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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 2 विविधता एवं भेदभाव

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PP Team
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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 2 विविधता एवं भेदभाव प्राप्त कर सकते हैं। ncert solutions class 6 social science civics chapter 2 विविधता एवं भेदभाव की सहायता से परीक्षा की तैयारी अच्छे तरीके से कर सकते हैं। यहां पर छात्रों के लिए कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 2 विविधता एवं भेदभाव के प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त हैं। कक्षा 6 सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन -1 के एनसीईआरटी समाधान साधारण भाषा में बनाएं गए है। आइये फिर नीचे एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 2 विविधता एवं भेदभाव देखें।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 2 विविधता एवं भेदभाव

छात्र ncert solutions class 6 social science civics chapter 2 विविधता एवं भेदभाव पर काफी रुपये खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां पर मुफ्त में एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 2 विविधता एवं भेदभाव प्राप्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल पर सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन -1 का पूरा समाधान दिया हुआ है।

कक्षा : 6
विषय : सामाजिक विज्ञान (सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन – 1)
अध्याय : 2
– विविधता एवं भेदभाव (प्रश्न -उत्तर)

पाठ्यपुस्तक

प्रश्न 1 – निम्नलिखित कथनों का मेल कराइए। रूढिबद्ध धारणाओं को कैसे चुनौती दी जा रही है, इस पर चर्चा कीजिए :

(क) दो डॉक्टर खाना खाने बैठे थे और उनमे से एक ने मोबाइल पर फोन करके 1. दमा का पुराना मरीज है।

(ख) जिस बच्चे ने चित्रकला प्रतियोगिता जीती, वह मंच पर 2. एक यंत्रिक्ष यात्री बनने का सपना अंतत पूरा हुआ।

(ग) संसार के तेज धावको में से एक 3. अपनी बेटी से बात की जो उसी समय स्कूल में लौटी थी।

(घ) वह बहुत अमीर नहीं थी, लेकिन उसका 4.पुरस्कार लेने के लिए एक पहिये वाली कुर्सी पर गया।

उत्तर :- (क) दो डॉक्टर खाना खाने बैठे थे और 3. अपनी बेटी से बात की जो उसी समय स्कूल से लोटी

उनमे से एक ने मोबाइल पर फोन करके थी।

(ख) जिस बच्चे ने चित्रकला प्रतियोगिता 2. पुरस्कार लेने के लिए एक पहिये वाली कुर्सी पर गया।

जीतीं वह मन्च पर

(ग) संसार के तेज धावको में से एक 3. दमा का पुराना मरीज है।

(घ) वह बहुत अमीर नहीं थी, लेकिन उसका 4. एक यंत्रिक्ष यात्री बनने का सपना अंतत पूरा हुआ।

प्रश्न 2 – लड़कियाँ माँ-बाप के लिए बोझ हैं, यह रूढिबद्ध धारणा एक लड़की के जीवन को किस तरह प्रभावित करती है? उसके अलग-अलग पाँच प्रभावों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर :- लडकियाँ माँ बाप के लोए बोझ है, इस तरह की रुधिबध् धारणा एक लड़की के जीवन को गलत और बुरी तरह से प्रभावित करती है, जैसे:-

  1. कुछ लडकियाँ लड़कों से भी पढ़ने में बहुत ज्यादा इच्छा होती है और उसके काबिल भी होती है लेकिन जब उनको यह कहकर रोक दिया जाता है कि तम्हारी पढ़ाई लिखाई किसी के काम नहीं आएगी क्योकि तुम्हारी आखिर में शादी ही करवानी है और तुम्हें घर का काम ही करना है। तुम हमारे ऊपर बोझ मत बनो और यह लडकियो में एक हीन भावना पैदा करता है और कई लडकिया इस वजह से अपनी जान भी दे देती है।
  2. लडकियो को बाहर घूमने फिरने की कोई इजाजत नहीं होती।
  3. उन्हें अपनी जीवन में खुद की जिंदगी से जुड़े चीजो को चुन्ने का अधिकार नहीं होता। यहाँ तक कि उन्हें अपना जीवनसाथी चुन्ने का भी निर्णय नहीं लेने दिया जाता।
  4. लडकियो को लडको से कम प्यार और आत्म सम्मान दिया जाता है।
  5. अगर लड़किया बीमार हो जाए तो भी उन्हें यह कहकर टाल दिया जाता है कि थोड़ी देर आराम करलेगी तो ठीक हो जाएगी।

प्रश्न 3 – भारत का संविधान समानता के बारे में क्या कहता है? आपको यह क्यों लगता है कि सभी लोगों में समानता होना जरूरी है ?

उत्तर :- हम सब जानते है कि हमारे भारत में अलग अलग जाति और अलग अलग विचारधारा के लोग रहते है। अपने जीवन को जीने के लिए सबके अपने अलग अलग विचार और परम्परायें होती है। सब अलग अलग तरह से त्यौहार बनाते है। इसलिए भारत के सविधान में यह कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति के पास अपने जीवन से जुड़े अधिकार और स्वंत्रता प्राप्त होनी चहिए। और सभी लॉगो में यह समानता इसलिए होनी जरुरी है क्योकि अगर कहीं किसी व्यक्ति के लिए किसी कंपनी में नौकरी खाली है तो हर व्यक्ति को उस नॉकरी को पाने का अधिकार होना चहिए, जाति, रंग, लिंग के आधार पर उस नौकरी के लिए चयन नहीं करना चहिए। अगर किसी जगह कोई त्योहार मनाया जा रहा है तो अलग जाति वाला व्यक्ति अगर वो त्यौहार खुद अपनी मर्जी से मनाना चाहे तो ही सही है नहीं तो उस त्यौहारो को मनाने के लिए किसी को मजबूर नहीं करना चहिए। सार्थक शब्द में हमारा सविधान यह कहता है की प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने, अपनी भाषा बोलने, अपना त्यौहार मनाने का स्वतन्त्र अधिकार होना चहिए।

प्रश्न -4. कई बार लोग हमारी उपस्थिति में ही पूर्वाग्रह से भरा आचरण करते हैं। ऐसे में अक्सर हमें कोई विरोध करने की स्थिति में नहीं रहते, क्योंकि मुँह पर तुरंत कुछ कहना मुश्किल जान पड़ता है। अपनी कक्षा को दो समूहों में बाँटिए और प्रत्येक समूह इस पर चर्चा करें कि दी गई परिस्थिति में वे क्या करेंगे :

(क) गरीब होने के कारण एक सहपाठी को आपका दोस्त चिढ़ा रहा है।

(ख) आप अपने परिवार के साथ टी.वी. देख रहे हैं और उनमें से कोई सदस्य किसी खास धार्मिक समुदाय पर पूर्वाग्रहग्रस्त टिप्पणी करता है।

(ग) आपकी कक्षा के बच्चे एक लड़की के साथ मिलकर खाना खाने से इनकार कर देते हैं, क्योंकि वे सोचते हैं कि वह गंदी है।

(घ) किसी समुदाय के खास उच्चारण का मजाक उड़ाते हुए कोई आपको चुटकुला सुनाता है।

(ङ) लड़के, लड़कियों पर टिप्पणी कर रहे हैं कि लड़कियाँ उनकी तरह नहीं खेल सकतीं। उपर्युक्त परिस्थितियों में विभिन्न समूहों ने कैसा बर्ताव करने की बात की है, इस पर कक्षा में चर्चा कीजिए, साथ ही इन मुद्दों को उठाते समय कक्षा में कौन-सी समस्याएँ आ सकती हैं, इस पर भी बातचीत कीजिए।

उत्तर :- उपरोक्त सभी स्थितियों में पूर्वाग्रह है जो समानता के व्यवहार के विरुद्ध है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 नागरिक शास्त्र के सभी चैप्टर नीचे लिंक से प्राप्त करें

अध्याय संख्याअध्याय के नाम
1विविधता की समझ
2विविधता एवं भेदभाव
3सरकार क्या है
4लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्व
5पंचायती राज
6गांव का प्रशासन
7नगर प्रशासन
8ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका
9शहरी क्षेत्र में आजीविका

छात्रों को एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 2 विविधता एवं भेदभाव प्राप्त करके काफी ख़ुशी हुई होगी। हमारा प्रयास है कि छात्रों को बेहतर ज्ञान दिया जाए। छात्र एनसीईआरटी पुस्तक या सैंपल पेपर आदि की अधिक जानकारी के लिए parikshapoint.com की वेबसाइट पर जा सकते हैं।

कक्षा 6 के इतिहास और भूगोल के एनसीईआरटी समाधनयहाँ से प्राप्त करें

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