव नहीं आया है और कई ऐसे भी शब्द हैं जिनके अर्थ में परिवर्तन आ चुका है।
तत्सम और तद्भव शब्द (Tatsam Aur Tadbhav Shabd)
संस्कृत भाषा हम सभी भारतीयों के लिए एक गौरवपूर्ण भाषा है। आज हिंदी भाषा का जो अभिमान बना हुआ है वह संस्कृत के कारण ही है। हिंदी भाषा के बहुत से शब्द संस्कृत भाषा से ही बने हैं। तो आज की हमारी इस पोस्ट में चर्चा करेंगे तत्सम शब्द और तद्भव शब्द (Tatsam Shabd Aur Tadbhav Shabd) पर। तत्सम और तद्भव शब्द हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिनको यह ज्ञात नहीं होता है कि तत्सम और तद्भव शब्द कौन-कौन से होते हैं। तो आज की हमारी इस पोस्ट के माध्यम से हम यही समझेंगे कि आखिर तत्सम और तद्भव में क्या अंतर होता है। तो चलिए पढ़ना शुरू करते हैं कि तत्सम शब्द और तद्भव शब्द किसे कहते हैं?
तत्सम शब्द किसे कहते हैं?
संस्कृत ही हमारी मूल भाषा मानी जाती है। तो आज हम जानने की कोशिश करते हैं कि तत्सम शब्द का सही अर्थ क्या है? तत्सम शब्द संस्कृत के तत+सम से मिलकर बना है। यहां तत्सम का हिंदी में अर्थ है ठीक वैसा का वैसा। तत्सम शब्दों में कोई तरह का बदलाव नहीं आता है। यह संस्कृत भाषा से सीधे उठाए गए शब्द होते हैं। उदाहरण के तौर पर- कन्नड़, मलयालम, अग्नि, हिंदी, बांग्ला आदि।
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तद्भव शब्द किसे कहते हैं?
तत्+भव से मिलकर बने शब्द को तद्भव कहते हैं। तद्भव का अर्थ होता है संस्कृत के शब्दों से बने हिंदी के वह शब्द जिनमें गुजरते समय के साथ कई बदलाव आए। मतलब यह है कि यह शब्द मूल नहीं रहे। उदहारण के तौर पर- आम्र से आम, भ्रात से भाई, कोकिला से कोयल आदि।
तत्सम और तद्भव शब्दों को पहचानने के नियम
1) तत्सम शब्दों के पीछे हमेशा क्ष अक्षर का इस्तेमाल होता है और तद्भव शब्द के पीछे ख या फिर छ शब्द का प्रयोग होता है।
2) तत्सम शब्दों में श्र का उपयोग होता है और तद्भव शब्दों में स का प्रयोग होता है।
3) तत्सम शब्दों में श का इस्तेमाल होता है और तद्भव शब्द के पीछे स का ही उपयोग होता है।
4) तत्सम शब्दों में ष अक्षर का प्रयोग होता है।
5) तत्सम शब्दों में ॠ की मात्रा का प्रयोग होता है।
6) तत्सम शब्दों में र की मात्रा का प्रयोग होता है।
अ अक्षर से बनने वाले तत्सम और तद्भव शब्द
| तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
| अंध | अंधा |
| अग्नि | आग |
| अनर्थ | अनाड़ी |
| अष्ट | आठ |
| अष्टादश | अठारह |
| अमृत | अमि |
| अकेला | एकल |
| अन्न | अनाज |
| अटालिका | अटारी |
| अग्र | आगे |
आ अक्षर से बनने वाले तत्सम और तद्भव शब्द
| तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
| आम्रचूर्ण | आमचूर |
| आपक | हाँ |
| आम्र | आम |
| आमलक | आँवला |
| आकाश | आकाश |
| आर्द्रक | अदरक |
| आलस्य | आलस |
| आर्य | आरज |
| आखेट | अहेर |
इ, ई, उ, ऊ अक्षर से बनने वाले तत्सम और तद्भव शब्द
| तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
| उच्च | उंचा |
| ईर्ष्या | रीस |
| उद्घाटन | उभरना |
| उपवास | उपास |
| उलूक | उल्लू |
| इष्टिका | ईट |
| उलूखल | ओखली |
| उष्ट्र | ऊंट |
ए, ऐ, क, ख अक्षर से बनने वाले तत्सम और तद्भव शब्द
| तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
| एकादश | ग्यारह |
| एला | इलायची |
| कटु | कड़वा |
| कोकिला | कोयल |
| कृष्ण | किसन |
| कर्पूर | कपूर |
| कुष्ठ | कोढ़ |
| कीट | कीड़ा |
| कंकती | कंघी |
| खर्पर | खपड़ा |
ग, घ, च, छ, ज से बनने वाले तत्सम और तद्भव शब्द
| तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
| गौरा | गोरा |
| घृत | घी |
| चक | चाक |
| छत्र | छाता |
| ज्येष्ठ | जेठ |
| जमाता | जमाई |
| छिद्र | छेद |
| चैत्र | चैत |
| गृध | गीध |
| चर्म | चमड़ा |
झ, त, थ, द, ध से बनने वाले तत्सम और तद्भव शब्द
| तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
| तुंद | तोंद |
| तपस्वी | तपसी |
| तड़ाग | तालाब |
| दधि | दही |
| द्वादश | बारह |
| दिशांतर | दिशावर |
| तीर्थ | तीरथ |
| धर्म | धरम |
| धूम्र | धुआं |
| जीर्ण | झीना |
| तैल | तेल |
| ताम्र | तांबा |
न, प, फ, ब, भ, म से बनने वाले तत्सम और तद्भव शब्द
| तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
| नवीन | नया |
| नग्न | नंगा |
| नयन | नैन |
| पुत्र | पूत |
| फाल्गुन | फागुन |
| बंध्या | बांझ |
| बलिवर्द | बैल |
| मृग | हिरण |
| मनुष्य | मानुष |
| भुजा | बांह |
| भ्राता | भाई |
| भद्र | भला |
| भिक्षा | भीख |
य, र, ल, व, स से बनने वाले तत्सम और तद्भव शब्द
| तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
| राजा | राय |
| रक्षा | राखी |
| युवा | जवान |
| राजपुत्र | राजपूत |
| लक्ष | लाख |
| लेपन | लीपना |
| सूर्य | सूरज |
| स्वर्ण | सोना |
| व्याघ्र | बाघ |
| वाणी | आवाज |
| लवंग | लौंग |
स, श, ष, श्र से शुरू होने वाले तत्सम और तद्भव शब्द
| तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
| सूर्य | सूरज |
| स्तन | थान |
| शिर | सिर |
| शंकर | शक्कर |
| श्रृंग | सींग |
| शक | साग |
| सप्त | सात |
| सुभाग | सुहाग |
| श्रंगार | शिक |
| शय्या | सेज |
| सूत्र | सूत |
ह, क्ष, त्र से शुरू होने वाले तत्सम और तद्भव शब्द
| तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
| हस्त | हाथ |
| हिरन | हरिण |
| क्षत्रिय | खत्री |
| क्षति | छति |
| होलिका | होली |
| त्रिणी | तीन |
| त्रयोदष | तेरह |
| हास्य | हँसी |
| हट | हाट |
| हंडी | हांडी |
निष्कर्ष
तो आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने जाना कि आखिर तत्सम शब्द और तद्भव शब्द क्या होते हैं? हमने इस पोस्ट से यह भी जाना कि तत्सम और तद्भव शब्दों का प्रयोग कहां और कैसे होता है। हमें आशा है कि आप सभी को यह पोस्ट जरूर पसंद आई होगी।
FAQ’S
Q1. तत्सम शब्द का अर्थ क्या है?
A1. तत्सम शब्द संस्कृत के तत+सम से मिलकर बना है। यहां तत्सम का हिंदी में अर्थ है ठीक वैसा का वैसा। तत्सम शब्दों में कोई तरह का बदलाव नहीं आता है। यह संस्कृत भाषा से सीधे उठाए गए शब्द होते हैं। उदाहरण के तौर पर- कन्नड़, मलयालम, अग्नि, हिंदी, बांग्ला आदि।
Q2. तद्भव शब्द का अर्थ क्या है?
A2. तद्भव का अर्थ होता है संस्कृत के शब्दों से बने हिंदी के वह शब्द जिनमें गुजरते समय के साथ कई बदलाव आए। मतलब यह है कि यह शब्द मूल नहीं रहे। उदहारण के तौर पर- आम्र से आम, भ्रात से भाई, कोकिला से कोयल आदि।
Q3. तत्सम और तद्भव शब्द का उल्लेख कहां मिलता है?
A3. तत्सम और तद्भव शब्द का उल्लेख काव्यग्रंथ, काव्यादर्श में मिलता है।
Q4. अमचूर का तत्सम शब्द क्या है?
A4. अमचूर का तत्सम शब्द आमचूर्ण है।
Q5. कोकिला का तद्भव शब्द क्या है?
A5. कोकिला का तद्भव शब्द कोयल है।
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