आप इस आर्टिकल से कक्षा 10 राजनीति विज्ञान अध्याय 1 सत्ता की साझेदारी के प्रश्न उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। सत्ता की साझेदारी के प्रश्न उत्तर परीक्षा की तैयारी करने में बहुत ही लाभदायक साबित होंगे। इन सभी प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कक्षा 10 राजनीति विज्ञान पाठ 1 के एनसीईआरटी समाधान से आप नोट्स भी तैयार कर सकते हैं, जिससे आप परीक्षा की तैयारी में सहायता ले सकते हैं। हमें बताने में बहुत ख़ुशी हो रही है कि यह सभी एनसीईआरटी समाधान पूरी तरह से मुफ्त हैं। छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा।
Ncert Solutions For Class 10 Civics Chapter 1 In Hindi Medium
हमने आपके लिए सत्ता की साझेदारी के प्रश्न उत्तर को संक्षेप में लिखा है। इन समाधान को बनाने में ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद’ की सहायता ली गई है। सत्ता की साझेदारी पाठ बहुत ही रोचक है। इस अध्याय को आपको पढ़कर और समझकर बहुत ही अच्छा ज्ञान मिलेगा। आइये फिर नीचे कक्षा 10 लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 1 सत्ता की साझेदारी के प्रश्न उत्तर (Class 10 Civics Chapter 1 Question Answer In Hindi Medium) देखते हैं।
कक्षा 10 लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 1 सत्ता की साझेदारी
प्रश्न 1 – आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दें।
उत्तर :- आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके होते हैं जैसै-
(1) सत्ता का क्षैतिज विभाजन- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता की साझेदारी।
उदाहरण के तौर पर-> भारत
(2) विभिन्न सामाजिक समूह के बीच भी सत्ता का वितरण होता है-
उदाहरण के तौर पर-> बेल्जियम की ‘सामुदायिक सरकार’
(3) सत्ता का संघीय विभाजन
उदाहरण के तौर पर-> भारत में दो तरह की सरकारों के बीच सत्ता का बंटवारा कर दिया जाता है। जैसे एक केंद्रीय सरकार और दूसरी राज्य सरकार।
(4) दबाव समूह के बीच सत्ता का बंटवारा
उदाहरण के तौर पर -> छात्र संगठन, धार्मिक समूह, अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन, व्यापारिक समूह आदि।
प्रश्न 2 – भारतीय संदर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देते हुए इसका एक युक्तिपरक और एक नैतिक कारण बताएँ।
उत्तर :- (1) युक्तिपरक कारण – सत्ता का बंटवारा होना बहुत जरूरी है। सत्ता की हिस्सेदारी में जब हर किसी को भाग लेने का मौका मिलता है तो इसके चलते विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच संघर्ष का भय बहुत कम रह जाता है।
(2) नैतिक कारण – सत्ता की साझेदारी से लोकतंत्र की भावना में इजाफा होता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आम नागरिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत देश में, सभी नागरिकों को पूरा हक है कि वह सरकार की नीतियों और निर्णयों पर खुलकर बोल सकते हैं। इससे फायदा यह होता है कि सरकार को भी नागरिकों द्वारा कुछ योजनाओं पर पुनर्विचार करने का मौका मिल जाता है।
प्रश्न 3 – इस अध्याय को पढ़ने के बाद तीन छात्रों ने अलग अलग निष्कर्ष निकाले। आप इनमें से किससे सहमत हैं और क्यों? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में दें।
थम्मन : जिन समाजों में क्षेत्रीय, भाषायी और जातीय आधार पर विभाजन हो सिर्फ वहाँ सत्ता की साझेदारी जरूरी है।
मथाई : सत्ता की साझेदारी सिर्फ ऐसे बड़े देशों के लिए उपयुक्त है जहाँ क्षेत्रीय विभाजन मौजूद होते हैं।
औसेफ : हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हों।
उत्तर :- औसेफ का निष्कर्ष बिल्कुल सही है। उसका कहना एकदम सही है कि हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हों। सत्ता में हिस्सेदारी पर सभी नागरिकों का समान अधिकार है। शक्ति का इस्तेमाल अगर एक जना ही करें, तो इससे समाज में टकराव पैदा हो जाता है। अगर लोकतंत्र को कायम रखना है तो सत्ता की साझेदारी बहुत जरूरी है।
प्रश्न 4 – बेल्जियम में ब्रूसेल्स के निकट स्थित शहर मर्चटेम के मेयर ने अपने यहाँ के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताया है। उन्होंने कहा कि इससे डच भाषा न बोलने वाले लोगों को इस फ्लेमिश शहर के लोगों से जुड़ने में मदद मिलेगी। क्या आपको लगता है कि यह फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी व्यवस्था की मूल भावना से मेल खाता है? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में लिखें।
उत्तर :- ब्रूसेल्स के पास शहर के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर प्रतिबंध लगाने का मर्चटेम के मेयर का कदम अनुचित है। मेयर के इस फैसले से बेल्जियम के सत्ता-साझाकरण व्यवस्था पर सीधे तौर पर चोट पहुंचती है। फ्रेंच भाषा पर प्रतिबंध लगने से विभिन्न समुदाय के बीच तनाव का माहौल ही पैदा होगा। मेयर यह समझे कि द्विभाषी शिक्षा प्रणाली को महत्व देने से समाज में शांति का माहौल पैदा होगा। ऐसी प्रणाली से समाज में शांति और सौहार्द बना रहेगा।
प्रश्न 5 – नीचे दिए गए उद्धरण को गौर से पढ़ें और इसमें सत्ता की साझेदारी के जो युक्तिपकर कारण बताए गए हैं उसमें से किसी एक का चुनाव करें।
“महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने और अपने संविधान निर्माताओं की उम्मीदों को पूरा करने के लिए हमें पंचायतों को अधिकार देने की जरूरत है। पंचायती राज ही वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना करता है। यह सत्ता उन लोगों के हाथों में सौंपता है जिनके हाथों में इसे होना चाहिए। भ्रष्टाचार कम करने और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है। जब विकास की योजनाओं को बनाने और लागू करने में लोगों की भागीदारी होगी तो इन योजनाओं पर उनका नियंत्रण बढ़ेगा। इससे भ्रष्ट बिचौलियों को खत्म किया जा सकेगा। इस प्रकार पंचायती राज लोकतंत्र की नींव को मजबूत करेगा।“
उत्तर :- पंचायत को अधिकार देना भी बहुत जरूरी है। ऐसा होने से भ्रष्टाचारी में कमी आती है और प्रशासनिक दक्षता बढ़ती है। पंचायत राज ने हमारे देश में प्रशासन को मजबूती देने में मदद की है। पंचायत के अधिकार होने से हमारे देश की एकता और सौहार्द में इजाफा हुआ है।
प्रश्न 6 – सत्ता के बँटवारे के पक्ष और विपक्ष में कई तरह के तर्क दिए जाते हैं। इनमें से जो तर्क सत्ता के बँटवारे के पक्ष में हैं उनकी पहचान करें और नीचे दिए कोड से अपने उत्तर का चुनाव करें।सत्ता की साझेदारी:
(क) विभिन्न समुदायों के बीच टकराव को कम करती है।
(ख) पक्षपात का अंदेशा कम करती है।
(ग) निर्णय लेने की प्रक्रिया को अटका देती है।
(घ) विविधताओं को अपने में समेत लेती है।
(ङ) अस्थिरता और आपसी फूट को बढ़ाती है।
(च) सत्ता में लोगों की भागीदारी बढ़ाती है।
(छ) देश की एकता को कमजोर करती है।
सा | क | ख | घ | च |
रे | क | ग | ड | च |
गा | क | ख | घ | छ |
मा | ख | ग | घ | छ |
उत्तर :-
(सा) | क | ख | घ | च |
प्रश्न 7 – बेल्जियम और श्रीलंका की सत्ता में साझेदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें।
ऊपर दिए गये बयानों में से कौन-से सही हैं?
(क) बेल्जियम में डच-भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच-भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया।
(ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली भाषी बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया।
(ग) अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा तथा रोजगार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढांचे पर बाँटने की माँग की।
(घ) बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषा के आधार पर टूटने से बचा लिया गया।
(सा) क, ख, ग और घ
(रे) क, ख और घ
(गा) ग और घ
(मा) ख, ग और घ
उत्तर – (मा) ख, ग और घ
प्रश्न 8. सूची 1 [सत्ता के बँटवारे के स्वरूप] और सूची 2 [शासन के स्वरूप] में मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड का उपयोग करते हुए सही जवाब दें:
सूची 1 | सूची 2 | |
1 | सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा | (क) सामुदायिक सरकार |
2 | विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा | (ख) अधिकारों का वितरण |
3 | विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी | (ग) गठबंधन सरकार |
4 | दो या अधिक दालों के बीच सत्ता की साझेदारी | (घ) संघीय सरकार |
1 | 2 | 3 | 4 | |
सा | घ | क | ख | ग |
रे | ख | ग | घ | क |
गा | ख | घ | क | ग |
पा | ग | घ | क | ख |
उत्तर :- गा – ख, घ, क, ग
प्रश्न 9. सत्ता की साझेदारी के बारे में निम्नलिखित दो बयानों पर गौर करें और नीचे दिए कोड के आधार पर जवाब दें:
(अ) सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र के लिए लाभकर है।
(ब) इससे सामाजिक समूहों के टकराव का अंदेशा घटता है।
इन बयानों में कौन सही है और कौन गलत ?
(क) अ सही है लेकिन ब गलत है।
(ख) अ और ब दोनों सही है।
(ग) अ और ब दोनों गलत है।
(घ) अ गलत है लेकिन ब सही है।
उत्तर- (ख) अ और ब दोनों सही है।
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