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National Youth Day 2024: कब और क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस?

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Mamta Kumari

राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day)- हमारे देश में हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय युवा दिवस को ‘युवा दिवस’ भी कहा जाता है। यह दिवस युवाओं के प्रेणना स्त्रोत, स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के शुभ अवसर पर मनाया जाता है। विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। वो अध्यात्म को अधिक महत्व देते थे इसलिए उन्होंने 25 वर्ष की आयु में ही सन्यास ले लिया था।

राष्ट्रीय युवा दिवस 2024

अध्यात्म में रुचि रखने वाले युवा विवेकानंद को महान आध्यात्मिक गुरु मानते हैं। महान विचारक विवेकानंद का मानना था कि भारत का पुनरुद्धार और उसकी शान देश के युवाओं पर निर्भर है। अब तो आप जान ही गए होंगे कि राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है। आप हमारे पूरे आर्टिकल को पढ़कर राष्ट्रीय युवा दिवस के बारे में विस्तृत जानकरी प्राप्त कर सकते हैं।

National Youth Day In Hindi

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। विवेकानंद अपने संपूर्ण जीवन में कर्मयोगी बने रहे, उन्होंने अपने जीवन में सबसे अधिक महत्व अध्यात्म और शुद्ध कर्मों को दिया। पेशे से वकील होने के बाद भी वे संतों और योगियों की तरह जीवन जीना अधिक पसंद करते थे। उनकी चिंतन करने की क्षमता इतनी उच्च कोटि की थी कि कभी-कभी उनके दोस्त उनके प्रश्नों को सुनकर चौंक जाते थे। विवेकानंद की मृत्यु के बाद 1985 से हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।

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राष्ट्रीय युवा दिवस के बारे में

युवा दिवस का इतिहास

वर्ष 1984 में भारत सरकार द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा कर दी गई थी। सरकार का मानना था कि आध्यत्मिक गुरु विवेकानंद के विचार और जीवन आदर्श युवाओं के श्रेष्ठ जीवन के लिए प्रेणना स्त्रोत बन सकते हैं। यही कारण है कि वर्ष 1902 में विवेकानंद की मृत्यु के बाद 1985 से आधिकारिक रूप से हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाने लगा। तभी से हम हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मना रहे हैं।

राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व

युवा दिवस का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन को सिर्फ स्वामी विवेकानंद की जयंती और उनके प्रेणादायी विचारों की याद में ही नहीं मनाया जाता बल्कि उन सभी युवाओं को भी ये दिन समर्पित किया गया है, जो श्रेष्ठ भारत का भविष्य कहे जाते हैं। विवेकानंद ने कई ऐसी पुस्तकें लिखी हैं, जो लोगों के ज्ञान स्तर को बढ़ाती हैं, विशेष रूप से युवाओं के ज्ञान स्तर को। राज योग, कर्म योग, भक्ति योग, ज्ञान योग इत्यादि उनकी कुछ प्रसिद्ध पुस्तकें हैं। युवाओं को विवेकानंद के विचारों से प्रेणना मिलती है कि जीवन को आत्मविश्वास, निर्भयता, कर्मठता और विशेष उद्देश्य के साथ कैसे जिया जा सकता है। देश के युवा ही एक अच्छे समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

राष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य

राष्ट्रीय युवा दिवस का मुख्य उद्देश्य देश के हित में युवाओं के सहयोग को बढ़ाना है। देश के संसाधन को बिना नुकसान पहुँचाए युवा देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस तरह से भारत के ‘सतत विकास’ की संकल्पना पूरी हो सकती है। लगभग सभी राज्यों में 12 जनवरी को भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें बहुत से युवा अपनी प्रतिभा और कार्य क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने के पीछे कुछ गौण उद्देश्य भी हैं, जैसे-

  • “उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो।” इस विचार पर युवाओं का ध्यान केंद्रित करना।
  • जीवन के उद्देश्य को समझना।
  • योग और आत्म ज्ञान को महत्व देना।
  • सफल जीवन जीने के लिए निरंतर कर्म करते रहना।
  • युवाओं का ध्यान सांसारिक मोह-माया से हटाकर अध्यात्म की तरफ केंद्रित करना।

युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद के विचार

1) “युवा जीवन सबसे अनमोल जीवन है, युवा अवस्था सर्वोत्तम समय है। जिस तरह से आप इस अवधि का उपयोग करते हैं वह आपके आने वाले सालों की प्रकृति तय करेगा।”

2) “एक अच्छे चरित्र का निर्माण हजारों बार ठोकर खाने के बाद ही होता है।”

3) “पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता तक पहुँच बना सकते हैं।”

4) “प्रत्येक कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है- उपहास, विरोध और स्वीकृति।”

5) “जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदान होगी।”

6) “लगातार अच्छे विचारों पर चिंतन करना ही बुरे विचारों को दबाने का एकमात्र तरीका है।”

7) “कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत माँगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा पर उसके बारे में अभी मत सोचो।”

8) “जब तक जीना, तब तक सीखना। अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।”

9) “शिक्षा कोई जानकारियों का बंडल नहीं जो दिमाग में रख दिया जाए और जिंदगी भर परेशान करते रहे। हमें तो ऐसे विचारों को संजोना है जो समाज-निर्माण, व्यक्ति-निर्माण, चरित्र-निर्माण करे।”

10) “किसी भी तरीके का भय ना रखो, निर्भय बनो, सारी शक्ति तुम्हारे अंदर ही है। कभी भी मत सोचो कि तुम कमजोर हो।”

राष्ट्र के विकास में युवाओं की भूमिका

आज राजनीति हो या अंतरिक्ष हर क्षेत्र में देश के युवा अहम भूमिका निभा रहे हैं लेकिन बहुत से ऐसे युवा भी हैं, जो किसी न किसी कारण अपने मार्ग से भटक गए हैं। ‘युवा दिवस’ का हिस्सा बनकर देश के युवा स्वामी विवेकानंद जी के आध्यत्मिक व आदर्श विचारों को जानकर उन्हें अपने जीवन में उतार सकते हैं और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकते हैं।

हालांकि भारत के संसाधनों का अभी तक अत्यधिक दोहन हो चुका है लेकिन आज देश के युवा कई सरकारी, गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर और स्वयं समूह बनाकर संसाधनों की सुरक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं। अनेक युवा समाज में सुधार के लिए भी प्रयासरत हैं, ऐसे युवा हर दिन समसामयिक सामाजिक मुद्दों पर वाद-विवाद करते हैं और उन मुद्दों पर अपने-अपने विचार देते हैं। इस तरह बहुत से युवा विवेकानंद की तरह ही अपने देश को बौद्धिकता के स्तर पर विकास की तरफ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

राष्ट्रीय युवा दिवस पर आधारित FAQs

प्रश्न: राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर: हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।

प्रश्न: स्वामी विवेकानंद का जन्म कब और कहाँ हुआ था।

उत्तर: स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था।

प्रश्न: भारत सरकार द्वारा कब राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने घोषणा की गई थी।

उत्तर: वर्ष 1984 में भारत सरकार द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा कर दी गई थी।

प्रश्न: विवेकानंद की मृत्यु कब हुई थी?

उत्तर: वर्ष 1902 में।

प्रश्न: “उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो।” यह किसके द्वारा कहा गया है?

उत्तर: स्वामी विवेकानंद।

प्रश्न: राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व अधिक क्यों हैं?

उत्तर: युवा दिवस का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन को सिर्फ स्वामी विवेकानंद की जयंती और उनके प्रेणादायी विचारों की याद में ही नहीं मनाया जाता बल्कि उन सभी युवाओं को भी ये दिन समर्पित किया गया है जो श्रेष्ठ भारत का भविष्य कहे जाते हैं।

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