होली पर निबंध (Essay On Holi In Hindi): सरल भाषा में Holi Essay In Hindi पढ़ें

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होली पर निबंध (Essay On Holi In Hindi)- होली रंगों का उत्सव है, जो हमें बताता है कि यदि हमारे जीवन में रंग न हो, तो दुनिया कितनी बेरंग नज़र आएगी। होली का त्योहार हर साल फाल्गुन मास यानी कि मार्च के महीने में आता है और हमारे जीवन में खुशियों के रंग भरकर चला जाता है। होली का त्योहार रंग भरने के साथ-साथ हमारे भीतर नया जोश, उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा भी पैदा करता है। हिंदू धर्म के लोग रंगों के इस महोत्सव को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। होली को लेकर बच्चे काफी प्रसन्न रहते हैं। जब होली आने वाली होती है, तो स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों को होली पर निबंध हिंदी में (Holi Essay In Hindi) लिखने को दिया जाता है।

होली पर निबंध (Essay On Holi In Hindi)

आप parikshapoint.com के इस आर्टिकल के माध्यम से होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) प्राप्त कर सकते हैं। इस पेज पर दिए गए होली पर निबंध (Holi Per Nibandh) पढ़ते समय आप जानेंगे कि होली कब मनाई जाती है, होली क्यों मनाई जाती है, होली का महत्व क्या है, होली का इतिहास क्या है आदि। हमने आपके लिए होली पर निबंध प्रस्तावना सहित दिया है। Holi Ka Nibandh के अलावा आप हमारी इस पोस्ट से होली पर निबंध 10 लाइन हिंदी में (Holi Par Nibandh 10 Line) भी पढ़ सकते हैं। हमने होली पर निबंध हिंदी में (Holi Par Nibandh Hindi Mein) बहुत ही सरल, सहज और आसान भाषा में लिखने का प्रयास किया है, ताकि हर उम्र और हर वर्ग के लोग हमारे इस Holi Par Nibandh In Hindi को पढ़ सकें और होली के बारे में विस्तार से जान सकें।

ये तो हम सभी जानते हैं कि होली के इस रंग-बिरंगे प्यारे से त्योहार के दिन लोग एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं, छोटों को प्यार और स्नेह देते हैं तथा बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं। इस साल यानी वर्ष 2022 में होली 18 मार्च को मनाई जाएगी। भारतीय संस्कृति के अनुसार होली की शुरुआत डांडा रोपण से होती है। जानकारी के लिए बता दें कि होली से एक महीने पहले डांडा रोपना पूजन किया जाता है। हम आपको हिंदी में होली पर निबंध (Hindi Mein Holi Par Nibandh) के माध्यम से होली कैसे मनाते है, होलिका कौन थी आदि सभी की जानकारी देंगे।

Holi 2023 Date- 08 March, 2023

होली पर निबंध
Holi Essay In Hindi

प्रस्तावना

होली हिंदुओं के धार्मिक त्योहार के साथ-साथ हमारे देश का एक मौसमी त्योहार भी है क्योंकि होली के त्योहार के साथ शीतकाल समाप्त हो रहा होता है और ग्रीष्मकाल की शुरुआत हो रही होती है। होली वसंत ऋतु का उल्लासमय पर्व है और बसंत पंचमी के दिन से ही होली की शुरुआत मानी जाती है। होली त्योहार को प्रेम और मिलन का प्रतीक माना गया है, जिसमें लोग आपसी मतभेदों को भूलकर जीवन में आगे बढ़ते हैं। इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह इस रंगीन त्योहार का नशा प्रकृति पर भी चढ़ जाता है और पूरा वातावरण खिल उठता है।

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होली कब मनाई जाती है?

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बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है कि होली कब मनाई जाती है या होली किस महीने में होती है। आपको बता दें कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार होली का त्योहार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च के महीने में हर साल मनाया जाता है। आपके अंदर भी यह सवाल आ रहा होगा कि होली कब है 2022 में। Holi 2022 Date In India Calendar के अनुसार इस साल होली 18 मार्च (शुक्रवार) के दिन मनाई जाएगी। हिंदू संस्कृति के अनुसार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन से जुड़ी कथाएं और मान्यताएं हमें बुराई पर अच्छाई की बात का संदेश देती हैं। वहीं इनसे हमें समानता और एकता की शिक्षा भी मिलती है। जिस दिन होलिका दहन होता है, उस दिन को छोटी होली भी बोला जाता है। छोटी होली के अगले दिन लोग रंग और गुलाल वाली होली खेलते हैं, जिसे हम बड़ी होली बोलते हैं।

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Holi 2023 Date In India- 08th March (Wednesday)

होली क्यों मनाई जाती है?

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होली के त्योहार को मनाने के पीछे कई कारण हैं। होली शब्द “होला” शब्द से उत्पन्न हुआ है। जिसका अर्थ है नई और अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए भगवान की पूजा। होली का त्योहार मनाने के पीछे भारत में पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व की कहानी रही हैं। होली कई सालों से मनाया जाने वाला, सबसे पुराने हिन्दू त्योहारों में से एक है। होली का त्योहार प्रत्येक राज्य में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है, जैसे- देश के कई राज्य में होली महोत्सव लगातार दो दिन के लिए मनाया जाता है। होली का त्योहार होलिका दहन के दिन से शुरू हो जाता है। होली के त्योहार पर घर में अच्छा-अच्छा खाना बनाया जाता है। बच्चों को तो केवल इंतजार रहता है कि होली कब है। सुबह-सुबह ही होली मनाना शुरू कर दिया जाता है। होली के गुलाल की खुशबू सुबह-सुबह आने लगती है।

होली कैसे मनाई जाती है?

होली मुख्यतः दो दिनों का पर्व होता है लेकिन होली की तैयारियां होलाष्टक लगने के साथ ही शुरू हो जाती हैं। होलाष्टक होली से आठ दिन पहले लग जाते हैं और आठवें दिन होली मनाई जाती है। होली से एक रात पहले होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन के अगले दिन फूलों, रंगों और गुलाल से खेलते हुए होली मनाई जाती है। जिस दिन रंग वाली होली खेली जाती है उस दिन को धुलेंडी या धूल भी कहा जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं, बच्चे पानी में रंगों को घोलकर पिचकारियों से एक-दूसरे के उपर डालते हैं, पानी से भरे रंग-बिरंगे गुब्बारे लोगों को मारते हैं। सड़कों पर बच्चे, बूढ़े, लड़के और लड़की आपस में टोलियाँ बनाकर घूमते हैं। इस दिन बहुत सी जगहों पर होली सम्मेलन और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें लोग नाचते और गाते हैं। होली पर सभी घरों में तरह-तरह के पकवान बनते हैं। होली पर लोग अपने-अपने मोबाइल से एक-दूसरे को हैप्पी होली (Happy Holi) के मैसेज और होली की शुभकामनाएं भी भेजते हैं। होली के दिन सभी के चेहरों पर मुस्कान और दिलों में प्रसन्नता छाई रहती है।

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होली का महत्व

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भारत में होली का त्योहार सभी के जीवन में बहुत सारी खुशियाँ और रंग भरता है। इसे आमतौर पर रंग महोत्सव कहा गया है। यह लोगों के बीच एकता और प्यार लता है। इसे प्यार का त्योहार भी कहा जाता है, जो प्राचीन समय से पुरानी पीढ़ियों द्वारा मनाया जाता है और प्रत्येक वर्ष नयी पीढ़ी द्वारा इसका अनुकरण किया जा रहा है। होली का महत्व का अनुमान हम इसी से लगा सकते है कि होली गीत, होली के गाने और होली के भजन हर साल नए आते हैं। भारत में हर छोटा या बड़ा व्यक्ति होली का महत्व क्या है, आसानी से बता सकता हैं। भारत में होली का महत्व तो है ही लेकिन विदेश में भी होली का महत्व, होली के गाने और होली के गीत बहुत मशहूर हैं।

होली महोत्सव का इतिहास

होली का इतिहास बहुत ही बड़ा और पुराना है। यदि हम होली का इतिहास जानने बैठेंगे, तो हमारा पूरा दिन निकल जायेगा। भारत में होली प्राचीन समय से मनाई जा रही है। होली का त्योहार सांस्कृतिक और पारंपरिक मान्यताओं की वजह से ही प्राचीन त्योहार में से एक है। होली का इतिहास हमें काफी पुस्तकों में देखने को मिल जायेगा। होली त्यौहार की शुरुआत होलिका दहन से की जाती है। होलिका दहन के बाद अगली सुबह होली बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। होली हिन्दुओं के लिए एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पांरपरिक त्योहार है।

होली पर पूजा विधि

सबसे पहले सभी लोगों को होलिका दहन से पहले पूजा करनी चाहिए। माना गया है कि पूजा करने से जीवन में शांति मिलती है। पूजा करने वाले लोगों को होलिका के पास जाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। पूजा करते समय गुड़, साबुत हल्दी, चावल, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, एक लोटा जल, माला, रोली, गुलाल, नारियल, मूंग, बताशे आदि का इस्तेमाल करना चाहिए।

निष्कर्ष

होली का पर्व हमें बताता है कि किस प्रकार हम अपने गमों, परेशानियों, चिंताओं और दुःखों को भूलकर अपने और दूसरे लोगों के जीवन में खुशी के रंग भर सकते हैं। हमें होली का त्योहार ऐसे लोगों के साथ मनाना चाहिए जो गरीब हैं, अनाथ हैं या बेसहारा हैं ताकि उनकी बेरंग जिंदगी भी रंगीन हो सके है और उन्हें भी त्योहार की खुशी मिल सके।

होली पर निबंध 100 शब्दों में

होली का त्योहार प्रतिवर्ष फाल्गुन माह यानी कि मार्च के महीने में मनाया जाता है। होली से आठ दिन पहले ही होलाष्टक लग जाते हैं। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। होली से पहले वाली रात को होलिका दहन किया जाता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन करने के लिए किसी पेड़ की शाखा को जमीन में गाड़ा जाता है और उसके चारों ओर लकड़ी, गोबर के कंडे या उपले लगाए जाते हैं। इन सभी चीजों को शुभ मुहूर्त में जलाकर होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन को बहुत सी जगह पर लोग छोटी होली भी बोलते हैं। इसके अगली सुबह लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर, आपस में गले मिलकर, नाच-गाकर और पकावन खाकर होली का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं।

होली पर निबंध 200 शब्दों में

होली का महोत्सव देश के अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, जैसे- मध्य प्रदेश में होली के बाद पांचवें दिन रंगपंचमी का उत्सव मनाया जाता है। रंगपंचमी का उत्सव होली से भी ज़्यादा उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। यूपी के ब्रज और गोकुल (मथुरा-वृंदावन) की होली पूरे भारत में मशहूर है। खासतौर पर मथुरा के बरसाने की लट्ठमार होली, जिसे देखने के लिए होली पर दूर-दूर से लोग वहाँ पहुंचते हैं। हरियाणा में होली के दिन ये परंपरा है कि भाभी अपने देवरों को सताती हैं। महाराष्ट्र में रंग पंचमी के दिन वहाँ के लोग सूखे गुलाल से होली खेलते हैं।

हिंदू धर्म में होली से जुड़ी कई प्रचलित कथाएं सुनने को मिलती हैं। होली की सबसे प्रचलित कथा हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की है। पुराणों की इस कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप एक असुर था जिसका बेटा प्रह्लाद भगवान विष्णु का सच्चा भक्त था। अपने बेटे की यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल पसंद नहीं थी, इसलिए प्रह्लाद को भगवान की भक्ति से दूर करने के लिए उसने अपनी बहन होलिका की मदद ली। होलिका को यह वरदान मिला हुआ था कि आग उसके शरीर को जला नहीं पाएगी। प्रह्लाद को मारने की मंशा से होलिका उन्हें अपनी गोद में लेकर आग में प्रवेश कर गईं, किंतु प्रह्लाद की सच्ची भक्ति से और भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ और खुद होलिका ही आग में जल गई। बुराई पर अच्छाई की विजय हुई और तभी से होलिका दहन और होली का त्योहार मनाया जाने लगा।

होली पर शायरी

सजनी की आँखों में छुप कर जब झाँका

बिन होली खेले ही साजन भीग गया

– मुसव्विर सब्ज़वारी

मुँह पर नक़ाब-ए-ज़र्द हर इक ज़ुल्फ़ पर गुलाल

होली की शाम ही तो सहर है बसंत की

– लाला माधव राम जौहर

साक़ी कुछ आज तुझ को ख़बर है बसंत की

हर सू बहार पेश-ए-नज़र है बसंत की

– उफ़ुक़ लखनवी

ग़ैर से खेली है होली यार ने

डाले मुझ पर दीदा-ए-ख़ूँ-बार रंग

– इमाम बख़्श नासिख़

मौसम-ए-होली है दिन आए हैं रंग और राग के

हम से तुम कुछ माँगने आओ बहाने फाग के

– मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी

होली पर 10 लाइनें

1. होली का त्यौहार भारत का एक प्रमुख त्यौहार है।

2. होली का त्यौहार हर साल मार्च के महीने में आता है।

3. होली हिन्दू धर्म लिए यह एक रंग का महोत्सव है। लेकिन आज सभी धर्म के लोग इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

4. होली महोत्सव लगातार दो दिन के लिए मनाया जाता है।

5. होली के पहले दिन होलिका दहन किया जाता है।

6. होली के दूसरे दिन रंग-गुलाल वाला धुलंडी का त्योहार मनाया जाता है।

7. माना जाता है कि भगवान विष्णु ने इस दिन धूलि वंदन किया था। तब से धूलिवंदन मतलब एक दूसरे पर धूल लगाने की पंरपरा शुरू हुई।

8. आज भी भारत के कई गांव में धूल लगाकर होली खेली जाती है।

9. होली के दिन माल पुआ, गुजिया, घेवर और पकोड़े बनाएं जाते हैं।

10. होली प्यार और स्नेह का त्यौहार है।

होली पर अधिकतर पूछ जाने वाले सवाल (Holi FAQ’s In Hindi)

प्रश्न- होली क्यों मनाया जाता है होली पर निबंध?

उत्तरः भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद की याद में होली मनाई जाती है।

प्रश्न- होली से हमें क्या लाभ होता है?

उत्तरः होली से शीत ऋतु का समापन और ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत होती है, जिससे वातावरण में नयापन आता है।

प्रश्न- होली कितने देशों में मनाई जाती है?

उत्तरः जिन देशों में प्रवासी भारतीय जाकर बसे हुए हैं, उन देशों में होली की रस्म मनाई जाती है।

प्रश्न- होली का त्यौहार कब और क्यों मनाया जाता है?

उत्तरः होली का त्यौहार हर साल मार्च के महीने में बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देने के लिए मनाया जाता है।

प्रश्न- होली से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तरः होली से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हम सभी को आपस में प्रेम और भाइचारे के साथ रहना चाहिए और एक-दूसरे के जीवन में खुशियों के रंग भरते रहना चाहिए।

प्रश्न- आप होली कैसे मनाते हैं?

उत्तरः हम सभी को होली त्योहार की शुरुआत गरीब और ज़रूरत मंद लोगों में मिठाई बांटकर और उन्हें गुलाल लगाकर करनी चाहिए।

प्रश्न- होली मनाने का समय क्या है?

उत्तरः होलिका दहन के अगले दिन होली मनाई जाती है।

प्रश्न- होली कौन से महीने में पढ़ रही है?

उत्तरः फाल्गुन (मार्च) के महीने की पूर्णिमा को होली का पर्व मनाया जाता है।

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3 thoughts on “होली पर निबंध (Essay On Holi In Hindi): सरल भाषा में Holi Essay In Hindi पढ़ें”

  1. सर आपने होली पर निबंध बहुत ही अच्छे से लिखा

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