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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श अध्याय 12 अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले

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Ekta Ranga
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हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके लिए कक्षा 10वीं हिन्दी स्पर्श अध्याय 12 के एनसीईआरटी समाधान लेकर आए हैं। यह कक्षा 10वीं हिन्दी स्पर्श के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए गए हैं ताकि छात्रों को कक्षा 10वीं स्पर्श अध्याय 12 के प्रश्न उत्तर समझने में आसानी हो। यह सभी प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त हैं। इसके के लिए छात्रों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 10वीं हिंदी की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए एनसीईआरटी समाधान देखें।

Ncert Solutions For Class 10 Hindi Sparsh Chapter 12

कक्षा 10 हिन्दी के एनसीईआरटी समाधान को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह एनसीईआरटी समाधान छात्रों की परीक्षा में मदद करेगा साथ ही उनके असाइनमेंट कार्यों में भी मदद करेगा। आइये फिर कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श अध्याय 12 अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले के प्रश्न उत्तर (Class 10 Hindi Sparsh Chapter 12 Question Answer) देखते हैं।

कक्षा : 10
विषय : हिंदी (स्पर्श भाग 2)
पाठ : पाठ 12 अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले (निदा फाजली)

प्रश्न-अभ्यास

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों दीजिए:

1. बड़े बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे क्यों धकेल रहे थे?

उत्तर :- बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे इसलिए धकेल रहे थे क्योंकि उन्हें वहां बड़ी इमारतों का निर्माण करना था। क्योंकि उनको इमारत बनाने के लिए जगह चाहिए थी इसलिए वह सब समुद्र को पीछे धकेल रहे थे।

2. लेखक का घर किस शहर में था?

उत्तर :- लेखक का निवास स्थान ग्वालियर शहर था।

3. जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा है?

उत्तर :- आज के समय में सभी लोगों के बीच फ्लैट सिस्टम का कल्चर चल पड़ा है। किसी को भी बड़ा घर पसंद नहीं आता है। सभी लोग एकल परिवार में रहने को अपनी शान मानते हैं।

4. कबूतर परेशानी में इधर-उधर क्यों फड़फड़ा रहे थे?

उत्तर :- एक बार बिल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड़ दिया। माँ ने देखा तो उसे दुख हुआ। उसने स्टूल पर चढ़कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की। लेकिन इस कोशिश में दूसरा अंडा उसी के हाथ से गिरकर टूट गया। कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे।

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:

1. अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?

उत्तर :- नूह एक पैगंबर था। नूह का असली नाम तो लश्कर था। वह किसी फरिश्ते के समान था। दरअसल एक बार उसने एक घायल कुत्ते का दिल दुखा दिया था। इसी बात का नूह को जीवनभर दुख रहा। लोग उनकी दरियादिली के लिए ही उन्हें नूह के नाम से याद करते हैं।

2. लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं और क्यों?

उत्तर :- माँ कहती थी, सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते मत तोड़ो, पेड़ रोएँगे। दीया बत्ती के वक्त फूलों को मत तोड़ो, फूल बहुआ देते हैं।

3. प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ?

उत्तर :- प्रकृति में आए असंतुलन का परिणाम प्रकृति पर बहुत बुरा पड़ा। वारूदों की विनाशलीलाओं ने वातावरण को सताना शुरू कर दिया। अब गर्मी में ज्यादा गर्मी, बेवक्त की बरसातें, जलजले, सैलाब, तूफ़ान और नित नए रोग, मानव और प्रकृति के इसी असंतुलन के परिणाम हैं।

4. लेखक की माँ ने पूरे दिन रोज़ा क्यों रखा?

उत्तर :- लेखक की माँ ने पूरे दिन रोजा इसलिए रखा क्योंकि लेखक की मां से एक बहुत बड़ी गलती हो गई थी। दरअसल एक बार ऐसा हुआ कि एक बार बिल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड़ दिया। माँ ने देखा तो उसे दुख हुआ। उसने स्टूल पर चढ़कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की। लेकिन इस कोशिश में दूसरा अंडा उसी के हाथ से गिरकर टूट गया। कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। लेखक की मां यह देखकर बहुत दुखी हुई। इसी वजह से मां ने रोजा रखा था।

5. लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :- लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक बहुत से बदलाव देखे। ग्वालियर बहुत ही सुंदर शहर था। लेकिन जब लेखक बंबई पहुंचा तो उसे अलग ही नजारा देखने को मिला। लेखक को बंबई में हर जगह फ्लैट देखने को मिले। महानगरों में सभी अकेले रहना चाहते हैं। वहां पर कोई किसी की भी परवाह नहीं करता है।

6. डेरा डालने से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :- इस कहानी के मुताबिक डेरा डालने का अर्थ है पक्षियों का बसेरा। आज के समय में इंसान हर दिन अपने मकान बनाया जा रहा है। इसी के चलते पक्षियों के घर पर भी इंसानों ने कब्जा जमा लिया है। बेचारे पक्षी कभी किसी इमारत में अपना डेरा डालते हैं तो कभी-कभी कोई और इमारत में।

7. शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर क्यों उठ खड़े?

उत्तर :- शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर इसलिए उठ खड़े हुए क्योंकि उनको लगा कि उन्होंने उस नन्हे च्योंटे को बेघर कर दिया था। इसलिए भोजन करने से पहले शेख अयाज के पिता ने उसे कुंए पर उसके घर छोड़ने का फैसला किया।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए:

1. बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर :- बढ़ती हुई जनसंख्या ने पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाया है। एक समय था जब प्रकृति और मानव एक साथ मिलजुलकर रहते थे। लेकिन जब मनुष्य समझदार हुआ तो उसने पेड़-पौधों और जंगलों को हटाकर वहां पर अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया। जो जमीन प्रकृति की थी वह जमीन इंसानों ने हड़प ली। ऐसे में प्रकृति खतरे में आ गई। जब आप किसी चीज की अति करने लग जाते हो तो वह आपको दुबारा नुकसान ही पहुंचाती है। जब प्रकृति का अति दोहन होने लगा तो उसने भी मानव को सबक सिखाने की सोची। आज के समय में इंसान तूफान, आंधी, तेज गर्मी, बेमौसम बरसात का होना और बाढ़ जैसी समस्याओं से गुजर रहा है। जितनी ज्यादा जनसंख्या बढ़ रही है उतनी ही ज्यादा प्राकृतिक आपदाएं भी बढ़ रही है।

2. लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली क्यों लगवानी पड़ी?

उत्तर :- लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली कबूतरों की वजह से लगवानी पड़ी। दरअसल दो कबूतरों ने लेखक के फ्लैट के एक मचान में घोंसला बना लिया था। उनके आने-जाने से लेखक और उनकी पत्नी को परेशानी होती थी। वे कभी किसी चीज़ को गिराकर तोड़ देते थे। कभी लेखक की लाइब्रेरी में घुसकर कबीर या मिर्जा गालिब को सताने लगते थे। इस रोज-रोज की परेशानी से तंग आकर लेखक की पत्नी ने उस जगह जहाँ उनका आशियाना था, एक जाली लगा दी है, उनके बच्चों को दूसरी जगह कर दिया है।

3. समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?

उत्तर :- समुद्र ऐसे तो एकदम शांत होता है। लेकिन जब उसको गुस्सा आता है तो वह बेहद खतरनाक रूप धारण कर लेता है। दरअसल कई सालों से बड़े-बड़े बिल्डर समंदर को पीछे धकेल कर उसकी जमीन को हथिया रहे थे। बेचारा समंदर लगातार सिमटता जा रहा था। पहले उसने अपनी फैली हुई टाँगें समेटी, थोड़ा सिमटकर बैठ गया। फिर जगह कम पड़ी तो उकहूँ बैठ गया। फिर खड़ा हो गया…जब खड़े रहने की जगह कम पड़ी तो उसे गुस्सा आ गया। जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है। परंतु आता है तो रोकना मुश्किल हो जाता है, और यही हुआ, उसने एक रात अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाजों को उठाकर बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में फेंक दिया। एक वर्ली के समंदर के किनारे पर आकर गिरा दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने औंधे मुँह और तीसरा गेट-वे-ऑफ़ इंडिया पर टूट-फूटकर सैलानियों का नजारा बना।

4. मट्टी से मट्टी मिले,
खो के सभी निशान,
किसमें कितना कौन है,
कैसे हो पहचान,

इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर :- इस पंक्ति के माध्यम से कवि यह कहना चाह रहा है कि हम सब मिट्टी से ही बने हैं। हम सभी को ईश्वर ने बनाया है। हम सब उनकी देन हैं। मनुष्य को नहीं पता कि वह कौन सी मिट्टी से बना है। मनुष्य को यह नहीं पता कि कौन असल में सद्गुणी है और कौन दुर्गुणी।

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

1. नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था।

उत्तर :- नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती ही है। प्रकृति ने मानव को हमेशा से ही बहुत कुछ दिया है। लेकिन मानव ने प्रकृति को बदले में केवल लूटा है। मानव ने प्रकृति को उजाड़कर अपना अशियाना तैयार किया। उसने प्रकृति का लगातार दोहन पर दोहन किया। आखिर प्रकृति भी कितना सहन करती। आखिरकार वह भी मानव को करारा जबाव देने लगी। इसका सबसे अच्छा उदाहरण कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला। एक रात समुद्र अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाजों को उठाकर बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में फेंक दिया। एक वर्ली के समंदर के किनारे पर आकर गिरा दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने औंधे मुँह और तीसरा गेट-वे-ऑफ़ इंडिया पर टूट-फूटकर सैलानियों का नजारा बना।

2. जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।

उत्तर :- यह एकदम सही है कि जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है। जो लोग दिल से बड़े होते हैं वह अक्सर विनयशील होते हैं। वह लोगों को माफ करना जानते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि उनको गुस्सा नहीं आता है। जब उनको गुस्सा आता है तो वह बहुत तेज होता है। उनके गुस्से से पूरी दुनिया में सैलाब आ जाता है।

3. इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है।

उत्तर :- लेखक एकदम सही कह रहा है कि इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है। लेखक का यह कहना है कि इंसानों ने पशु-पक्षियों का भी बसेरा उजाड़ दिया है। पक्षियों को अपना घोंसला बनाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। वह सोचते हैं कि इंसान हमारा घर छीन रहे हैं। तो ऐसे में अगर हम जाए तो कहां जाए। ऐसे में परिंदे यहाँ-वहाँ डेरा डालने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

4. शेख अयाज़ के पिता बोले, ‘नहीं, यह बात नहीं है। मैंने एक घरवाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।’ इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :- शेख अयाज के पिता बहुत ही दयालु किस्म के व्यक्ति थे। उनका दिल बहुत साफ था। वह किसी के भी प्रति बुरा भाव नहीं रखते थे। वह हर किसी का भला चाहते थे। एक दिन जब शेख अयाज के पिता खाना खाने बैठे ही थे कि उन्होंने अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर इसलिए उठ खड़े हुए क्योंकि उनको लगा कि उन्होंने उस नन्हे च्योंटे को बेघर कर दिया था। इसलिए भोजन करने से पहले शेख अयाज के पिता ने उसे कुंए पर उसके घर छोड़ने का फैसला किया।

भाषा अध्ययन

1. उदारण के अनुसार निम्नलिखित वाक्यों में कारक चिह्नों को पहचानकर रेखांकित कीजिए।और उनके नाम रिक्त स्थानों में लिखिए जैसे:

(क) माँ ने भोजन परोसा।
(ख) मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ।
(ग) मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया।
(घ) कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे।
(ङ) दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो।

उत्तर-

(क) माँ ने भोजन परोसा। कर्ता
(ख) मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ। संप्रदान
(ग) मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया। कर्म
(घ) कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। अधिकरण
(ङ) दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो। अधिकरण

2. नीचे दिए गए शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए-चींटी, घोड़ा, आवाज़, बिल, फौज, रोटी, बिंदु, दीवार, टुकड़ा।

उत्तर-

(1) चींटी-चीटियाँ
(2) घोड़ा – घोड़े
(3) आवाज़ – आवाजें 
(4) बिल-बिल
(5) बिंदु-बिंदु (बिदुओ को)
(6) दीवार-दीवारें
(7) टुकड़ा – टुकडे 

3. निम्नलिखित वाक्यों में उचित शब्द भरकर वाक्य पूरे कीजिए:

(क) आजकल _________ बहुत खराब है। (जमाना/जमाना)

(ख) पूरे कमरे को________ दो। (सजा / सज़ा)

(ग) माँ दही_______भूल गई|(जमाना / जमाना

(घ) __________चीनी तो देना|(जरा/जरा)

(ङ) दोषी को _________दी गई।(सजा / सज़ा)

(च) महात्मा के चेहरे पर_________था। (तेज / तेज़)

उत्तर-

(1) आजकल ज़माना बहुत खराब है।

(2) पूरे कमरे को सजा दो।

(3) माँ दही जमाना भूल गई।

(4) ज़रा चीनी तो देना।

(5) दोषी को सज़ा दी गई।

(6) महात्मा के चेहरे पर तेज था।

विद्यार्थियों को कक्षा 10वीं हिंदी अध्याय 12 अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले के प्रश्न उत्तर प्राप्त करके कैसा लगा? हमें अपना सुझाव कमेंट करके ज़रूर बताएं। कक्षा 10वीं हिंदी स्पर्श अध्याय 12 के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य विद्यार्थियों को बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप हमारे इस पेज की मदद से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान और एनसीईआरटी पुस्तकें भी प्राप्त कर सकते हैं।

 कक्षा 10 हिन्दी क्षितिजसंचयनकृतिका के समाधानयहाँ से देखें

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