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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 संस्कृत पाठ 9 पर्यावरणम्

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PP Team

हम आपके के लिए इस आर्टिकल के माध्यम कक्षा 9 संस्कृत पर्यावरणम् के एनसीईआरटी समाधान लेकर आए हैं। कक्षा 9 संस्कृत पाठ 9 के प्रश्न उत्तर परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हर छात्र परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहता हैं। इसके लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड या कुंजी पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन आप इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 संस्कृत (NCERT Solutions Class 9 Sanskrit Chapter 9) पूरी तरह मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही कक्षा 9 संस्कृत पाठ 9 पर्यावरणम् के प्रश्न उत्तर पढ़कर परीक्षा में अच्छे अंक भी प्राप्त कर सकते हैं।

NCERT Solutions Class 9 Sanskrit Chapter 9 पर्यावरणम्

हमने आपके ये सभी कक्षा 9 संस्कृत के एनसीईआरटी समाधान सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाए हैं। इन समाधान से आप आने वाली परीक्षा की तैयारी बेहतर कर सकते हैं। शेमुषी भाग 1 पुस्तक में कुल 10 अध्याय है। पहले इसमें कुल 12 अध्याय थे। लेकिन अब इनकी संख्या घटाकर 10 कर दी गई हैं। आइये फिर नीचे एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 संस्कृत पाठ 9 (NCERT Solutions Class 9 Sanskrit Chapter 9 पर्यावरणम्) पढ़ना शुरू करें।

पाठ 9 पर्यावरणम्
अभ्यासः

1. एकपदेन उतरं लिखत:-

(क) मानवः कुत्र सुरक्षितः तिष्ठति?

उत्तराणि :- पर्यावरणकुक्षौ।

(ख) सुरक्षितं पर्यावरणं कुत्र उपलभ्यते स्म?

उत्तराणि :- वने।

(ग) आर्षवचनम् किमस्ति?

उत्तराणि :- धर्मो रक्षति‌ रक्षितः।

(घ) पर्यावरणमपि कस्य अङ्गमिति ऋषयः प्रतिपादितवन्तः?

उत्तराणि :- धर्मस्य।

(ङ) लोकरक्षा कया संभवति?

उत्तराणि :- प्रकृतिरक्षया।

(च) अजातशिशुः कुत्र सुरक्षितः तिष्ठति?

उत्तराणि :- मातृगर्भे।

(छ) प्रकृतिः केषां संरक्षणाय यतते?

उत्तराणि :- प्राणिनाम्।

2. अधोलिखितानां प्रश्नानामुत्तराणि संस्कृतभाषा लिखत:-

(क) प्रकृतेः प्रमुखतत्त्वानि कानि सन्ति?

उत्तराणि :- पृथिवी, जलं, तेजो, वायुः आकाश: च अस्या: प्रमुखतत्त्वानि सन्ति।

(ख) स्वार्थान्धः मानवः किं करोति?

उत्तराणि :- स्वार्थान्धः मानव: पर्यावरणं नाशयति।

(ग) पर्यावरणे विकृत जाते किं भवति?

उत्तराणि :- पयावरणे विकृति जाते विविधाः रोगाः भीषणसमस्याश्च भवति।

(घ) अस्माभिः पर्यावरणस्य रक्षा कथं करणीया?

उत्तराणि :- वृक्षारोपणं कृत्वा, वापीकूपतडागादिनिर्माणं कृत्वा स्थलचराणाम्, जलचराणाम् च रक्षणेन अस्माभिः पर्यावरणस्य रक्षा करणीया।

(ङ) लोकरक्षा कथं संभवति?

उत्तराणि :- प्रकृतिरक्षया एव लोकरक्षा  संभवति।

(च) परिष्कृतं पर्यावरणम् अस्मभ्यं किं किं ददाति?

उत्तराणि :- परिष्कृतं पर्यावरणम् अस्मभ्यं सांसारिक  जीवनसुखं, सद्विचारं, सत्यसंकल्पं, मांगलिकसाम्ग्रीच ददाति।

3. स्थूलपदान्यधिकृत्य प्रश्ननिर्माण कुरुत –

(क) वनवृक्षाः निर्विवेकं छिद्यन्ते।

उत्तराणि :- के निर्विवेक छिद्यन्ते।

(ख) वृक्षकर्तनात् शुद्धवायुः न प्राप्यते।

उत्तराणि:- कस्मात् शुद्धवायुः न प्राप्यते।

(ग) प्रकृति जीवनसुखं प्रददाति।

उत्तराणि:-  प्रकृति किं प्रदाति।

(घ) अजातशिशुः मातृगर्भे सुरक्षितः तिष्ठति।

उत्तराणि :- अजातशिशुः कुत्र सुरक्षितः तिष्ठति?

(ङ) पर्यावरणरक्षणं धर्मस्य अङ्गम् अस्ति।

उत्तराणि :- पर्यावरणरक्षणं कस्य अङ्गम् अस्ति?

4. उदाहरणमनुसृत्य पदरचनां कुरूत –

(क) यथा-जले चरन्ति इति    –  जलचरा:

स्थले चरन्ति इति    – ……………..

निशायां चरन्ति इति  –  ……………….

व्योम्नि चरन्ति इति  –  ………………..

गिरौ चरान्त इति  –   ………………….

भूमौ चरन्ति इति  –   ……………..

उत्तराणि :-  स्थले चरन्ति इति      – स्थलचरा:

निशायां चरन्ति इति            – निशाचरा:

व्योमनि चरन्ति इति            – व्योमचराः

गिरौ चरन्ति इति              – गिरिचराः

भूमौ चरन्ति इति              – भूमिचरा:

(ख) यथा –  न  पेयम् इति    – अपेयम्

न वृष्टि इति   -…………

न सुखम् इति   -…………..

न भावः इति   – …………..

न पूर्णः इति   – ……………

उत्तराणि :- न वृष्टि इति  – अवृष्टिः

न सुखम् इति  – असुखम्

न भावः इति  – अभावः

न पूर्णः इति   – अपूर्ण:

5. उदाहरणानुसत्य पदनिर्माण कुरुत –

यथा – वि + कृ + क्तिन् = विकृतिः

(क) प्र + गम् + क्तिन् = …………….

(ख) दृश् + क्तिन् = …………….

(ग) गम् + क्तिन् = …………….

(घ) मन् + क्तिन् = …………….

(ङ) शम् + क्तिन् = …………….

(च) भी + क्तिन् = …………….

(छ) जन् + क्तिन् = …………….

(ज) भज् + क्तिन् = …………….

(झ) नी + क्तिन् = …………….

उत्तराणि :-

(क) प्र + गम् + क्तिन् = प्रगति:

(ख) दृश् + क्तिन् = दृष्टिः

(ग) गम् + क्तिन् = गतिः

(घ) मन् + क्तिन् = मतिः

(ङ) शम् + क्तिन् = शांतिः

(च) भी + क्तिन् = भीति:

(छ) जन् + क्तिन् = जाति:

(ज) भज् + क्तिन् = भक्ति

(झ) नी + क्तिन् = नीतिः

6. निर्देशानुसारं परिवर्तयत:-

यथा – स्वार्थान्धो मानवः अद्य पर्यावरणं नाशयति (बहुवचने)।
स्वार्थान्धाः मानवाः अद्य पर्यावरणं  नाशयन्ति।

(क) सन्तप्तस्य मानवस्य मङ्गलं कुतः? (बहुवचने)।

उत्तराणि :- सन्तप्तानां मानवाना मङ्गलं कुतः?

(ख) मानवाः पर्यावरणकुक्षौ सुरक्षितः भवन्ति। (एकवचने)

उत्तराणि :- मानवः पर्यावरणकुक्षौ सुरक्षितः भवति।

(ग) वनवृक्षाः निर्विवेक छिद्यन्ते। (एकवचने)

उत्तराणि :- वनवृक्षः निर्विवेक छिद्यते।

(घ) गिरिनिर्झरा: निर्मल जलं प्रयच्छन्ति। (द्विवचने)

उत्तराणि :- गिरिनिर्झरा: निर्मलं जलं प्रयच्छतः।

(ङ) सरित् निर्मलं जलं प्रयच्छति। (बहुवचने)

उत्तराणि :- सरित: निर्मल जलं प्रयच्छन्ति।

(अ) पर्यावरणरक्षणाय भवन्तः किं करिष्यनति इति विषये पञ्च वाक्यानि लिखत ।

यथा – अहं विषाक्तम् अवकरं नदीषु न पातयिष्यामि।

(क) ………………………।
(ख) ………………………।
(ग) …………………………।
(घ) …………………………।
(ङ) …………………………।

उत्तराणि:-

(क) अहं यत्र-तत्र वृक्षारोपणं करिष्यामि।
(ख) अहं कदापि वृक्षान् न छेत्स्यामि।
(ग) नद्याः जले कूपे वा अवशिष्टं न क्षेप्स्यामि।
(घ) मलमूत्राय प्रसाधनकक्षे एव गमिष्यामि।
(ङ) कदापि प्रदूषणोत्पादकं वाहनं न चालयिष्यामि।

7. उदाहरणानुसृत्य उपस्थितर्गान् पृथक्कृत्वा लिखत –

यथा – सरंक्षणाय – सम्

(i) प्रभवति ………….
(ii) उपलभ्यते …………
(iii) निवासन्ति …………
(iv) समुपहरन्ति…………
(v) वितरन्ति  …………
(vi) प्रयच्छन्ति …………………
(vii) उपगता …………………
(viii) प्रतिभाति ………………

उत्तराणि :-

(i) प्रभवति …प्र
(ii) उपलभ्यते …उप
(iii) निवासन्ति …नि
(iv) समुपहरन्ति…सम्
(v) वितरन्ति  ……वि
(vi) प्रयच्छन्ति ……प्र
(vii) उपगता …उप
(viii) प्रतिभाति …प्रति

(अ) उदाहरणानुसृत्य अधोलिखितानां  समस्तपदानां विग्रहं लिखत:-

यथा – तेजोवायुः –  तेजः वायुः च।
गिरिनिर्झराः –  गिरयः निर्झराः च।

(i) पत्रपुषपे – ……………….
(ii) लतवृक्षौ – ……………….
(iii) पशुपक्षिणौ – ……………….
(iv) कीटपतङ्गौ – ……………….

उत्तराणि :-

(i) पत्रपुषपे – पत्रम् पुष्पं च
(ii) लतवृक्षौ – लता वृक्ष: च
(iii) पशुपक्षिणौ – पशु पक्षी च
(iv) कीटपतङ्गौ – कीट: पतङ्गः च

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