Republic Day Speech In Hindi : 26 जनवरी पर भाषण बोलना सीखें

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अगर आप भी 26 जनवरी पर भाषण देने की सोच रहे हैं, तो आप हमारे इस पेज पर उपलब्ध गणतंत्र दिवस पर भाषण हिंदी में (Republic Day Speech In Hindi) से आइडियाज़ ले सकते हैं और 26 जनवरी पर एक अच्छी स्पीच तैयार कर सकते हैं। 26 जनवरी पर भाषण हिंदी में बोलने या पढ़ने का अपना एक तरीके होता है। भाषण में पढ़ते समय आपको कठिन शब्दों का खास ख्याल रखना होता है। स्पीच बोलते समय वक्ता का उच्चारण एकदम साफ और स्पष्ट होना चाहिए ताकि श्रोता उसकी बातों को आसानी से समझ सकें। रिपब्लिक डे स्पीच हिंदी (Republic Day Speech Hindi) बोलने से पहले कम-से-कम उसे एक से दो बार पढ़कर अभ्यास ज़रूर कर लेना चाहिए।

26 जनवरी पर भाषण की शुरुआत ऐसे करें

माननीय प्रधानमंत्री जी, अतिथिगण, शिक्षकगण, मित्रगण, आप सभी को मेरा नमस्कार! ये तो हम सभी को पता है कि भारत 15 अगस्त, सन् 1947 को आजाद हुआ था। लेकिन, हमारे देश का संविधान 26 जनवरी, सन् 1950 को लागू हुआ था। इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। लिहाजा, हर साल 26 जनवरी को भारत के गणतांत्रिक राष्ट्र बनने के उपलक्ष्य में इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि इस वर्ष भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। यह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं, कि किसी देश में जहां इतनी भिन्नताएं पाई जाती हैं, वहां देश के संविधान ने सभी संस्कृतियों को एकता के धागे में बांधा हुआ है। हर साल ही हमारे देश में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में विभिन्न राष्ट्रों से मेहमान आकार इस कार्यक्रम का आनंद लेते हैं। इस वर्ष हमारे गणतंत्र दिवस के अवसर पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं, वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।

दोस्तों स्वदेश के प्रेम में तो इस समय सभी डूबे हुए हैं। भारत ने अपनी छवि को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बेहतर स्थिति में पहुँचा दिया है। स्वतंत्रता प्राप्ति के 77 वर्षों के बाद आज का भारत सम्पूर्ण विश्व के सामने आत्मविश्वास के साथ खड़ा है। भारत की रीढ़ कही जाने वाली भारतीय सेना आज विश्व की चौथी सबसे मजबूत सेना है, जिसके पास विश्व के सबसे घातक हथियार और आधुनिक तकनीक की मिसाइले मौजूद हैं। क्या ये गर्व की बात नहीं कि आज यदि भारत पर कोई सैटेलाइट अंतरिक्ष से नजर रखती है, तो भारत की तकनीकी मिसाइल अंतरिक्ष में घूम रही उस सैटेलाइट पर भी वार कर सकती है। इतना ही नहीं भारत की वायु सेना का लड़ाकू विमान भी सम्पूर्ण विश्व में आज चर्चा का विषय बना हुआ है।

तकनीक के क्षेत्र में न केवल भारतीय सेना बल्कि भारत के वैज्ञानिक भी पीछे नहीं है। आज भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो भारत को विश्व के सामने अपनी शक्ति से चौंका रहा है। हाल ही में हुए चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग इसका दर्शनीय उदाहरण है। भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया है। इसके अलावा आज भारत न केवल अपने उपग्रहों बल्कि विश्व के अन्य देशों के उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में भेजता है।

दोस्तों आज भारत की साक्षरता दर 70% से भी अधिक है, जो कि स्वतंत्रता के समय में मात्र 12% ही थी। भारत में विश्व स्तर की बड़ी यूनिवर्सिटी और कॉलेज हैं, जिसमें बाहर के देशों से भी छात्र शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते हैं।

भारतीय आज जीडीपी के लिहाज से विश्व अर्थव्यवस्था में नौवां स्थान रखता है, जो विश्व में तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी भारत ही है। वर्ष 2023-24 के लिए यह अनुमान भी लगाया गया है, कि भारत की जीडीपी 6.5% होगी।

भारत की तरक्की का कोई सीमित क्षेत्र नहीं है, आज भारत यात्रा के मामले में भी सबसे आगे है। भारतीय रेलवे विश्व का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, और भारत ने वंदे भारत ट्रेन की सहायता से यात्रा को और भी अधिक सुविधापूर्ण बना दिया है। साथ ही भारत में कई नई इंडस्ट्री और कंपनियों की संख्या भी अब बढ़ती ही जा रही है। भारत ने लगभग सभी चीजों का उत्पादन बड़े स्तर पर करना शुरू कर दिया है।

लेकिन दोस्तों आज भी इन विकासशील बातों के बीच हमारे भारतीय गणतंत्र के सामने बहुत सी चुनौतियां मुंह फैलाए खड़ी हैं। आजादी के बाद से ही यहाँ भ्रष्टाचार में लगातार वृद्धि हुई है, जिसने चिंता को बढाया है। जैसा कि आप सभी जानते हैं, देश का बहुत बड़ा हिस्सा आज भी कई मूलभूत सुविधाएं प्राप्त नहीं कर पा रहा है। जिम्मेदार नेता और सरकारी अफसर अपनी जिम्मेदारियों से हाथ धो रहे हैं। इसने समाज में कमाने के कई गलत तरीकों को जन्म दिया है। देश की राजनीति भ्रष्ट नेताओं से भर गई है, जो देश के विकास की सबसे बड़ी रुकावट है।

देश की तरक्की के बीच बेरोजगारी, अशिक्षा, नक्सलवाद और आतंकवाद आदि ने देश में अपने पैर पसारकर इतनी मेहनत से किए गए उस विकास पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। आज वंचित जनता को देखकर सब व्यर्थ प्रतीत होता है। प्रशासन इन समस्याओं को सुलझाने में असमर्थ दिखाई पड़ रहा है। देश की समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुई हैं।

देश का हर नागरिक समर्थ और शिक्षित होने का हक रखता है और देश का संविधान ही उन्हें यह हक प्रदान भी करता है, फिर क्यों आज ये बातें सिर्फ अखबारों के कागजों पर ही लिखी रह गई हैं, ये यथार्थ के धरातल पर कब उतरेंगी। आज देश का हर स्वतंत्र नागरिक इन समस्याओं का हल चाहता है। इस हल के साथ ही सच्चे अर्थों में भारत लोकतान्त्रिक देश बन सकेगा।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां जनता को देश का नेतृत्व करने के लिए अपने नेताओं का चुनाव करने के लिए अधिकृत किया जाता है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद हमारे भारत के पहले राष्ट्रपति थे। हमें सन् 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी, इसलिए हमारे देश का बहुत विकास हुआ और शक्तिशाली देशों में गिना गया। कुछ विकासों के साथ, कुछ कमियां भी पैदा हुई हैं, जैसे कि असमानता, गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अशिक्षा, आदि। हमें अपने देश को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश बनाने के लिए समाज में ऐसी समस्याओं को हल करने के लिए आज एक बार फिर संकल्प लेने की जरूरत है।

दोस्तों भारत को लंबे संघर्षों के बाद आजादी मिली। 2 साल 11 माह 18 दिन की समय अवधि में तैयार हुआ हमारे देश का संविधान दुनिया के अन्य देशों के समक्ष अद्भुत विशेष और मार्गदर्शक है, जो देश की जनता को उनके मौलिक अधिकारों से अवगत कर उन्हें इस देश में स्वतंत्रता पूर्वक जीवन जीने के साथ-साथ न्यायिक प्रक्रिया से अपने अधिकारों का लाभ लेने में सहायता करता है। लोकतांत्रिक प्रणाली में विश्वास रखने वाले देशों के लिए हमारे देश का संविधान एक आदर्श है। हमें अपने इस संविधान का सदैव सम्मान कर इसमें वर्णित अपने अधिकारों का सदुपयोग कर नियम एवं कानूनों का पालन कर इस संविधान की गरिमा बनाए रखने में योगदान देना चाहिए।

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