द्वन्द्व समास (Dvandva Samas)- समास को हम अभी तक में कितना ज्यादा समझ चुके हैं। हमने यह समझा कि जितना ज्यादा मुश्किल हम इसको समझते हैं उतना मुश्किल यह है नहीं। हिंदी व्याकरण में सभी अध्याय महत्वपूर्ण होते हैं। यह सभी अध्याय एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हम एक भी अध्याय को अनदेखा नहीं कर सकते हैं। हमने अभी तक समास पर तीन पोस्ट बनाए हैं जो हैं अव्ययीभाव समास, तत्पुरुष समास और बहुव्रीहि समास। इन तीनों को अच्छे से समझने के बाद हमें काफी हद तक समास का ज्ञान आने लगा। जितनी आसानी इन तीनों समास को समझने में लगी वैसे ही द्वन्द समास हैं।
द्वन्द्व समास (Dvandva Samas)
अपनी पिछली पोस्ट में पढ़ा कि अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं। हमने इसे अच्छे से समझाया। हिंदी व्याकरण को हम कठिन विषय नहीं मान सकते हैं। क्योंकि हिंदी तो हमारी मातृभाषा है। हिंदी को अच्छे से बोलना और लिखना हमारा कर्तव्य है। हमने बहुत से ऐसे बच्चे देखें हैं जो हिंदी व्याकरण में समास का नाम पढ़ते ही एकदम डर से जाते हैं। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। इसे समझने में थोड़ा ही समय लगता है। तो आज का हमारा विषय है कि द्वन्द्व समास (Dvandva Samas) आखिर होता क्या है और इसके कितने प्रकार के भेद हैं। द्वन्द्व समास को हम अंग्रेजी में कहते हैं Copulative Compound। सरल शब्दों में द्वन्द्व का अर्थ होता है मानसिक संघर्ष। किंतु इसी शब्द को हम हिंदी व्याकरण के रूप में समझे तो हम पाएंगे कि विपरीत वस्तुओं के जोड़े को हम द्वन्द्व कहते हैं।
द्वन्द्व समास किसे कहते हैं?
द्वन्द्व समास का अर्थ समास के ऐसे शब्दों से है जहां पर दोनों पद प्रधान होते हैं। जब इन शब्दों को हम समास में बदलते हैं तब इनमें और, अथवा, या, एवं जैसे योजक शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं।
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द्वन्द्व समास की परिभाषा
समास के जिन शब्दों में दोनों पद प्रधान हों और उन्हें जब विभाजित करने पर और, अथवा, या, एवं जैसे योजक शब्द आएं तो वह द्वन्द्व समास कहलाता है। उदाहरण के लिए- भला- बुरा, देश-विदेश, मोटा- पतला, अमीर- गरीब आदि।
द्वन्द्व समास के भेद
द्वन्द्व समास तीन प्रकार के होते हैं-
1 ) इतरेतर द्वन्द्व समास
2 ) समाहार द्वन्द्व समास
3 ) वैकल्पिक द्वन्द्व समास
इतरेतर द्वन्द्व समास
इतरेतर द्वन्द्व समास में दो पदों के बीच में ‘और’ शब्द गायब होता है। इस प्रकार के समास में समस्त पद प्रधान होते हैं।
इतरेतर द्वन्द्व समास के उदाहरण
तन-मन-धन | तन, मन और धन |
जला-भुना | जला और भुना |
नाक-कान | नाक और कान |
नर-नारी | नर और नारी |
अङोस-पङोस | अङोस और पङोस |
नदी-नाले | नदियाँ और नाले |
राजा-रानी | राजा और रानी |
ऋषि-मुनि | ऋषि और मुनि |
ऊपर-नीचे | ऊपर और नीचे |
सीता-राम | सीता और राम |
तन-मन | तन और मन |
लव-कुश | लव और कुश |
माता-पिता | माता और पिता |
शिव-पार्वती | शिव और पार्वती |
कंद-मूल-फल | कंद और मूल और फल |
समाहार द्वन्द्व समास
समाहार द्वन्द्व समास में दोनों पद प्रधान होते हैं और वह दोनों ही पद बहुवचन के रूप में इस्तेमाल होते हैं। इसमें समास के विग्रह के अंत में आदि शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
समाहार द्वन्द्व समास के उदाहरण
देखा-देखी | देखा, देखी आदि |
भूत-प्रेत | भूत, प्रेत आदि |
भला-चंगा | भला, चंगा आदि |
पैंतीस | पाँच और तीस |
रहन-सहन | रहन, सहन आदि |
साँप-बिच्छू | साँप, बिच्छू आदि |
चाल-चलन | चाल, चलन आदि |
तीन-तेरह | तीन, तेरह आदि |
आगा-पीछा | आगा, पीछा आदि |
कपड़ा-लत्ता | कपड़ा लत्ता आदि |
दाल-रोटी | दाल रोटी आदि |
धन दौलत | धन दौलत आदि |
हाथ-पैर | हाथ पैर आदि |
कुरता-टोपी | कुरता, टोपी आदि |
दिया बत्ती | दीया (दीपक), बत्ती आदि |
वैकल्पिक द्वन्द्व समास
जब किसी पद में दो विरोधी शब्दों का इस्तेमाल होता है तब वह वैकल्पिक द्वन्द्व समास कहलाता है। इस तरह के समास में दो पदों के बीच या शब्द अदृश्य होता है।
वैकल्पिक द्वन्द्व समास के उदाहरण
आजकल | आज या कल |
जीवन मरण | जीवन या मरण |
धर्मा-धर्मा | धर्म या अधर्म |
लाभ-हानि | लाभ या हानि |
लाभालाभ | लाभ या अलाभ |
मारपीट | मार या पीट |
भला-बुरा | भला या बुरा |
पाँच-दस | पाँच या दस |
थोङा-बहुत | थोङा या बहुत |
शस्त्रास्त्र | शस्त्र या अस्त्र |
जात-कुजात | जात या कुजात |
उन्नतावनत | उन्नत या अवनत |
शीतोष्ण | शीत या उष्ण |
अमीर-गरीब | अमीर या गरीब |
सुख-दुःख | सुख या दुःख |
द्वन्द्व समास के उदाहरण
- घर-द्वार = घर और द्वार
- घी-शक्कर = घी और शक्कर
- दाल-रोटी = दाल और रोटी
- देश-विदेश = देश और विदेश
- खट्टा-मीठा = खट्टा और मीठा
- गुण-दोष = गुण और दोष
- पति-पत्नी = पति और पत्नी
- लोभ-मोह = लोभ और मोह
- माँ-बाप = माँ और बाप
- पूर्व-पश्चिम = पूर्व और पश्चिम
- पाप-पुण्य = पाप या पुण्य
- छोटा-बड़ा = छोटा या बड़ा
- आना-जाना = आना और जाना
- दूध-दही = दूध और दही
- गंगा-यमुना = गंगा और यमुना
- ज्ञान-विज्ञान = ज्ञान और विज्ञान
- तिर-सठ = तीन और साठ
- कटोरा-लत्ता = कटोरा लत्ता आदि
- सागपात = सागपात आदि
- खरा- खोटा = खरा और खोटा
- स्वर्ग-नरक = स्वर्ग और नर्क
- भाई-बहन = भाई और बहन
- आटा-दाल = आटा और दाल
- तन-मन-धन = तन मन और धन
- उन्नतावनत = उन्नत और अवनत
- शस्त्रास्त्र = शस्त्र या अस्त्र
- इधर-उधर = इधर या उधर
- नीचे-ऊपर = नीचे या ऊपर
- खरा-खोटा = खरा या खोटा
- रूपया-पैसे = रूपया और पैसा
निष्कर्ष
तो आज की हमारी यह पोस्ट समास पर आधारित थी। आज हमने समास के भेद द्वन्द्व समास के बारे में विस्तार से समझा। आज की इस पोस्ट ने हमें यह सीखा कि आखिर द्वन्द्व समास होता क्या है। इसी पोस्ट के माध्यम से हमने द्वन्द्व समास के भेद को भी जाना और इसके उदाहरणों को भी अच्छे से समझा। अब तक तो आपकी समास को लेकर कई सारी उलझनें दूर हो गई होंगी। हमने अपनी पोस्ट की भाषा को सरल व स्पष्ट रखने की कोशिश की है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी।
FAQ’S
Q1. द्वन्द्व समास किसे कहते हैं?
A1. एक प्रकार का ऐसा समास जिसमें प्रथम और द्वितीय दोनों पद प्रधान होते हैं उसे हम द्वन्द्व समास कहते हैं। जब इन शब्दों को हम समास में बदलते हैं तब इनमें और, अथवा, या, एवं जैसे योजक शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं।
Q2. द्वन्द्व समास के भेद कितने प्रकार के होते हैं?
A2. द्वन्द्व समास के भेद तीन प्रकार के होते हैं-
1 ) इतरेतर द्वन्द्व समास
2 ) समाहार द्वन्द्व समास
3 ) वैकल्पिक द्वन्द्व समास
Q3. द्वन्द्व समास के उदाहरण बताइए?
A3. 1. धर्मा-धर्मा = धर्म या अधर्म, 2 . गाय-बैल = गाय और बैल, 3. राजा-रंक = राजा और रंक, 4. अपना-पराया = अपना और पराया।
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