पार नज़र के बहुत ही रोचक पाठ है। छात्रों इस चैप्टर में मंगल गृह की रोचक बाते जानने के लिए मिलेगी। आप इस पेज से कक्षा 6 हिंदी अध्याय 6 पार नज़र के प्रश्न उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न अभ्यास
कहानी से
प्रश्न -1. छोटू का परिवार कहाँ रहता था?
उत्तर :- छोटू का परिवार मंगल ग्रह की धरती के नीचे बने मकान में रहता था। वहां रहने के लिए उन्हें यंत्र की सहायता लेनी पड़ती थी।
प्रश्न -2. छोटू को सुरंग में जाने की इजाज़त क्यों नहीं थी? पाठ के आधार पर लिखो।
उत्तर :- छोटू को सुरंग में जाने की इजाजत नहीं थी क्योंकि सुरंग में से आम आदमी नहीं जा सकता था और वह तो छोटा बच्चा था और उसे यंत्रों की सुरक्षा के बारे में कोई ज्ञान नहीं था। इसलिए जो चुने हुए व्यक्ति थे उन्हें पहले प्रशिक्षण दिया जाता था ताकि वे सुरंग में अंदर जा सके और छोटू को अभी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
प्रश्न -3. कंट्रोल रूम में जाकर छोटू ने क्या देखा और वहाँ उसने क्या हरकत की ?
उत्तर :- कंट्रोल रूम में आने के बाद छोटू ने सबसे पहले एक कंसोल पैनल देखा था।उस पर बहुत सारे लाल बटन लगे हुए थे। जिससे छोटू उन लाल बटनो की तरफ आकर्षित हो रहा था। छोटू ने देखा कि सभी कर्मचारी बड़े ध्यान से टीवी स्क्रीन की ओर देख रहे हैं।यांत्रिक हाथ की लंबाई बढ़ती जा रही थी और छोटी ने वह लाल बटन दबा दिया।
प्रश्न -4. इस कहानी के अनुसार मंगल ग्रह पर कभी आम जन-जीवन था। वह सब नष्ट कैसे हो गया? इसे लिखो।
उत्तर :- छोटू के पापा ने बताया “एक समय था जब मंगल ग्रह पर सभी लोग अपना जीवन बिताया करते थे।“ बगैर किसी यंत्र के, बगैर किसी खास किस्म की पोशाक के, सभी के पूर्वज जमीन के ऊपर अपना जीवन बिताया करते थे, लेकिन धीरे-धीरे वातावरण में परिवर्तन आने लगा था। कई तरह के जीव धरती पर रहा करते थे। एक के बाद एक सब मरने लगे थे। सबसे बड़ी समस्या थी “सूरज में परिवर्तन”। सूरज से हमें रोशनी मिलती है, ऊष्णता मिलती है। इन्हीं तत्वों से सभी का जीवन पोषण पूर्ण होता है। सूरज में परिवर्तन होते ही यहां का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया। यहां के पशु पक्षी पेड़- पौधे,अन्य जीव अक्षम साबित हुए इस तरह सारा जीवन नष्ट हो गया।
प्रश्न -5. कहानी में अंतरिक्ष यान को किसने भेजा था और क्यों?
उत्तर:- कहानी में अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वैज्ञानिकों ने भेजा था। वे इस बात का पता लगाना चाहते थे, कि मंगल ग्रह पर जीवन का अस्तित्व है या नहीं। वैज्ञानिकों को अनुमान था कि मंगल ग्रह पर जीवन का अस्तित्व है या नहीं। वैज्ञानिकों को यह लगता था कि पृथ्वी और मंगल ग्रह पर जीवन में समानताएं हैं। वे अंतरिक्ष यान द्वारा पृथ्वी पर मंगल ग्रह के मिट्टी के नमूने लाना चाहते थे ताकि वे खोज कर सके कि वहां पर जिंदा रहने की संभावना है या नहीं।
प्रश्न -6. नंबर एक, नंबर दो और नंबर तीन अजनबी से निबटने के कौन से तरीके सुझाते हैं। और क्यों ?
उत्तर :- मंगल ग्रह पर जब एक अंतरिक्ष यान के आने का समाचार मिला तो प्रबंध समिति के अध्यक्ष ने एक सभा बुलाई। नंबर एक पर कॉलोनी की सुरक्षा का भार था। नंबर दो एक वैज्ञानिक था। नंबर तीन सामाजिक व्यवस्था का काम देखता था। इन तीनों ने अंतरिक्ष यान से निपटने के लिए अपने-अपने अलग-अलग सुझाव दिए। नंबर एक का कहना था कि अंतरिक्ष पर कोई व्यक्ति नहीं है केवल यंत्र है। नंबर दो ने यह सुझाव दिया कि यान को नष्ट नहीं किया जाए। नंबर तीन ने सुझाव दिया ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि अंतरिक्ष यान वालों को भर्म हो जाए कि उनकी ज़मीन पर कुछ भी मह्त्वपूर्ण नहीं है।
कहानी से आगे
प्रश्न -1. (क) दिलीप एम. साल्वी। (ख) जयंत विष्णु नार्लीकर
(ग) आइज़क ऐसीमोव। (घ) आर्थर क्लार्क
• ऊपर दिए गए लेखकों की अंतरिक्ष संबंधी कहानियाँ इकट्ठी करके पढ़ो और एक-दूसरे को सुनाओ। इन कहानियों में कल्पना क्या है और सच क्या है, इसे समझाने की कोशिश करो। कुछ ऐसी कहानियाँ छाँटकर निकालो, जो आगे चलकर सच साबित हुई हैं।”
उत्तर:- विध्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न -2. इस पाठ में अंतरिक्ष यान अजनबी बन कर आता है। ‘अजनबी’ शब्द पर सोचो। इंसान भी कई बार अजनबी माना जाता है और कोई जगह या शहर भी। क्या तुम्हारी मुलाकात ऐसे किसी अजनबी से हुई है? नए स्कूल का पहला अनुभव कैसा था ? क्या उसे भी अजनबी कहोगे? अगर हाँ तो ‘अजनबीपन दूर कैसे हुआ? इस पर सोचकर कुछ लिखो।
उत्तर:- अजनबी शब्द का अर्थ :- जिससे जान पहचान ना हो, जिसे हम जानते नहीं है। ऐसी कई जगह होती है जहां हम किसी को नहीं जानते। जब मैंने स्कूल में दाखिला लिया तो मुझे भी बहुत अज़ीब सा लग रहा था। सबसे मिलना मन में एक अलग बैचेनी ला रहा था। तब अध्यापक ने मुझे सबसे परीचित करवाया, फिर सबसे बात शुरू हुई। सबके साथ पढ़ाई शुरू की, सबके साथ बोलना, खेलना,खाना पीना सब बहुत अच्छा लग रहा था।ऐसे लग रहा था मानो हम सब एक दूसरे को बहुत अच्छे से जानते हो।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न -1. यह कहानी ज़मीन के अंदर की जिंदगी का पता देती है। ज़मीन के ऊपर मंगल ग्रह पर सब कुछ कैसा होगा, इसकी कल्पना करो और लिखो।
उत्तर:- हम सटीक और सार्थक शब्दों में नहीं कह सकते कि पृथ्वी की तरह मंगल ग्रह पर जीवन संभव है। लेकिन हम यह सोच सकते है कि मंगल ग्रह पर भी लोग ऐसे ही रहते होंगे जैसे पृथ्वी पर रहते है। उन्हें भी अपनी जगह से लगाव होगा जैसे पृथ्वी वालों को है। वहां के वैज्ञानिक भी पृथ्वी के बारे में सब कुछ देख रहे होंगे।
प्रश्न -2. मान लो कि तुम छोटू हो और यह कहानी किसी को सुना रहे हो तो कैसे सुनाओगे? सोचो और ‘मैं’ शैली (आत्मकथात्मक शैली) में यह कहानी सुनाओ।
उत्तर :- हम पहले ज़मीन के नीचे बनी एक कॉलोनी में रहा करते थे। वहां मैं, मेरी मम्मी और मेरे पापा रहा करते थे। मेरे पापा हमेशा एक सुरंग में जाया करते थे। मेरा भी मन होता था वहां जाने का लेकिन मम्मी और पापा मुझे हमेशा डांटकर बैठा देते। फिर एक दिन पापा की छुट्टी थी और मेरे हाथ सुरंग जाने कि चाबी लग गई और में फटाफट सुरंग में भाग गया। मुझे वहां अकेले जाने में डर भी लग रहा था, लेकिन मैं धीरे धीरे आगे बढ़ा। मुझे वहां किसी यँत्र को प्रयोग करना भी नहीं आता था। लेकिन कहीं आगे जाकर मैं वहां के रक्षको के द्वारा पकड़ा गया फिर मुझे मम्मी पापा से बहुत डांट पढ़ी और में यह बात कभी नहीं भूल सकता।
भाषा की बात
प्रश्न 1 – वार्तालाप’ शब्द वार्ता + आलाप के योग से बना है। यहाँ वार्ता के अंत का ‘आ और ‘आलाप’ के आरंभ का ‘आ’ मिलने से जो परिवर्तन हुआ है, उसे संधि कहते हैं। नीचे लिखे कुछ शब्दों में किन शब्दों की संधि है।
उत्तर :- शिष्टाचार – शिष्ट + आचार उत्तरांचल – उत्तर + अंचल
श्रद्धांजलि – श्रद्धा + अंजलि सूर्यास्त – सूर्य + अस्त
दिनांक – दिन + अंक अल्पाहार – अल्प् + आहार
प्रश्न -2 कार्ड उठाते ही दरवाजा बंद हुआ।
• यह बात हम इस तरीके से भी कह सकते हैं जैसे ही कार्ड उठाया, दरवाज़ा बंद हो गया।
• ध्यान दो कि दोनों वाक्यों में क्या अंतर है। ऐसे वाक्यों के तीन जोड़े तुम स्वयं सोचकर लिखो।
उत्तर:- (क) पुलिस के आते ही चोर भाग गया।
जैसे ही पुलिस पहुंची,चोर भाग गया।
(ख) स्टेशन पहुचते ही मेरी गाड़ी चल पड़ी।
जैसे ही मैं स्टेशन पहुंचा,मेरी गाड़ी चल पड़ी।
(ग) छुट्टी होते ही मैं घर चला गया।
जैसे ही छुट्टी हुई, वह घर चला गया
प्रश्न 3 – छोटू ने चारों तरफ़ नज़र दौड़ाई।
छोटू ने चारों तरफ़ देखा।
• उपर्युक्त वाक्यों में समानता होते हुए भी अंतर है। मुहावरे वाक्यों को विशिष्ट अर्थ देते हैं। ऐसा ही मुहावरा पहली पंक्ति में दिखाई देता है। नीचे दिए गए वाक्यांशों में नज़र के साथ अलग-अलग क्रियाओं का प्रयोग हुआ है, जिनसे मुहावरे बने हैं। इनके प्रयोग से वाक्य बनाओ
नज़र पड़ना नज़र रखना
नज़र आना नज़रें नीची होना
उत्तर :- नज़र पड़ना:- मुझे दिल्ली में एक ड्रेस पसंद आई जिसे मैं काफी दिनों से ढूंढ रहा था और आज ही मेरी उस पेज पर नजर पड़ी।
नज़र रखना :- मैं उस चोर पर कई दिनों से नजरें रखे हुआ हूं लेकिन वह फिर भी मेरे हाथ में आया।
नज़र आना:- तुम तो ईद के चांद हो गए हो आजकल नजर ही नहीं आते।
नजरे नीची होना:- उसने नेहा को इतना सुनाया कि उसकी नजरें नीची हो गई।
प्रश्न -4. नीचे एक ही शब्द के दो रूप दिए गए हैं। एक संज्ञा है और दूसरा विशेषण है। वाक्य बनाकर समझो और बताओ कि इनमें से कौन से शब्द संज्ञा हैं और कौन से विशेषण
उत्तर:-
शब्द संज्ञा/ विशेषण वाक्यों में प्रयोग
आकर्षण संज्ञा छोटे बच्चों को खिलोने का आकर्षण होता ही है।
आकर्षक विशेषण तुम्हारीं ड्रेस कितनी आकर्षक है।
प्रभाव संज्ञा मेरे काम का अधिकारी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
प्रभावशाली विशेषण तुम्हारा काम कितना प्रभावशाली रहा है।
प्रेरणा संज्ञा तुम्हीं से मुझे सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
प्रेरक विशेषण। तुम्हारा भाषण बच्चों के लिए प्रेरक सिद्ध हुआ।
प्रतिभा संज्ञा प्रतिभा ईश्वर कि देन होती है।
प्रतिभाशाली विशेषण प्रतिभाशाली बच्चे जीवन में प्रगति जरूर करते हैं।