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हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay In Hindi)- मातृभाषा हिंदी पर निबंध

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PP Team
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हिंदी हिंदुस्तान के गर्व की भाषा है जिसने पूरे विश्व में हमें एक अलग पहचान दिलाई है। हिंदी पूरे विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से भी एक है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लगभग सभी लोग हिंदी को आसानी से समझ लेते हैं। हिंदी सबसे सरल और आसान भाषा है लेकिन फिर भी कहीं न कहीं आज के युग में हिंदी पिछड़ती दिखाई दे रही है। इसीलिए हिंदी के सम्मान के लिए हम हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस और 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं ताकि हिंदी के प्रति लोगों का नजरिया बदल सके।

एक हिंदुस्तानी को कम-से-कम हिंदी भाषा का इतना ज्ञान तो जरूर होना चाहिए कि वह हिंदी को अच्छे से पढ़ सके, समझ सके, बोल सके और लिख सके। अगर आप जानना चाहते हैं कि हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है और हिंदी दिवस का क्या महत्व है, तो आप हमारा यह हिंदी दिवस पर निबन्ध पढ़ सकते हैं।

बहुत से लोग हिंदी दिवस/राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस को लेकर दुविधा में रहते हैं, उन्हें लगता है कि ये दोनों एक ही दिन मनाए जाते हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस दोनों ही अलग-अलग दिन मनाए जाते हैं, जिसके बारे में आप हमारे हिंदी दिवस पर निबंध में पढ़ सकते हैं।

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प्रस्तावना

वो हर व्यक्ति जो हिंदी भाषा से प्रेम करता होगा, उसे जरूर मालूम होगा कि हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। आज के समय में हिंदी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली दुनिया की तीसरी भाषा है। हिंदी दिवस पहली बार 14 सितंबर सन् 1953 को मनाया गया था। हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा ने की थी। उस समय से लेकर और आज तक भी देश के ज़्यादातर राज्यों में हिंदी बोली जाती है। आसान भाषा में कहें, तो हिंदी देशभर में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है। इसीलिए सविंधान सभा ने हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने का निर्णय लिया था।

हिंदी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदू भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा बनाने की घोषणा की थी। भारत की संविधान सभा ने हिंदी भाषा को 14 सितंबर, सन् 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप अपनाया लेकिन इसे देश के संविधान द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने की मंजूरी 26 जनवरी, सन् 1950 को मिली। हिंदी भाषा को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाए जाने के दिन को ही हम हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं।

भारतीय संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखी हुई हिंदी भाषा को 1950 के अनुच्छेद 343 के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में सन् 1950 में अपना लिया लेकिन इससे पहले सन् 1949 में भारत की संविधान सभा ने देश की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया और तभी से ही भारत में अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाएं औपचारिक रूप से इस्तेमाल होने लगीं। वैसे तो सन् 1949 से हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन पहला आधिकारिक हिन्दी दिवस 14 सितंबर सन् 1953 को मनाया गया था।

हिंदी भाषा को हमारे देश में सम्मान दिलाने के लिए बहुत से महान साहित्यकारों जैसे- काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी आदि ने हर संभव और सफल कोशिश की। इन नामों में हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंह का नाम भी सामने आता है, जिन्होंने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए खूब कड़ी मेहनत की और अंत तक हार नहीं मानी। व्यौहार राजेन्द्र सिंह का जन्म भी 14 सितंबर, सन् 1900 में जबलपुर, मध्यप्रदेश में हुआ था। उन्हीं की कड़ी मेहनत और परिश्रम की वजह से हिंदी आज हमारे देश की आधिकारिक व राजभाषा है।

जब देश को आज़ादी मिली, तो उसके बाद एक श्रेष्ठ संविधान सभा गठित हुई। इस संविधान सभा ने उन सभी साहित्यकारों की मेहनत, योगदान और कड़े संघर्ष को देखते हुए, जिन्होंने हिंदी भाषा को आधिकारिक भाषा बनाए जाने के लिए संघर्ष किया था, 14 सितंबर, सन् 1949 को आपसी सहमति से हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया और हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला लिया।

हिंदी दिवस का महत्व

हम सभी के लिए हिंदी दिवस का विशेष महत्व है, क्योंकि हिंदी दिवस वह दिन याद करने के लिए मनाया जाता है जब हिंदी को हमारे देश की आधिकारिक भाषा बनाया गया। हिंदी दिवस को हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने और ऐसे लोगों के बीच इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, जो लोग अंग्रेजी से प्रभावित हैं। अंग्रेजी का सबसे ज़्यादा प्रभाव युवाओं पर पड़ रहा है, इसीलिए उन्हें अपनी जड़ों को याद दिलाने का भी यह एक तरीका है। इस बात से कोई मतलब नहीं है कि हम क्या हैं या हम क्या करते हैं। यदि हम अपनी संस्कृति, भाषा और जड़ के साथ मैदान में खड़े रहते हैं, तो हम अपनी पकड़ को और भी मजबूत बना सकते हैं।

हिंदी दिवस का दिन प्रत्येक वर्ष हमें हमारी असली पहचान की याद तो दिलाता ही है साथ ही यह देश के लोगों को एकजुट होने का काम भी करता है। देश-विदेश में हम जहाँ भी जाएँ वहाँ हमारी पहचान हमारी भाषा और संस्कृति से ही होती है इसीलिए हमें इन्हें हमेशा बरक़रार रखना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या गांधी जयंती के बाद हिंदी दिवस का दिन एक मात्र ऐसा दिन है जो हमारे भीतर देशभक्ति की भावना को जगाता है और हिंदी भाषा सीखने के लिए हमें प्रेरित भी करता है। वर्तमान समय में लोगों का अंग्रेजी की ओर झुकाव अधिक है क्योंकि अंग्रेजी का प्रयोग आज पूरी दुनिया में किया जाता है और यह भी भारत की एक आधिकारिक भाषाओं में से एक है। हिंदी दिवस का दिन हमें ये भी याद दिलाता है कि हिंदी भी हमारी आधिकारिक भाषाओं में से एक है और इसका महत्व भी हमारे लिए कही ज़्यादा है।

हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस में अंतर

हिंदी भाषा को सर्वप्रथम 14 सितंबर, सन् 1949 में राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ था। भारत को जब सन् 1947 में आज़ादी मिली, तो देश में भाषा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया था। सवाल यह था कि भारत की राष्ट्रभाषा कौन सी होगी। देश की भाषा को लेकर ये सवाल काफी गंभीर और अहम था।

बहुत सोच-विचार करने के बाद हिंदी भाषा का चुनाव नए राष्ट्र की भाषा के रूप में किया गया। संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिंदी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर अपना लिया और 14 सितंबर, सन् 1949 के दिन हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिल गया। हमारे देश के सबसे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि इस दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाएगा।  

इसके अलावा हर साल 10 जनवरी का दिन विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। विश्व हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत साल 2006 से हुई। हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी। सबसे पहले 10 जनवरी, सन् 1975 को नागपुर में विश्व हिंदी दिवस के लिए सम्मेलन का आयोजन किया गया था परंंतु तब इसको लेकर कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई थी।

आज भी अंग्रेजी भाषा को हिंदी भाषा से ज्यादा महत्व दिया जाता है। इसीलिए हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस और 10 जनवरी को पूरी दुनिया में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी दिवस हिंदी प्रेमियों के लिए बेहद खास मौका होता है, क्योंकि हिंदी दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है।

निष्कर्ष

हिंदी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा यानी कि राजभाषा का दर्जा तो मिल गया, लेकिन वह देश की राष्ट्रभाषा नहीं बन सकी, जिसके लिए आजतक संघर्ष जारी है। यह मानना गलत नहीं होगा कि अंग्रेजी पूरे विश्व की भाषा है और इसका महत्व भी पूरी दुनिया में अधिक है जिसे हम अनदेखा नहीं कर सकते लेकिन इसके साथ हमें यह बात भी नहीं भूलनी चाहिए कि पहले हम एक भारतीय हैं और हमारी या हमारे देश की पहचान हिंदी भाषा से ही है जिसका हमें सदैव सम्मान और रक्षा करनी चाहिए।

हिंदी दिवस पर निबंध 100 शब्द

हर साल हम हिंदी भाषा के सम्मान में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाते हैं। इस दिन ही सन् 1949 को हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया था। पूरी दुनिया में हिंदी चौथी व्यापक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी के महत्व को ध्यान में रखते हुए 14 सितंबर का खास दिन हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए निश्चित किया गया है। हिंदी भाषा के बारे में कई ऐसे रोचक तथ्य हैं, जो इसे दूसरी भाषाओं से अलग बनाते हैं।

भारत में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने का कदम सराहनीय था और हर साल हिंदी दिवस को मनाने का निर्णय भी तारीफ के काबिल है। हिंदी दिवस महज़ एक दिवस नहीं है बल्कि एक अनुस्मारक भी है, जो हमें अपने आदर्शों और संस्कृति की भी याद दिलाता है। हिंदी दिवस हमें बताता है कि कैसे हमें विभिन्न सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में हिंदी भाषा का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए।

हिंदी दिवस पर निबंध 200 शब्द

भारत में हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिन हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी गई थी और इसी दिन ही हिंदी भाषा को संविधान सभा के द्वारा राष्ट्रीय भाषा के रूप में लागू किया गया था। इस विशेष अवसर पर हिंदी भाषा के प्रोत्साहन और उसको बढ़ावा देने के लिए हिंदी लेखन प्रतियोगिताएं, भाषण कार्यक्रम, कवि सम्मेलन आदि आयोजित किए जाते है।

हमारे देश के संविधान के 343 अनुच्छेद के अनुसार 14 सितंबर, सन् 1949 के दिन हिंदी भाषा को हमारी मातृभाषा के रूप में अपनाया गया था। हालांकि इस भाषा को स्वीकार करते समय यह बात भी साफ कर दी गई थी कि औपचारिक वार्तालाप के लिए हिंदी भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा को भी अपनाया जाएगा। उस दिन से लेकर हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी के महत्व को लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

हिंदी दिवस का दिन भारत के लोगों को हिंदी भाषा के महत्व को याद दिलाने के साथ-साथ जिस दिन हमारे देश में हिंदी भाषा को राजभाषा की मान्यता मिली थी, उस दिन का जश्न मनाने के लिए भी मनाया जाता है। आज हमारे देश के युवा और बच्चे पश्चिमी सभ्यता के रंग में रंगते जा रहे हैं और जिस वजह से वह अंग्रेजी भाषा की तरफ भी खींचे चले जा रहे हैं।

इसीलिए आने वाली पीढ़ियों का ध्यान अपनी संस्कृति और हिंदी भाषा की तरफ खींचने के लिए हिंदी दिवस के दिन हर साल युवाओं और बच्चों को हिंदी भाषा का इतिहास बताते हुए उसका महत्व भी समझाया जाता है। इस बात को हम मानने से इंकार नहीं कर सकते कि आज अंग्रेजी पूरी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है लेकिन हम भारत के नागरिक हैं और हमें अपनी मातृभाषा हिंदी को बोलने में शर्म नहीं बल्कि गर्व महसूस करना चाहिए।

हिंदी दिवस पर निबंध 300 शब्द

हम भारतीयों पर पश्चिमी रीति-रिवाजों का प्रभाव सबसे ज़्यादा पड़ा है। हम उन लोगों की तरह कपड़े पहनना चाहते हैं, उनकी जीवनशैली अपनाना चाहते हैं, उनकी भाषा बोलना चाहते हैं और इसके अलावा जो वो करते हैं हम भी वो सब करना चाहते हैं और हर चीज़ में उनके जैसा बनना चाहते हैं। लेकिन हम इस बात को नहीं समझना चाहते कि भारत की संस्कृति पश्चिम की संस्कृति से कहीं ज़्यादा समृद्ध और मजबूत है। जिस हिंदी दिवस को हम 14 सितंबर मनाते हैं, वो केवल हिंदी भाषा को ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति को भी सम्मान देने का एक दिन है।

हिंदी भाषा पूरी दुनिया में चौथी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है और भारत में भी ज्यादातर लोग हिंदी ही बोलते हैं। दूसरे देश जहाँ पर भी व्यापक रूप से हिंदी बोली जाती है उनमें पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस, फिजी, गुयाना, सूरीनाम आदि शामिल हैं। दुनिया भर के लोग हिंदी गीतों और हिंदी फिल्मों को प्यार करते हैं, जो उन लोगों का हिंदी भाषा के प्रति स्नेह और प्यार को दर्शाता करता है।

भले ही हिंदी भाषा दुनिया की चौथी व्यापक बोली जाने वाली भाषा क्योंकि न बन गई हो लेकिन इसके अपने देश के लोग ही इसके महत्व को भूलते जा रहे हैं। अब तो जहाँ देखो वहाँ लोग अंग्रेजी को ही अधिक महत्व दे रहे हैं। स्कूल, कॉलेज, कॉर्पोरेट, कार्यालयों आदि हर जगह अंग्रेजी को हिंदी से ज़्यादा प्राथमिकता दी जा रही है। यही कारण है कि हिंदी अंग्रेजी से पिछड़ती जा रही है। आज-कल के माता-पिता और शिक्षक भी अपने बच्चों को अंग्रेजी सीखने पर जोर दे रहे हैं क्योंकि यह भाषा नौकरी दिलाने में काफी मदद करती है।

भारत जैसे देश में यह देखना वाकई कष्ट पहुँचाता है कि नौकरी पर रखने वाले अधिकारी उम्मीदवारों को उन्हें उनके ज्ञान के आधार पर नहीं बल्कि उनकी अच्छी अंग्रेजी के आधार पर चुनते हैं। इसलिए बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके हाथों से काम करने का अवसर निकल जाता है क्योंकि उन्हें अच्छी अंग्रेजी बोलनी नहीं आती भले ही उन्हें काम की अच्छी जानकारी हो। हिंदी दिवस देश के ऐसे लोगों को जगाने का प्रयास है जो अपनी ही हिंदी भाषा को भूलते जा रहे हैं।

हिंदी दिवस पर 10 लाइनें

  1. हिंदी हमारी मातृभाषा है।
  2. हर साल राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को और विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है।
  3. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया।
  4. पहला आधिकारिक हिन्दी दिवस 14 सितंबर सन् 1953 को मनाया गया था।
  5. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
  6. हिंदी को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है।
  7. इस दिन हिंदी साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जैसे हिंदी कहानी प्रतियोगिता, हिंदी कवि सम्मेलन आदि।
  8. हिन्दी दुनिया में बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे नंबर पर है।
  9. हिंदी दिवस ऐसे लोगों को जगाने का प्रयास है जो अंग्रेजी को ज्यादा अहमियत देते हैं।
  10. हमें अपनी मातृभाषा यानी हिंदी भाषा में बोलने में गर्व महसूस करना चाहिए।
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हमारी मातृभाषा हिंदी पर निबंध

परिचय

किसी भी देश की पहचान सबसे पहले उस देश की भाषा से ही होती है। हिंदुस्तान की पहचान हिंदी भाषा से है। हिंदी भाषा स्वतंत्रता से पहले, स्वतंत्रता के दौरान और स्वतंत्रता के बाद भी लोकप्रिय भाषा बनी हुई है। हिंदी नाम फारसी के शब्द हिंद से आया है जिसका अर्थ है सिंधु नदी की भूमि। हिंदी भाषा इंडो-यूरोपियन परिवार के इंडो-आर्यन भाषाओं के सदस्यों में से एक है लेकिन इस भाषा में कोई भी लेख मौजूद नहीं है। हिंदी के कई शब्द ऐसे हैं, जो संस्कृत भाषा से प्रेरित हैं।

हिंदी भाषा का महत्व

हिंदी भाषा मूलतः ध्वन्यात्मक लिपि में लिखी गयी है। इस भाषा के शब्दों को हम उसी तरह स्पष्ट करते हैं जिस तरह से इन्हें लिखा गया है। ऐसे कई शब्द हैं जिन्हें पढ़कर लगता है कि ये अंग्रेजी के शब्द हैं लेकिन हकीकत में ये शब्द हिंदी भाषा के ही हैं, जैसे- जंगल, लूट, बंगला, योग, कर्म, अवतार, गुरु आदि। हिंदी भाषा में सभी संज्ञाओं में लिंग हैं। ये या तो स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग हैं। इसमें विशेषण और क्रियाएँ लिंग के आधार पर अलग-अलग होती हैं।

हिंदी उन सात भाषाओं में से एक है जिसका इस्तेमाल वेब एड्रेस बनाने के लिए भी किया जाता है। दुनिया में हर ध्वनि को हिंदी भाषा में लिखा जा सकता है। हिंदी भाषा का प्रयोग केवल भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों, जैसे- पाकिस्तान, फिजी, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स, ऑस्ट्रेलिया आदि में भी किया जाता है।

हिंदी हमारे देश की सबसे प्रमुख भाषाओं और सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदुस्तान में हिंदी भाषा को हर कोई आसानी से समझ सकता है और बोल सकता है। कई लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि भारत की राष्ट्र भाषा कौन सी है? तो आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारत की राष्ट्र भाषा कोई भी नहीं और हिंदी भी भारत की राष्ट्र भाषा नहीं, बल्कि ‘आधिकारिक’ और ‘राज भाषा’ है, जिसे 14 सितंबर, सन् 1949 को भारतीय संविधान से संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ था। वैसे अगर देखें तो हिंदी भाषा का इतिहास 12वीं शताब्दी का है जिसका उदय आज से लगभग 300 साल पहले हुआ था। हिंदी भाषा पूरे विश्व में सबसे पुरानी, प्राचीन और प्रभावशाली भाषाओं में से एक है। हमें हमारी मातृभाषा हिंदी को बोलने में सदैव गौरवान्वित महसूस करना चाहिए।

हिंदी भाषा में बहुत सी अलग-अलग लोकप्रिय साहित्यिक कृतियां देखने को मिलती हैं, जैसे- ‘रामचरितमानस’ जो हमारे देश की सबसे बड़ी हिंदी साहित्यिक कृतियों में से एक है। सोलहवीं शताब्दी में गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की थी। हिंदी भाषा के कई बड़े लेखक हुए हैं, जैसे हरिवंश राय बच्चन, मुंशी प्रेमचंद आदि जिनकी कहानियों पर हिंदी सिनेमा में फिल्में भी बनी हैं।

हमारे देश के लोगों को पुरानी हिंदी फिल्में और उनके गीत भी खूब पसंद आते हैं। कुल मिलाकर देखें तो हिंदी भाषा सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है जो आधुनिक इंडो-आर्यन भाषाओं में से आती है। हिंदी भाषा को अंग्रेजी भाषा के साथ भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में इसलिए चुना गया था क्योंकि यह अंग्रेजी के बाद देश की इकलौती ऐसी भाषा थी जिसे पूरा देश आसानी से बोल और समझ सकता था।

निष्कर्ष

हमारा देश सांस्कृतिक विचारों, पौराणिक कालों और ऋषि मुनियों का देश है। कई सालों पहले जब भारत पर अंग्रेजी हुकूमत का शासन था, उस समय भी हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार जारी रहा। जब हमारा देश आज़ाद हुआ था, तो हम अंग्रेजी भाषा से भी आज़ाद हो गए थे और हिन्दी भाषा को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हो गया था। हिंदी भाषा आज भी पूरे भारत की लोकप्रिय भाषा बनी हुए है लेकिन देश की नई पीढ़ी फिर से अंग्रेजी भाषा को अधिक महत्व देने लगी है जिससे एक बार फिर हिंदी भाषा खतरे के निशान के पास आ पहुँची है।

हिंदी दिवस से सम्बंधित FAQs

प्रश्न- हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?

उत्तर :- हिंदी दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि भारत की संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, सन् 1949 को हिंदी भाषा को देश की दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। तब से पूरे भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है।

प्रश्न – क्या हिंदी हमारी मातृभाषा है?

उत्तर :- उत्तरः हाँ, हिन्दी हमारी मातृभाषा है और हिन्दी हैं हम वतन हैं।

प्रश्न – हिंदी दिवस पर क्या लिखें?

उत्तर :- हिंदी दिवस पर आप निबंध, लेख, कविता, कहानी, हिंदी का इतिहास आदि लिख सकते हैं।

1 thought on “हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay In Hindi)- मातृभाषा हिंदी पर निबंध”

  1. हिंदी आज भी भारत में लोकप्रिय भाषा है। राजनीतिक और शासकों के वर्चस्व के कारण ज्यादातर राज्यों ने हिंदी को खारिज कर दिया और स्थानीय भाषा विकसित की। यदि आप ध्यान से देखें तो हर छात्र को माध्यमिक बोर्ड परीक्षा (एसएससी) में हिंदी का पेपर पास करना होगा। फिर राज्यों ने हिन्दी भाषा को कैसे नकारा ? अधिकतर भारतीय भाषा के प्रेम, प्रेम और मधुरता को पसंद करते हैं, लेकिन तानाशाही प्रकृति की भाषा किसी को पसंद नहीं है। हिंदी भाषा वाले लोगों से प्यार करो, लेकिन आधिकारिक स्थिति वाले लोगों से नहीं। जय हिंद और हिंदी जिंदाबाद।

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