Ncert Solutions Class 10 Hindi Kshitij Chapter 4 उत्साह और अट नहीं रही है

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छात्र इस आर्टिकल से कक्षा 10 क्षितिज पाठ 4 उत्साह और अट नहीं रही है के एनसीईआरटी समाधान प्राप्त कर सकते हैं। इस पेज में उत्साह और अट नहीं रही है पाठ के सभी प्रश्न उत्तर को शामिल किया गया है। यह कक्षा 10 क्षितिज पाठ 4 के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। छात्र इस समाधान का पूरी तरह मुफ्त में लाभ उठा सकते हैं।

कक्षा10
विषयहिंदी (क्षितिज भाग 2)
पाठ4 उत्साह और अट नहीं रही है (सूर्यकांत त्रिपाठी निराला)
बोर्डसीबीएसई
पुस्तकएनसीईआरटी
शैक्षणिक सत्र 2025-26

प्रश्न-अभ्यास

उत्साह

प्रश्न 1 – कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्यों?

उत्तर :- कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर गरजने के लिए इसलिए कहता है क्योंकि कवि ने बादलों के ज़रिए क्रांति लाने की बात कहता है। कवि क्रांति से लोगों के मन में उत्साह का संचार करना चाहता है ताकि समाज में क्रांति उत्पन्न करके लोगों के जीवन को नई दिशा दी जा सके। रिमझिम, बरसना जैसे शब्दों से व्यक्ति के मन में कोमल भाव जन्म लेते हैं शांति का अनुभव होता है जिसकी वजह मन्तव्य को गति नहीं मिलती है। इसलिए कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है।

प्रश्न 2- कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?

उत्तर :- कविता का शीर्षक उत्साह इसलिए रखा गया है। यह शीर्षक मन में उत्साह का संचार करता है। उत्साह के माध्यम से कवि ने नई कविता का सृजन करने की प्रेरणा दे रहा है। लोगों की भावनाओं को इस शीर्षक के ज़रिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।

प्रश्न 3 – कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?

उत्तर :-

  1. समाज में बदलाव लाने के लिए कविता में बादल को उत्साह का प्रतीक बताया गया है।
  2. बादल को क्रांति का प्रतीक बताया गया है।
  3. लोगों के जीवन से दुख को मिटाकर सुख भरने के रुप में।
  4. नवजीवन का प्रतीक बताया गया है।
  5. जल बरसाने वाली शक्ति के रूप में।
  6. दुखी लोगों की इच्छा को पूरा करने के रूप में।

प्रश्न 4 – शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन से शब्द हैं जिनमें नाद सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।

उत्तर :-

  1. ललित ललित काले घुंघराले, बाल कल्पना के-से पाले”
  2. “घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ”
  3. “विद्युत छवि उर में”

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 5 – जैसे बादल उमड़ घुमड़कर कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़ घुमड़कर कविता के रुप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।

उत्तर :- छात्र स्वयं करें।

अट नहीं रही है

प्रश्न 1- छायावाद की एक खास विशेषता है कि अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है? लिखिए।

उत्तर :- निम्न पंक्तियों को पढ़कर अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना जैसी धारणा पुष्ट होती है।
आभा फागुन की तन
सट नहीं रही है
उड़ने को नभ में तुम
पर पर कर देते हो,
आँख हटाता हूँ तो
हट नहीं रही है

पश्न 2 – कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?

उत्तर :- कवि की आँख फागुन की सुंदरता इसलिए नहीं हट रही है क्योंकि चारों ओर हरियाली है। रंग बिरंगे फूल वातावरण को सुगंधित कर रहे हैं। फागुन के महीने में पेड़ पर हरी लाल पत्तियां लटक रही है। प्रकृति की सुंदरता मनमोहक होती है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार करती है। फागुन का मौसम इतना सुहाना हो गया है कि उस पर से आँख उठाने का मन नहीं करता है।

पश्न 3 – प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?

उत्तर :- कवि ने रंग बिरंगे फूलों की सुगंध, पेड़ों पर आने वाली हरी लाल पत्तियां, खेत खलियान बाग बगीचे, वृक्षों पर नए फल, आसमान में उड़ते पक्षी, चारों ओर फैली हरियाली से लोगों में आने वाले उल्लास के माध्यम से प्रकृति का वर्णन किया है। कवि के अनुसार प्रकृति का सौंदर्य असीम है इसलिए उसने प्रकृति को किसी एक दृश्य में नहीं बांधा है।

प्रश्न 4 – फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?

उत्तर :- फागुन के महीने में प्रकृति का फिर से सृजन होता है। चारों ओर हरियाली आ जाती है नए फूल आ जाते हैं जिनसे वातावरण सुगंधित हो जाता है। रंग बिरंगे फूलों से वातावरण रंगीन हो जाता है। फूलों की खुशबू से हवा सुगंधित हो जाती है। आसमान मे पक्षियों का समूह विचरण करते दिखता है। इस ऋतु में लोगों उल्लास भर जाता है उनके जीवन में नवजीवन का आगाज़ हो जाता है। इसलिए फागुन बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है।

प्रश्न 5 – इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर :- 1. निराला जी के काव्य में प्रकृति चित्रण मिलता है।
2. निराला जी छायावाद के कवि हैं।
3. निराला जी की कविता में ध्वन्यात्मकता का गुण है।
4. खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है।
5. अनुप्रास और पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार का प्रयोग है। जैसे- घेर-घेर घोर, विकल विकल, पाट-पाट।
6. बाल कल्पना से काले में उपमा अलंकार का प्रयोग है।
7. निराला जी कविताओं में प्रकृति का सुंदर वर्णन भी किया है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 6 – होली के आसपास प्रकृति में जो परिवर्तन दिखाई देते हैं, उन्हें लिखिए।

उत्तर :- 1. बसंत की बहार छा जाती है।
2. मस्ती का वातावरण उत्पन्न हो जाता है।
3. मौसम सुहावना हो जाता है।
4. खेतों में गेहूं और सरसों की फसलें पककर तैयार हो जाती है।
5. चारों ओर होली की मस्ती छा जाती है।
6. ग्रीष्म और शीत ऋतु का संधिकाल होता है।
7. चारों ओर हर्षोल्लास छा जाता है।

कक्षा 10 हिंदी (क्षितिज भाग-2) के अन्य पाठ देखें

अध्याय पाठ के नाम
1 (काव्य-खंड) ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी (सूरदास)
2 राम लक्ष्मण परशुराम संवाद (तुलसीदास)
3 आत्मकथ्य (जयशंकर प्रसाद)
4 उत्साह, अट नहीं रही है (सूर्यकांत त्रिपाठी निराला)
5 यह दंतुरित मुसकान, फसल (नागार्जुन)
6 संगतकार (मंगलेश डबराल)
7 (गद्य-खंड)नेताजी का चश्मा (स्वयं प्रकाश)
8 बालगोबिन भगत (रामवृक्ष बेनीपुरी)
9 लखनवी अंदाज़ (यशपाल)
10 एक कहानी यह भी (मन्नू भंडारी)
11 नौबतखाने में इबादत (यतीन्द्र मिश्र)
12 संस्कृति (भदंत आनंद कौसल्यायन)
कक्षा 10 के अन्य विषयों के समाधान देखें

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