इस लेख में छात्रों को एनसीईआरटी 11वीं कक्षा की भूगोल की पुस्तक-2 यानी “भारत भौतिक पर्यावरण” के अध्याय-1 भारत-स्थिति के नोट्स दिए गए हैं। विद्यार्थी इन नोट्स के आधार पर अपनी परीक्षा की तैयारी को सुदृढ़ रूप प्रदान कर सकेंगे। छात्रों के लिए नोट्स बनाना सरल काम नहीं है, इसलिए विद्यार्थियों का काम थोड़ा सरल करने के लिए हमने इस अध्याय के क्रमानुसार नोट्स तैयार कर दिए हैं। छात्र अध्याय 1 भूगोल के नोट्स यहां से प्राप्त कर सकते हैं।
Class 11 Geography Book-2 Chapter-1 Notes In Hindi
आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दो ही तरह से ये नोट्स फ्री में पढ़ सकते हैं। ऑनलाइन पढ़ने के लिए इस पेज पर बने रहें और ऑफलाइन पढ़ने के लिए पीडीएफ डाउनलोड करें। एक लिंक पर क्लिक कर आसानी से नोट्स की पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा की तैयारी के लिए ये नोट्स बेहद लाभकारी हैं। छात्र अब कम समय में अधिक तैयारी कर परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। जैसे ही आप नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करेंगे, यह अध्याय पीडीएफ के तौर पर भी डाउनलोड हो जाएगा।
अध्याय- 1 “भारत-स्थिति”
बोर्ड | सीबीएसई (CBSE) |
पुस्तक स्रोत | एनसीईआरटी (NCERT) |
कक्षा | ग्यारहवीं (11वीं) |
विषय | भूगोल |
पाठ्यपुस्तक | भारत भौतिक पर्यावरण |
अध्याय नंबर | एक (1) |
अध्याय का नाम | भारत-स्थिति |
केटेगरी | नोट्स |
भाषा | हिंदी |
माध्यम व प्रारूप | ऑनलाइन (लेख) ऑफलाइन (पीडीएफ) |
कक्षा- 11वीं
विषय- भूगोल
पुस्तक- भारत भौतिक पर्यावरण
अध्याय-1 “भारत-स्थिति”
भारत की भूमिगत स्थिति
- भारत का भूमिगत विस्तार उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण के कन्याकुमारी और पूर्व अरुणाचाल प्रदेश से लेकर पश्चिम में गुजरात तक है, इसका समुद्री क्षेत्र 21.9 किलोमीटर तक विस्तृत है।
- भारत के अक्षांशीय और देशान्तरिय फैलाव की गणना करीब 30 डिग्री है।
- उत्तर और दक्षिण के बीच की दूरी 3,214 किलोमीटर, वहीं पूर्व से पश्चिम के बीच की दूरी 2,933 किलोमीटर है।
- इस अंतर का कारण है दो देशान्तर रेखाओं के बीच की दूरी ध्रुव की ओर जाते समय कम होती है, और दो अक्षांशीय रेखाओं में यह दूरी एक जैसी ही रहती है।
- किसी देश की प्राकृतिक वनस्पति, जलवायु, भूमि की आकृति, मृदा के प्रकार के बारे में इस बात से पता चलता है, कि वह देश कहां स्थित है।
- जैसे भारत उत्तर दिशा में उपोष्णकटिबंध और दक्षिण दिशा में उष्णकटिबंध में स्थित है, इससी कारण यहाँ का प्राकृतिक पर्यावरण भिन्नताओं से भरा है।
देशान्तरीय विस्तार का प्रभाव
- भारत की देशान्तर रेखा से 30 डिग्री का अंतर ज्ञात होता है, इससे देश के पूर्वी और पश्चिमी भागों में 2 घंटों का अंतर हो जाता है।
- यदि जैसलमेर से तुलना करें तो उत्तर-पूर्वी राज्यों में सूर्योदय 2 घंटे पहले ही हो जाता है। इसके बाद भी पूर्व के राज्यों जैसे डिब्रूगढ़, इंफाल आदि में और देश के अन्य राज्यों में समय एक ही होता है।
- यहाँ का क्षेत्रफल लगभग 32.8 लाख वर्ग किलोमीटर है, जिसका स्थलीय धरातल सम्पूर्ण विश्व का 2.4% है, क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का 7वां बड़ा देश है।
आकार
- अपने आकार के कारण भारत विश्व में सबसे विविधताओं वाला देश कहलाता है।
- उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत, और अन्य पर्वत शृंखलाएं, नदियां- जिसमें गंगा, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, कृष्ण जैसी नदियां आती हैं।
- उत्तर-पूर्वी दिशा में वनाच्छादित पहाड़ियों और पूर्वांचली पहाड़ियों से घिरे हैं।
- उत्तर-पश्चिम में हिंदुकुश और सुलेमान श्रेणियाँ।
- दक्षिण भारत में वनाच्छादित पहाड़ियां और विशाल हिन्द महासागर, जिसे भारतीय उपमहाद्वीप कहा जाता है, विद्यमान है।
- भारत, नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, बांग्लादेश इसमें आते हैं, अतीत में हिमालय ने एक अवरोध की भूमिका निभाई है, कुछ छोटी पहाड़ियाँ जैसे- नाथुला, बोलन, शिपकीला आदि को छोड़ दें तो इसे पार करना आसान नहीं था।
- प्रायद्वीपीय हिस्सों की बात करें, तो यह हिंदमहासागर की ओर उभर हुआ है। तट रेखाओं का विस्तार 7517 किलोमीटर तक विस्तृत है।
भारत के पड़ोसी राज्य
- एशिया महाद्वीप के दक्षिण मध्य भाग में भारत स्थित है, जो बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के बीच में है। इससे नीचे की ओर हिन्द महासागर से सीमा बनती है।
- इसके कारण ही भारत अपने पड़ोसी देशों से वायु, जल एवं स्थल मार्गों से जुड़ा हुआ है।
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