Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श अध्याय 8 बड़े भाईसाहब

Photo of author
Ekta Ranga
Last Updated on

हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके लिए कक्षा 10वीं हिन्दी स्पर्श अध्याय 8 के एनसीईआरटी समाधान लेकर आए हैं। यह कक्षा 10वीं हिन्दी स्पर्श के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए गए हैं ताकि छात्रों को कक्षा 10वीं स्पर्श अध्याय 8 के प्रश्न उत्तर समझने में आसानी हो। यह सभी प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त हैं। इसके के लिए छात्रों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 10वीं हिंदी की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए एनसीईआरटी समाधान देखें।

Ncert Solutions For Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8

कक्षा 10 हिन्दी के एनसीईआरटी समाधान को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह एनसीईआरटी समाधान छात्रों की परीक्षा में मदद करेगा साथ ही उनके असाइनमेंट कार्यों में भी मदद करेगा। आइये फिर कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श अध्याय 8 बड़े भाई साहब के प्रश्न उत्तर (Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 Question Answer) देखते हैं।

कक्षा : 10
विषय : हिंदी (स्पर्श भाग 2)
पाठ : 8 बड़े भाई साहब (प्रेमचंद)

प्रश्न-अभ्यास

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए।

प्रश्न 1. कथा नायक की रुचि किन कार्यों में थी?

उत्तर :- कथा नायक बहुत ही मस्ताना किस्म का लड़का था। उसे खेलकूद में बहुत आनंद आता था। पढ़ाई में उसका मन नहीं लगता था। वह कभी गप्पबाजी करता तो कभी कागज की तितलियां बनाता। और उछल कूद करने, चारदीवारी पर चढ़कर नीचे कूदने ,फाटक पर सवार होकर उसे मोटर कार बनाने में उसे आनंद की अनुभूति होती थी।

2. बड़े भाई छोटे भाई से हर समय सवाल क्या पूछते थे?

उत्तर :- बड़े भाई साहब की हर दिन की एक ही आदत थी। वह हर दिन अपने छोटे भाई से पूछते कि, ‘तुम कहां थे?’

3. दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?

उत्तर :- दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई का आत्मविश्वास और भी ज्यादा बढ़ गया। कहानी के अनुसार लगता है कि उसमें थोड़ा सा दंभ आ गया था। उसे लगने लगा कि वह बिना पढ़े भी पास हो सकता है।

4. बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में कितने बड़े थे और वह कौन सी कक्षा में पढ़ते थे?

उत्तर :- बड़े भाई साहब और छोटे भाई में पांच साल का अंतर था। वह नवी कक्षा के छात्र थे।

5. बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे?

उत्तर :- बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए अनेकों चीजें किया करते थे। उनको कलात्मक कार्य करने में बहुत मजा आता था। वह अपनी काॅपी में चिड़िया और कुत्ता बिल्ली जैसे चित्र बनाया करते थे। उनकी एक और आदत अजीब थी। दरअसल उनको शेरो शायरी को बार-बार लिखने की आदत थी।

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (20 से 30 शब्दों में) दीजिए।

1. छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम टेबल बनाते समय क्या क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?

उत्तर :- छोटे भाई को अपने बड़े भाई साहब की डांट से डर लगता था। उसे डांट ना पड़े इसके लिए छोटे भाई ने अपने लिए टाइम टेबल तैयार कर लिया। उसने प्रातःकाल छः बजे से उठने से लेकर रात 11 ग्यारह बजे सोने का पूरा टाइम टेबल तैयार कर लिया था। उसने टाइम टेबल तैयार तो कर लिया था लेकिन उसका मन अभी भी खेलकूद में ही अटका हुआ था। छोटे भाई का मन तो मैदान की सुखद हरियाली और फुटबाल की उछल-कूद में बसा था।

2. एक दिन जब गुल्ली डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुंचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर :- एक दिन जब गुल्ली डंडा खेलने के बाद छोटा भाई घर पहुंचा तो बड़ा भाई उसपर बरस पड़ा। उसने अपने छोटे भाई को खूब फटकार लगाई। उसने छोटे भाई से कहा कि वह आजकल अच्छे से पढ़ाई नहीं कर रहा है। उसने छोटे भाई को नसीहत दी कि खेलने -कूदने में वक्त बर्बाद करने की बजाय उसे पढ़ाई में ध्यान लगाना चाहिए। बड़े भाईसाहब ने छोटे भाई को घमंड ना करने की भी सलाह दी। बड़े भाई ने कहा कि जो ज्यादा दंभी होते हैं उनका हाल रावण जैसा हो जाता है। उसने अपने छोटे भाई को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।

3. बड़े भाई को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थी?

उत्तर :- कहानी पढ़कर हम यह नहीं कह सकते कि बड़े भाई को किसी चीज में भी दिलचस्पी नहीं थी। बड़े भाई को भी अपने छोटे भाई की ही तरह हर चीज का शौक था। उसके भी कई अरमान थे। लेकिन उसने अपने सपनों को अपने छोटे भाई के लिए दरकिनार कर दिया। वह कठोरता से पेश आता था। वह चाहता था कि उसकी कठोरता को देखकर छोटा भाई अनुशासन में रहे। वह अपने छोटे भाई को कामयाब व्यक्ति बनाना चाहता था। यही कारण था कि वह अपने मन की इच्छाओं को दबाकर रखता था।

4. बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों?

उत्तर :- बड़े भाई साहब अपने छोटे भाई को यही सलाह दिया करते थे कि वह खूब मन लगाकर पढ़ाई लिखाई करे। वह चाहते थे कि उनका छोटा भाई पढ़कर बड़ा इंसान बने। वह नहीं चाहते थे कि उनके भाई का मन केवल खेल कूद के लिए ही मचले। उनका मानना था कि अगर उनका भाई खेल में ध्यान देने की बजाय अगर ज्यादा पढ़ाई में मन लगाएगा तो वह अपने जीवन में सफल हो पाएगा। छोटा भाई मन लगाकर पढ़ाई करे इसके लिए बड़े भाई अपना व्यवहार थोड़ा सख्त रखते थे।

5. छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फायदा उठाया?

उत्तर :- छोटे भाई ने जैसे ही देखा कि उसके बड़े भाई का व्यवहार अब सख्त पड़ने लगा था तो ऐसे में छोटा भाई और भी ज्यादा बेफिक्र हो गया। वह अब बिना अनुशासन के खूब मस्ती करने लगा था। उसके मन में एक बड़ी गलतफहमी बैठ गयी थी कि वह चाहे पढ़े कि ना पढ़े लेकिन वह हर बार क्लास में पास हो जाएगा। उसे अब किसी का भी भय नहीं रहा था। वह पढ़ाई को हल्के में लेने लगा।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50 से 60 शब्दों में) दीजिए।

1. बड़े भाई की डांट-फटकार अगर न मिलती तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता?अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर :- जी, नहीं। अगर बड़े भाई की फटकार ना मिली होती तो शायद ही छोटा भाई कक्षा में अव्वल आ पाता। क्योंकि जो छोटा भाई था वह थोड़ा मस्ताना स्वभाव का व्यक्ति था। उसे खेल-कूद में बहुत दिलचस्पी थी। वह अक्सर अपने दोस्तों के साथ खेलता रहता था। वह पढ़ाई को बहुत हल्के में लेता था। लेकिन बड़े भाई को दुनिया की समझ थी इसलिए वह अपने छोटे भाई को हर पल पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करता रहता था। बड़ा भाई छोटे भाई को एक कामयाब व्यक्ति के रूप में देखना चाहता था। इसी वजह से बड़े भाई छोटे भाई से सख्ती से पेश आते थे।

2. बड़े भाई साहब पाठ में लेखक ने समुचित शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?

उत्तर :- बड़े भाई साहब पाठ में लेखक ने देश की शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्य कसा है। बड़े भाई के अनुसार देश में सबसे ज्यादा अंग्रेजी भाषा पर बल दिया जाता है। जो अंग्रेजी बोल पढ़ सकता है, बस उसी को ही अहमियत दी जाती है। देश की शिक्षा प्रणाली बगड़ी हुई है। देश के बच्चों को रटत विद्या में पारंगत किया जाता है। उनको जीवन का असल ज्ञान नहीं सिखाया जाता है। केवल किताबें पढ़ने से जीवन का असली ज्ञान हासिल नहीं किया जा सकता है।

3. बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?

उत्तर :- बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ केवल किताबी ज्ञान हासिल करने से नहीं आती है। जीवन की असल समझ तो जीवन का ज्ञान प्राप्त करने से आती है। जीवन के असल ज्ञान को हम अनेक अनुभवों के जरिए प्राप्त कर सकते हैं। यह ज्ञान हमें हमारे आस-पास के माहौल में मिल सकता है। यह ज्ञान हमें हमारे दादा-दादी और नाना-नानी से मिल सकता है।

4. छोटे भाई के मन में बड़े भाई के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?

उत्तर :- छोटे भाई के मन में बड़े भाई के प्रति पहले अलग विचार थे।पहले वह सोचता था कि बड़ा भाई बहुत कठोर स्वभाव का व्यक्ति है। लेकिन धीरे-धीरे उसकी यह धारणा बदलने लगी। जब बड़ा भाई उसे डांटता था तो उसे बहुत बुरा लगता था। वह सोचता था कि बड़े भाई गलत हैं। उसको खेलने से रोकते हैं। लेकिन एक दिन उसके बड़े भाई ने उसकी आंखें खोल दी। बड़े भाई ने उसे बताया कि कैसे वह अपनी महत्वाकांक्षाओं को दरकिनार करके छोटए भाई की हर जरूरत को पूरा कर रहे हैं। यह बड़े भाई की बदौलत ही था जो उनके बार-बार टोकने से छोटा भाई हमेशा पास हो जाता था। बड़े भाई का सच्चा प्रेम और समर्पण देखकर छोटे भाई के मन में बड़े भाई के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हुई।

5. बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए।

उत्तर :- बड़े भाई जिम्मेदार किस्म के व्यक्ति थे। उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी उनके छोटे भाई के रूप में थी। वह मेहनती भी खूब थे। इसका सबसे अच्छा उदाहरण यह है कि वह अकक्षा में पास आने के हिसाब से खूब पढ़ा करते थे। उनको भी छोटे भाई की ही तरह पतंगबाजी का बहुत शौक था। लेकिन वह अपनी इच्छा को दबाकर रखते ताकि उनका छोटा भाई पढ़ाई में पिछड़े नहीं। उनका जीवन किताबी ज्ञान पर ना होकर अनुभवी ज्ञान पर ज्यादा आधारित था। वह अपने छोटे भाई को भी खुद जैसा अनुभवी इंसान बनाना चाहते थे।

6. बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में किस को और क्यों महत्वपूर्ण कहा है?

उत्तर :- बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण जिंदगी के अनुभव को माना है। किताबी ज्ञान से हमें केवल दुनिया की चीजों का ऊपरी तौर पर ज्ञान होता है। तो वही दूसरी ओर जब इंसान को जिंदगी का अनुभव आ जाता है, तो उसे पूरी दुनियादारी की असल समझ आ जाती है। ऐसे में वह हर फैसले समझदारी से लेता है। जिंदगी के अनुभव हमें ऐसे पहलुओं से रू-बरू करवा देते हैं जिनको हमने पहले कभी भी महसूस नहीं किया होता है।

7. बताइए पाठ के किन किन अंग से पता चलता है।

(क) कि छोटा भाई अपने भाई साहब का आदर करता है।

उत्तर :- छोटे भाई को अपने भाई साहब की बातों का बुरा भी लगता था, तो दूसरी ओर वह अपने बड़े भाई का सम्मान भी करता है। जब छोटे भाई को यह पता चलता है कि बड़े भाई उसकी वजह से ही अपनी सभी इच्छाओं को किनारे करके उसको पढ़ा लिखा रहे हैं तो उसके मन में बड़े भाई के प्रति और अधिक इज्जत बढ़ जाती है।

(ख) भाई साहब को जिंदगी का अच्छा अनुभव है।

उत्तर :- भाई साहब को जिंदगी का अच्छा अनुभव है। बड़े भाई बहुत ही समझदार इंसान है। वह हर चीज का सोच समझकर फैसला लेते हैं। उनकी समझदारी यहां पता चलती है कि वह अपने छोटे भाई के लिए अपनी इच्छाओं का त्याग कर देते हैं। वह अपने छोटे भाई को अपने बड़ों (बड़े भाई के पिताजी) के बारे में भी बताता है कि बुजूर्गों को जीवन का असली जीवन ज्ञान होता है।

(ग) भाई साहब के भीतर भी एक बच्चा है।

उत्तर :- भाई साहब के भीतर भी एक बच्चा जीवित है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण तब मिलता है जब एक बार आसमान में उड़ती हुई पतंग को लपकने के लिए बड़ा भाई तेजी से दौड़ता हुआ हाॅस्टल की ओर जाता है। बड़े भाई को भी असल जीवन में छोटे भाई की ही तरह खेलकूद का बड़ा शौक है।

(घ) भाई साहब छोटे भाई का भला चाहते हैं।

उत्तर :- भाई साहब छोटे भाई का बहुत अच्छे से ख्याल रखते हैं। वह चाहते हैं कि उनका छोटा भाई खूब मन लगाकर पढ़े। वह हर पल अपने छोटे भाई को पढ़ने के लिए उत्साहित करते रहते थे। वह छोटे भाई से सख्ती से पेश इसलिए आते थे ताकि छोटे भाई की पढ़ाई प्रभावित ना हो। उसने छोटे भाई को अनुशासन में रहना सिखाया।

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

1. इम्तिहान पास कर लेना कोई चीज नहीं है असल चीज है बुद्धि का विकास।

उत्तर :- यह जीवन की हकीकत है कि इम्तिहान पास कर लेने से ही कोई इंसान महान नहीं बनता है। असल ज्ञान तो तब आता है जब इंसान की बुद्धि का विकास होता है। जीवन के अनुभवों से ही जीवन का ज्ञान प्राप्त होता है। सिर्फ किताबी ज्ञान हासिल करने से ही कोई महान नहीं बन सकता है।

2. फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकडा रहता है मैं फटकार खाकर भी खेलकूद का तिरस्कार न कर सकता था।

उत्तर :- इस लाइन में छोटा भाई कहना चाह रहा है कि उसमें खेलकूद की भावना इतनी तीव्र थी कि वह अपने आप को इससे रोक नहीं पाता था। भले ही वह अपने बड़े भाई से खेलकूद के लिए डांट खाता था, लेकिन फिर भी वह जमकर पतंग उड़ाता और फुटबाल खेलता। उसे खेलकूद ने मोह और माया में जकड़ रखा था।

3. बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पायेदार बने ?

उत्तर :- इस लाइन का अर्थ यह है कि जब किसी को मकान बनाना है तो इसके लिए बुनियादी ढांचा का मजबूत होना बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर घर मजबूत नहीं होता है तो वह जल्द ही ढह जाता है। ठीक इसी प्रकार अगर पढ़ाई की नींव मजबूत ना हो तो जीवन में व्यक्ति कुछ भी हासिल नहीं कर सकता है।

4. आंखें आसमान की ओर थी और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर जो मंद गति से झूमता पतन की ओर चला जा रहा था मानो कोई आत्मा स्वर्ग से निकलकर विरक्त मन से नए संस्कार ग्रहण करने जा रही हो।

उतर :- इस लाइन में छोटा भाई यह कहना चाह रहा है कि उड़ती हुई पतंग उसे ऐसी लग रही थी कि जैसे कोई वह धीरे गति से झूमती धरती की ओर आ रही हो। छोटा भाई लगातार आसमान में उड़ती हुई पतंग को निहार रहा था।

भाषा अध्ययन

1. निम्नलिखित शब्दों के दो- दो पर्यायवाची शब्द लिखिए।

नसीहत, रोज, आज़ादी, राजा, ताज्जुब

उत्तर :-

1. नसीहत-सुझाव, शिक्षा
2. रोज- प्रतिदिन, प्रति दिवस 
3. आज़ादी-स्वतंत्रता, स्वच्छंदता
4. राजा-नृप, भूपति
5. ताज्जुब-हैरान, आश्चर्य

2. निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए

सिर पर नंगी तलवार लटकना, आड़े हाथों लेना, अंधे के हाथ बटेर लगना, लोहे के चने चबाना, दाँतों पसीना आना, ऐरा-गैरा नत्थू खैरा ।

उत्तर :-

(1) जैसे ही पुलिस जांच करने आई, ऐसा लगा मानो किसी ने रमेश के सिर पर नंगी तलवार लटका दी हो।

(2) मीरा ने सीमा को ना जाने क्यों आड़े हाथों ले लिया।

(3) भिखारी को जब खजाना मिला तो ऐसा लगा जैसे कि अंधे के हाथ बटेर लग गई।

(4) अमूमन परीक्षाएं पास करना लोहे के चने चबवा देती है।

(5) राहुल को गड्डा खोदने में दांतों में पसीना आ गया।

(6) मोहन की शादी में कोई भी ऐरा-गैरा नत्थू खैरा घुस गया।

3. निम्नलिखित तत्सम, तद्भव, देशी, आगत शब्दों को दिए गए उदाहरणों के आधार पर छाँटकर लिखिए।

जन्मसिद्ध, आँख दाल-भात,पोज़ीशन, फ़जीहततालीम, जल्दबाज़ी, पुख्ता, हाशिया, चेष्टा, जमात, हर्फ़, सूक्तिबाण, जानलेवा, आँख फोड़, घुड़कियाँ, आधिपत्य, पन्ना, मेला-तमाशा, मसलन, स्पेशल, स्कीम, फटकार, प्रात:काल, विद्वान, निपुण, भाई साहब, अवहेलना, टाइम-टेबल

उत्तर :-

तत्सम – जन्मसिद्ध, चेष्टा, आधिपत्य, सूक्तिबाण।

तद्भव – निपुण, आंख, विद्वान, प्रातःकाल।

देशज – दाल-भात, घुड़कियां, पन्ना, मेला, आंखफोड़।

अंग्रेजी – पोज़ीशन, जानलेवा, स्पेशल स्कीम, टाइम टेबल।

अरबी-फारसी – फ़जीहत, जल्दबाजी, तमाशा, जमात, हर्फ़, मसलन।

4. नीचे दिए वाक्यों में कौन-सी क्रिया है – सकर्मक या अकर्मक? लिखिए –

(क) उन्होंने वहीं हाथ पकड़ लिया।

उत्तर :- उन्होंने वहीं हाथ पकड़ लिया। सकर्मक

(ख) फिर चोरों-सा जीवन कटने लगा।

उतर :- फिर चोरों-सा जीवन कटने लगा। अकर्मक

(ग) शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा।

उत्तर :- शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा। सकर्मक  

(घ) मैं यह लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता ।

उत्तर :- मैं यह लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता। सकर्मक

(ङ) समय की पाबंदी पर एक निबंध लिखो।

उत्तर :- समय की पाबंदी पर एक निबंध लिखो। सकर्मक

(च) मैं पीछे-पीछे दौड़ रहा था।

उत्तर :- मैं पीछे-पीछे दौड़ रहा था। अकर्मक

5. ‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए -विचार, इतिहास, संसार, दिन, नीति, प्रयोग, अधिकार

उत्तर :-

1. विचार – वैचारिक
2. इतिहास – ऐतिहासिक
3. संसार सांसारिक
4. दिन- दैनिक
5. नीति-नैतिक
6. प्रयोग प्रायोगिक
7. अधिकार आधिकारिक

विद्यार्थियों को कक्षा 10वीं हिंदी अध्याय 2 पद (मीराबाई) के प्रश्न उत्तर प्राप्त करके कैसा लगा? हमें अपना सुझाव कमेंट करके ज़रूर बताएं। कक्षा 10वीं हिंदी स्पर्श अध्याय 2 के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य विद्यार्थियों को बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप हमारे इस पेज की मदद से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान और एनसीईआरटी पुस्तकें भी प्राप्त कर सकते हैं।

 कक्षा 10 हिन्दी क्षितिजसंचयनकृतिका के समाधानयहाँ से देखें

Leave a Reply