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मेरा परिवार पर निबंध (My Family Essay In Hindi)

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Ekta Ranga
Last Updated on

यह बिल्कुल सच है कि बिना परिवार के हम अधूरे हैं। आज हम अपने परिवार में रहकर ही प्रेम पा सकते हैं। शिष्टाचार सीख सकते हैं। इस दुनिया में हम सभी को अच्छी परवरिश की जरूरत होती है। हम अपने परिवार से ही अच्छी परवरिश पा सकते हैं। चाहे दुख हो या सुख हो हमें हर परिस्तिथि में अपने परिवार की जरूरत रहती है। परिवार में सभी एक दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं। परिवार में रहने पर हम कभी भी अकेला महसूस नहीं करते हैं। जो लोग बड़े परिवार में रहते हैं वह अकेलेपन में विश्वास नहीं करते। परिवार में सभी लोग एक दूसरे का सहारा होते हैं। आज का हमारा निबंध परिवार विषय पर आधारित है।

प्रस्तावना

परिवार का अंग्रेजी में अर्थ है फैमिली। परिवार को ऐसे समूह के रूप में समझ सकते हैं जो प्रेम के साथ एक साथ में एक ही छत के नीचे रहते हैं। हम सभी परिवार में रहते हैं। कोई संयुक्त परिवार में रहता है तो कोई एकल परिवार में। हर परिवार में माता-पिता और दादा दादी होते हैं। संयुक्त परिवार में चाचा-चाची और ताई और ताऊ रहते हैं। परिवार हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम परिवार से शिष्टाचार और अच्छा व्यवहार सीखते हैं।

परिवार क्या है?

सुख-दुख मिलकर बांटते, चलते हैं सब साथ। यही कुटुंब विशेषता, कभी न छोड़े हाथ।। यह दोहा किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा लिखा गया एकदम सही दोहा है। यह बिल्कुल सही है कि एक परिवार ही है जो हर अच्छे और बुरे समय में हमारा साथ निभाता है। परिवार वह है जो हमारे अंदर अच्छे संस्कार के बीज बोता है। जब एक बच्चा पैदा होता है तो वह सबसे पहले अपने माता-पिता और दादा-दादी को देखता है। उस बच्चे की परवरिश उसके माता-पिता और दादा-दादी द्वारा की जाती है। वह चारों उस बच्चे को किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने देते हैं। परिवार का आशीर्वाद मिलना सबसे महत्वपूर्ण होता है।

परिवार हमें मजबूती प्रदान करता है

जब हम छोटे होते हैं तो सबसे पहले हमें पहला अक्षर कौन सिखाता है? हमारे साथ सबसे पहला कदम चलने वाले कौन होते हैं? इसका सही उत्तर है हमारा परिवार। परिवार एक मजबूत स्तंभ के समान होता है। हमारे परिवार के लोग ही हमें जीवन की हर चीज से परिचित करवाते हैं। वह हमें जीवन के हर एक मोड़ पर मजबूत बनाते हैं। परिवार से हम यह सीखते हैं कि हमें कैसे समाज में निडर होकर डटकर खड़े रहना है। हम परिवार पर पूरा भरोसा जता सकते हैं। जब हम जीवन के किसी भी मोड़ पर हार रहे होते हैं तो हमारा परिवार ही हमारे हौसले बुलंद करता है। और जब हम सफलता हासिल करते हैं तो हमारा परिवार हमारे इस जश्न में खुशी खुशी शामिल होता है।

एकल परिवार क्या है?

एक समय था जब लोग साथ में रहना पसंद करते थे। एक ही छत के नीचे 15-20 लोग भी आराम से रह लेते थे। लेकिन जैसे ही लोगों का जीवन स्तर सुधरा, लोग शहरों की ओर रुख़ करने लगे। युवाओं को शहरी जीवन ज्यादा पसंद आने लगा। वह शादी के बाद अपनी पत्नी को भी शहर ही ले गए। फिर वह शहर में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ आराम भरा जीवन जीने लगे। जब परिवार में पति-पत्नी और उनके बच्चे रह रहे हों तो हम ऐसे परिवार को एकल परिवार की श्रेणी में डालते हैं। ऐसे परिवार एकल परिवार कहलाते हैं। एकल परिवार में एक व्यक्ति को हर तरह की जिम्मेदारी अकेले ही निभानी पड़ती है। वह व्यक्ति अपना निजी जीवन और अपने दुख-सुख हर किसी से साझा नहीं कर सकता है।

संयुक्त परिवार क्या है?

आपने यह तो जाना कि एकल परिवार क्या होता है। अब आप जानेंगे कि आखिर संयुक्त परिवार क्या होता है। संयुक्त परिवार एक ऐसा परिवार है जिसमें दो से अधिक लोग विचरण करते हैं। जब एक ही छत के नीचे माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी और चाचा-चाची साथ में मिलजुलकर रहते हैं तो ऐसे में वह परिवार संयुक्त परिवार कहलाया जाता है। संयुक्त परिवार के लोग हर काम को बांटकर करते हैं। वह जिम्मेदारियों को एक ही व्यक्ति पर नहीं लादते हैं। इस परिवार में खर्च का देखरेख घर के सबसे बड़े सदस्य के हाथ में होता है। हमारे जीवन के सबसे बुरे दिनों में हमारा संयुक्त परिवार ही हमें हर मुसीबतों से उबारता है।

क्या सही है एकल या संयुक्त परिवार?

यह एक व्यक्ति तय करता है कि वह एकल परिवार में रहना चाहता है या फिर संयुक्त परिवार में। सभी परिवारों का अपना अलग महत्व होता है। आज के समय में नौकरी के चक्कर में लोग महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं। वह महानगरों में ही बच्चों को पढ़ाने लगे हैं। ऐसे में पति और पत्नी अपने बच्चों के साथ रहते हैं। उनके साथ बच्चों के दादा-दादी नहीं रहते हैं।

आजकल के समय में एकल परिवार में रहना एक फैशन बन गया है। संयुक्त परिवार में चार लोगों से ज्यादा लोग एक साथ में मिलकर रहते हैं। उदाहरण के लिए ऐसे परिवार में हम मां-बाप और बच्चों के अलावा दादा-दादी, और चाचा-चाची जैसे लोग रहते हैं। वैसे अगर देखा जाए तो संयुक्त परिवार में रहना ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। संयुक्त परिवार में बच्चों की परवरिश अच्छी होती है। बच्चों में मिल जुलकर रहने की आदत पड़ती है। बच्चों में सहनशीलता बढ़ती है। वह किसी भी परिस्थितियों में घबराते नहीं हैं।

आपने बहुत से बच्चों को देखा होगा कि वह सड़क पर भीख मांग रहे होते हैं। वह बच्चे बिन मां-बाप के एक अनाथ के भांति होते हैं। वह बच्चे मां-बाप के प्यार से वंचित रहते हैं। ऐसे बच्चों का कोई परिवार नहीं होता। परिवार एक व्यक्ति के लिए बहुत ही जरूरी चीज होती है। परिवार से हमें इमोशनल सपोर्ट मिलता है। परिवार से हमारी हर जरूरतें पूरी होती हैं। आज परिवार है जो हर पल हमारे साथ खड़ा रहता है। परिवार हमें हर प्रकार की सुविधाएं प्रदान करवाता है। बिना परिवार के हम अधूरे होते हैं। परिवार हमें हर तरह की खुशियां देता है।

जब हम परिवार में साथ रहते हैं तो हमें वहां असीम प्रेम मिलता है। परिवार में हमें दादा-दादी और नाना-नानी जैसे लोगों का लाड-प्यार मिलता है। वह हमें बुरी से बुरी परिस्थिति में भी टूटने नहीं देते हैं। परिवार जब साथ होता है तो मुश्किल भरे दिन भी चुटकियों में गायब हो जाते हैं। हर किसी को परिवार का साथ मिलना बहुत आवश्यक है। मेरा परिवार भी बहुत अच्छा है। मैं संयुक्त परिवार में रहती हूं। मेरे परिवार में मेरे माता-पिता के अलावा मेरे दादा-दादी और चाचा-चाची रहते हैं। मैं उन सभी के आंख का तारा हूं। मेरे बड़े मुझे किसी भी प्रकार की कमी महसूस नहीं होने देते हैं।

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