भारतीय सेना दिवस (Indian Army Day)- हर साल 15 जनवरी को के. एम. करियप्पा के प्रथम भारतीय फील्ड मार्शल के रूप में विराजमान होने की खुशी में भारतीय सेना दिवस को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिवस को इंडियन आर्मी डे के नाम से भी जाना जाता है। हर साल की तरह इस साल भी सेना दिवस का आयोजन किया जाने वाला है, इस दिन थल सेनाध्यक्ष और भारतीय सेना के चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ को थल सेना परेड के द्वारा सलामी देती है।
सेना दिवस
यह हर भारतीय के लिए गौरवपूर्ण क्षण होता है। इस वर्ष यह भारत का 76वां सेना दिवस होगा। स्वतंत्रता के बाद प्रत्येक वर्ष सेना दिवस कार्यक्रम का आयोजन आमतौर पर तो दिल्ली के कारियप्पा परेड ग्राउन्ड पर किया जाता रहा है, लेकिन वर्ष 2023 से पहली बार दिल्ली के बाहर भी इसका आयोजन किया गया। पिछले वर्ष बैंगलोर में इसका आयोजन किया गया तथा इस वर्ष लखनऊ में भारतीय सेना दिवस मनाया जाएगा।
इंडियन आर्मी डे (Indian Army Day Kab Manaya Jata Hai?)
भारतीय सेना का इतिहास अपने साथ कई संघर्षों को समाए हुए है, इसके विशाल दृढ़निश्चय को प्रत्येक भारतीय सलाम करता है। इसी शौर्य और विवेक का प्रदर्शन भारतीय सेना दिवस पर थल सेना के जवान करते हैं। 15 जनवरी 1949 को स्वतंत्र भारत के पहले कमंडर-इन-चीफ के रूप में के.एम. करियाप्पा को यह पदभार ब्रिटिश राज के अंतिम कमंडर-इन-चीफ फ्रांसिस बुचर ने प्रदान किया। भारत के सैन्य प्रमुख में 200 साल के अंग्रेजी राज में पहली बार किसी भारतीय को यह पद दिया गया था। भारत के लिए यह क्षण आज भी उतना ही महत्व रखता है, इसी कारण इसे आज भी उतने ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।
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भारतीय सेना दिवस 2024: संस्करण
भारतीय सेना दिवस का इतिहास बेहद विस्तृत है, इसका आयोजन भारत में हर वर्ष किया जाता है, इस वर्ष यह भारत का 76वां भारतीय सेना दिवस है, पिछले साल भी इसका आयोजन किया गया, और ऐसा पहली बार हुआ जब दिल्ली के बाहर के किसी राज्य में यह आयोजित किया गया। वर्ष 2023 का भारतीय सेना दिवस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय सेना की दक्षिण कमान बेंगलोर में किया गया था।
वर्ष 2024 में आयोजित होने वाली भारतीय सेना दिवस की परेड का आयोजन केन्द्रीय कमान लखनऊ में किया जाएगा। यह आयोजन सूर्या खेल परिसर में आयोजित होगा, जहां आर्मी का कम्बैट प्रदर्शन और ‘शौर्य संध्या’ का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए तीन दिनों का ‘नो योर आर्मी‘ नाम का कार्यक्रम भी चलाया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन 5 जनवरी से किया गया, जिसमें सैन्य प्रदर्शनी सभी आगंतुकों के लिए रखी गई। इसका आयोजन लखनऊ के छावनी में सूर्या परिसर-I में 11वीं गोरखा राइफल रेजिमेंटल सेंटर द्वारा किया जाएगा।
भारतीय सेना का इतिहास
भारत की सेना का गठन सन् 1776 में कोलकाता में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा किया गया। स्वतंत्रता से पहले भारतीय सेना को ब्रिटिश भारतीय सेना का नाम दिया गया था, जिसे स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना कहा जाने लगा। वर्तमान में भारतीय सेना विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सेना है, पहले स्थान पर अमेरिका और दूसरे स्थान पर चीन इस सूची में भारत से आगे हैं।
भारत की तीनों सेनाओं के वर्तमान कमांडर भारत के राष्ट्रपति हैं। भारतीय सेना ने सदैव ही अपने पराक्रम और सूझ-बुझ से देश को कई बाहरी और आंतरिक घटनाओं से निकाला है। भारतीय थल सेना दिवस को हर साल दिल्ली और अन्य सेना के मुख्यालयों में मनाया जाता है। इसमें सेना अपनी भिन्न टुकड़ियों के माध्यम से देश के समक्ष अपने शौर्य और प्रतिभा का प्रदर्शन करती है, जिससे देश में अपनी सेना के प्रति विश्वास और गर्व की भावना का विकास होता है।
फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा कौन-थे?
के.एम. करियप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 में कर्नाटक में हुआ था। वर्ष 1942 में इन्होंने भारत के पहले लेफ्टिनेंट कर्नल का पद संभाला, इसके बाद वर्ष 1944 में इन्हें ब्रिगेडियर का पद दिया गया। के.एम. करियप्पा ने लेफ्टिनेंट कर्नल का पद ग्रहण करते समय ‘जय हिन्द’ का नारा दिया। वर्ष 1947 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में इन्होंने भारतीय सेना का नेतृत्व किया, साथ ही लेह के भारत में विलय के लिए भी इनकी भूमिका बेहद अहम है। करियप्पा जी को ‘कीपर’ के नाम से पुकारा जाता था। फील्ड मार्शल की पदवी संभालते समय उनकी आयु 86 वर्ष थी। इन्होंने वर्ष 1953 में देश की सेना से रिटायरमेंट ली और वर्ष 1993 में इनका 94 वर्ष की उम्र में निधन हुआ।
भारतीय सेना दिवस का महत्व
किसी भी देश में सेना को लेकर नागरिकों के मन में सम्मान का भाव होता ही है। भारतीय सेना भी अपने नागरिकों को एक भाव से पूर्ण रूप से ओतप्रोत करने में हमेशा ही सफल रही है। इस तरह के आयोजनों के माध्यम से सेना के जाबांज़ अधिकारियों और वीर गति को प्राप्त हुए हमारे देश के शहीदों और उनके परिवारों को नमन किया जाता है। चाहे भारतीय सेना दिवस हो या गणतंत्र दिवस सेना की प्रदर्शनी और साहस के नमूनों को देखकर देश की जनता का उत्साह और भावनाएं आसमान छूने लगती हैं। इस तरह की प्रदर्शनियों से नागरिकों के मन में सेना से जुड़ने और अपने देश की आर्मी के बारे में और भी जानने की इच्छा जगती है। हर वर्ष कई नौजवान इसी हौसले और साहस के साथ भारतीय सेना को जोइन करता है, ताकि वह भी अपने देश की सुरक्षा में कुछ योगदान दे सके।
नो योर आर्मी
भारतीय सेना में रैंक
- फील्ड मार्शल
- जेनरल
- लेफ्टिनेंट जेनरल
- मेजर जेनरल
- ब्रिगेडियर
- कर्नल
- लेफ्टिनेंट कर्नल
- मेजर
- कैप्टन
- लेफ्टिनेंट
भारतीय सेना के प्रमुख
चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (CDS)– जनरल अनिल चौहान
थल सेना प्रमुख– जनरल मनोज पांडे
वायु सेना प्रमुख– मार्शल वीआर चौधरी
नौसेना प्रमुख– एडमिरल आर हरि कुमार
भारत की सैन्य कमांड
थल सेना की प्रमुख कमान
- पश्चिमी कमान चंडीमंदिर
- पूर्वी कमान कोलकाता
- उत्तरी कमान उधमपुर
- दक्षिणी कमान पुणे
- केंद्रीय कमान लखनऊ
- सेना प्रशिक्षण कमान शिमला
- दक्षिण-पश्चिम कमान
वायु सेना की कमान
- पश्चिमी वायु कमान, दिल्ली
- मध्य वायु कमान, इलाहाबाद
- दक्षिण-पश्चिम वायु कमान, गांधीनगर
- पूर्वी वायु कमान, शिलांग
- दक्षिण वायु कमान, तिरुवनंतपुरम
- प्रशिक्षण कमान, बेंगलोर
- अनुरक्षण कमान, नागपुर
नौ सेना की कमान
- पश्चिम नौसेना कमान, मुंबई
- पूर्वी नौसेना कमान, विशाखापट्नम
- दक्षिण नौसेना कमान, कोच्चि
भारतीय सेना में रेजीमेंट
- लद्दाख स्काउट्स
- जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फेंट्री
- गार्डों की ब्रिगेड
- अरुणाचल स्काउट्स
- महार रेजिमेंट
- जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स
- ग्रेनेडियर्स
- असम रेजिमेंट
- बिहार रेजिमेंट
- गढ़वाल राइफल्स
- कुमाऊं रेजीमेंट
- मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट
- पैराशूट रेजिमेंट
- डोगरा रेजिमेंट
- पंजाब रेजिमेंट
- मद्रास रेजिमेंट
- 1 गोरखा राइफल्स
- राजपुताना राइफल्स 19
- नागा रेजिमेंट
- सिख रेजिमेंट
- 8 गोरखा राइफल्स
- 4 गोरखा राइफल्स
- मराठा लाइट इन्फेंट्री
- 11 गोरखा राइफल्स
- 3 गोरखा राइफल्स
- जाट रेजिमेंट
- 9 गोरखा राइफल्स
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MD shamshad