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PhD Full Form In Hindi: पी.एच.डी. क्या होती है, योग्यता, फीस, फायदे

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Mamta Kumari
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पीएचडी की फुल फॉर्म (PhD Full Form In Hindi)- वर्तमान समय में समाज में लोगों के बीच यह धारणा फैल चुकी है कि जिस व्यक्ति के पास उच्च शिक्षा की डिग्री है, वो व्यक्ति साधारण लोगों से ज़्यादा समझदार और ज्ञानी होता है। इसलिए बहुत से विद्यार्थी समाज में सम्मान पाने के लिए उच्च शिक्षा की तरफ कदम बढ़ाते हैं लेकिन अधिकतर विद्यार्थी पी.एच.डी. जैसे उच्च स्तरीय डिग्री एक अच्छी और सुरक्षित नौकरी पाने के लिए प्राप्त करते हैं। इस डिग्री की एक विशेषता ये भी है कि इसे प्राप्त करने के बाद विद्यार्थी अपने नाम के आगे डॉक्टर शब्द का इस्तेमाल करने लगते है। ऐसा इसलिए क्योंकि विद्यार्थी जिस विषय में पी.एच.डी. कोर्स करते हैं उसकी डिग्री लेने के बाद वे उस विषय क्षेत्र के विशेषज्ञ कहलाने लगते हैं।

पीएचडी की फुल फॉर्म

पी.एच.डी. डिग्री विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली शिक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ी उपाधि है, जिसे वैश्विक स्तर पर भी सबसे अधिक महत्व दिया जाता है। कई लोग इस कोर्स को करने का विचार स्नातकोत्तर के बाद बनाते हैं जबकि पी.एच.डी. कोर्स को करने का लक्ष्य कक्षा 12वीं से ही बना लेना चाहिए। इस कोर्स को करने के लिए किसी भी विषय को गहराई से समझने और बहुत ज़्यादा मेहनत की आवश्यकता होती है। ऐसे में अगर 12वीं कक्षा से ही आपको पता हो कि आपको किस विषय में पी.एच.डी. डिग्री लेनी है, तो पी.एच.डी. कोर्स की पढ़ाई करना और अपने विषय पर शोध करना भविष्य में आपके लिए सरल साबित होता है। अगर आप भी पी.एच.डी. करने का सपना देख रहे हैं, तो अपनी पढ़ाई को भी उसी विषय के साथ पूरी करते जाएं, जिस विषय में पी.एच.डी. डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं या जिस विषय के विशेषज्ञ बनना चाहते हैं। पी.एच.डी. से जुड़ी बाकी सारी जानकारियाँ आप नीचे दिए गए बिंदुओं से प्राप्त कर सकते हैं।

पी.एच.डी. क्या होती है?

यह एक उच्च स्तरीय डिग्री कोर्स होता है और इस कोर्स कि पढ़ाई करने वालों को शोधार्थी कहा जाता है। यह उच्च स्तरीय डिग्री मुख्य रूप से शोधार्थियों को तब दी जाती है जब वह अपने शोध के लिए मिले विषय पर थीसिस को सफलतापूर्वक पूरा करके जमा करते हैं। उस दौरान पहले शोधार्थियों के शोध कार्य की गहनता से जाँच की जाती है तभी उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री प्रदान की जाती है। वैसे तो इस कोर्स की समयावधि तीन वर्ष होती है लेकिन शोधार्थियों को इस कोर्स को पूरा करने के लिए लगभग पाँच से छः वर्ष तक का समय दिया जाता है। इस कोर्स को किसी एक विषय के एक टॉपिक पर किया जाता है। मान लीजिए कि आपको हिंदी विषय में पी.एच.डी. करनी है, तो पूरे विषय पर तो गहराई से अध्ययन नहीं किया जा सकता इसलिए आपको दो ऑप्शन दिए जाते हैं, गद्यांश और पद्यांश। जिसमें से शोधार्थी को किसी एक ऑप्शन का चयन करन होता है। फिर चयन किए हुए ऑप्शन में से किसी भी एक चयन किए हुए टॉपिक पर थीसिस तैयार करनी होती है। मानी लीजिए आपने “आधुनिक युग में कृष्ण काव्य” टॉपिक चुना है तो आपको इसपर गहनता से पढ़ाई और शोध करते हुए एक थीसिस तैयार करनी होगी। जिसे जमा करने के बाद ही विश्वविद्यालय की तरफ से आपको विषय विशेषज्ञता की उपाधि प्राप्त होती है। इसी तरह अगर आप इतिहास में पी.एच.डी. करते हैं, तो आप इतिहास विषय के विशेषज्ञ माने जाएंगे।

पी.एच.डी. फुल फॉर्म

पी.एच.डी. का पूरा नाम हिंदी और अंग्रेजी में नीचे टेबल में पढ़ें-

पी.एच.डी. की फुल फॉर्म हिंदी में (PhD Full Form In Hindi)पी.एच.डी. की फुल फॉर्म अंग्रेजी में (PhD Full Form In English)
“दर्शनशास्त्र विशेषज्ञ/विद्यावाचस्पति” (Darshanshaastr Visheshagy/Vidyavachaspti)“डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी” (Doctor of Philosophy) 

ये फुल फॉर्म भी देखें

एमबीए की फुल फॉर्म (MBA Full Form In Hindi)
इसरो की फुल फॉर्म (ISRO Full Form In Hindi)
आईटीआई की फुल फॉर्म (ITI Full Form In Hindi)
एनडीए की फुल फॉर्म (NDA Full Form In Hindi)

पी.एच.डी. कोर्स के लिए योग्यता

  • उम्मीदवार की आरंभिक शिक्षा यानी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी होनी चाहिए।
  • पी.एच.डी. कोर्स के लिए आपके पास स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री जरूर होनी चाहिए। स्नातकोत्तर पास करने के बाद ही आप पी.एच.डी. कोर्स के लिए योग्य माने जाते हैं।
  • अभ्यर्थी के स्नातकोत्तर में 55% अंक होने आवश्यक हैं। वहीं एससी/एसटी के अभ्यर्थियों के लिए 50% अंक होने जरूरी हैं।
  • स्नातकोत्तर डिग्री के बाद इस कोर्स में दाखिला पाने के लिए आपको यूजीसी-नेट (UGC-NET) या जेआरएफ-जीएटीई (JRF-GATE) या स्टेट लेवल की प्रवेश परीक्षा पास करनी होती है।
  • इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के फील्ड में पी.एच.डी. करने के लिए उम्मीदवार का जीएटीई (GATE) परीक्षा में अच्छे अंक होना आवश्यक है। साथ ही उम्मीदवार का अपने विषय क्षेत्र में स्नातकोत्तर होना जरूरी है।
  • प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आप अपने विषय में पसंद किए हुए टॉपिक के मुताबिक पी.एच.डी. कोर्स की पढ़ाई पूरी कर सकते हैं।
  • आपको बता दें कि अधिकतर पी.एच.डी. संस्थानों में दाखिला लेने के लिए व्यक्तिगत साक्षात्कार आयोजित किया जाता है। जिसे पास करने के बाद ही उम्मीदवारों को पी.एच.डी. कोर्स में एडमिशन मिलता है।
  • पी.एच.डी. कोर्स करने के लिए आपकी आयु 55 वर्ष से नीचे होनी चाहिए।

पी.एच.डी. कोर्स के लिए कौन सी परीक्षाएँ देनी होती हैं?

पी.एच.डी. कोर्स में एडमिशन के लिए वैसे तो यूजीसी नेट, आईआईटी जेएएम और सीएसआईआर यूजीसी नेट की परीक्षा देनी होती है लेकिन इसके अलावा भी कुछ परीक्षाएँ हैं जिनके माध्यम से आप पी.एच.डी. कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं; जैसे-

  • जेआरएफ (JRF)
  • डीबीआई (DBI)
  • एनसीबीएस (NCBS)
  • आईसीएमआर जेआरएफ (ICMR JRF)
  • जेएनयू पीएचडी (JNU PHD)
  • एम्स पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम (AIIMS PhD Entrance Exam)

पी.एच.डी. के लिए श्रेष्ठ भारतीय विश्वविद्यालय

पी.एच.डी. कोर्स के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों के नाम निम्नलिखित हैं-

  • दिल्ली विश्वविद्यालय
  • जेएनयू (दिल्ली)
  • बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी
  • महाऋषि दयानन्द यूनिवर्सिटी
  • इलाहाबाद स्टेट यूनिवर्सिटी
  • अन्नामलाई यूनिवर्सिटी
  • बनस्थली विद्यापीठ
  • डॉ. बी.आर. आंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ़ सोशल साइंस
  • जैन यूनिवर्सिटी
  • गुरु घासीदास विश्वविद्यालय
  • अरुणाचल यूनिवर्सिटी ऑफ़ स्टडीज़

पी.एच.डी. कौन से विषय में की जा सकती है?

आप पी.एच.डी. की डिग्री आर्ट्स, साइंस, मैथ्स से जुड़े किसी भी विषय में प्राप्त कर सकते हैं। जिस विषय को आप पसंद करते हैं उस विषय में आप अपने पी.एच.डी. कोर्स को पूरा कर सकते है। वर्तमान समय में पी.एच.डी. कोर्स के लिए लगभग 258 विषय उपलब्ध हैं, जिसमें विद्यार्थी विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विषय निम्नलिखित हैं-

  • पी.एच.डी. (हिंदी)
  • पी.एच.डी. (अंग्रेजी)
  • पी.एच.डी. (भौतिक विज्ञान)
  • पी.एच.डी. (रसायन विज्ञान)
  • पी.एच.डी. (जैवप्रौद्योगिकी)
  • पी.एच.डी. (प्राणिविज्ञान)
  • पी.एच.डी. (वित्त)
  • पी.एच.डी. (कृषि)
  • पी.एच.डी. (कानून)
  • पी.एच.डी. (इतिहास)
  • पी.एच.डी. (अर्थशास्त्र)
  • पी.एच.डी. (इंजीनियरिंग)
  • पी.एच.डी. (गृह विज्ञान)

पी.एच.डी. कोर्स की समयावधि

वैसे तो पी.एच.डी. कोर्स की समयावधि तीन वर्ष है लेकिन इस कोर्स को पूरा करने और थीसिस को पूरी तरह से तैयार करने के लिए शोधार्थियों को पाँच से छः वर्ष तक का समय दिया जाता है। इसके अलावा पी.एच.डी. कोर्स के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों में समयावधि अलग-अलग हो सकती है।

पी.एच.डी. कोर्स की फीस

अगर आप सरकारी विश्वविद्यालय/संस्थान से पी.एच.डी. कोर्स करते हैं तो आपको लगभग 3,00,000/- रु. फीस देनी पड़ती है। हालांकि जिन अभ्यर्थियों का जेआरएफ होता है उन्हें सरकारी की तरफ से पी.एच.डी. कोर्स पूरा करने के लिए पैसे मिलते हैं। वहीं अगर आप अपनी पी.एच.डी. किसी गैर-सरकारी विश्वविद्यालय/संस्थान से पूरी करते हैं, तो वहाँ आपको लगभग 6,00,000/- रु. या इससे अधिक फीस भरनी पड़ सकती है।

पी.एच.डी. करने के फायदे

  • जिस विषय में पी.एच.डी. करते हैं आप उस विषय के विशेषज्ञ बन जाते हैं। जिसके बाद आप अपने विषय क्षेत्र के एक्सपर्ट कहलाने लगते हैं।
  • पी.एच.डी. की डिग्री मिलने के बाद आपको डॉक्टर की उपाधि मिलती है। जिसके बाद आप अपने नाम के आगे आधिकारिक रूप से डॉक्टर शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • इस कोर्स की पढ़ाई को पूरा करने के बाद आप किसी सरकारी या गैर-सरकारी विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में प्रोफेसर बन सकते हैं।
  • आपके द्वारा लिखी गई थीसिस को देश-विदेश में प्रसिद्धि के साथ-साथ एक अनोखी पहचान भी मिल सकती है। आपके शोध टॉपिक को नामी पुस्तकों और मैगज़ीन्स में प्रकाशित किया जा सकता है।
  • सबसे बड़ा लाभ ये है कि अगर आपका जेआरएफ होता है, तो पी.एच.डी. कोर्स के पढ़ाई के लिए हर महीने पैसा सरकार देती है।
  • पी.एच.डी. कोर्स करने के बाद अगर आपकी सरकारी नौकरी लग जाती है, तो आप अपने आस-पास के लोगों के लिए अनुकरणीय व्यक्ति बन जाते हैं। समाज और घर-परिवार में आपका नाम होता है।

पी.एच.डी. कोर्स पूरा करने के बाद नौकरी

इस कोर्स को पूरा करने के बाद आपके पास नौकरी के लिए कई विकल्प मौजूद हो जाते हैं। पी.एच.डी. कोर्स करने के बाद आप निम्नलिखित क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ दे सकते हैं-

  • शैक्षिक संस्थान
  • मीडिया क्षेत्र में (अखबार/मैगज़ीन्स)
  • सलाहकारी संस्था (परामर्शदाता)
  • प्रकाशन संस्था
  • लेखन क्षेत्र (लेखक)
  • प्रोफेसर/असिस्टेंट प्रोफेसर
  • वैज्ञानिक
  • संपादक
  • सामाजिक सेवा संस्थान
  • रिसरचर
  • सरकारी या गैर-सरकारी सेवा संस्थान
  • अनुसंधान संस्थान
  • विद्यालय

पी.एच.डी. के बाद वेतन

पी.एच.डी. पूरी करने के बाद आपका वेतन आपके कार्य कार्य क्षेत्र पर निर्भर करता है। आप भी जानते होंगे कि अलग-अलग क्षेत्रो में वेतन एक समान नहीं होता। पी.एच.डी. कोर्स पूरा करने के बाद शुरुआत में वेतन लगभग 5,00,000/- रु. से 7,00,000/- रु. प्रति वर्ष हो सकता है। इसके अलावा आपका वेतन आपके अनुभव और विशेषज्ञता पर निर्भर करता है।

FAQs
प्रश्न: पी.एच.डी. की न्यूनतम अवधि क्या है?

उत्तर: वैसे तो इस कोर्स की समयावधि तीन वर्ष होती है लेकिन शोधार्थियों को इस कोर्स को पूरा करने के लिए लगभग पाँच से छः वर्ष तक का समय दिया जाता है।

प्रश्न: पी.एच.डी. के लिए आयु सीमा क्या है?

उत्तर: पी.एच.डी. कोर्स करने के लिए आपकी आयु 55 वर्ष से नीचे होनी चाहिए।

प्रश्न: पी.एच.डी. करने से पहले कौन सी डिग्री चाहिए?

उत्तर: पी.एच.डी. कोर्स के लिए आपके पास स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री जरूर होनी चाहिए।

प्रश्न: पी.एच.डी. प्रवेश परीक्षा का नाम क्या है?

उत्तर: पी.एच.डी. कोर्स में एडमिशन के लिए वैसे तो यूजीसी नेट, आईआईटी जेएएम और सीएसआईआर यूजीसी नेट की परीक्षा देनी होती है लेकिन इसके अलावा भी कुछ परीक्षाएँ हैं जिनके माध्यम से आप पी.एच.डी. कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।

प्रश्न: पी.एच.डी. करने के बाद कितनी सैलरी मिलती है?

उत्तर: पी.एच.डी. पूरी करने के बाद आपका वेतन आपके कार्य क्षेत्र पर निर्भर करता है। आप भी जानते होंगे कि अलग-अलग क्षेत्रो में वेतन एक समान नहीं होता। पी.एच.डी. कोर्स पूरा करने के बाद शुरुआत में वेतन लगभग 5,00,000/- रु. से 7,00,000/- रु. प्रति वर्ष हो सकता है। इसके अलावा आपका वेतन आपके अनुभव और विशेषज्ञता पर निर्भर करता हैं।

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