हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके लिए कक्षा 10वीं हिन्दी कृतिका अध्याय 1 के एनसीईआरटी समाधान लेकर आए हैं। यह कक्षा 10वीं हिन्दी कृतिका के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए गए हैं ताकि छात्रों को कक्षा 10वीं कृतिका अध्याय 1 के प्रश्न उत्तर समझने में आसानी हो। यह सभी प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त हैं। इसके लिए छात्रों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 10वीं हिंदी की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए एनसीईआरटी समाधान देखें।
Ncert Solutions For Class 10 Hindi Kritika Chapter 1
कक्षा 10 हिन्दी कृतिका के एनसीईआरटी समाधान को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह एनसीईआरटी समाधान छात्रों की परीक्षा में मदद करेगा साथ ही उनके असाइनमेंट कार्यों में भी मदद करेगा। आइये फिर कक्षा 10 हिन्दी कृतिका अध्याय 1 माता का अंचल के प्रश्न उत्तर (Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 Question Answer) देखते हैं।
कक्षा : 10
विषय : हिंदी (कृतिका भाग 2)
पाठ : 1 माता का अंचल (शिवपूजन सहाय)
प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1 – प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है?
उत्तर :- हां, यह सच है कि प्रस्तुत पाठ के अनुसार बच्चे का अपने पिता से ज्यादा जुड़ाव था। वह अपने पिता संग हर गतिविधियों में शामिल हुआ करता था। लेकिन विपदा के समय पर उसे अपने पिता से ज्यादा अपनी मां का आंचल ज्यादा अच्छा लगा करता था। मां के आंचल से उसे एक अलग प्रकार का लगाव था। मेरी समझ के अनुसार ऐसा इसलिए होता है कि यह समस्त सृष्टि ही ऐसी ही बनाई गई है जहां पर बच्चा अपने पिता से ज्यादा अपनी मां से ज्यादा लगाव रखता है। हमें जब भी छोटी सी चोट भी पहुंच जाए तो हम सबसे पहले अपनी मम्मी को ही याद करते हैं।
प्रश्न 2 – आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है?
उत्तर :- यह एक छोटे बच्चे का स्वभाव होता है कि वह पलभर में ही हंस पड़ता है और दूसरे ही पल रोने लगता है। उसका स्वभाव बड़ों से अलग ही होता है। उसे बड़ों के समान चीजों की समझ नहीं होती है। इस कहानी के अनुसार भोलानाथ भी कुछ ऐसा ही है। वह कोई कारण से नाराज होता है और रोने लगता है। लेकिन जब वह अपने दोस्तों के साथ मिलता है तो वह सब कुछ भूल जाता है। उसका सिसकना बंद हो जाता है। वह अपने साथियों के साथ जमकर खेलता है।
प्रश्न 3 – आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब-तब खेलते-खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं। आपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए।
उत्तर :- विद्यार्थी अपने आप लिखे।
प्रश्न 4 – भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर :- कहानी के अनुसार भोलानाथ के समय जमाना बहुत अलग था। वह ऐसा जमाना था जब भोलानाथ छोटी से छोटी चीज से खेलकर भी खुश हो जाता था। भोलानाथ अपने घर में ही पड़े मिट्टी के समानों से खिलौने बनाता था। वह इन्हीं खिलौनों से बहुत खुश हो जाया करता था। उसे अपने दोस्तों के साथ मिट्टी के खिलौनों से खेलने में आनंद की अनुभूति होती थी। लेकिन आज के जमाने के बच्चों के खेलने की सामग्री बहुत अलग होती है। आज के माता-पिता अपने बच्चों के लिए बाजार से अनेकों खिलौने लाते हैं। उदाहरण के तौर पर गुड़िया, बैटरी से चलने वाली कार, किचन सेट आदि। आज के जमाने में सुविधाएं अनेक हैं।
प्रश्न 5 – पाठ में आए ऐसे प्रसंगों का वर्णन कीजिए जो आपके दिल को छू गए हों?
उत्तर :- इस कहानी में ऐसे अनेकों प्रसंग है जिनको पढ़ने के बाद वह दिल को छू जाते हैं। एक सबसे ज्यादा मन को गुदगुदा देने वाला प्रसंग कहानी में तब आता है जब एक सांप बच्चों के पीछे भागता है। बच्चे उससे डरते हुए आगे भाग जाते हैं। भागते हुए बहुत से बच्चे गिरते भी हैं। वह डरे सहमे अपनी माताओं के आंचल में अपने आप को छूपा लेते हैं। इस कहानी में एक पिता भी अपने बच्चे के जैसे ही छोटा बच्चा बन जाता है। वह उसके साथ खेलता कूदता है।
प्रश्न 6 – इस उपन्यास के अंश में तीस के दशक की ग्राम्य संस्कृति का चित्रण है। आज की ग्रामीण संस्कृति में आपको किस तरह के परिवर्तन दिखाई देते हैं।
उत्तर :- इस उपन्यास के अंश में बहुत ही खूबसूरती से तीस के दशक की ग्राम्य संस्कृति का चित्र प्रस्तुत किया गया है। जब हम यह कहानी पढ़ते हैं तो हमें गांव की सुंदरता को जानने का मौका मिलता है। लेकिन आज की ग्रामीण संस्कृति में बहुत परिवर्तन आ गया है। आज की ग्रामीण संस्कृति ने भी शहरी संस्कृति को गले लगा लिया है। आज के समय में गांव भी शहर बनने की राह पर निकल पड़े हैं। आज बहुत से गांव के लोग शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। आज शहर की तर्ज पर गांवों में भी आलिशान घर बनाए जा रहे हैं। गांवों में पेड़ों को काटा जा रहा है। आज गांव में ताजी हवा नहीं बची है। गांव में शहर की ही तरह प्रदुषण फैल रहा है। गांव के बच्चे आज के समय में शारीरिक खेलकूद को महत्व नहीं देते हैं।
प्रश्न 7 – यहाँ माता-पिता का बच्चे के प्रति जो वात्सल्य व्यक्त हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :- इस कहानी में नायक भोलानाथ के माता-पिता उससे बहुत स्नेह रखते हैं। वह हर पल उसका ख्याल रखते हैं। इस कहानी में भोलानाथ के लिए दोनों ही बहुत खास है। हालांकि भोलानाथ अपने पिता का बखान ज्यादा करता है। भोलानाथ के पिता उसे अपने पास सुलाते हैं। उसे जल्दी उठाकर नहलाते हैं। वह उसे अपने साथ टहलने को ले जाते हैं। उसके साथ वह खूब मस्ती करते हैं। वह खेलते वक्त भोलानाथ जितना छोटा बच्चा बन जाते हैं। भोलानाथ की मां भी उससे बहुत प्रेम करती है। वह भोलानाथ को स्वयं अपने हाथों से खिलाती है। वह उसका बहुत लाड़-प्यार करती है। जब कभी भी भोलानाथ अपनी मां से अलग प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाने को कहता है तो उसकी मां झट से उसके लिए स्वादिष्ट पकवान बना देती है। मां का आंचल भोलानाथ को बहुत पसंद है। मां भोलानाथ को अपनी छत्रछाया में रखना चाहती है।
प्रश्न 8 – बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं?
उत्तर :- बच्चे अनेक तरीके से अपना प्रेम व्यक्त करते हैं जैसे –
(1) बच्चे अपने माता-पिता का बहुत अच्छे से ख्याल रखते हैं।
(2) बच्चे भी अपने माता-पिता के बारे में कुछ भी बुरा सुनना पसंद नहीं करते हैं।
(3) बच्चे अपने माता-पिता के साथ घूमना पसंद करते हैं।
(4) बच्चे अपने माता पिता से नई नई चीजों की मांग करते हैं।
(5) बच्चे अपने मां-बाप से एक ही पल में नाराज हो जाते हैं। तो दूसरे ही पल में वह हंस देते हैं।
(6) वह अपने माता-पिता से हर प्रकार की भावनाएं शेयर करते हैं।
प्रश्न 9 – इस पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है वह आपके बचपन की दुनिया से किस तरह भिन्न है?
उत्तर :- इस पाठ में जो बच्चों की दुनिया रची गई है वह हम सभी के बचपन से बहुत अलग है। इस कहानी में जिस प्रकार से पुराने समय में बच्चों के जीवन को दर्शाया गया है वह आज के बच्चों के जीवन से बिल्कुल अलग है। पहले के जमाने में बच्चों की कोई खास मांग नहीं हुआ करती थी। वह हर चीज में अपने आप को ढाल लेते थे। लेकिन आज के जमाने के बच्चों की मांग बिल्कुल अलग है। आज के बच्चों की लाइफस्टाइल एकदम अलग है। आज के समय में बच्चों को मिट्टी के खिलौने अच्छे नहीं लगते हैं। उनके पास देखने को टीवी और मोबाइल जैसी चीजें हैं। हर कोई परिस्थिति में अपने आप को समायोजित नहीं कर सकते हैं। आज के बच्चों को अपने हिसाब से सारे काम करने अच्छे लगते हैं।
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