Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 हिन्दी संचयन अध्याय 1 हरिहर काका

Photo of author
Ekta Ranga
Last Updated on

हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके लिए कक्षा 10वीं हिन्दी संचयन अध्याय 1 के एनसीईआरटी समाधान लेकर आए हैं। यह कक्षा 10वीं हिन्दी संचयन के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए गए हैं ताकि छात्रों को कक्षा 10वीं संचयन अध्याय 1 के प्रश्न उत्तर समझने में आसानी हो। यह सभी प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त हैं। इसके लिए छात्रों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 10वीं हिंदी की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए एनसीईआरटी समाधान देखें।

Ncert Solutions For Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 1

कक्षा 10 हिन्दी के एनसीईआरटी समाधान को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह एनसीईआरटी समाधान छात्रों की परीक्षा में मदद करेगा साथ ही उनके असाइनमेंट कार्यों में भी मदद करेगा। आइये फिर कक्षा 10 हिन्दी संचयन अध्याय 1 हरिहर काका के प्रश्न उत्तर (Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 1 Question Answer) देखते हैं।

कक्षा : 10
विषय : हिंदी (संचयन भाग 2)
पाठ : 1 हरिहर काका (मिथिलेश्वर)

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1 – कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं?

उत्तर :- कथावाचक और हरिहर काका के बीच प्रेम का संबंध था। हरिहर काका कथावाचक के पड़ोसी थे। कथावाचक की मां ने बताया था कि जब वह छोटा था तो वह हरिहर काका के यहां आना-जाना किया करते थे। हरिहर काका कथावाचक को अपने कंधे पर डालकर घुमाया करते थे। हरिहर काका और कथावाचक दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। हरिहर काका कथावाचक को अपने पुत्र की तरह मानने लगे थे।

प्रश्न 2 – हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?

उत्तर :- हरिहर काका को पहले ऐसे ही लगता था कि उसके भाई उसको केवल उसकी जायदाद के कारण ही पूछते हैं। हरिहर काका के भाई और भाइयों की पत्नियां हरिहर के साथ बुरा बर्ताव करते थे। फिर धीरे-धीरे हरिहर काका महंत के पास जाने लगे। वह महंत पर पूर्ण रूप से विश्वास करते थे। महंत हरिहर काका को कहते थे कि वह अपनी सारी जायदाद ठाकुरबारी के नाम कर दे। ऐसा होने पर भगवान हरिहर काका को अंतिम दिनों में अपनी शरण में ले लेंगे। लेकिन हरिहर काका को यह नहीं पता था कि महंत भी उनसे विश्वासघात करेगा। एक दिन महंत ने काका की जायदाद पर कब्जा करने हेतु हरिहर काका का अपहरण करवा लिया। फिर महंत ने उन्हें डरा-धमकाकर उनसे जबरदस्ती जायदाद के पन्नों पर अंगूठा लगवा दिया। तो कुलमिलाकर महंत और हरिहर काका के भाई एक समान ही लालची निकले।

प्रश्न 3 – ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृत्ति का पता चलता है?

उत्तर :- ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा थी। गांव वाले भी दूसरे लोगों के ही समान भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखते थे। गांव वाले आस्तिक और भक्ति भाव वाले लोग थे। उनको भगवान का सहारा ही श्रेष्ठ ही लगता था। गांव के लोग मन के सच्चे थे। तभी तो उन सभी ने महंत जैसे ढोंगी व्यक्ति पर भी विश्वास कर लिया। उनको नहीं पता था कि महंत ठाकुरबारी के नाम पर गांव वालो को ठग रहा था।

प्रश्न 4 – अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :- यह कथन बिल्कुल सत्य है कि अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं। हरिहर काका को अच्छे से पता है कि कौन उनके लिए सही है और कौन गलत। उनके ही कुछ रिश्तेदारों के साथ उनके घरवालों ने जायदाद पाने के लिए रिश्तेदारों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया था। उन सभी रिश्तेदारों का जीवन नर्क के समान हो गया था। हरिहर काका नहीं चाहते थे कि उसके भाई भी उसके साथ ऐसा ही कुछ करें। इसलिए वह अपने जीते जी अपनी जायदाद अपने भाइयों के नाम नहीं करना चाहते थे। यहां तक कि हरिहर काका ने उस महंत को भी जायदाद में से एक हिस्सा तक नहीं दिया।

प्रश्न 5 – हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे? उन्होंने उनके साथ कैसा बरताव किया?

उत्तर :- हरिहर काका को महंत के कहने पर जबरन उठवाया गया था। महंत को हरिहर काका की जायदाद को हथियाने का लोभ आ गया था। कुछ दिनों तक तो महंत ने हरिहर काका को ठाकुरबारी के नाम से खूब गुमराह किया। लेकिन जब हरिहर काका ने महंत की एक भी बात ना मानी तो महंत को गुस्सा आ गया। महंत ने ठाकुरबारी में काम करने वाले अनेक साधु संतों को यह आदेश दिया कि वह हरिहर काका का अपहरण कर ले। महंत का आदेश मानकर संत हरिहर काका को जबरन ठाकुरबारी उठा लाए। वहां पर पहुंचते ही हरिहर काका को जायदाद के पन्नों पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य किया गया। लेकिन जब हरिहर काका नहीं माने तो महंत ने हरिहर काका के हाथ पांव बांध दिए। और तो और मूंह में कपड़ा ठूँसकर काका से जबरन कागजों पर हाथों से नहीं बल्कि अंगूठे से हस्ताक्षर करवा लिए। उन सभी ने काका को बहुत प्रताड़ित किया।

प्रश्न 6 – हरिहर काका के मामले में गाँववालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे?

उत्तर- हरिहर काका को लेकर बहुत से लोग अलग अलग राय रखते थे। कोई लोग महंत की बात को सही मानते थे तो कोई हरिहर काका के भाइयों की बात को सही ठहराते थे। कोई कहता था कि हरिहर काका को ठाकुरबारी में रहकर ही भगवान का ध्यान लगाना चाहिए।वह लोग चाहते थे कि काका को अपनी सारी संपत्ति महंत यानि कि ठाकुर जी को अर्पित कर देनी चाहिए। ऐसा करने से काका के भाग्य खुल जाएंगे। तो कुछ लोग यह कहते थे कि हरिहर काका को अपनी संपति अपने भाइयों के नाम कर देनी चाहिए। लोगों के अनुसार काका का खुद का परिवार ही काका का अच्छे से ख्याल रख सकता है। खून के रिश्ते ही आपको अच्छे से समझ सकते हैं।

प्रश्न 7 – कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, “अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है।”

उत्तर :- यह बिल्कुल सत्य है कि अज्ञान की स्तिथि में रहने पर ही मनुष्य को अपनी मृत्यु से डर लगता है। जब इंसान को दुनिया की असलियत के बारे में पता चल जाता है तो ऐसे में वह जीने की कोई इच्छा नहीं रखता। उसे लोभ और मोह से कोई प्रेम नहीं रहता है। यह बात हरिहर काका के जीवन पर एकदम सटीक बैठती है। हरिहर काका को अपने जीवन से कोई मोह नहीं था। ऐसा इसलिए था क्योंकि हरिहर काका के भाई और महंत को उसके केवल जायदाद से प्रेम था। हरिहर काका किसी को भी अपनी जायदाद देना नहीं चाहते थे।

प्रश्न 8 – समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर :- समाज में रिश्तों की बहुत ज्यादा अहमियत है। रिश्ते की वजह से ही समाज है। रिश्ते बनाना जितना ज्यादा जरूरी है उतना ही जरूरी है रिश्ता निभाना। लेकिन आज के समय में रिश्तों की अहमियत ही नही बची है। आज सभी एक दूसरे के दुश्मन बने पड़े है। किसी को भी किसी की परवाह नहीं होती है। आज छोटी छोटी बात पर झगड़े हो जाते हैं। हत्या, अपहरण, लूट और फरेब जैसी हरकते बढ़ी जा रही है। सब एक दूसरे को नीचा गिराने में लगे हैं। रिश्तों के मुल्य गिरते जा रहे हैं।

प्रश्न 9 – यदि आपके आसपास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी किस प्रकार मदद करेंगे?

उत्तर :- अगर हम किसी ऐसे व्यक्ति को देखें जो कि हरिहर काका की ही तरह प्रताड़ित किया जा रहा है तो हमें उस आदमी की हरसंभव मदद करनी चाहिए। हमें ऐसे व्यक्ति के परिवार के सदस्यों से उस व्यक्ति को प्रताड़ित नहीं करने की विनती करनी चाहिए। अगर उसके परिवार वाले ना माने तो हमें इस बात की शिकायत पुलिस से करनी चाहिए। हरिहर काका जैसे व्यक्ति को समाज से मदद और प्यार की जरूरत होती है। हमें हरसंभव ऐसे व्यक्तियों की मदद करनी चाहिए। आज के समय में किसी मदद करने का सबसे अच्छा माध्यम है सोशल मीडिया। हम ऐसे लोगों के बारे में सोशल मीडिया पर अच्छे से जानकारी पोस्ट कर सकते हैं। इससे समाज में जागरूकता फैलती है।

प्रश्न 10 – हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर :- आज के दौर में मीडिया एक ताकतवर हथियार के रूप में उभरा है। पहले के जमाने में मीडिया की पहुंच बहुत सीमित दायरे तक ही थी। जनता की आवाज देश के हर कोने तक नहीं पहुंच पाती थी। लेकिन आज का समय बहुत अलग है। आज सोशल मीडिया ने मानो सब कुछ आसान बना दिया है। आज छोटी से छोटी घटना भी पूरे समाज में फैल जाती है। हरिहर काका के गांव में आज अगर मीडिया की पहुंच होती तो काका का बुरा हाल कभी भी नहीं होता। शायद ऐसे में हरिहर काका खुद सोशल मीडिया पर अपने भाइयों और महंत की शिकायत कर देते।

विद्यार्थियों को कक्षा 10वीं हिंदी अध्याय 1 हरिहर काका के प्रश्न उत्तर प्राप्त करके कैसा लगा? हमें अपना सुझाव कमेंट करके ज़रूर बताएं। कक्षा 10वीं हिंदी संचयन अध्याय 1 के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य विद्यार्थियों को बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप हमारे इस पेज की मदद से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान और एनसीईआरटी पुस्तकें भी प्राप्त कर सकते हैं।

 कक्षा 10 हिन्दी क्षितिजस्पर्शकृतिका के समाधानयहाँ से देखें

Leave a Reply