हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके लिए कक्षा 10वीं हिंदी संचयन अध्याय 3 के एनसीईआरटी समाधान लेकर आए हैं। यह कक्षा 10वीं हिंदी संचयन के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए गए हैं ताकि छात्रों को कक्षा 10वीं संचयन अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर समझने में आसानी हो। यह सभी प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त हैं। इसके लिए छात्रों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 10वीं हिंदी की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए एनसीईआरटी समाधान देखें।
Ncert Solutions For Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 3
कक्षा 10 हिंदी के एनसीईआरटी समाधान को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह एनसीईआरटी समाधान छात्रों की परीक्षा में मदद करेगा साथ ही उनके असाइनमेंट कार्यों में भी मदद करेगा। आइए फिर कक्षा 10 हिंदी संचयन अध्याय 3 टोपी शुक्ला के प्रश्न उत्तर (Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 3 Question Answer) देखते हैं।
कक्षा : 10
विषय : हिंदी (संचयन भाग 2)
पाठ : 3 टोपी शुक्ला (राही मासूम रजा)
बोध-प्रश्न
प्रश्न 1 – इफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा किस तरह है?
उत्तर :- इफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। हालांकि दोनों ही दोस्त अलग-अलग धर्मों से वास्ता रखते थे। लेकिन दोनों के बीच दोस्ती बहुत गहरी दोस्ती थी। वह दोनों इतने अच्छे दोस्त थे कि लोग उनको दो दिल और एक जान मानते थे। दोनों ही दोस्त एक दूसरे के साथ अपने सुख और दुख बांटते थे।
प्रश्न 2 – इफ़्फ़न की दादी अपने पीहर क्यों जाना चाहती थी?
उत्तर :- इफ़्फ़न की दादी के अपने पीहर जाने के पीछे एक बड़ी वजह थी। दरअसल दादी का एक अच्छे जमींदार परिवार में जन्म हुआ था। दादी को वहां खूब लाड-प्यार मिलता था। जमींदार पिता की बेटी होने के कारण दादी के पीहर में घी, दूध और दही की बिल्कुल भी कमी नहीं थी। वह हर रोज अपने पीहर में बड़े ही चाव के साथ दूध, घी और दही खाती थी। लेकिन जब दादी की शादी हुई तो दादी को ससुराल में यह सभी पौष्टिक चीजें खाने को मिला ही नहीं करती थी। दादी के पति मौलवी थे। वह दादी की हर चीज पर नियंत्रण रखते थे। यही एक सबसे बड़ा कारण था कि इफ़्फ़न की दादी अपने पीहर जाना चाहती थी।
प्रश्न 3 – इफ़्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाईं?
उत्तर :- इफ़्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में खुलकर नाच-गाना इसलिए नहीं कर पाई क्योंकि दादी के पति ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। दादी के ससुराल में नाच-गाने का रिवाज नहीं था। वहां नाचने को असभ्य माना जाता था। ऐसा इसलिए था क्योंकि दादी मौलवियों की बहू थी। जब दादी के बेटे की शादी हुई तो वह उसक नाचने की मुराद अधूरी ही रह गई।
प्रश्न 4 – अम्मी’ शब्द पर टोपी के घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर :- टोपी शुक्ला का असली नाम बलभद्र नारायण शुक्ला था। वह ब्राह्मणों का बेटा था। उसके घर में हिंदू रिति रिवाज से ही सारे काम होते थे। लेकिन टोपी शुक्ला की दोस्ती इफ़्फ़न नाम के एक लड़के के साथ हो गई थी। वह दोनों ही आपस में प्रेम के साथ रहा करते थे। टोपी ने जब पहली बार इफ़्फ़न के यहां अम्मी शब्द के बारे में जाना तो उसे यह शब्द गुड़ की तरह मीठा लगा। लेकिन जब यही अम्मी शब्द टोपी ने अपनी माताजी को संबोधित करने के लिए इस्तेमाल किया तो सभी परिवार वाले उसपर भड़क पड़े। उन सभी ने टोपी को खूब मारा पीटा।
प्रश्न 5 – दस अक्तूबर सन पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्त्व रखता है?
उत्तर :- दस अक्तूबर सन पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में बहुत ज्यादा महत्त्व रखता है। इस एक दिन ने टोपी के जीवन में बहुत कुछ बदल दिया था। दरअसल यही वह दिन था जब टोपी अपने सबसे अच्छे मित्र से दूर हो गया था। दस अक्तूबर सन पैंतालीस को इफ़्फ़न के पिताजी को मुरादाबाद इसलिए शिफ्ट होना पड़ा क्योंकि उनका ट्रांसफर हो गया था। इफ़्फ़न का सारा परिवार मुरादाबाद चला गया था। ऐसे में टोपी से एक सच्चा साथी बिछड़ गया। टोपी एकदम अकेला पड़ गया था।
प्रश्न 6 – टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही?
उत्तर :- टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने के लिए इसलिए कहा क्योंकि इफ़्फ़न की दादी टोपी को बहुत अच्छी लगती थी। दादी टोपी को नए नए व्यंजन बनाकर खिलाया करती थी। टोपी को इफ़्फ़न की दादी की बातें गुड़ के समान मीठी लगती थी। टोपी इफ़्फ़न की दादी से अनेकों कहानियां सुना करता था। टोपी को इफ़्फ़न की दादी में अपनी मां की मूर्त नजर आती थी। तो वहीं दूसरी ओर टोपी की दादी इफ़्फ़न की दादी से विपरीत थी। वह गुस्सैल स्वभाव की थी। उनको हर बात अपने अनुसार करनी अच्छी लगती थी।
प्रश्न 7 – पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से विशेष स्नेह क्यों था?
उत्तर :- पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से ही सबसे ज्यादा लगाव था। ऐसा इसलिए था क्योंकि उसकी दादी उसे जितना प्यार करती थी, उतना प्यार उससे कोई भी नहीं करता था। उसकी दादी के प्यार में एक अलग प्रकार की मिठास घुली थी। दादी उसे कभी भी नहीं डांटती थी। जब कभी भी इफ़्फ़न के अब्बू या अम्मी उसे डांटते थे तो वह भागता हुआ अपनी दादी के आंचल में छूप जाता था। इफ़्फ़न हर रात को दादी से हातिमताई, गुलाब कबाली, बहराम डाकू, अमीर हमला आदि कई शानदार कहानियां सुनता था।
प्रश्न 8 – इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली सा क्यों लगा?
उत्तर :- इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर बहुत खाली सा लगने लगा था। ऐसा इसलिए था क्योंकि इफ़्फ़न की दादी सबका बहुत अच्छे से ख्याल रखती थी। वह इफ़्फ़न और टोपी में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करती थी। जब भी टोपी इफ़्फ़न के घर आता था तो दादी इफ़्फ़न के साथ उसे भी अच्छे पकवान खिलाती थी। दादी के देहांत के बाद तो टोपी को ऐसा लगा जैसे मानो उसने कोई हीरा खो दिया हो। अब इफ़्फ़न के घर पर उसे कोई भी प्यार करने वाला नहीं बचा था।
प्रश्न 9 – टोपी और इफ्फ़न की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के थे, पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे। इस कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए।
उत्तर- टोपी और इफ़्फ़न की दादी का धर्म, मजहब और जाति एक दूसरे के विपरीत थे। पर इसके वाबजूद भी इफ़्फ़न की दादी और टोपी को मानो एक प्रेम की डोर ने जैसे बांध लिया था। दादी को इफ़्फ़न और टोपी में कोई फर्क नजर नहीं आता था। दादी के लिए दोनों ही समान थे। दादी को टोपी के मजहब से कोई आपत्ति नहीं थी। दादी ने टोपी को भरपूर प्रेम दिया।
प्रश्न 10 – टोपी नवीं कक्षा में दो बार फेल हो गया। बताइए:
(क) जहींन होने के बावजूद भी कक्षा में दो बार फेल होने के क्या कारण थे?
उत्तर :- जहींन होने के बावजूद भी कक्षा में दो बार फेल होने के कारण थे –
(1) टोपी बुद्धिमान लड़का था। वह पढ़ाई में बिल्कुल भी कमजोर नहीं था। लेकिन फिर भी वह पहले साल फेल इसलिए हो गया था क्योंकि घर में उसको कोई ना कोई करना ही पड़ता था। टोपी की माता उसे बाजार का कोई ना कोई काम दिए रखती। टोपी के दोनों भाई मुन्नी बाबू और भैरव उसकी पढ़ाई में बाधा बनकर टूट पड़ते। फिर दूसरे साल टोपी इसलिए फेल हो गया था क्योंकि टोपी को टाइफ़ाइड जैसे भयानक बुखार ने जकड़ लिया था। इस बुखार के चलते उसकी पढ़ाई बहुत ज्यादा प्रभावित हुई।
(ख) एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को किन भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
उत्तर :- एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को निम्नलिखित भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा –
(1) टोपी को दोस्त बनाने में बहुत ज्यादा मशक्कत उठानी पड़ी। दो बार फेल होने के चलते कोई भी जल्दी से टोपी का दोस्त बनने को तैयार नहीं था।
(2) क्योंकि टोपी दो साल तक लगातार फेल हो रहा था इसलिए उसके शिक्षक भी उसे हर बात पर नीचा दिखाते। शिक्षक टोपी का मनोबल बढ़ाने की जगह मनोबल गिराते थे।
(3) टोपी की कक्षा के सारे बच्चे उसे बूढ़ा कहकर उसका मजाक उड़ाते थे। इसके चलते टोपी के मन में हीनभावना पैदा हो गई।
(ग) टोपी की भावनात्मक परेशानियों को मद्देनजर रखते हुए शिक्षक व्यवस्था में आवश्यक बदलाव सुलझाइए?
उत्तर :- इस कहानी के माध्यम से हम यह अच्छे से समझ सकते हैं कि टोपी को दो बार फेल होने के चलते कितनी परेशानियों को उठाना पड़ा था। स्कूल के टीचर और बच्चों ने टोपी के मनोबल आत्मविश्वास को पूरी तरह से गिरा दिया था। लेकिन ऐसा होना बिल्कुल गलत है। शिक्षक को चाहिए कि वह अपने विद्यार्थियों का आत्मविश्वास तोड़ने की बजाए उसके आत्मविश्वास को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करे। शिक्षक का उचित और न्यायपूर्ण साथ मिलने से छात्र का भविष्य उज्जवल बनता है।
प्रश्न 11 – इफ़्फ़न की दादी के मायके का घर कस्टोडियन में क्यों चला गया?
उत्तर :- इफ़्फ़न की दादी के मायके का घर सरकार को कस्टोडियन में इसलिए भेज दिया था क्योंकि दादी के मायके वालो ने भारत से पलायन कर लिया था। दादी के मायका का परिवार अब पाकिस्तान चला गया था।
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