इस लेख में छात्रों को एनसीईआरटी 9वीं कक्षा की भूगोल की पुस्तक यानी ”समकालीन भारत-1” (भूगोल)” के अध्याय- 1 “भारत – आकार और स्थिति” के नोट्स दिए गए हैं। विद्यार्थी इन नोट्स के आधार पर अपनी परीक्षा की तैयारी को सुदृढ़ रूप प्रदान कर सकेंगे। छात्रों के लिए नोट्स बनाना सरल काम नहीं है, इसलिए विद्यार्थियों का काम थोड़ा सरल करने के लिए हमने इस अध्याय के क्रमानुसार नोट्स तैयार कर दिए हैं। छात्र अध्याय- 1 भूगोल के नोट्स यहां से प्राप्त कर सकते हैं।
Class 9 Geography Chapter-1 Notes In Hindi
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अध्याय-1 “भारत – आकार और स्थिति“
बोर्ड | सीबीएसई (CBSE) |
पुस्तक स्रोत | एनसीईआरटी (NCERT) |
कक्षा | नौवीं (9वीं) |
विषय | सामाजिक विज्ञान |
पाठ्यपुस्तक | समकालीन भारत-1 (भूगोल) |
अध्याय नंबर | एक (1) |
अध्याय का नाम | “भारत – आकार और स्थिति” |
केटेगरी | नोट्स |
भाषा | हिंदी |
माध्यम व प्रारूप | ऑनलाइन (लेख) ऑफलाइन (पीडीएफ) |
कक्षा- 9वीं
विषय- सामाजिक विज्ञान
पुस्तक- समकालीन भारत-1 (भूगोल)
अध्याय-1 “भारत – आकार और स्थिति”
भारत का विश्व में अनोखा स्थान है, इसने प्राचीन संस्कृति, आर्थिक और राजनीतिक विकास में काफी तेजी से कार्य किया है। विश्व के इतिहास में भी इस देश का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
भारत की स्थिति
- यह उत्तरी गोलार्ध में स्थित है, मुख्य भाग 8 डिग्री 4 मिनट उत्तर से 36 डिग्री 6 मिनट उत्तर अक्षांश और देशान्तर में 68 डिग्री 7 मिनट पूर्व से 97 डिग्री 25 मिनट पूर्व देशान्तर तक है।
- भारत को कर्क रेखा 23 डिग्री 30 मिनट उत्तर में दो भागों में बांटती है। यहाँ दक्षिण पूर्व में बंगाल की खाड़ी में अंडमान निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समूह दक्षिण पश्चिम में स्थित अरब सागर में है।
भारत का आकार
- इसके भू-भाग का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किलोमीटर है, यह विश्व का 2.4% है।
- भारत विश्व का सातवां बड़ा देश है। भारत की स्थल सीमा 15,200 किलोमीटर और समुद्री तट सीमा 7,516.6 किलोमीटर है।
- इसके उत्तर के पश्चिम और पूर्वी भागों में पर्वतों की शृंखला है। यहाँ पश्चिम भाग में अरब सागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी मौजूद है।
- अक्षांश और देशान्तर का विस्तार 30 डिग्री होने के बाद भी उत्तर-दक्षिण का विस्तार, पूर्व-पश्चिम के विस्तार से अधिक है।
- पूर्व से पश्चिम यानी अरुणाचाल प्रदेश से गुजरात के समय में 2 घंटे का अंतर है।
भारत और विश्व
- एशिया में भारत की स्थिति पूर्व और पश्चिम के मध्य में है, यह एशिया को दक्षिण से विस्तार प्रदान करता है।
- भारत को हिन्द महासागर द्वारा केन्द्रीय स्थिति प्रदान की जाती है और यह यूरोप तथा पूर्वी एशिया को जोड़ने का काम भी करता है।
- भारत का प्राचीन समय से ही विश्व के अन्य देशों के साथ भौगोलिक संबंध रहा है, यह संबंध जलमार्गों की अपेक्षा भू-मार्गों से अधिक है।
- इन मार्गों से ही वस्तुओं और विचारों का आदान-प्रदान हुआ, और भारत ने पूर्वी-एशिया और दक्षिण-एशिया के देशों से अधिक संबंध रखे।
- इन संबंधों के परिणाम से ही रामायण, पंचतंत्र की कहानियाँ, उपनिषद के विचार और भारत की दशमलव प्रणाली आदि अन्य देशों में फैल सकी।
- भारत के मलमल, कपड़े, मसाले आदि एक देश से दूसरे देश ले जाए जाते। साथ ही यूनान से आयी स्थापत्यकला और पश्चिम एशिया की वास्तुकला ने हमारे देश में प्रभाव छोड़ा।
भारत और पड़ोसी देश
- भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं, साथ ही भारत के अपने पड़ोसी राष्ट्रों के साथ भी भौगोलिक और ऐतिहासिक संबंध काफी अच्छे रहे हैं।
- दक्षिण में भारत के दो पड़ोसी द्वीप हैं, मालदीव और श्रीलंका, भारत से श्रीलंका का जुड़ाव पाक जलसंधि यानी मन्नार की खाड़ी से होता है।
- मालदीव की स्थिति लक्षद्वीप के दक्षिण में है।
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