Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

मेरा परिवार पर निबंध (My Family Essay In Hindi)

Photo of author
Ekta Ranga

मेरा परिवार पर निबंध (My Family Essay In Hindi)- निधि अपने माता-पिता के व्यवहार से बहुत दुखी हो गई थी। उसके माता-पिता उसे हर पल पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे। एक दिन निधि अपना घर छोड़कर निकल गई। वह चली जा रही थी कि तभी अचानक उसे एक लड़का दिखा जो सड़क पर भीख मांग रहा था। वह बेहद दुखी दिखाई दे रहा था। वह दौड़ता हुआ निधि के पास आया और उससे रूपए मांगे। निधि को उसपर दया आ गई। निधि ने उस लड़के को कुछ पैसे दिए तो बच्चे के चेहरे पर मुस्कान आ गई।

मेरा परिवार (Essay On My Family In Hindi)

निधि ने उस बच्चे से पूछा कि उसके माता-पिता कहां हैं। और वह ऐसे सड़क पर भीख क्यों मांग रहा है? उस बच्चे ने कहा कि वह अनाथ है। और भीख मांगना उसका पेशा हो गया है। उसने रोते हुए आगे कहा कि वह भी दूसरे बच्चों की ही तरह पढ़ना चाहता था। वह चाहता था कि उसे भी माता-पिता का प्यार मिले। लेकिन अफसोस कि वह अनाथ था। उस बच्चे की बात सुनकर निधि फफक-फफक कर रोने लगी और सीधे अपने माता-पिता के पास पहुंचने के लिए चल पड़ी। शायद उस बच्चे की बात सुनकर ही उसे अपने परिवार की अहमियत समझ में आ गई थी। यह बिल्कुल सच है कि बिना परिवार के हम अधूरे हैं। आज हम अपने परिवार में रहकर ही प्रेम पा सकते हैं। शिष्टाचार सीख सकते हैं।

मेरा परिवार पर निबंध

आज का हमारा निबंध परिवार विषय पर आधारित है। इस पोस्ट में हमने मेरा परिवार पर निबंध एकदम सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में लिखने का प्रयास किया है। मेरा परिवार पर निबंध के माध्यम से आप जान पाएंगे कि परिवार क्या होता है, हमारे जीवन में परिवार की क्या अहमियत है और परिवार बिना अकेला रहना कितना मुश्किल और कठिन होता है। तो चलिए हम निबंध पढ़ना शुरू करते हैं।

प्रस्तावना

परिवार का अंग्रेजी में अर्थ है फैमिली। परिवार को ऐसे समूह के रूप में समझ सकते हैं जो प्रेम के साथ एक साथ में एक ही छत के नीचे रहते हैं। हम सभी परिवार में रहते हैं। कोई संयुक्त परिवार में रहता है तो कोई एकल परिवार में। हर परिवार में माता-पिता और दादा दादी होते हैं। संयुक्त परिवार में चाचा-चाची और ताई और ताऊ रहते हैं। परिवार हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम परिवार से शिष्टाचार और अच्छा व्यवहार सीखते हैं।

ये निबंध भी पढ़ें

मेरी माँ पर निबंधयहाँ से पढ़ें
मेरे पिता पर निबंधयहाँ से पढ़ें

इस दुनिया में हम सभी को अच्छी परवरिश की जरूरत होती है। हम अपने परिवार से ही अच्छी परवरिश पा सकते हैं। चाहे दुख हो या सुख हो हमें हर परिस्तिथि में अपने परिवार की जरूरत रहती है। परिवार में सभी एक दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं। परिवार में रहने पर हम कभी भी अकेला महसूस नहीं करते हैं। जो लोग बड़े परिवार में रहते हैं वह अकेलेपन में विश्वास नहीं करते। परिवार में सभी लोग एक दूसरे का सहारा होते हैं।

परिवार क्या है?

सुख-दुख मिलकर बांटते, चलते हैं सब साथ। यही कुटुंब विशेषता, कभी न छोड़े हाथ।। यह दोहा किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा लिखा गया एकदम सही दोहा है। यह बिल्कुल सही है कि एक परिवार ही है जो हर अच्छे और बुरे समय में हमारा साथ निभाता है। परिवार वह है जो हमारे अंदर अच्छे संस्कार के बीज बोता है। जब एक बच्चा पैदा होता है तो वह सबसे पहले अपने माता-पिता और दादा-दादी को देखता है। उस बच्चे की परवरिश उसके माता-पिता और दादा-दादी द्वारा की जाती है। वह चारों उस बच्चे को किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने देते हैं। परिवार का आशीर्वाद मिलना सबसे महत्वपूर्ण होता है।

परिवार हमें मजबूती प्रदान करता है

जब हम छोटे होते हैं तो सबसे पहले हमें पहला अक्षर कौन सिखाता है? हमारे साथ सबसे पहला कदम चलने वाले कौन होते हैं? इसका सही उत्तर है हमारा परिवार। परिवार एक मजबूत स्तंभ के समान होता है। हमारे परिवार के लोग ही हमें जीवन की हर चीज से परिचित करवाते हैं। वह हमें जीवन के हर एक मोड़ पर मजबूत बनाते हैं। परिवार से हम यह सीखते हैं कि हमें कैसे समाज में निडर होकर डटकर खड़े रहना है। हम परिवार पर पूरा भरोसा जता सकते हैं। जब हम जीवन के किसी भी मोड़ पर हार रहे होते हैं तो हमारा परिवार ही हमारे हौसले बुलंद करता है। और जब हम सफलता हासिल करते हैं तो हमारा परिवार हमारे इस जश्न में खुशी खुशी शामिल होता है।

एकल परिवार क्या है?

एक समय था जब लोग साथ में रहना पसंद करते थे। एक ही छत के नीचे 15-20 लोग भी आराम से रह लेते थे। लेकिन जैसे ही लोगों का जीवन स्तर सुधरा, लोग शहरों की ओर रुख़ करने लगे। युवाओं को शहरी जीवन ज्यादा पसंद आने लगा। वह शादी के बाद अपनी पत्नी को भी शहर ही ले गए। फिर वह शहर में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ आराम भरा जीवन जीने लगे। जब परिवार में पति-पत्नी और उनके बच्चे रह रहे हों तो हम ऐसे परिवार को एकल परिवार की श्रेणी में डालते हैं। ऐसे परिवार एकल परिवार कहलाते हैं। एकल परिवार में एक व्यक्ति को हर तरह की जिम्मेदारी अकेले ही निभानी पड़ती है। वह व्यक्ति अपना निजी जीवन और अपने दुख-सुख हर किसी से साझा नहीं कर सकता है।

संयुक्त परिवार क्या है?

आपने यह तो जाना कि एकल परिवार क्या होता है। अब आप जानेंगे कि आखिर संयुक्त परिवार क्या होता है। संयुक्त परिवार एक ऐसा परिवार है जिसमें दो से अधिक लोग विचरण करते हैं। जब एक ही छत के नीचे माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी और चाचा-चाची साथ में मिलजुलकर रहते हैं तो ऐसे में वह परिवार संयुक्त परिवार कहलाया जाता है। संयुक्त परिवार के लोग हर काम को बांटकर करते हैं। वह जिम्मेदारियों को एक ही व्यक्ति पर नहीं लादते हैं। इस परिवार में खर्च का देखरेख घर के सबसे बड़े सदस्य के हाथ में होता है। हमारे जीवन के सबसे बुरे दिनों में हमारा संयुक्त परिवार ही हमें हर मुसीबतों से उबारता है।

क्या सही है एकल या संयुक्त परिवार?

यह एक व्यक्ति तय करता है कि वह एकल परिवार में रहना चाहता है या फिर संयुक्त परिवार में। सभी परिवारों का अपना अलग महत्व होता है। आज के समय में नौकरी के चक्कर में लोग महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं। वह महानगरों में ही बच्चों को पढ़ाने लगे हैं। ऐसे में पति और पत्नी अपने बच्चों के साथ रहते हैं। उनके साथ बच्चों के दादा-दादी नहीं रहते हैं। आजकल के समय में एकल परिवार में रहना एक फैशन बन गया है। संयुक्त परिवार में चार लोगों से ज्यादा लोग एक साथ में मिलकर रहते हैं। उदाहरण के लिए ऐसे परिवार में हम मां-बाप और बच्चों के अलावा दादा-दादी, और चाचा-चाची जैसे लोग रहते हैं। वैसे अगर देखा जाए तो संयुक्त परिवार में रहना ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। संयुक्त परिवार में बच्चों की परवरिश अच्छी होती है। बच्चों में मिल जुलकर रहने की आदत पड़ती है। बच्चों में सहनशीलता बढ़ती है। वह किसी भी परिस्थितियों में घबराते नहीं हैं।

परिवार पर विजया सिंह की कविता

यह बाँका नौजवान, यह लाज की मारी भोली दुल्हन—
ये मेरे माता-पिता हैं
क्या हमारे माता-पिता जवानी के दिनों में इतने ख़ूबसूरत थे?
ब्रिलक्रीम से पीछे की ओर क़रीने से काढ़े बाल
एक हाथ पॉकेट में, दूसरा साइकिल के हैंडल पर।
उनकी आँखें जो हल्के विस्मय और बहुत सारे विश्वास से संसार को देख रही हैं
क्या वे देख पा रहे हैं अपने और हमारे भविष्य को?
क्या उन्हें अंदाज़ है कि उनकी बेटियाँ कितनी ज़िद्दी होंगी
और बेटे कितने भावुक और अव्यावहारिक?
उनकी आँखें जो मेरी आँखें हैं
क्या मेरे नज़र घुमा के पीछे देखने से
लौट पाएँगे वे क्षण
जब विस्मय और विश्वास इस तरह से गड्मड् थे
कि एक की सीमा दूसरे के क्षितिज से आरंभ होती थी?
क्या मुझे उन्हें बता देना चाहिए कि पिताजी—
आप जो इतने हल्के हाथों मेरी दो मास की बहिन को थामे हैं,
मेरी माँ जो बेल-बॉटम और कुरता—जो ख़ासतौर पर शायद फ़ोटो ही के लिए सिलवाए थे—पहने खड़ी हैं, और सामने, बिल्कुल सामने देख रही हैं
मैं जो आप दोनों के बीच रखे स्टूल पर खड़ी उदंडता और मासूमियत से मुस्कुरा रही हूँ—
आप नहीं जानते ये दुनिया कितनी जल्दी शालीनता खोने वाली है
हवा कितनी प्रदूषित हो जाएगी और नदियाँ कितनी मैली
आप नहीं जानते, कि वहाँ, जहाँ आप खड़े हैं काले गॉगल्स पहने
हाथ में स्की थामे, चुँधियाती बर्फ़ के सफ़ेद पहाड़ पर
सरहद की चौकसी में
वहाँ से बहुत जल्द पानी के स्रोत विलीन होने वाले हैं
ग्लेशियर हिमालय की चोटियों पर नहीं
नीचे बंगाल की खाड़ी में पिघलते नज़र आएँगे
माँ तुम तो बिल्कुल ही भोली हो
तुम नहीं जानती कैसे एक दिन
तुम्हारी बेटियाँ तुम्हारे ख़िलाफ़ बग़ावत में खड़ी होंगी
समझते हुए भी नहीं समझ पाएँगी
तुम्हारी अपने प्रति कठोर तपस्या को।

मेरा परिवार पर 200 शब्दों में निबंध

आपने बहुत से बच्चों को देखा होगा कि वह सड़क पर भीख मांग रहे होते हैं। वह बच्चे बिन मां-बाप के एक अनाथ के भांति होते हैं। वह बच्चे मां-बाप के प्यार से वंचित रहते हैं। ऐसे बच्चों का कोई परिवार नहीं होता। परिवार एक व्यक्ति के लिए बहुत ही जरूरी चीज होती है। परिवार से हमें इमोशनल सपोर्ट मिलता है। परिवार से हमारी हर जरूरतें पूरी होती हैं। आज परिवार है जो हर पल हमारे साथ खड़ा रहता है। परिवार हमें हर प्रकार की सुविधाएं प्रदान करवाता है। बिना परिवार के हम अधूरे होते हैं। परिवार हमें हर तरह की खुशियां देता है।

जब हम परिवार में साथ रहते हैं तो हमें वहां असीम प्रेम मिलता है। परिवार में हमें दादा-दादी और नाना-नानी जैसे लोगों का लाड-प्यार मिलता है। वह हमें बुरी से बुरी परिस्थिति में भी टूटने नहीं देते हैं। परिवार जब साथ होता है तो मुश्किल भरे दिन भी चुटकियों में गायब हो जाते हैं। हर किसी को परिवार का साथ मिलना बहुत आवश्यक है। मेरा परिवार भी बहुत अच्छा है। मैं संयुक्त परिवार में रहती हूं। मेरे परिवार में मेरे माता-पिता के अलावा मेरे दादा-दादी और चाचा-चाची रहते हैं। मैं उन सभी के आंख का तारा हूं। मेरे बड़े मुझे किसी भी प्रकार की कमी महसूस नहीं होने देते हैं।

मेरे परिवार पर 10 लाइनें

(1) हमारे जीवन में परिवार की बहुत बड़ी अहमियत होती है।

(2) परिवार हमें हर परिस्थिति में सहारा देता है।

(3) परिवार हमें मजबूती प्रदान करता है।

(4) परिवार में हमें माता-पिता और दादा-दादी का प्रेम मिलता है।

(5) परिवार हमें कभी भी हौसला हारने नहीं देता है।

(6) परिवार के भीतर रहने पर हमारे अंदर लीडरशिप की भावना उत्पन्न होती है।

(7) संयुक्त परिवार में रहने पर हमारे अंदर मेलजोल बढ़ता है।

(8) मैं भी संयुक्त परिवार में रहती हूं।

(9) मेरे परिवार में माता-पिता, दादा-दादी और चाचा-चाची रहते हैं।

(10) मेरा परिवार मुझसे बहुत प्यार करता है।

FAQs
प्रश्न 1. परिवार क्या है?

उत्तर- परिवार वह है जो हमारे अंदर अच्छे संस्कार के बीज बोता है। परिवार हमें मजबूत बनाता है। परिवार हर परिस्थिति में हमें सहारा दिए रखता है।

प्रश्न 2. परिवार में बड़े-बुजुर्गों का होना क्यों जरूरी है?

उत्तर- परिवार में बड़े-बुजुर्गों का होना बहुत आवश्यक है। हमारे बुजुर्ग ऐसे व्यक्ति होते हैं जिन्हें इस दुनिया का अनुभव होता है। वह हमें हर अच्छी और बुरी चीजों से परिचित करवाते हैं। वह हमें खूब लाड-प्यार करते हैं। बुजुर्गों से हमें जीवन के अनेक तजुर्बे सीखने को मिलते हैं।

प्रश्न 3. एकल परिवार क्या होता है?

उत्तर- जब परिवार में पति-पत्नी और उनके बच्चे रह रहे हों तो हम ऐसे परिवार को एकल परिवार की श्रेणी में डालते हैं। ऐसे परिवार एकल परिवार कहलाते हैं। एकल परिवार में एक व्यक्ति को हर तरह की जिम्मेदारी अकेले ही निभानी पड़ती है।

अन्य विषयों पर निबंध पढ़ने के लिएयहां क्लिक करें

Leave a Reply