लिंग किसे कहते हैं? (Ling Kise Kahate Hain?): लिंग की परिभाषा, भेद, उदाहरण और पहचान के नियम

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Ekta Ranga

लिंग (Ling)- जब एक मनुष्य जन्म लेता है तो ठीक उसी वक्त ही उसका लिंग निर्धारित कर दिया जाता है कि प्राणी स्त्री है या पुरुष। इसकी परिभाषा केवल जीवित प्राणियों तक ही नहीं बल्कि निर्जीव वस्तुओं पर भी लागू होती है। जब हमें किसी के लिंग का ज्ञात होता है तब हम दो प्राणी या वस्तु के बीच अच्छे से अंतर मालूम कर सकते हैं। लिंग का अर्थ होता है चिह्न। जब हमें किसी के बारे में जानना हो तो हमें यह पता होना चाहिए कि वह स्त्री रूप में है या फिर पुरूष रूप में। लिंग व्याकरण का अहम हिस्सा है।

लिंग (Ling)

जब हमें किसी वस्तु या प्राणी की पहचान करनी होती है तो हम उसे लिंग के आधार पर परखते हैं। अभी तक हमने वचन, व्यंजन और तत्सम और तद्भव शब्दों के बारे में अच्छे से जाना। आज का हमारा विषय भी काफी मजेदार है। आज का हमारा विषय है कि लिंग किसे कहते हैं? (Ling Kise Kahate Hain?)

लिंग किसे कहते हैं?

जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम की स्त्री या पुरुष जाति का हमें पता चले उसे हम लिंग कहते हैं। हम यह नहीं कह सकते कि आम बहुत मीठी है। या फिर सीता बहुत तेज भागता है। व्याकरण के नजरिए से यह पूर्ण रूप से गलत है। इसलिए हमें लिंग का ज्ञान होना अति आवश्यक है।

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लिंग की परिभाषा

हमें यह पता होना चाहिए कि किसी व्यक्ति का लिंग क्या है? लिंग हिंदी व्याकरण का ही एक महत्वपूर्ण अंग है। अगर हमें लिंग का भेद करना नहीं आता हो तब हमें नर या मादा में अंतर मालूम करना नहीं आता। और यह हमें उलझन में डाल सकता है। अब हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि लिंग की परिभाषा क्या है?

लिंग का अर्थ है वह संज्ञा या शब्द जिससे यह पता चलता है कि किसी व्यक्ति की जाति नर है या फिर मादा। उदाहरण के तौर पर- शेरनी पुल्लिंग नहीं हो सकती बल्कि शेरनी तो स्त्री जाति से है। ठीक उसी प्रकार गेंडा मादा नहीं हो सकता है क्योंकि वह नर जाति से संबंध रखता है। लिंग का शब्द संस्कृत से ही ग्रहण किया गया है। संस्कृत में लिंग का अर्थ होता है चिन्ह।

1) धोबी – धोबिन

2) माली – मालिन

3) मालिक – मालकिन

4) चूहा – चुहिया

5) बकरा – बकरी

लिंग के भेद

हिंदी व्याकरण में लिंग के तीन भेद होते हैं-

1) पुल्लिंग (यह हमें नर जाति का बोध करवाता है)।

2) स्त्रीलिंग (यह हमें मादा जाति का बोध करवाता है)।

3) नपुंसकलिंग (यह प्रकृति के हिसाब से जड़ है)।

पुल्लिंग की परिभाषा क्या है?

हिंदी व्याकरण की भाषा के अनुसार जब कोई शब्द या संज्ञा के रूप से हमें यह ज्ञात हो कि वह पुरूष या नर जाति से है तो उसको हम पुल्लिंग कहते हैं। इसके उदाहरण हैं-

  • शेर
  • चीता
  • रमेश
  • फल
  • ढक्कन
  • दरवाजा
  • हाथी
  • चाचा
  • नौकर
  • राजा
  • पंडित
  • पेड़
  • डाल
  • खाट
  • कृष्ण

स्त्रीलिंग की परिभाषा क्या है?

हिंदी व्याकरण की भाषा के अनुसार जब कोई शब्द या संज्ञा के रूप से हमें यह ज्ञात हो कि वह मादा या नारी जाति से है तो उसको हम स्त्रीलिंग कहते हैं। इसके उदाहरण हैं-

  • राधा
  • माता
  • शेरनी
  • चिड़िया
  • डिब्बी
  • गाय
  • बकरी
  • नानी
  • दादी
  • लेखिका
  • डाली
  • टेबल
  • कुर्सी
  • कोयल
  • पुत्री

लिंग की पहचान के नियम

लिंग की पहचान करते वक्त हमेशा निम्न बातों का ध्यान रहना चाहिए-

1) हमारे शरीर के अंगों के नाम और हमारे देवताओं को हमेशा पुल्लिंग जाति में डाला जाता है जैसे- मुंह, पैर, इन्द्रदेव, चन्द्रदेव।

2) बहुत से धातु ऐसे होते हैं जिन्हें हम पुरूष जाति में डालते हैं जैसे- तांबा, पीतल, सोना आदि।

3) पेड़ और पहाड़ों को हम पुरूष जाति में ही डालते हैं- बरगद, पीपल, शीशम, नीम, आम, अरावली, हिमालय, नीलगिरी आदि।

4) ऐसे बहुत द्रव्य प्रदार्थ है जो पुरुष श्रेणी में आते हैं- घी, तेल, दूध, पेट्रोल, केरोसिन आदि।

5) हमारी सभी नदियाँ स्त्रीलिंग श्रेणी में जाती है- गंगा, सरस्वती, यमुना, चिनाब, झेलम, सतलुज, तावी, बह्मपुत्र आदि।

6) दुनियाभर की सभी भाषाएं स्त्रीलिंग जाति की श्रेणी में आती है- हिंदी, अरबी, फ्रेंच, स्पेनिश, इटालियन, चीनी आदि।

7) हमारे सभी ग्रहों को पुरुष जाति की श्रेणी में डाला जाता है- चन्द्र, शनि, मंगल, राहु, केतु, बुध आदि।

8) फूलों को पुल्लिंग जाति की श्रेणी में डालते हैं- गुलाब, गेंदा, चमेली, मोगरा, चंपा आदि।

9) जिन शब्दों के अन्त में त्र, न, ण, ख आता है उन्हें पुल्लिंग की श्रेणी में डाला जाता है- जगन, मग्न, विचरण, दुख, चित्र, मित्र, पोकरण आदि।

लिंग के उदाहरण

पुल्लिंग स्त्रीलिंग
ऊंटऊंटनी
शेरशेरनी
विद्वान विदुषी
छात्रछात्रा
पापीपापिन
ठाकुर ठाकुराइन
दातादात्री
मामामामी
नानानानी
सालासाली
नालानाली
युवकयुवती
वनवासीवनवासिनी
नागनागिन
चंद्रचांदनी
बालकबालिका
पोतापोती
कोठाकोठी
मोटामोटी
गूंगागूंगी
बहराबहरी
नाटानाटी
पहाड़पहाड़ी
भीलभीलनी
बैलगाय
नरनारी
हिरणहिरणी
मोरमोरनी
खाटखटिया
अभिनेताअभिनेत्री
बेटाबेटी
छाताछतरी
कालाकाली
थालथाली
नीरजनीरजा
श्यामश्यामा
प्रियप्रिया
श्रीमान श्रीमती
वरवधू
गायक गायिका
लोटालुटिया
नौकरनौकरानी
दासदासी
तोतामादा तोता
भेड़िया मादा भेड़िया
भाईबहन
सुतसुता
देवरदेवरानी
जेठजेठानी

निष्कर्ष

तो आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने यह जाना कि आखिर लिंग किसे कहते हैं। हमने यह भी समझा कि लिंग के भेद कितने प्रकार के होते हैं। अंत में हमने यह समझा कि लिंग का प्रयोग कहां किया जाता है। हम आशा करते हैं कि आप सभी को हमारी आज की यह पोस्ट पसंद आई होगी। जब तक हमें लिंग का ज्ञान अच्छे से नहीं होता तब तक हिंदी व्याकरण में इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। जब हमें नर और नारी के बीच का अंतर मालूम हो जाता है तब हम हिंदी व्याकरण में लिंग का प्रयोग बिना कोई गलती के कर सकते हैं।

FAQ’S

Q1. लिंग की परिभाषा बताइए?

A1. लिंग का अर्थ है वह संज्ञा या शब्द जिससे यह पता चलता है कि किसी व्यक्ति की जाति नर है या फिर मादा। उदाहरण के तौर पर- शेरनी पुल्लिंग नही हो सकती बल्कि शेरनी तो स्त्री जाति से है। ठीक उसी प्रकार गेंडा मादा नहीं हो सकता है क्योंकि वह नर जाति से संबंध रखता है। लिंग का शब्द संस्कृत से ही ग्रहण किया गया है। संस्कृत में लिंग का अर्थ होता है चिन्ह।

Q2. पुल्लिंग शब्द कौन-कौन से होते हैं?

A2. नर, शेर, चीता, भालू, आम, जूता, पेड़, भाई, मकान, धोबी, चूहा आदि यह सभी पुल्लिंग शब्द हैं।

Q3. स्त्रीलिंग शब्द कौन-कौन से हैं?

A3. माता, धोती, बिंदी, पालक, शेरनी, हथिनी, नौकरानी, मालिन, मालकिन, रानी, गंगा, यमुना आदि यह सभी स्त्रीलिंग शब्द हैं।

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