आईआईटी की फुल फॉर्म (IIT Full Form In Hindi)- आज कल आपने कई लोगों से सुना होगा कि टेक्नॉलॉजी का जमाना चल रहा है। ये सच है कि आधुनिक समय ने टेक्नॉलॉजी जिसे हम हिंदी में प्रौद्योगिकी कहते हैं को वैश्विक स्तर पर फैलने का अच्छा अवसर प्रदान किया है। आज अधिकतर विद्यार्थी आई.आई.टी. करने का सपना देखते हैं। यहाँ जानें का सपना वो विद्यार्थी अधिक देखते हैं जो कक्षा 10वीं पास करने के बाद विज्ञान विषय से अपनी आगे कि पढ़ाई करते हैं। घरों में आपने देखा होगा कि ज़्यादातर लड़के टूटी हुई टेक्निकल चीजों को सही करने की कोशिश करते हैं और कई बार उनकी इसी आदत के उन्हें घर का इंजीनियर कहा जाने लगता है लेकिन वास्तविक रूप से इंजीनियर बनने के लिए आई.आई.टी. करना पड़ता है।
आईआईटी की फुल फॉर्म
किसी भी क्षेत्र में महिलाएँ पीछे नहीं है और न ही रहनी चाहिए। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए आई.आई.टी. में महिलाओं के लिए 20% आरक्षण दिया गया है। अब महिलाएँ भी आई.आई.टी. करके इंजीनियरिंग में अच्छा करियर बना रही हैं लेकिन आई.आई.टी. निदेशक बनने वाली पहली महिला का कहना है अब भी आई.आई.टी. में महिलाओं की संख्या बहुत कम है। इस तरह महिलाओं को इस क्षेत्र में अभी एक लंबा रास्ता तय करना है जिसके लिए सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है। आई.आई.टी. प्रौद्योगिकी से जुड़ा एक ऐसा संस्थान है जो अभ्यर्थियों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करता है। वर्तमान समय में बहुत से विद्यार्थी प्रौद्योगिकी से जुड़ना चाहते हैं, इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते है। कई बच्चों का तो बचपन से ही इंजीनियर बनने का सपना होता है लेकिन उचित और सही मार्गदर्शन न मिलने के कारण कहीं न कहीं उन्हें भीड़ का हिस्सा बनना पड़ता है। अगर आपका भी सपना इंजीनियर बनना है और आप आई.आई.टी. में दाखिला लेना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए सहायक सिद्ध हो सकता है।
आई.आई.टी. क्या है?
स्वतंत्रता के बाद भारत में पहला आई.आई.टी. पंडित नेहरू की सरकार द्वारा तकनीकी रूप से सक्षम होने के लिए स्थापित किया गया। आई.आई.टी. आज भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में सबसे प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है। आज भी इन्हीं संस्थानों से कई बड़े-बड़े वैज्ञानिक, रिसर्चर और इंजीनियर निकलते हैं जो भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी अपनी सफलता के लिए सम्मान पाते हैं। सबसे पहले आई.आई.टी. संस्थान खड़गपुर में बना था। वर्तमान समय में भारत के अलग-अलग राज्यों में कुल 23 तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं जिसमें लाखों कि संख्या में विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा प्राप्त करते हैं। जोकि भारत सरकार द्वारा स्थापित किये गये “राष्ट्रीय महत्व के संस्थान” कहे जाते हैं।
जब भी इंजीनियरिंग का जिक्र होता है तब सबसे पहले आई.आई.टी. संस्थानों का ही नाम लिया जाता है क्योंकि इन्हीं संस्थानों से निकलने वाले योग्य और कुशल इंजीनियर सरकारी और गैर-सरकारी पदों पर कार्य करते हैं। साथ ही माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों में नौकरी करते हैं। जब भी इंजीनियरिंग करने की बात आती है तो आईआईटी का नाम सबसे पहले आता है क्योंकि यह भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान है और इन संस्थानों से लाखों कुशल और काबिल इंजीनियर निकलते हैं। भारत के लगभग सभी आई.आई.टी. संस्थान स्वायत्तशासी हैं अर्थात् इनके हर कोर्स और नियम संस्थान के द्वारा ही बनाए जाते हैं। आमतौर पर 12वीं के बाद ही विद्यार्थी आई.आई.टी. में दाखिला लेते हैं। इसमें प्रवेश पाने के लिए विद्यार्थियों को पहले प्रवेश परीक्षा पास करनी होती है तभी उनका दाखिला आई.आई.टी. कोर्स में होता है।
आई.आई.टी. फुल फॉर्म
आई.आई.टी. का पूरा नाम हिंदी और अंग्रेजी में नीचे टेबल में पढ़ें-
आई.आई.टी. की फुल फॉर्म हिंदी में (IIT Full Form In Hindi) | आई.आई.टी. की फुल फॉर्म अंग्रेजी में (IIT Full Form In English) |
“भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान” (Bhartiya Prodyogiki Sansthan) | “इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी” (Indian Institute of Technology) |
ये फुल फॉर्म भी देखें
एमबीए की फुल फॉर्म (MBA Full Form In Hindi) |
इसरो की फुल फॉर्म (ISRO Full Form In Hindi) |
आईटीआई की फुल फॉर्म (ITI Full Form In Hindi) |
एनडीए की फुल फॉर्म (NDA Full Form In Hindi) |
आई.आई.टी. के लिए योग्यता
- आई.आई.टी. के लिए अभ्यर्थी विज्ञान विषय से 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए।
- आपके पास कक्षा 12वीं में भौतिक शास्त्र और गणित का होना आवश्यक है। साथ ही तीसरे विषय के तौर पर रसायन शास्त्र या जैवप्रौद्योगिकी का होना जरूरी है।
- अभ्यर्थी के कक्षा 12वीं में 75% अंक होने चाहिए। वहीं आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों एससी/एसटी/पीडब्ल्यूडी (SC/ST/PWD) के लिए 65% का प्रावधान किया गया है।
- उम्मीदवारों का टॉप 20% में शामिल होना भी जरूरी है।
आई.आई.टी. परीक्षा पैटर्न
सभी सरकारी परीक्षाओं की तरह यह परीक्षा भी कठिन मानी जाती है। यह परीक्षा इसलिए भी कठिन होती है क्योंकि इसमें भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र और गणित से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। आई.आई.टी. परीक्षा पैटर्न को आप टेबल से आसानी से समझ सकते हैं-
विषय | प्रश्नों की संख्या | समयावधि | अंक |
भौतिक शास्त्र | 25 | तीन घंटे | 100 |
रसायन शास्त्र | 25 | तीन घंटे | 100 |
गणित | 25 | तीन घंटे | 100 |
आई.आई.टी. कैसे करें?
सबसे पहले विद्यार्थी को 12वीं पास करने के बाद आई.आई.टी. संस्थान में दाखिला पाने के लिए जेईई मेन (JEE Main) परीक्षा पास करनी होगी। उसके बाद टॉप 20 में जाने के लिए जेईई एडवांस (JEE Advanced) की परीक्षा देनी होती है। जो उम्मीदवार ये परीक्षाएँ पास करते हैं उन्हें ही आई.आई.टी. के शीर्ष संस्थानों में दाखिला मिलता है। इन संस्थानों के विभिन्न कोर्सों के लिए अलग-अलग शाखाएँ होती हैं; जैसे कि मेकैनिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस शाखा, सिविल इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग आदि। उच्च रैंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को बी.टेक. के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग जैसे अच्छे कोर्स मिलते हैं लेकिन कम रैंक वाले उम्मीदवारों को सिविल और मैकेनिकल के कोर्स मिलते हैं। इस तरह अच्छे कोर्स के साथ-साथ अच्छे संस्थान में दाखिला उम्मीदवार के रैंक पर निर्भर करता है।
भारत का प्रथम आई.आई.टी. महाविद्यालय कौन सा है?
भारत का पहला आई.आई.टी. संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर है जोकि पश्चिम बंगाल में स्थित है। इसका औपचारिक उद्घाटन वर्ष 1951 में किया गया था लेकिन भारतीय संसद द्वारा इसे वर्ष 1956 में राष्ट्रीय संस्थान घोषित किया गया। आखिर में इस संस्थान को वर्ष 2019 में ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा दिया गया।
आई.आई.टी. में पढ़ाए जाने वाले कोर्स
आई.आई.टी. में पढ़ाए जाने वाले कोर्स को आप टेबल से देख सकते हैं-
क्रम संख्या | विषय का नाम | समयावधि |
1. | बी.टेक. (B. Tech) | चार साल |
2. | बी.आर्क. (B. Arch) | पाँच साल |
3. | एम.आर्क. (M. Arch) | दो साल |
4. | एम.टेक. (M. Tech) | दो साल |
5. | एम.सी.ए. (M.C.A.) | पाँच साल |
आई.आई.टी. की फीस
लगभग सभी संस्थानों की फीस में अंतर मिल सकता है लेकिन ज्यादातर बीटेक के लिए आईआईटी की वार्षिक फीस लगभग 2,00,000/- रु. से 2,50,000/- रु. तक होती है। इस तरह पूरे बीटेक कोर्स यानी चार साल की फीस लगभग 8,00,000/- रु. से 10,00,000/- रु. तक होती है। आपको बता दें कि आरक्षित विद्यार्थियों के लिए इस कोर्स की पूरी फीस लगभग 2,00,000/- रु. से 4,00,000/- रु. तक होती है। आप फीस को सभी संस्थानों की आधिकारिक वेबसाइट से भी देख सकते हैं क्योंकि हर साल प्रत्येक आई.आई.टी. संस्थान द्वारा अपने आधिकारिक वेबसाइट पर फीस का विवरण प्रस्तुत किया जाता है।
भारत के आई.आई.टी. संस्थान
भारत में कुल 23 आई.आई.टी. संस्थान हैं जिन्हें आप टेबल से देख सकते हैं-
क्रम संख्या | संस्थान के नाम | राज्य के नाम |
1. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर | पश्चिम बंगाल |
2. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली | दिल्ली |
3. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई | मुंबई |
4. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास | तमिलनाडु |
5. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर | उत्तर प्रदेश |
6. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद | तेलंगाना |
7. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना | बिहार |
8. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर | मध्य प्रदेश |
9. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुपति | आंध्र प्रदेश |
10. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भिलाई | छत्तीसगढ़ |
11. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, वाराणसी | उत्तर प्रदेश |
12. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भुवनेश्वर | ओड़िशा |
13. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी | असम |
14. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी | हिमाचल प्रदेश |
15. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पलक्कड़ | केरल |
16. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर | गुजरात |
17. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर | राजस्थान |
18. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जम्मू | जम्मू-कश्मीर |
19. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ | पंजाब |
20. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, धारवाड़ | कर्नाटक |
21. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गोवा | गोवा |
22. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की | उत्तराखण्ड |
23. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, धनबाद | झारखण्ड |
आई.आई.टी. संस्थान की विशेषताएँ
- आई.आई.टी. वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित और प्रसिद्धि प्राप्त करने वाला ऐसा संस्थान है जहाँ से देश के अनेक बड़े-बड़े वैज्ञानिक, अभियान्ता (इंजीनियर) और टेक्नोलॉजिस्ट निकलते हैं।
- भारत का सबसे पहला आई.आई.टी. संस्थान खड़गपुर में स्थापित हुआ था लेकिन अब भारत में कुल 23 आई.आई.टी. संस्थान हैं जिसमें वर्तमन समय में लाखों की संख्या में विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं।
- जब भी इंजीनियरिंग करने की बात आती है तो भारत के आई.आई.टी. संस्थानों का नाम सबसे पहले आता है। यह ऐसे संस्थान हैं जहाँ से पढ़ाई करके विद्यार्थी सरकारी नौकरी के साथ-साथ माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों में नौकरी प्राप्त करते हैं।
- यह संस्थान अपने नियम एवं कायदे स्वयं ही बनाता और संचालित करता है।
आई.आई.टी. करने के लाभ
आई.आई.टी. करने के अनेक ऐसे लाभ हैं जिनसे इस संस्था से न जुड़ने वाले विद्यार्थी अनभिज्ञ रह जाते हैं। आई.आई.टी. करने के कुच्छ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं-
- सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर आप इंजीनियरिंग डिग्री आई.आई.टी संस्थान/महाविद्यालय से प्राप्त करते हैं, तो यह डिग्री आपको सरकारी नौकरी के लिए आवेदन में सहायक तो बनेगी ही साथ ही इसकी मदद से आप किसी प्रसिद्ध और अच्छे उद्योग में एक अच्छे वेतन के साथ नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।
- यहाँ आपको बेहतर और उच्च स्तर की इंजीनियरिंग शिक्षा प्रदान की जाती है। यही कारण के हर साल लाखों से अधिक विद्यार्थी आई.आई.टी. में प्रवेश पाने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं।
- भारत के लगभग सभी आई.आई.टी. संस्थान का परिसर, पाठ्यक्रम और शिक्षा व्यवस्था अन्य महाविद्यालयों/संस्थानों के मुकाबले बेहतर होता है।
- आई.आई.टी. में पढ़ने वाले इंजीनियरिंग के छात्र/छात्राओं को अन्य महाविद्यालयों/संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से अधिक और ज्यादा अच्छी प्लेसमेंट मिलती है।
- यहाँ पढ़ाई के अलावा कुछ अन्य गतिविधियाँ एवं कार्यक्रम भी किए जाते हैं।
- इसका एक लाभ यह भी है कि आई.आई.टी. में दाखिला पाने के बाद आप एक सम्मानित और जाने-माने व्यक्ति बन जाने हैं। यह सच है कि आई.आई.टी. में दाखिला पाने के बाद समाज के लोग आपको उम्मीद से अधिक सम्मान देने लगते हैं।
आई.आई.टी. कैसे हमारी सोच बदल रहा है?
आई.आई.टी. में सिर्फ शब्दों का ज्ञान नहीं दिया जाता बल्कि वहाँ छात्रों को नवाचार और रचनात्मकता से भी जोड़ा जाता है जोकि भविष्य में छात्रों को नौकरी दिलाने में मददगार साबित होता है। आई.आई.टी. से निकले अधिकतर छात्र/छात्रा किसी भी विषय पर अपने विचारों को तकनीक से जोड़कर रखते हैं। अब लोग हर काम के लिए तकनीकी चीजों का इस्तेमाल करना चाहते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वर्तमान समय की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास समय नहीं है। यह संस्थान शिक्षा क्षेत्र में शिक्षकों के सोचने और पढ़ाने के तरीकों को प्रभावित कर रहा है, जिसका प्रभाव सकारात्मक है। आई.आई.टी. संस्थान जिस तरह से वैचारिक समझ और समस्या को सुलझाने के कौशल पर जोर दे रहा है, इससे यह साफ नजर आता है कि वह अपने आई.आई.टी. छात्र/छात्राओं को आने वाले समय या यूं कहें कि आने वाली दुनिया के लिए तैयार कर रहा है। यह बदलाव देखकर ही आज प्रत्येक व्यक्ति तकनीकी चीजों तक अपनी पहुँच बना रहा है।
FAQs
उत्तर: सबसे पहले आई.आई.टी. संस्थान खड़गपुर में बना था। वर्तमान समय में भारत के अलग-अलग राज्यों में कुल 23 तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं जिसमें लाखों कि संख्या विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा प्राप्त करते हैं जोकि भारत सरकार द्वारा स्थापित किये गये “राष्ट्रीय महत्व के संस्थान” कहे जाते हैं।
उत्तर: भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र और गणित।
उत्तर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर।
उत्तर: लगभग सभी संस्थानों की फीस में अंतर मिल सकता है लेकिन ज्यादातर बीटेक के लिए आईआईटी की वार्षिक फीस लगभग 2,00,000/- रु. से 2,50,000/- रु. तक होती है। इस तरह पूरे बीटेक कोर्स यानी चार साल की फीस लगभग 8,00,000 से 10,00,000/- रु. तक होती है।
उत्तर: सबसे पहले विद्यार्थी को 12वीं पास करने के बाद आई.आई.टी. संस्थान में दाखिला पाने के लिए जेईई मेन (JEE Main) परीक्षा पास करनी होगी। उसके बाद टॉप 20 में जाने के लिए जेईई एडवांस (JEE Advanced) की परीक्षा देनी होती है। जो उम्मीदवार ये परीक्षाएँ पास करते हैं उन्हें ही आई.आई.टी. के शीर्ष संस्थानों में दाखिला मिलता है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि एक अच्छे कोर्स के साथ-साथ अच्छे संस्थान में दाखिला उम्मीदवार के रैंक पर निर्भर करता है।
उत्तर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर।
उत्तर: उम्मीदवार 75% अंक के साथ विज्ञान विषय से 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों एससी/एसटी/पीडब्ल्यूडी (SC/ST/PWD) के लिए 65% का प्रावधान किया गया है।
अन्य फुल फॉर्म के लिए | यहाँ क्लिक करें |